अन्नप्राशन मुहुर्त 2022

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आपके लिए आपके बच्चे की पहली मुस्कान, पहला कदम, या पहला शब्द बेहद ही खास क्षण होता है। जब आपका शिशु पहली बार कुछ करता है, तो वह आपके लिए एक यादगार पल बन जाता है। मुंडन संस्कार या नामकरण संस्कार की तरह ही अन्नप्राशन संस्कार भी आपके बच्चे के जीवन में बहुत महत्व रखता है। और यहां 2022 में अन्नप्राशन के लिए आने वाले सभी शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तृत विवरण दिया गया है।

लेकिन तारीखों को देखने से पहले आइए समझते हैं कि ऐसा आयोजन क्यों किया जाता है। इसके अलावा, 2022 में अन्नप्राशनम क्यों होना चाहिए।

पहले छह से सात महीने तक बच्चे को सिर्फ अपनी मां का दूध ही मिलता है। उसके बाद ही बच्चे को कुछ ठोस चीजें दी जाती है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है कि आपके बच्चे की हर पहली चीज आपके लिए एक उत्सव की तरह होती है, इसी प्रकार इसे मनाने और इसे आध्यात्मिक रूप में आयोजित करने के लिए अन्नप्राशनम किया जाता है।

हिंदू परंपराओं के अनुसार इस आयोजन में बच्चे को हर तरह का भोजन दिया जाता है- कड़वे से नमकीन तक, और मीठा से मसालेदार आदि तक। यह सब केवल बच्चे को नाम मात्र दिया जाता है। इसके साथ माता-पिता तथा बड़े बुजुर्ग बच्चे को आशीर्वाद देते हैं। पुराने समय में अन्नप्राशन देश के दक्षिण और पूर्वी हिस्से में अधिक किया जाता था। लेकिन अब अधिकांश क्षेत्रों में अपने बच्चे को आशीर्वाद देने के लिए इस महत्वपूर्णसमारोह का आयोजन किया जाता है।

अन्नप्राशन को केरल में चूरूनू और बंगाल में मुखे भात कहा जाता है। हो सकता है कि आप इसे कई ओर नामो से भी जानते हों। लेकिन यह सब आपको यहाँ, एक ही पृष्ठ पर मिल जाएगा। आगे, अन्नप्राशन 2022 के शुभ मुहूर्त जनिये, और अपने बच्चे के विशेष आयोजन के लिए किसी एक मुहूर्त को चुनिये।

जनवरी 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
05 जनवरी, 2022, बुधवारसुबह 07:21 से सुबह 10:02आषाढ
06 जनवरी 2022, गुरूवारसुबह 07:21 से सुबह 08:41श्रावण
10 जनवरी 2022, सोमवारसुबह 07:22 से सुबह 08:42भद्रा
14 जनवरी 2022, शुक्रवारसुबह 08:44 से सुबह 11:26कृतिका
21 जनवरी 2022, सोमवारसुबह 08:44 से दोपहर 01:27आश्लेषा
24 जनवरी 2022, सोमवारसुबह 07:22 से सुबह 08:43फाल्गुनी
31 जनवरी 2022, सोमवारसुबह 07:20 से सुबह 08:42मूल

फ़रवरी 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
03 फरवरी 2022, गुरूवारसुबह 07:18 से सुबह 08:41श्रावण
07 फरवरी 2022, सोमवारसुबह 07:17 से सुबह 08:40भद्रा
03 फरवरी 2022, गुरूवारसुबह 07:18 से सुबह 08:41श्रावण
07 फरवरी 2022, सोमवारसुबह 07:17 से सुबह 08:40भद्रा
14 फरवरी 2022, सोमवारसुबह 10:30 से सुबह 11:28आर्द्रा
16 फरवरी 2022, बुधवारसुबह 07:11 से सुबह 08:36पुनर्वसु
23 फरवरी 2022, बुधवारसुबह 07:06 से सुबह 08:32चित्रा
28 फरवरी 2022, सोमवारसुबह 07:02 से सुबह 08:29मूल

मार्च 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
04 मार्च 2022, शुक्रवारसुबह 08:27 से सुबह 09:54भद्रा
09 मार्च 2022, बुधवारसुबह 06:54 से सुबह 08:22रोहिणी
11 मार्च 2022, शुक्रवारसुबह 08:22 से सुबह 09:50आर्द्रा
16 मार्च 2022, बुधवारसुबह 06:48 से सुबह 08:17मेघा
24 मार्च 2022, रवीवारसुबह 06:40 से सुबह 08:10मूल
28 मार्च 2022, सोमवारसुबह 09:40 से सुबह 11:12धनिष्ठा
30 मार्च 2022, बुधवारसुबह 06:34 से सुबह 08:06भद्रा

अप्रैल 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
01 अप्रैल 2022, शुक्रवारसुबह 08:05 से सुबह 09:37भद्रा
06 अप्रैल 2022, बुधवारसुबह 06:28 से सुबह 08:00रोहिणी
07 अप्रैल 2022, गुरूवारसुबह 06:27 से सुबह 07:59मृगशीर्ष
14 अप्रैल 2022, गुरूवारसुबह 06:20 से सुबह 07:54फाल्गुनी
18 अप्रैल 2022, सोमवारसुबह 09:28 से सुबह 11:02स्वाति
25 अप्रैल 2022, सोमवारसुबह 09:24 से सुबह 11:00धनिष्ठा
28 अप्रैल 2022, गुरूवारसुबह 09:40 से सुबह 11:12धनिष्ठा
30 अप्रैल 2022, बुधवारसुबह 06:34 से सुबह 08:06भद्रा

मई 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
04 मई 2022, बुधवारसुबह 06:05 से सुबह 07:41मृगशीर्ष
12 मई 2022, गुरूवारसुबह 06:00 से सुबह 07:38फाल्गुनी
16 मई 2022, बुधवारसुबह 06:05 से सुबह 07:41अनुराधा
20 मई 2022, शुक्रवारसुबह 07:36 से सुबह 09:15आषाढ
25 मई 2022, बुधवारसुबह 05:55 से सुबह 07:36भद्रा

जून 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
03 जून 2022, शुक्रवारसुबह 07:34 से सुबह 09:41पुनर्वसु
10 जून 2022, शुक्रवारसुबह 05:53 से सुबह 07:33हस्त
17 जून 2022, शुक्रवारसुबह 07:35 से सुबह 09:16आषाढ
22 जून 2022, बुधवारसुबह 05:54 से सुबह 07:35भद्रा
23 जून 2022, गुरूवारसुबह 05:55 से सुबह 07:35रेवती

जुलाई 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
06 जुलाई 2022, बुधवारसुबह 07:34 से सुबह 09:41फाल्गुनी
13 जुलाई 2022, बुधवारसुबह 06:01 से सुबह 07:41आषाढ
15 जुलाई 2022, शुक्रवारसुबह 06:02 से सुबह 07:42श्रावण
20 जुलाई 2022, बुधवारसुबह 60:04 से सुबह 07:44रेवती
25 जुलाई 2022, सोमवारसुबह 09:26 से सुबह 11:05मृगशीर्ष
29 जुलाई 2022, शुक्रवारसुबह 07:48 से सुबह 09:26आश्लेषा

अगस्त 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
04 अगस्त 2022, गुरूवारसुबह 06:11 से सुबह 07:48चित्रा
10 अगस्त 2022, बुधवारसुबह 06:13 से सुबह 07:50आषाढ
12 अगस्त 2022, शुक्रवारसुबह 07:52 से सुबह 09:28श्रावण
29 अगस्त 2022, सोमवारसुबह 09:30 से सुबह 11:04फाल्गुनी
31 अगस्त 2022, बुधवारसुबह 06:21 से सुबह 07:55हस्त

सितम्बर 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
01 सितंबर 2022, गुरूवारसुबह 06:21 से सुबह 07:55रोहिणी
08 सितंबर 2022, गुरूवारसुबह 06:23 से सुबह 07:56फाल्गुनी
23 सितंबर 2022, शुक्रवारसुबह 07:59 से सुबह 09:29भद्रा
30 सितंबर 2022, शुक्रवारसुबह 08:00 से सुबह 09:00आर्द्रा

अक्टूबर 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
05 अक्टूबर 2022, बुधवारसुबह 06:32 से सुबह 08:00आषाढ
17 अक्टूबर 2022, सोमवारसुबह 09:31 से सुबह 10:57आर्द्रा
20 अक्टूबर 2022, गुरूवारसुबह 06:38 से सुबह 08:30आश्लेषा
26 अक्टूबर 2022, बुधवारसुबह 06:41 से सुबह 08:05स्वाति
28 अक्टूबर 2022, शुक्रवारसुबह 08:07 से सुबह 09:31अनुराधा

नवंबर 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
05 नवंबर 2022, गुरूवारसुबह 06:45 से सुबह 08:08श्रावण
10 नवंबर 2022, गुरूवारसुबह 06:49 से सुबह 08:12भद्रा
11 नवंबर 2022, शुक्रवारसुबह 08:13 से सुबह 09:35श्रावण
14 नवंबर 2022, सोमवारसुबह 09:38 से सुबह 10:59आर्द्रा
24 नवंबर 2022, गुरूवारसुबह 06:58 से सुबह 08:19विशाखा
28 नवंबर 2022, सोमवारसुबह 09:44 से सुबह 11:04आषाढ

दिसंबर 2022 में अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथिशुभ मुहूर्तनक्षत्र
02 दिसंबर 2022, शुक्रवारसुबह 08:25 से सुबह 09:45भद्रा
08 दिसंबर 2022, गुरूवारसुबह 07:08 से सुबह 08:27रोहिणी
09 दिसंबर 2022, शुक्रवारसुबह 08:29 से सुबह 09:49रोहिणी
12 दिसंबर 2022, सोमवारसुबह 09:51 से सुबह 11:11पुनर्वसु
26 दिसंबर 2022, सोमवारसुबह 09:59 से सुबह 11:18आषाढ
29 दिसंबर 2022 ,शुक्रवारसुबह 07:48 से सुबह 09:26शतभिषा

अन्नप्राशन संस्कार 2022 कब और कहाँ करना चाहिए?

अन्नप्राशन संस्कार के लिए जगह पवित्र और स्वच्छ होनी चाहिए। आप अपने बच्चे के लिए अन्नप्राशन समारोह 2022 को घर पर या मंदिर में कर सकते हैं। जहां तक सवाल यह है, कि आपके बच्चे के लिए यह कार्यक्रम कब होना चाहिए, तो आम तौर पर अन्नप्राशनम संस्कार तब किया जाता है जब बच्चा पांच से बारह महीने की उम्र के बीच होता है। यदि आपकी कोई लड़की है, तो सुनिश्चित करें कि आप इसे तब करें जब वह पाँच, सात, नौ या ग्यारह महीने की हो जाए। लड़कों के लिए, जब वह छह, आठ, दस या बारह महीने के हो जाएं, तब यह समारोह करें।

आप कोई भी समय अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त 2022 के लिए चुन सकते है। बस यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके बच्चे को जो दिया जारा है वह उसे आसानी से पचा ले। अगर आपका बच्चा दिए गए भोजन को पचाने में असमर्थ है, तो आप इस समारोह को आगे स्थगित भी कर सकते हैं।

अन्नप्राशन संस्कार 2022 शुभ मुहूर्त का निर्णय

हमें यकीन है कि आप कभी नहीं चाहेंगे कि आपके बच्चे के लिए कुछ भी गलत हो! इसिलिये, ऐसे आयोजन के लिए अनुकूल समय की गणना करना बहुत महत्वपूर्ण है। अन्नप्राशन के लिए एक सही शुभ मुहूर्त 2022 का पता लगाने के लिए, आपको उस नक्षत्र को देखना चाहिए जिसमें आपका बच्चा पैदा हुआ है।

ऐसे कई अनुकूल नक्षत्र हो सकते हैं और 2022 में भी अन्नप्राशन संस्कार के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका बच्चा लड़का है या लड़की। हिंदू शास्त्रों के अनुसार एक बालक का अन्नप्राशन संस्कार सम महीनों में होनी चाहिए जब तक कि वह एक वर्ष का न हो जाए। लड़कियों के लिए वही नियम विषम महीनों के रूप में चलता है जब तक कि वह एक वर्ष की नहीं हो जाए।

अन्नप्राशन संस्कार 2022 के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां

विभिन्न संस्कृतियों में इस समारोह को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। लेकिन सभी लोग अपने बच्चे के लिए इस समारोह को आयोजित करने के लिए समान नियमों और सावधानियों का पालन करते हैं। आप इसे वैसे ही मना सकते हैं जैसे आपके दिल में हो। मगर, कुछ आधारों का उल्लेख है कि 2022 में अन्नप्राशन समारोह करते समय कुछ बातों को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। आइए, उन पर एक नज़र डालें:

  • समारोह के दिन अपने बच्चे को ठीक से नहलाना याद रखें। साथ ही उन्हें साफ और नए कपड़े पहनाएं।
  • अन्नप्राशन संस्कार 2022 पर किसी पंडित की सहायता से अपने घर या मंदिर में यज्ञ या हवन का आयोजन करें।
  • इस संस्कार के लिए प्रसाद अवश्य बनाएं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इसे उचित साफ-सफाई के साथ पकाया जाना चाहिए, और हाथों को धोना चाहिए। हवन के बाद प्रसाद को सबसे पहले भगवान को चढ़ाए, फिर अपने बच्चे को और बाद में परिवार के सभी लोगों को दें।
  • बच्चे को चांदी के चम्मच से खाना खिलाना न भूलें। याद रखें आप उसे जो कुछ भी दें, वह चांदी के चम्मच से ही दें, क्योंकि यह एक उपयुक्त धातु मानी जाती है।
  • परिवार के बड़ों और अन्य लोगों से सामान्य रूप से अपने बच्चे को सकारात्मक ऊर्जा के साथ आशीर्वाद देने के लिए कहें।

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