घर के रंग के लिए वास्तु

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विषयसूची

  • वास्तुशास्त्र के अनुसार कैसा हो बेडरूम का रंग
  • किचन का रंग वास्तु के मुताबिक
  • पूजा घर का वास्तु के अनुसार रंग
  • वास्तु के अनुसार लिविंग रूम का कलर
  • गेस्ट रूम का वास्तु के अनुसार रंग
  • स्टडी रूम का कलर वास्तु के अनुसार
  • वास्तु के अनुसार कैसा हो बाथरूम का कलर
  • वास्तु अनुसार पर्दों का रंग
  • घर के बाहर की दीवारों का रंग
  • वास्तु के अनुसार घर में इन रंगों का भूलकर भी ना करें उपयोग
  • वास्तु की दिशा के अनुसार दीवारों के रंग

यह बात हम सभी जानते हैं कि हर रंग कुछ कहता है। हर रंग की अपनी ऊर्जा होती है और हर रंग की अपनी खासियत होती है। वास्तु में भी रंगों का गहरा महत्व है। घर की सुख-समृद्धि, शांति, बेहतर करियर, सफलता और बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमें अपने घर की बाहरी और भीतरी दीवारों के लिए सही रंगों का चयन करना चाहिए। हालांकि ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता है कि वास्तु के अनुसार किस दीवार को किस रंग से पेंट किया जाना चाहिए? इसीलिए यहां हम आपको वास्तु विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार बता रहे हैं कि किस रूम के लिए कौन-सा रंग उपयुक्त है और उनसे आपको किस तरह के लाभ मिलेंगे।

आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि घर के हर हिस्से की अपनी ऊर्जा, आकार और दिशा होती है। उसी के अनुसार आपको अपने घर की दीवारों, कमरों, पर्दों और फ्लोरिंग का रंग चुनना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि जो भी रंग आप अपने घर के लिए चुन रहे हैं, वह खास किस्म का मनावैज्ञानिक प्रभाव डालते हैं, उसका हमारे इमोशंस पर गहरा असर पड़ता है और ये रंग हमारे जीवन में संतुलन लाने की कोशिश करते हैं। इसलिए घर के लिए किसी भी रंग का सेलेक्शन करते समय सतर्क रहें-सजग रहें।

वास्तुशास्त्र के अनुसार कैसा हो बेडरूम का रंग

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बेडरूम वह जगह है, जहां आप पूरे सुकून के साथ रहना चाहते हैं। इस जगह आप अपने पूरे दिन की थकान को भूल जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बेडरूम में सिर्फ उन्हीं रंगों को महत्व दें, जो सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं। इसके साथ ही दंपति, नव-दंपतियों को अपने बेडरूम के रंग का सेलेक्शन करते वक्त और भी कॉन्शस रहना चाहिए। अगर घर में जरा सी भी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर जाए, तो इससे दंपतियों के बीच दरार पैदा हो सकती है। इसलिए वास्तु को ध्यान में रखते हुए सही रंगों का सेलेक्शन जरूरी हो जाता है।

वास्तु अनुसार नीला रंग

  • नीला रंग शांत और स्थिरता का परिचायक है। इसलिए अगर किसी जोड़े की हाल-फिलहाल में शादी हुई है, तो उन्हें अपने बेडरूम में नीले रंग को जगह देनी चाहिए। इससे वातावरण में शांति बनी रहती है। इस वजह से मन में तनाव महसूस नहीं होता और थकान भी दूर हो जाती है।
  • घर की दीवारों के अलावा आप कमरे के दरवाजों को भी नीले रंग का पेंट करवा सकते हैं और फर्नीचर भी नीले रंग का ले सकते हैं। इसके साथ सफेद रंग का कॉम्बीनेशन आपके घर की सुख-शांति में इजाफा कर सकता है।
  • मास्टर बेडरूम के लिए हल्का नीला, पेस्टल शेड्स अच्छा माना जाता है। ध्यान रखें कि बेडरूम में गाढ़े रंगों का उपयोग ना करें। इससे दंपति के बीच उदासी और निराशा पैदा हो सकती है। घर का माहौल भी नकारात्मक हो सकता है।

वास्तु के मुताबिक हरा रंग

  • वास्तु अनुसार मास्टर बेडरूम के लिए हरा रंग भी काफी अच्छा विकल्प है। हरा रंग आंखों को आराम देता है, मन को राहत देता है और बेहतर स्वास्थ्य की ओर इशारा करता है। जो व्यक्ति लंबे समय से बीमार है, स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझ रहा है, उन्हें अपने बेडरूम में हरे रंग का पेंट करवाना चाहिए।
  • अस्वस्थ व्यक्ति के अलावा वृद्ध व्यक्ति के लिए भी हरा रंग अच्छा है, क्योंकि इस रंग की ऊर्जा व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। अगर बेडरूम के लिए आप इस रंग का चयन नहीं करना चाहते हैं, तो अपने बेडरूम में हरे रंग का कोई डेकोरेटिव आइटम या पौधा रख सकते हैं।

पला रंग वास्तु के मुताबिक

  • बेडरूम के लिए पीला रंग भी काफी अच्छा माना जाता है। वैसे भी वास्तु के अनुसार पीला रंग मन की शांति, उत्साह-उल्लास और खुशहाली का प्रतीक है। अगर आपका बेडरूम छोटा है, तो यह रंग आपके बेडरूम के लिए बहुत अच्छा है।
  • पीला रंग आपके बेडरूम में पॉजिटिव एनर्जी का संचार करता है, जिससे आपको बेडरूम में समय बिताना अच्छा लगने लगता है। आप चाहें तो अपने बेडरूम में पीला रंग का सिंपल पेंट करने के बजाय पीले रंग के फूलों का वॉलपेपर चुन सकते हैं। यह रंग जिंदगी में मिठास घोलने के लिए भी जाना जाता है।

वास्तु अनुसार अन्य रंग

  • विशेषज्ञों की मानें तो गुलाबी रंग प्यार, खुशी और एकता का प्रतीक है। हमारे बेडरूम में इस रंग की मौजूदगी बहुत कुछ कहती है, समझाती है। खासकर कपल्स अपने घर में इस रंग के जरिए अपने रिश्तों में मिठास घोल सकते हैं। आप चाहें तो गुलाबी रंग के विकल्प के तौर पर रोज़-गोल्ड का सेलेक्शन कर सकते हैं। आप घर में इस रंग के फूलदान या कोई अन्य डेकोरेटिव आइटम रख सकते हैं।
  • वास्तुविदों की मानें तो बैंगनी यानी पर्पल कलर जिंदगी में संतुलन बढ़ाने में सहयोग करता है। इसलिए बेडरूम के लिए इस रंग को अच्छा माना जाता है। इससे लाइफ में बैलेंस आता है, जिनमें धैर्य नहीं है, उनके लिए भी यह रंग अच्छा विकल्प है।
  • जो लोग अपनी जिंदगी में नकारात्मकता को जरा भी बर्दाश्ता नहीं करना चाहते, जो स्वतंत्र रहना पसंद करते हैं, उनके लिए सफेद रंग बहुत अच्छा है। वास्तुविद ही नहीं मनोवैज्ञानिकों का भी मानना है कि सफेद रंग शांति का प्रतीक है। इसलिए अशांति, क्लेश और कलह से दूर रहना है, तो अपने घर में सफेद रंग का पेंट करवा सकते हैं। यह रंग आपके जीवन में मासूमियत को भी बढ़ावा देता है।

ऊपर बताए गए रंगों के अलावा और भी कई रंग हैं, जो बेडरूम के लिए अच्छे ऑप्शन साबित हो जाते हैं। इनमें स्लेटी रंग (ताजगी का प्रतीक), इंडिगो (आध्यात्मि क्षमताओं में सुधार), नारंगी (आत्मसम्मान को बढ़ाना), भूरा रंग (जिंदगी को आनंदमय और आरामदायक बनाने वाला) को भी बेडरूम के लिए चुना जा सकता है।

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किचन का रंग वास्तु के मुताबिक

घर के बाकी हिस्सों की तरह किचन का रंग भी हमारी सफलता-समृद्धि से जुड़ा हुआ है। वास्तु के अनुसार किचन दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे घर में सकारात्म्क ऊर्जा का आगमन होता है, स्वास्थ्य बेहतर होता है और खुशहाली के साथ समृद्धि भी आती है। वैसे भी भारतीय संस्कृति में जहां भोजन पकाया जाता है, वह स्थान काफी पवित्र होता है और उसका पूरा सम्मान किया जाना चाहिए है। उसकी साफ-सफाई का बहुत महत्व रखा जाता है। वास्तु के अनुसार इस जगह को उपयुक्त रंग से रंगने से घर में वित्तीय बोझ नहीं बढ़ता और परिवार वाद-विवाद से भी बचा रहता है। इस तरह देखा जाए, किचन में रंगों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। सिर्फ किचन की दीवारों का रंग ही मायने नहीं रखता बल्कि किचन में मौजूद हर सामान का रंग बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें शेल्फ, किचन टाइल्स, कैबिनेट्स सब कुछ शामिल होते हैं।

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  • किचन में आप भूरा रंग चुन सकते हैं। भूरा रंग संतुष्टि को दर्शाता है इसलिए यह रंग किचन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
  • वास्तु शास्त्र की मानें तो दक्षिण पूर्व को अग्नि की दिशा के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार यह रसोई के लिए सबसे अच्छी दिशा है। और लाल रंग आग, सौभाग्य और उत्सव का रंग माना जाता है। इसलिए रसोई में लाल रंग के कुछ शेड्स जरूर होने चाहिए।
  • अगर आप किचन की दीवारें लाल रंग से पेंट नहीं करना चाहते हैं, तो लाल रंग के डिब्बों का यूज किया जा सकता है, लाल रंग का मसालेदानी खरीद सकते हैं। इस रंग का निश्चित ही आपके जीवन में अच्छा असर दिखेगा।
  • लाल रंग की ही तरह संतरी यानी ऑरेंज कलर भी आनंद से जुड़ा हुआ रंग है। यह भी आपके जीवन में जीवंतता भरता है और इसे वास्तु में शुभ रंग माना जाता है। यह रंग आपके जीवन में समृद्धि को आकर्षित करता है।
  • जहां तक आपके किचन की फर्श, टाइलस की बात है, तो उनका भी खास महत्व है। इसलिए जब भी आप किचन का रेनोवेशन करें तो इनका भी खास ख्याल रखें। वास्तु के अनुसार फर्श के लिए मोज़ेक, संगमरमर या सिरेमिक टाइल्स चुनें। हल्के रंग जैसे बेज, सफदे या हल्के भूरे रंग के फर्श भी अच्छे हो सकते हैं।
  • किचन के काउंटरटॉप्स के लिए नारंगी, पीला और हरे रंग का चयन कर सकते हैं। आप इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि किचन में कभी भी ज्यादा डार्क कलर्स का यूज ना करें। यह अच्छे नहीं होते हैं। काला और भूरे रंग के इस्तेमाल से बचें।
  • किचन में नीले रंग के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए। दरअसल, नीला रंग पानी का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि रसोई आग का क्षेत्र है। दोनों एक-दूसरे के विपरीत हैं। अगर ये एक-साथ रहेंगे, तो आपके घर की स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
  • जहां तक आपके किचन के कैबिनेट्स की बात है, तो यहां आप लेमन यलो, संतरी रंग चुन सकते हैं।

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पूजा घर का वास्तु के अनुसार रंग

पूजा घर, वह जगह जहां आप हाथ जोड़कर अपने ईष्ट देवता से मनोकामना करते हैं कि आपकी जिंदगी में जो कुछ हो, सब अच्छा हो। आपकी जिंदगी में सफलता और खुशहाली आए। इस जगह मन को शांति मिलती है। लिहाजा पूजा घर को भी वास्तु के अनुसार डिजाइन किया जाना चाहिए।

  • पूजा करने के लिए पूजा घर ऐसी जगह स्थित होना चाहिए, जहां आप आसानी से ध्यान लगा सकें। कभी मन ना भटके और ना ही घर की अस्त-व्यस्तता आपका मन भ्रमित कर सके।
  • जरूरी है कि आपका पूजा घर सही दिशा में हो। वास्तु के अनुसार पूजा घर की सही दिशा है, नॉर्थ-ईस्ट यानी उत्तर-पूर्व। दरअसल, पूजा घर उस दिशा में होना चाहिए, जहां सूर्य की प्रकाश का दोहन किया जा सके। इसलिए पूजा घर में पीले रंग का ज्यादा उपयोग होना चाहिए।
  • आप यहां सफेद और क्रीम रंग का भी उपयोग कर सकते हैं। ये दोनों ही रंग शांत स्वभाव के हैं। ये ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं और मन में अच्छे विचार को समाहित करने में मददगार साबित होते हैं।

वास्तु के अनुसार लिविंग रूम का कलर

वास्तु की मानें तो रंग हमारी बॉडी, माइंड और सोल को बैलेंस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रंग की वजह से अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग ऊर्जा भरती है। इसका असर घर में रहने वाले लोगों पर भी पड़ता है। वास्तुशास्त्र में लिविंग रूम में किए जाने वाले कलर का भी खासा महत्व होता है। वैसे भी आम लोगों के जीवन में लिविंग रूम का काफी महत्व होता है। यहां लोग बैठकर अपने करीबियों से मन की बातें करते हैं, टीवी-मोबाइल आदि देखकर खुद को एंटरटेन करते हैं। यहां तक कि कुछ लोग तो अपने लिविंग रूम में बैठकर ऑफिस का काम भी करते हैं और कुछ लोगों के लिए यह जगह डाइनिंग रूम की तरह काम करता है। एक लिविंग रूम विभिन्न कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। ऐसे में जरूरी है कि लिविंग रूम में संतुलन बनाकर रखा जाए। इसके लिए ना सिर्फ इसके डिजाइन को महत्व दिया जाना चाहिए। यहां जिस रंग का आप उपयोग करें, जिस रंग की चीजों का आप उपयोग करें, वह भी मायने रखती है।

लिविंग रूम के लिए ब्राउन कलर

  • लिविंग रूम के लिए ब्राउन कलर को चुना जा सकता है। यह कलर बहुत ही अच्छा और प्यारा तो दिखता ही है साथ ही यह कलर वुडेन एलिमेंट का टच देता है। वैसे भी हाल के सालों में वास्तु में इस रंग को काफी पसंद किया जा रहा है। इस रंग में उपयोगी ऊर्जा होती है, जो कि पृथ्वी से जुड़ाव बनाने में मदद करती है। आप चाहें तो अपने लिविंग रूम में अलमिरा का रंग ब्राउन कर सकते हैं या फिर यहां के लिए इस्तेमाल होने वाली टेबल, चेयर का कलर ब्राउन चुन सकते हैं।

लिविंग रूम में करवाएं प्राकृतिक कलर

  • वास्तु के अनुसार लिविंग रूम के लिए हरे रंग का विकल्प चुन सकते हैं। इस रंग में लकड़ी का तत्व समाहित है। यह प्रकृति का रंग तो है ही, साथ ही यह रंग हमारे मन को शांत रखने में भी सहायक है। यह रंग विकास की भावनाओं का आह्वान करता है। लिविंग रूम में आप ऑयल ग्रीन कलर से पेंट करवाने बचें। इसके बजाय आप हल्का हरा जैसे एलोवेरा ग्रीन या पौधे का रंग जैसा हरा रंग इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • सफेद रंग, यह मेटल एलिमेंट के लिए जाना जाता है। लिविंग रूम को इस रंग से पेंट करवाना भी काफी फायदेमंद साबित होता है। यह रंग बिल्कुल सिंपल, सपाट और बिना लाग लपेट के अपनी बात कहने वाला रंग है। इसमें जरा भी नेगेटिव एनर्जी नहीं है। वास्तु के अनुसार यह रंग ना सिर्फ शुद्धता का प्रतीक है बल्कि इस रंग में स्प्ष्टता और बुद्धि का समागम भी है।

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लिविंग रूम के लिए नीला रंग

  • लिविंग रूम में नीले रंग का पेंट करवाना शुभ होता है। यह रंग शांति से जुड़ा होता है। इसके साथ यह रंग प्रकाश में आया है, इसलिए इसे महावास्तु के अनुसार बहुत ही अच्छा और शुभ माना जाता है।
  • इस रंग से हमेशा अच्छी और सकारात्मक वाइब्स आती हैं। जब आप इस रंग को लिविंग रूम में इस्तेमाल करते हैं, तो जब भी अपने दोस्तों और परिजनों के साथ बैठेंगे, तो घर का वातावरण सुखद महसूस करेंगे।
  • आप लिविंग रूम के लिए हल्का नीला रंग, पेस्टल शेड भी यूज कर सकते हैं। लेकिन अगर आपका लिविंग रूम छोटा है, तो इस रग का उपयोग करने से बचें। दरअसल, नीले रंग की वजह से आपका छोटा सा लिविंग रूम अंतरिक्ष जैसा नजर आ सकता है, जिस वजह से कुछ लोगों को क्लॉस्ट्रोफॉबिक महसूस होता है।
  • घर की सभी दीवारों को नीले रंग से रंगने के बजाय एक दीवार नीले रंग से रंगें और बाकी दीवार में सफेद रंग का इस्तेमल करें। इसके साथ आप चाहें तो अपनी खिड़कियों, दरवाजों और फर्नीचर के लिए इस रंग का उपयोग कर सकते हैं।

वास्तु के मुताबिक लिविंग रूम में करवाएं लाइट कलर्स

  • लिविंग रूम हमेशा लाइट फील करवाने वाला होना चाहिए, क्योंकि यहां बैठकर अक्सर लोग जिंदगी के महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं। यह फैसले करियर से जुड़े, रिलेशनशिप से जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लिविंग रूम में आप जब भी बैठें, तो आपके मन में बेचैनी ना हो, उथल-पुथल ना हो। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने ड्राइंग रूम में लाइट कलर्स को इंपॉर्टेंस दें। इसके लिए लाइट यलो और पीच कलर अच्छे विकल्प हैं। ये कलर्स मन को शांत रखते हैं, आंखों को सुहाते हैं और मन को शांत रखते हैं। आप चाहें तो ड्राइंग में लाइट कलर्स के डेकोरेटिव आइटम्स से डिस्प्ले कर सकते हैं। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि ड्राइंग रूम में डार्क और नेगेटिव रंगों से दूर रहना चाहिए। इनमें डार्क ब्लू, भूरा और कला रंग शामिल होता है।

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गेस्ट रूम का वास्तु के अनुसार रंग

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हमारे यहां मेहमान को भगवान का दर्जा दिया जाता है। मेहमानों के साथ हमारे रिश्ते घनिष्ट और प्रेममय होने चाहिए। इसके लिए सिर्फ आपका व्यवहार, आचरण ही मायने नहीं रखता। आपके घर के जिस रूम में मेहमान ठहरते हैं, उसकी दिशा-दशा और कमरे के रंगों का चयन भी आपके रिश्ते में निकटता लाने में परस्पर सहभागिता निभाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप गेस्ट रूम को उसकी दिशा के अनुसार सही रंग का पेंट करवाएं। इसके लिए जानिए सही दिशा और उसके अनुरूप रंग-

  • अगर आपके घर में मेहमान का कमरा नॉर्थ-ईस्ट यानी उत्तर-पूर्व दिशा या ईशान कोण की तरफ है, तो आप ब्लू कलर का लाइट शेड का पेंट यूज कर सकते हैं। अगर इस दिशा की ओर आपके घर का गेस्ट रूम सिर्फ टच करता है तो आप यहां सिल्वर ग्रे, सफेद या कोई भी मैटेलिक कलर यूज कर सकते हैं। अगर इस दिशा में गेस्ट रूम ज्यादा फैला हुआ है यानी इस दिशा में गेस्ट रूम का विस्तार है, तो हरे या भूरे रंग के पेंट उपयुक्त रहेंगे।
  • अगर गेस्ट रूम पूर्व यानी ईस्ट डाइरेक्शन में है, तो यहां के लिए आप हरे रंग या भूरे रंग का उपयोग करें। अगर इस दिशा को आपका गेस्ट रूम जस्ट टच कर रहा है, तो नीले रंग के शेड्स आपके लिए यूजफुल हो सकते हैं और अगर इस ओर गेस्ट रूम का विस्तार है, तो लाल, गुलाबी, नारंगी, बैंगनी रंगों को चुन सकते हैं।
  • दक्षिण दिशा के लिए लाल, गुलाबी, नारंगी और बैंगनी रंग गेस्ट रूम के लिए बहुत अच्छे विकल्प हैं। आप चाहें तो इस दिशा में मौजूद अपने गेस्ट रूम के लिए कोई भी हल्का रंग उपयोग कर सकते हैं। अगर इस दिशा की ओर आपका गेस्ट रूम जरा सा टच करता है, तो भूरे या हरे रंग का उपयोग कर सकते हैं। अगर इस दिशा की ओर आपका गेस्ट रूम ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो पीले या बेज रंग के साथ-साथ हल्के शेड्स का प्रयोग किया जा सकता है।
  • वास्तु के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा में जिन लोगों का गेस्ट रूम होता है, उन्हें पीला, बेज और हल्के शेड्स का उपयोग करना चाहिए। इस दिशा की ओर अगर गेस्ट रूम का फैलाव है, तो सिल्वर, सफेद और मैटेलिक रंगों का उपयोग किया जा सकता है। आपको बता दें कि वास्तु के अनुसार सफेद और क्रीम रंग उपयुक्त रंगों में से होते हैं। इन रंगों से भी गेस्ट रूम को कलर करवा सकते हैं।

स्टडी रूम का कलर वास्तु के अनुसार

इन दिनों वर्क फ्रॉम होम का कल्चर काफी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में ज्यादातर लोगों ने अपने स्टडी रूम को वर्क रूम भी बना दिया है। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से हैं, तो अपने स्टडी रूम के लिए रंग का सेलेक्शन सजगता के साथ करें। अपने स्टडी रूम के लिए ऐसे रंगों का चयन करना चाहिए जो पॉजिटिव एटीट्यूड को सपोर्ट करता हो। स्टडी रूम के लिए हमेशा हल्के रंगों को चुनना चाहिए। इससे एकाग्रता बढ़ती है। जबकि गहरे यानी डार्क कलर्स अवॉयड करना चाहिए।

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  • आप अपने स्टडी रूम में हरे, नीले और क्रीम रंगों का उपयोग कर सकते हैं। वास्तु के अनुसार ये रंग बहुत ही अच्छे होते हैं। इससे छात्रों में सीखने की क्षमता बढ़ती। आप कभी भी अपने स्टडी रूम में काले रंग का पेंट ना करवाएं। वास्तु की मानें तो यह रंग बच्चों के मन-मस्तिष्क पर बुरा असर डाल सकता है।
  • आप चाहें तो अपने स्टडी रूम में लाइट कलर्स के टेबल-चेयर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि एक समय तक ज्यादातर घरों में ब्राउन कलर के टेबल-चेयर ही यूज किए जाते थे। लेकिन अब मल्टी कलर के टेबल चेयर बाजार में मौजूद हैं। आप हल्के रंग जैसे नीला और सफेद का कॉम्बीनेशन वाला टेबल-चेयर खरीद सकते हैं। इससे बच्चे में पढ़ने की चाह भी बनी रहेगी।
  • स्टडी रूम की दीवारों पर नीले, हरे और लाल के साथ सफेद रंग का भी उपयोग कर सकते हैं। दरअसल, स्टडी रूम की दीवारों से टकराने वाले प्रकाश का बहुत अधिक प्रतिबिंबित करता है। इसलिए वास्तु के अनुसार सफेद रंग स्टडी रूम के लिए उपयुक्त विकल्प है।
  • कामकाजी माहौल को बढ़ावा देने के लिए आप अपने स्टडी रूम में गोल्डेन, पीले और हरे रंग को चुन सकते हैं। ये रंग उत्पादकता को बढ़ावा देने में सहयोग करते हैं।
  • ध्यान रखें कि स्टडी रूम में ऐसे रंग कभी प्रयोग में ना लाएं, जो मन विचलित करते हैं, उदासीनता को बढ़ावा देते है।
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वास्तु के अनुसार कैसा हो बाथरूम का कलर

वास्तु की मानें तो बाथरूम का रंग भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। आमतौर पर कई लोग गहन चिंतन के लिए अपना कुछ समय यहां गुजारना पसंद करते हैं। इस दृष्टि से देखा जाए, तो बाथरूम का रंग हमारे जीवन में गहरा प्रभाव डालता है। इसलिए यहां की ना सिर्फ दीवारों के रंग मायने रखते हैं बल्कि यहां मौजूदा सामान के रंग भी खासा महत्व रखते हैं।

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  • वास्तु के अनुसार बाथरूम में नीले रंग की टब या बाल्टी रखी जानी चाहिए। इससे घर में बरकत होती है और यह शुभ रंग भी है।
  • बाथरूम के लिए सफेद और ब्राउन कलर भी अच्छा माना जाता है।
  • काले या लाल रंग की बाल्टी या फिर टब का बाथरूम में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। बाथरूम में पेंट करवाते समय लाइट कलर्स चुनें।
  • बाथरूम में टॉयलेट सीट का रंग भी चुनते वक्त ध्यान रखें। इसके लिए आप सफेद या नीला रंग चुन सकते हैं। इसी तरह बाथरूम में बनाए गए कैबिनेट्स की दिशा और उसके रंगों का भी खासा महत्व होता है। बाथरूम के कैबिनेट्स के लिए कभी भी काले या गहरे रंग का उपयोग ना करें। यह सही नहीं माने जाते। इससे घर में नेगेटिव ऊर्जा आ सकती है।
  • बाथरूम के अंदर वॉशिंग मशीन रख रहे हैं, तो उसकी भी सही दिशा चुनें। कपड़े धोने की चीजें या वॉशिंग मशीन को साउथ वेस्ट या नॉर्थ वेस्ट कॉर्नर में रखें। वॉशिंग मशीन या लॉन्डरी से जुड़ी चीजों का कलर भी अगर व्हाइट हो तो अच्छा रहेगा।

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वास्तु अनुसार पर्दों का रंग

जिस तरह घर में मौजूद खिड़की बहुत महत्वपूर्ण होती है। वहां से आ रही हवा, सूरज की किरणें आपके घर के वातावरण को प्रभावित करती है, ठीक उसी तरह घर में मौजूद पर्दे और उनके रंग भी आपके घर की ऊर्जा को प्रभावित करते हैं। आमतौर पर पर्दों का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि बाहर की कोई भी नकारात्मक चीज का घर में अनचाहे आगमन ना हो।

  • वास्तु के अनुसार नीले रंग का पर्दा आपके घर के लिविंग एरिया के लिए बहुत अच्छा है। यह रंग चूंकि शांति का प्रतीक है, इसलिए इस रंग के पर्दे आपके मन को शांत रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा आपकी सारी थकान दूर करने में भी इस रंग का सहयोग देखा गया है।
  • जैसा कि पहले भी बताया गया है कि हरा रंग प्रकृति का रंग है इसलिए वास्तु में इसका खासा महत्व है। वास्तु के अनुसार यह रंग रिलैक्सेशन का अहसास कराता है। हीलिंग, समृद्धि और ऊर्जा का भी यह रंग प्रतीक है। आपने कई अस्पतालों में भी इस रंग के पर्दे देखे होंगे। आप अपने बेडरूम में हरे रंग के पर्दे लगा सकते हैं। इससे अच्छी नींद आने में मदद मिलती है।
  • पीले रंग के पर्दे खुशियां, अच्छे विचार, आशावादी सोच, जिंदगी में खुशहाली का प्रतीक है। इसलिए वास्तु में इस रंग के पर्दे को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है। इस रंग से व्यक्ति की एकाग्रता भी बढ़ती है। इस रंग के पर्दे आप छोटे कमरे या कम जगह में लगा सकते हैं। आप अपने घर में सरसो वाला पीला रंग का उपयोग कर सकते हैं।
  • वास्तु में ऑरेंज कलर के पर्दे को भी प्राथमिकता दी जाती है। यह रंग गर्व, दृढ़ संकल्प, जीवंतता, गर्मजोशी, क्रिया, ऊर्जा, आराम और सहजता से जुड़ा हुआ है। वास्तु के अनुसार इस रंग को लिविंग रूम के लिए सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।

घर के बाहर की दीवारों का रंग

वास्तु के अनुसार सिर्फ घर के अंदर की दीवारों का रंग ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि घर की बाहर की दीवारों का रंग भी मायने रखता है। इसका भी आपके जीवन पर बहुत असर पड़ता है।

  • घर की बाहर की दीवारों के लिए भी आप उन्हीं रंगों को चुन सकते हैं जिन्हें घर के अंदर के लिए चुना गया है। जैसे नीला, हरा, पीला, सफेद, नारंगी, पीच, बैंगनी, भूरा, गुलाबी आदि। इन सभी रंगों के अपने-अपने मायने हैं।
  • वास्तु के अनुसार आप जब घर की बाहरी दीवारों को रंगने के लिए नीला रंग उपयोग में लाते हैं, तो इससे शांति का विस्तार होता है।
  • इसी तरह हरा ऊर्जा, सुकून और प्रकृति का रंग है। यह दंपतियों के लिए भी फलदायी रंग माना जाता है। वास्तु के मुताबिक इस रंग का बाहरी दीवारों पर उपयोग कर घर के अंदर सुकून-शांति का आगमन संभव होता है।
  • पीला रंग, जो कि आशावादी रंग है। इसका उपयोग भी बाहरी दीवारों को रंगने के लिए किया जाना चाहिए। घर की बाहरी दीवारों पर जब यह रंग रंगा जाता है, घर के अंदर खुशियों की बौछार होने लगती है। इससे पदोन्नति की संभावना में वृद्धि होती है।
  • इसके अलावा सफेद रंग भी घर की बाहरी दीवारों के लिए अच्छी मानी गई है। यह रंग आपको वाद-विवाद से बचाने में सहायक है। साथ ही यह रंग आपको सही निर्णय लेने के लिए भी मददगार है।

वास्तु के अनुसार घर में इन रंगों का भूलकर भी ना करें उपयोग

वास्तु के मुताबिक हमें कुछ रंगो को अपने घर के किसी भी रूम में जगह नहीं देनी चाहिए। यहां हम आपको एक नजर में यही बता रहे हैं कि कौन से रंग हैं उपयुक्त और कौन से रंग हैं अनुपयुक्त-

  • हमेशा लाइटर शेड को ज्यादा महत्व दें, क्योंकि गहरे या डार्क कलर सबको सूट नहीं करते और इससे अनहित हो सकता है। इनमें लाल रंग शामिल है। यह रंग राहू, शनि, मंगल, और सूर्य को इंगित करता है।
  • वास्तु के अनुसार आपको वही रंग चुनना चाहिए, जो आपके ग्रह को सहयोग करते हैं। ऐसे रंग आपकी सफलता के लिए द्वार खोलते हैं।
  • वास्तु में हर रंग के अलग-अलग मायने होते हैं। इनका सही इस्तेमाल जानने के बाद ही आपको इनका उपयोग करना चाहिए।
  • हर रंग के लिए सही दिशा भी चुनी जाती है। आप जिस भी रंग का उपयोग कर रहे हैं, उनका सही दिशा के अनुसार ही इस्तेमाल किया जाता है।
  • बेडरूम के लिए लाल रंग का इस्तेमाल नहीं किया जााना चाहिए। यह रंग आग की ऊर्जा का प्रतीक है। इस रंग की मौजूदगी से व्यक्ति के अंदर गुस्सा बढ़ता है और गुस्सा किसी भी चीज के लिए अच्छा नहीं है।
  • वास्तु के अनुसार किसी भी घर के मालिक को अपने घर में जरूरत से ज्यादा सफेद रंग का पेंट नहीं करवाना चाहिए। हालांकि यह रंग शांति और शुद्धता का प्रतीक है। लेकिन जरूरत से ज्यादा इस रंग के उपयोग से व्यक्ति में अहंकार बढ़ सकता है।

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वास्तु की दिशा के अनुसार दीवारों के रंग

दिशा उपयुक्त रंग
ईशान कोण लाइट ब्लू
पूर्व व्हाईट और लाइट ब्लू
दक्षिण-पूर्व ऑरेंज, पिंक या सिल्वर रंग
उत्तर ग्रीन और पिस्ता ग्रीन
उत्तर-पश्चिम सफेद, लाइट ग्रे और क्रीम
पश्चिम नीला और सफेद
दक्षिण-पश्चिम मड कलर, बिस्किट कलर और लाइट ब्राउन कलर
दक्षिण लाल और पीला

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