वैदिक ज्योतिष के सिद्धांतों के अनुसार, जन्म के समय चंद्रमा जहां से दूसरे, 5वें, 7वें, 9वें, 11वें भाव में स्थित हो, तो बृहस्पति सकारात्मक परिणाम देता है। शेष भावों में यह सकारात्मक के साथ-साथ कुछ नकारात्मक परिणाम भी ला सकता है। वैदिक ज्योतिष में आज भी बृहस्पति ग्रह को सबसे ज्यादा लाभ देने वाला ग्रह माना जाता है। इसका गोचर महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि राशि चक्र को पूरा करने में लगभग 12 वर्ष का समय लगता है। इसका मतलब यह है कि प्रत्येक राशि में यह लगभग 1 वर्ष व्यतीत करता है। जब यह राशि बदलता है, तो सूर्य और बुध जैसे ग्रहों के विपरीत इसका प्रभाव लंबे समय तक महसूस किया जा सकता है, जो एक महीने से भी कम समय में संकेत बदलते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु गोचर अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह जीवन को उन्नति की ओर ले जाता है। वह समस्त देवताओं के गुरु हैं और गुरु का सबके जीवन में महत्वपूर्ण योगदान होता है। गुरु ज्ञान के दाता हैं। उन्हें ज्ञान, कर्म, धन, पुत्र और विवाह का कारक भी माना जाता है। बृहस्पति गोचर के प्रभाव के कारण जातक आध्यात्मिक की ओर मुड़ता है, वह धार्मिक प्रवृत्ति का होने लगता है। अगर गुरु किसी जातक की कुंडली में शुभ स्थिति में मौजूद है, तो उसके जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयां धीरे-धीरे स्वत: कम होने लगती हैं। अगर गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो जातक के जीवन में परिस्थितियां विकट हो जाती हैं। उसे किसी का सहयोग भी नहीं मिलता। कर्क राशि में बृहस्पति उच्च स्थिति में होते हैं जबकि मकर राशि में नीच स्थिति में होते हैं। गुरु, धनु और मीन राशि के स्वामी हैं। सूर्य, चंद्रमा और मंगल के साथ इनकी मित्रता है। शुक्र और बुध के साथ ये शत्रुवत संबंध रखते हैं। राहु-केतु और शनि के साथ इनके संबंध स्थिर रहते हैं।
तिथि | गुरु गोचर | समय |
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22 अप्रैल 2023, शनिवार | गुरु गोचर मेष में | 06:12 बजे |
जब बृहस्पति जन्म के चंद्रमा से प्रथम भाव में प्रवेश करता है, तो यह जातक के जीवन में अपने साथ कुछ बाधाएं लेकर आता है। इस समय जातक के जीवन में संतोष और संतुष्टि की कमी बनी रहेगी, जिससे जातक को कुछ विषयों को लेकर मानसिक तनाव बना रहेगा। समय में कुछ प्रतिकूल प्रभाव के कारण जातक जिसके साथ भी बातचीत करेगा, वह बहस तक पहुंच जाएगी। इसलिए जातक को सलाह दी जाती है कि वह चाहे घर पर हो या बाहर किसी के साथ बातचीत करे, तो संभलकर शब्दों का उपयोग करे। ऑफिस में भी अपने सहकर्मियों के साथ बहस में न फंसे। जो लोग आध्यात्म की ओर रुझान रखते हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा। लेकिन इस समयावधि के दौरान जातक के मन में अलग किस्म का भय घर कर जाएगा। ऐसा बढ़ती चिंताओं की वजह से होगा।
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स्वास्थ्य की बात करें, तो जातक के स्वास्थ्य में काफी सुधार होगा। पहले जहां वह छोटी-छाेटी बीमारियों जैसे सिरदर्द, पेटदर्द आदि से अक्सर परेशान रहता था, अब ये समस्याएं कम होंगी। इसके अलावा जातक के जीवन में आय के स्रोत भी खुलेंगे। बृहस्पति ज्ञान, धन और समृद्धि का प्रतीक है। इसलिए गुरु का प्रथम भाव में गोचर जातक को स्वस्थ, धनवान और बुद्धिमान बनाता है। जातक की आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। वह कामकाजी जीवन में सफलता की ओर बढ़ेगा। जो लोग अब तक सिंगल हैं, उनकी शादी हो सकती है। उन्हें अपने लिए उपयुक्त वर/वधू मिल सकते हैं। लेकिन अपने लिए साथी की तलाश करते समय सतर्क अवश्य रहें। सिर्फ बाहरी सुंदरता पर ध्यान न दें। व्यक्ति के आंतरिक गुणों की ओर भी ध्यान दें। कुल मिलाकर प्रथम भाव के जातक के लिए समय मिश्रित रहेगा। संबंध में भी सामान्य बदलाव नजर आ रहे हैं, जिन्हें जातक अपनी सूझबूझ के साथ संभाल सकता है।
जब बृहस्पति जन्म के चंद्रमा से दूसरे भाव में गोचर करता है, तो जातक जीवन के में पहले से चल रही सभी नकारात्मक घटनाओं का अंत होने लगता है और सकारात्मकता लौटकर आती है। इसके बाद धन में तेजी से वृद्धि होगी। साथ ही समाज में आपका मान सम्मान बढ़ेगा। आप स्वभाव से परोपकारी हैं, इसलिए इस समयावधि में आप कुछ ऐसा करेंगे, जिससे आपको पुरस्कार या मान्यता मिलेगी। आप इस अवधि के दौरान भविष्यवाणी करने की क्षमता विकसित करते प्रतीत हो रहे हैं। दरअसल, आप जो कहते हैं, वह अक्सर सच हो जाता है। परिवार के सदस्यों के साथ आपके संबंध अच्छे हाेंगे। खासकर, आपकी अपने माता-पिता और जीवनसाथी के साथ रिश्ते बेहतर होंगे।
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आपके और आपके अभिभावकों के बीच अगर लंबे समय से कोई विवाद चल रहा है, तो वह खत्म हो जाएगी। जो पति-पत्नी लंबे समय से संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति हो सकती है। लेकिन आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। हालांकि, स्वास्थ्य में ज्यादा गड़बड़ी नहीं होगी, इसके बावजूद अगर किसी भी बीमारी जैसे पेट संबंधी विकार आदि के लक्षण दिखें, तो उसके प्रति लापरवाही न करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
जब बृहस्पति तीसरे भाव में गोचर करता है, जहां से जन्म के समय चंद्रमा स्थित होता है, तो जातक को जीवन में कुछ चुनौतियां मिलती हैं। विशेषकर जिन लोगों का अपना व्यापार है, उन्हें कुछ ज्यादा ही सावधानी बरने की आवश्यकता है। बृहस्पति गोचर बता रहा है कि इस समयावधि के दौरान जातक का व्यापार धीमा पड़ेगा, जिससे उसे वित्त परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सेविंग्स भी प्रभावित हो सकती है। साथ ही व्यापार में हानि होने की आशंका भी हो सकती है।
आपको अपने नियोक्ता के साथ भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान भाई-बहन और दोस्तों के साथ संबंध भी खराब होते नजर आ रहे हैं। आप उनके साथ जब भी बातचीत करें, सोच समझकर बोलें। शब्दों पर संयम रखें। बात-बात अपना गुस्सा जाहिर न करें। इसके साथ ही स्वास्थ्य के मामलों में आपको बहुत सावधान रहना होगा। इस अवधि में जो अच्छी बात है, वह है कि आप एक छोटी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं या फिर आप संभवतः कुछ आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। इससे आपके मन को शांति मिलेगी और जीवन में आ रही चुनौतियों का सामना करने का साहस बढ़ेगा।
बृहस्पति का चंद्रमा से चतुर्थ भाव में गोचर के दौरान आपको अपने रिश्तेदारों और परिवार के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। ध्यान रखें कि आपका परिवार आपकी हर संकट की स्थिति में साथ देता है। इसलिए कभी भी उनसे नाराज न हों और न ही उन्हें दुखी करें। हालांकि मां के साथ किसी बात पर आपकी अनबन हो सकती है, जिससे आप दोनों के रिश्ते में कड़वाहट घुल सकती है। अपने स्वभाव में नर्मी लाएं। हालांकि, इस समयावधि में आपके घर में संपत्ति के मामले को लेकर काफी ज्यादा कहा-सुनी हो सकती है। यहां तक कि इस कारण घर के आपसी सदस्यों के बीच शत्रुता बढ़ सकती है।
स्थिति ज्यादा गंभीर न हो, इसके लिए आपको पहले से ही जरूरी कदम उठने होंगे। कोशिश करें कि सभी मसलों को आपसी बातचीत से सुलझा लें। अगर मामला कोर्ट-कचहरी तक पहुंच गया, तो आपके लिए मुसीबतें बढ़ सकती हैं। इन दिनों आप कहीं भी यात्रा करने के लिए न निकलें। जहां तक वित्त स्थिति की बात है, तो इसमें आप संतुलन बनाए रखने में सफल होंगे। हालांकि कई बार न चाहते हुए भी अनावश्यक खर्चे हो जाएंगे। आप चाहें तो इसे कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए खर्चों पर अंकुश लगाना होगा। इस समय आपको किसी कारणवश उधार लेना पड़ सकता है।
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पंचम भाव में बृहस्पति गोचर से जातक के जीवन में बहुत कुछ बदलेगा। उसके ज्ञान में वृद्धि होगी। इसलिए जो छात्र अपना करियर बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं, उनके लिए यह समय बहुत अच्छा है। जो लोग अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं, उन्हें कहीं इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। जो छात्र परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, वे अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे बढ़ेंगे। खासकर जो व्यक्ति रचनात्मक क्षेत्र जैसे लेखन या चित्रकला से जुड़े हुए हैं, उनके लिए आगे बढ़ने के मार्ग प्रशस्त होते नजर आ रहे हैं। उनकी रचनात्मकता में भी विकास हाेगा। जो जातक किसी नई परियोजनाओं का हिस्सा बन रहे हैं, उन्हें प्रशंसा मिलेगी और पुरस्कार मिलने के भी योग हैं। सरकारी अधिकारियों या सरकारी नौकरियों में जो लोग हैं, उन्हें अपने वरिष्ठों का पूरा सहयोग मिलेगा।
इसके अलावा निजी जीवन की बात करें, तो लोग लंबे समय से संतान की इच्छा कर रहे हैं, उनका इंतजार अब खत्म हो जाएगा। जल्द ही इनके घर नन्हे मेहमान का आगमन होगा। साथ ही माता-पिता को अपने बच्चों का पूरा सहयोग मिलेगा। कुछ लोग विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होंगे। आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। जो लोग निवेश करने की सोच रहे हैं, उनके लिए अच्छा योग है। सिंगल यानी जिनका विवाह नहीं हुआ है या जो अब तक किसी प्रेम संबंध में नहीं हैं, उन लोगों की इस दौरान किसी खास से मुलाकात होने की संभावना है। अध्ययन से जुड़े मामलों के लिए भी यह गोचर काल अच्छा है।
जन्म के चंद्रमा से बृहस्पति के छठे घर में जाना वैदिक ज्योतिष में अशुभ माना जाता है, क्योंकि छठा एक पापी भाव है और बृहस्पति जो घर दर्शाता है, उसका विस्तार करता है। ऐसे में बृहस्पति छठे भाव में कई परेशानियों को साथ लेकर आएगा। इसमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, व्यय, कर्ज और सहकर्मियों तथा कर्मचारियों के साथ मतभेद शामिल हैं। इस दौरान आपका मानसिक तनाव बढ़ेगा, जिससे आपका स्वास्थ्य काफी बिगड़ सकता है और आप कई बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। हालांकि गोचर के अंत तक, आप अपने काम को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से संभालना सीख जाएंगे।
आर्थिक संकट से बचने के लिए जातक को खर्च कम करने होंगे। लेकिन आपके भाव में जो अच्छी बात है, वह है कि शत्रुओं पर आपकी विजय होगी। वे चाहे लाख कोशश कर लें, लेकिन आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। आपको पशुओं से बहुत प्यार है। आपके परिवार में कोई पालतू जानवर शामिल हो सकता है। प्रतियोगी इस दौरान आपको प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं। आपके लिए किसी भी अस्पष्ट गतिविधियों और तर्कों से दूर रहना बेहतर होगा क्योंकि कुछ कानूनी मुद्दे सामने आ सकते हैं।
जब बृहस्पति सातवें भाव में आ जाता है, जहां से जन्म के समय चंद्रमा स्थित होता है, तो जातक को कुछ क्षेत्रों में राहत का अनुभव होने लगता है। पत्नी के बिगड़े संबंध बनने लगते हैं, अपने किशोरवय बच्चों के साथ सामंजस्य बैठाने में मदद मिलती है। साथ ही ऑफिस में वरिष्ठों के साथ भी अच्छे संबंध विकसित होते हैं। यहां तक कि आपके अपने स्वसुराल पक्ष से भी अच्छे संबंध बनने लगते हैं। वैसे आपको कोशिश करनी चाहिए कि स्वसुराल पक्ष में उतना ही बोलें, जितना जरूरी हो। वास्तव में, वहां आपके द्वारा बोली गई छोटी-सी गलत बात एक बडी बहस बन सकती है। जो लोग अब तक अविवाहित हैं, वे अपने लिए सही जीवनसाथी की तलाश कर सकते हैं।
जो लोग पहले से ही प्रेम संबंध में बंधे हैं, वे अपने घर वालों को अपनी शादी के लिए मनाने में सफल होंगे। इस समयावधि में आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। लेकिन बीच-बीच में तबियत बिगड़ती रहेगी। इसे आप सही उपचार की मदद से ठीक कर सकते हैं। ऑफिस की तरह से किसी टूर पर जाने का मौका मिल सकता है, जो कि आपके लिए फलदायी रहेगा। इससे आपके और आपके क्लाइंट के बीच अच्छे संबंध बनेंगे, जो भविष्य में आपको आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं। आपका सामाजिक जीवन भी अतिसक्रिय रहता है और आपको दोस्तों के साथ रहने का आनंद भरपूर मिलेगा।
बृहस्पति के चंद्रमा से आपके आठवें भाव में होने का मतलब है कि अब आपको अन्य लोगों की तुलना में सफल होने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। इस अवधि में आप अत्यधिक खर्च कर सकते हैं, खासकर व्यापार के संबंध में। आपका व्यापार में अचानक कोई नुकसान हो सकता है। ऐसा किसी कर्मचारी के धोखा देने की वजह से हो सकता है। इसलिए आपको अपने व्यापार के संबंध में सतर्क रहना होगा। इस बीच कई यात्राओं के योग भी बन रहे हैं। यात्राएं फलदायी होंगी या नहीं, यह आपको यात्रा समापन के बाद ही पता चलेगा। लेकिन यात्रा के दौरान कुछ समस्याएं जरूर आएंगी, इसके लिए आपको पहले से ही तैयार रहना होगा। व्यापार में नुकसान होने का असर आपके पारिवारिक जीवन पर भी पड़ेगा।
साथ ही इस दौरान सेहत में भी गिरावट आ सकती है। कानूनी के मामलों में भी आपको सावधान रहना चाहिए। लंबे समय से अगर कोई मुकदमा चल रहा है, तो उसका हल अब भी नहीं निकलेगा। इस सबके बावजदू आप कोशिश करें कि घर में शांति बनाए रखें। अपने परिवार और दोस्तों के साथ किसी भी बहस से बचना आपके लिए सबसे अच्छा होगा।
धनु राशि का स्वामी बृहस्पति है। जब यह जन्म के चंद्रमा से नौवें भाव में प्रवेश करता है, तो यह भाव जैसा महसूस होता है। पेशेवर रूप से विकसित होने का यह एक उत्कृष्ट समय है। इसलिए आप अपने मनपसंद का कोई भी करियर विकल्प चुन सकते हैं। अगर आप आय की ओर ज्यादा फोकस्ड हैं तो सेल्स, मार्केटिंग के क्षेत्र आपके लिए अच्छे हैं। हालांकि, इनमें चुनौतियां ज्यादा हैं, इसलिए किसी भी करियर क्षेत्र को चुनने से पहले अच्छी तरह पढ़ाई कर लें और खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लें।
आपकी वित्तीय स्थिति में सुधार के योग नजर आ रहे हैं, साथ ही बॉस के साथ आपके संबंध भी इस समयावधि में बेहतर होंगे। आपको गोचर अवधि के दौरान वेतन वृद्धि या पदोन्नति मिल सकती है। बृहस्पति गोचर ऋषियों और गुरुओं का आशीर्वाद भी लाता है। इसलिए जातक के जीवन में कई धार्मिक गतिविधियां होती हैं। जो छात्र विदेश जाकर अपनी पढ़ाई पूरा करना चाहते हैं या फिर वहां नौकरी करना चाहते हैं, उनका यह सपना पूरा हो जाएगा। आपको विदेशी लोगों से मिलने और उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा। इस दौरान स्वसुराल पक्ष का सहयोग मिलेगा। बृहस्पति के इस भाव से गोचर करने पर तनाव का स्तर कम होगा। कुल मिलाकर जातक के लिए यह समय भाग्यशाली रहेगा।
जब बृहस्पति जन्म कुंडली में चंद्रमा के स्थान से दसवें भाव में प्रवेश करता है, तो यह जातक के मन में नकारात्मक सोच और भावनाएं उत्पन्न करता है। ऐसा मन में कई अधूरी इच्छाओं के कारण होता है। इस वजह से जातक खुद को हमेशा असंतुष्ट महसूस करता है। लेकिन खुद को नकारात्मकता के गड्ढे में डालना सही नहीं है। इससे आपका वैवाहिक जीवन बुरी तरह प्रभावित होगा। आप बिना वजह अपने जीवनसाथी से लड़ने लगेंगे, जो कि सही नहीं है। आपके ऐसे बर्ताव की वजह से जीवनसाथी संग आपका रिश्ता दिनों दिन कमजोर होने लगेगा। इसका असर आपके बच्चों पर भी पड़ेगा। इस तरह की परिस्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप नकारात्मकता को अपने दिल में घर करने न दें।
अपने जीवनसाथी के साथ मन की बातें साझा करें। उन्हें अपना सुख-दुख का साथी बनाएं। आप खुद को परेशानियों से बाहर पाएंगे। जहां तक आपके करियर की बात है, तो ऑफिस में आपका अपने वरिष्ठों के साथ वाद-विवाद हो सकता है। इसका असर आपके काम पर भी पड़ेगा। योग बताते हैं कि संपत्ति के मामले में कुछ नुकसान भी संभव है। यह सब मानसिक कष्ट का कारण बन सकता है, इसलिए बेहतर होगा कि धैर्य रखें और शांत रहें। धार्मिक स्थलों की यात्रा करना अच्छा रहेगा।
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यदि बृहस्पति 11वें भाव में गोचर करता है जहां से जन्म का चंद्रमा स्थित है, तो यह जातक के लिए बहुत सम्मान, प्रतिष्ठा और स्थिरता लाता है। बच्चे इस दौरान सहायक और प्यार करने वाले बन जाते हैं। इसका मतलब यह है कि इस समयावधि के दौरान आपको अपने बच्चों से भरपूर प्यार और सहयोग मिलेगा। आपको अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी। हालांकि, अपने सहकर्मियों से विरोध का सामना करना पड़ेगा। लेकिन आप उसे सहजता से संभाल लेंगे। इन दिनों आपको बहुत सारी भौतिक सुख-सुविधाओं का भी आनंद मिल सकता है जैसे विलासिता, गहने, निजी वाहन और संपत्ति।
यह समय निवेश के लिए उपयुक्त है। आप चाहें तो सोने या संपत्ति पर निवेश कर सकते हैं। बृहस्पति गोचर बताता है कि प्रेम के मामलों में भी आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। आप लंबे समय से जिसे प्रेम प्रस्ताव देना चाहते हैं, उसे दे सकते हैं। जवाब ‘हां’ में मिलने की संभावना है। इस समय के दौरान आय में भी वृद्धि होगी और इसलिए व्यापार में लाभ होगा। आपको एक अच्छी सामाजिक प्रतिष्ठा का भी आनंद लेने की संभावना है।
बृहस्पति का चंद्रमा से बारहवें भाव में गोचर मिले-जुले परिणाम लेकर आता है। इस दौरान आपको अपने मूल स्थान और बच्चों से दूर रहना चाहिए और एकांत का आनंद लेना चाहिए। इस समयावधि के दौरान जातक के जीवन में खर्च बढ़ता है। इस समय आपका खर्च भी बढ़ता है। विशेषकर आध्यात्मिक गतिविधियों पर खर्च करने की संभावना है। इस दौरान अध्यात्म में आपकी रुचि बढ़ने के कारण लंबी दूरी की यात्राएं भी हो सकती हैं। जहां तक बुरे प्रभावों की बात है, तो यह अवधि व्यावसायिक मामलों में कठिनाई लेकर आता है, इसलिए थोड़ा सतर्क रहें। व्यवसाय में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ेगा, समझदारी के साथ उन्हें पूरा करें। जल्दबाजी में फैसले न लें। कोशिश करें किसी के साथ साझेदारी में कोई काम न करें और अपने सीक्रेट किसी के साथ आसानी से शेयर न करें। निजी रिश्तों की बात करें, तो वहां भी आपको थोड़ा सावधानी बरतनी चाहिए। जीवनसाथी के साथ सहयोगपूर्ण व्यवहार करें। बेवजह किसी के साथ अनबन की स्थिति पैदा न होने दें। बातचीत के दौरान अपशब्दों का प्रयोग आपके लिए अनहित लेकर आ सकता है। आप कदम-कदम पर सावधानी बरतें। स्वास्थ्य के लिए भी यही सलाह है कि आप जरा भी लापरवाही न करें। यह आपके लिए घातक साबित हो सकती है।
क्या बृहस्पति (गुरु) ग्रह मीन राशि के लिए शुभ है?
मीन राशि में बृहस्पति ग्रह (brihaspati) को सबसे शुभ स्थानों में से एक माना जाता है। यदि आपका बृहस्पति मीन राशि में है, तो भाग्य आप पर मेहरबान होगा और आप सही समय पर सही काम करने के लिए एक उच्च शक्ति का आनंद लेंगे।
साल 2023 में कौन-सा बृहस्पति गोचर विवाह का योग बनाएगा?
यदि बृहस्पति (brihaspati) और शनि 7 वें भाव या उसके शासक ग्रह को एक साथ प्रभावित करते हैं, तो यह एक दोहरा गोचर है और आपकी कुंडली में 2023 में विवाह का समय होगा।
बृहस्पति किन भावों में मजबूत होता है?
यदि बृहस्पति ग्रह आपकी जन्म कुंडली के 10वें भाव में है, तो यह बली है। आप अपार सफलता, प्रसिद्धि और ज्ञान का आनंद लेंगे।
साल 2023 में बृहस्पति गोचर के दौरान क्या होगा?
यदि गोचर शुभ है, तो किसी भी भाव में बृहस्पति की चाल जातकों को विस्तार और वृद्धि की अनुमति देगी। आप अपने आत्मविश्वास में वृद्धि का आनंद लेंगे और आनंद चरम पर रहेगा। आपका वित्त सकारात्मक रूप से चलेगा और जीवन और उसकी बाधाओं के बारे में प्रेरणा मिलेगी।
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