शुक्र गोचर 2023

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शुक्र गोचर 2023 तिथि, समय और भविष्यवाणियां

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शुक्र को एक शिक्षक और एक लाभकारी ग्रह माना जाता है। वह सुंदरता, सुख, वाहन, यात्रा, ललित कला, वैवाहिक संबंधों आदि को नियंत्रित करता है। शुक्र को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों चीजों का ज्ञान रखने वाला भी माना जाता है। जन्म कुंडली में जब शुक्र शुभ स्थिति में होता है, तो वह जातक में कई गुणों का विस्तार देता है जैसे उसके स्वभाव को अधिक करिश्माई बनाता, प्यार करने वाला बनाता और दूसरों को खुश करने की क्षमता भी प्रदान है। शुक्र की मजबूत स्थिति व्यक्ति को उसके खेल जगत में अच्छा प्रदर्शन करने को प्रोत्साहित करता है और उसकी प्रतिभा को भी बेहतर बनाता है। अत: शुक्र का गोचर किसी व्यक्ति की गोचर अवधि के दौरान उसके जीवन की घटनाओं को तय करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।

शुक्र ग्रह को अंग्रेजी में वीनस के नाम से जाना जाता है। वीनस का अर्थ है सुदंरता। इसलिए शुक्र को सुंदरता का देवता कहा जाता है। शुक्राचार्य दैत्यों के गुरु थे इसलिए उन्हें दैत्य गुरु भी कहा जाता है। शुक्र, वृषभ और तुला राशी का स्वामी ग्रह है। सुंदरता के ऊपर इस ग्रह का एकाधिकार है। इसे वित्त अर्थात धन का कारक भी माना जाता है। किसी भी जातक के जीवन में सुख-समृद्धि दिलाने वाला ग्रह शुक्र को माना जाता है।

सौरमंडल के नौ ग्रहों में शुक्र छठा ग्रह है। जीवन की स्थितियां ग्रहों और अन्य खगोलीय पिंडों की चाल और दिशाओं पर निर्भर करती है। ज्योतिष शास्त्र में हमें अपने जीवन के बारे में कुंडली, ग्रहों की स्थिति और दिशाओं के माध्यम से पता चलता है।

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शुक्र गोचर का क्या अर्थ है?

शुक्र गोचर, जिसे अंग्रेजी में वीनस ट्रांजिट भी कहा जाता है। इसका अर्थ है, वह समय जब शुक्र ग्रह आपके ज्योतिष चार्ट में विभिन्न भावों / राशियों में विचरण करता है। शुक्र सौंदर्य की देवी का प्रतीक है और यह लगभग 23 दिनों तक एक राशि में रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुला और वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं।

शुक्र बच्चों, रिश्तों, वित्त और विवाह का प्रतीक है। हमारी जन्म कुंडली में शुक्र का गोचर कुछ नकारात्मक और सकारात्मक प्रभावों के साथ आता है। प्रभाव उस भाव पर निर्भर करता है, जिस पर शुक्र का गोचर होता है। शुक्र के सभी फायदे और नुकसान उसकी स्थिति पर निर्भर करते हैं। शुक्र के सकारात्मक प्रभाव से लोगों को धन, करियर में वृद्धि और लोकप्रियता मिलेगी। शुक्र का गोचर जिस भाव में स्थित है, उस पर इसके प्रभाव के कारण वृद्धि और कुछ समस्याएं आ सकती हैं।

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शुक्र गोचर के प्रभाव

शुक्र गोचर के कई प्रभाव होते हैं। लेकिन यह उस भाव पर निर्भर करता है जिस पर वह कुंडली चार्ट में स्थित है। कुल 12 भाव होते हैं और शुक्र का प्रभाव सभी भावों पर अलग-अलग पड़ता है।

शुक्र गोचर 2023 (Shukra Gochar 2023)

तिथि इस राशि से गोचर इस राशि में गोचर समय
22 जनवरी 2023, रविवार मकर राशि कुंभ राशि 16:04
15 फरवरी 2023, बुधवार कुंभ राशि मीन राशि 20:12
12 मार्च 2023, रविवार मीन राशि मेष राशि 08:38
06 अप्रैल 2023, गुरुवरी मेष राशि वृषभ राशि 11:10
02 मई 2023, मंगलवार वृषभ राशि मिथुन राशि 14:01
30 मई 2023, मंगलवार मिथुन राशि कर्क राशि 19:52
07 जुलाई 2023, शुक्रवार कर्क राशि सिंह राशि 04:29
07 अगस्त 2023, सोमवार सिंह राशि कर्क 10:38
02 अक्टूबर 2023, सोमवार कर्क राशि सिंह राशि 01:18
03 नवंबर 2023, शुक्रवार सिंह राशि कन्या राशि 05:25
30 नवंबर 2023, गुरुवार कन्या राशि तुला राशि 01:15
25 दिसंबर 2023, सोमवार तुला राशि वृश्चिक राशि 06:55

प्रथम भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

जब शुक्र चंद्र राशि से प्रथम भाव में गोचर करता है, तो यह बहुत ही शुभ समय होता है। जब शुक्र प्रथम भाव में गोचर करता है, तो यह जातक के जीवन में कई तरह के लाभ लेकर आता है। जातक को करियर में सफलता प्राप्त होगी, उसका प्रेम संबंध अच्छा चलेगा, अन्य संबंध भी सरल और सहज रहेंगे, उसके जीवन में शांति बनी रहेगी। इस तरह वह अपनी जिंदगी में निरंतर आगे बढ़ता रहेगा।

जब शुक्र कुंडली के पहले भाव में गोचर करता है, तो यह सकारात्मक और अनुकूल परिणाम लाता है। जो व्यक्ति अपने रिश्ते को बेहतर बनाना चाहता है, उसके लिए यह अनुकूल समय है। उसे अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए। साथ ही करियर पर ध्यान केंद्रित करने से आगे बढ़ने की बेहतर संभावना बनेगी।

उपाय:

  • शुक्रवार के दिन जरूरतमंद लोगों को सफेद वस्त्र दान करें।

द्वितीय भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

जब शुक्र दूसरे भाव में गोचर करता है, तो यह इच्छाओं और आकर्षण को मजबूत करता है। इस समय अवधि के दौरान लोग कई चीजों की ओर आकर्षित होंगे जैसे बच्चों या उनके शौक के प्रति आकर्षित होने लगेंगे। इसी तरह जो जाकत अब तक सिंगल हैं, वे विपरीत लिंग (ऑपोजिट सेक्स) की ओर आकर्षित होंगे। भावनाओं और विचारों को दूसरों के साथ साझा करने की इच्छा बढ़ेगी।

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इस समयवधि में जातक को व्यापार में लाभ मिलने की प्रबल संभावना है और कोई शुभ समाचार भी मिल सकता है। इस शुक्र गोचर काल के दौरान कई प्रेमी जोड़ों के रिश्ते बेहतर और मजबूत होते हैं। इसमें विवाहित जोड़े भी शामिल होंगे। आपके लिए जीवन में सफलता को प्रकट करने और आकर्षित करने का यह सबसे अच्छा समय है।

उपाय:

  • शक्कर और कच्चे चावल का दान करें।

तृतीय भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

जब शुक्र चंद्र राशि से तीसरे भाव में गोचर करता है, तो यह धन लाभ, समृद्धि और सम्मान लाता है। यह समय अवधि आपके लिए बहुत ही फलदायी रहेगी। इस समय में आप अपने दुश्मनों और प्रतिस्पर्धियों को हरा सकते हैं। जब शुक्र तीसरे भाव में गोचर करता है, तो यह एक अनुकूल समय में बदल जाता है। आप समय अवधि को अपनी बेहतर के लिए उपयोग कर सकते हैं। सब कुछ आपके पक्ष में काम करेगा, चाहे वह प्रतिस्पर्धा हो या किसी के साथ व्यापार के संबंध में किया गया समझौता।

अगर आप अपना व्यापार करते हैं, तो आपको लाभ मिलने की संभावना नजर आ रही है। यहां तक कि यह समय अवधि आपको कई बड़े प्रोजेक्ट मिलने और डील फाइनल होने की ओर इशारा कर रहा है। जो लोग अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं, उन्हें इस समय में अपने भाई-बहनों से मिलने का अवसर मिलेगा। यही नहीं, दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने का मौका भी मिलेगा। कुल मिलाकर शुक्र गोचर के समय इस भाव से जुड़े जातकों का समय अच्छा बितेगा।

उपाय:

  • छोटी कन्या को श्रृंगार का सामान, कपूर, शक्कर की बनी टॉफी या अन्य खाद्य पदार्थ जैसे दही आदि का दान करें।

चतुर्थ भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

शुक्र जब चन्द्रमा से चतुर्थ भाव में गोचर करेगा तो जिम्मेदारी, इच्छा और धन में वृद्धि होगी। आपको समाज में लोकप्रियता मिलेगी, जिससे आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। इसके साथ ही आपको कुछ जिम्मेदारियां भी दी जाएंगी, जिसका वहन आप पूरी ईमानदारी से करेंगे। इस दौरान आप खुद को आत्मिवश्वासी भी महसूस करेंगे।

आपके अपने प्रियजनों जैसे परिवार, साथी और दोस्तों के साथ आपके संबंध मजबूत बनेंगे। आप सक्रिय रहेंगे और आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप अपने प्रियजनों, विशेषकर अपने साथी के साथ अच्छा समय बिताएंगे। यह समय आप दोनों के रिश्ते में गर्मजोशी और जीवंतता को बढ़ाएगा। इसके अलावा, इस समयवधि के दौरान आपको नए लोगों से मिलने का मौका मिल सकता है और आपकी जीवनशैली शानदार रहेगी।

उपाय:

  • अपने आसपास साफ-सफाई रखें। महिलाओं के साथ मान-सम्मान के साथ बातचीत करें।
  • अपने आसपास साफ-सफाई रखें। महिलाओं के साथ मान-सम्मान के साथ बातचीत करें।

पंचम भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

जब शुक्र पंचम भाव में गोचर करता है, तो यह एक अच्छे व्यक्तित्व और आकर्षण का विकास करता है। आपका व्यक्तित्व अधिक विकसित होगा और विपरीत लिंग के प्रति आपका आकर्षण स्तर बढ़ेगा। शुक्र के पंचम भाव में गोचर करने पर धन लाभ और सफलता की उच्च संभावना बन रही है। इसलिए आप चाहें तो निवेश कर धन अर्जित कर सकते हैं।

लेकिन अगर अपको निवेश संबंधी ज्यादा जानकारी नहीं है, तो बेहतर रहेगा कि आप किसी विशेषज्ञ से इस संबंध में बातचीत करें। इसके बाद सही जगह निवेश करें। अब आपके निजी संबंधों की बात करते हैं। आपको अपने मित्रों और परिवार से उच्च सम्मान प्राप्त होगा। वे आपके महत्व को समझेंगे, इससे आपकी अपने करीबियों के बीच प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कुल मिलाकर यह समय आपके लिए अच्छा साबित होने वाला है।

उपाय:

  • शुक्र के अनुकूल प्रभाव को पाने के लिए घर में गुलाब रखें।
  • आप चाहें तो गुलाब के बजाय गुलाब का इत्र भी घर में रखा जा सकता है।

छठे भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

शुक्र जब चन्द्रमा से छठे भाव में जाता है, तो जातक के जीवन में मिश्रित अनुभव लेकर आता है। जहां एक ओर कुछ जातकों को इस समयवधि के दौरान लाभ प्राप्त होते हैं, तो वहीं कुछ लोगों को नुकसान भी पहुंचता है। उदाहरण स्वरूप समझें, जब शुक्र छठे भाव में गोचर करेगा, तो संभवत: आपको अपने शत्रुओं का सामना करना पड़ेगा। यही नहीं आपके जीवन में शत्रु की संख्या भी बढ़ सकती है। वे आपको नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी ओर मेहतन कर सकते हैं।

इस वजह से आपके जीवन में उठापटक भी बनी रहेगी। नतीजतन कुछ समस्याएं निरंतर आपके जीवन में बनी रहेंगी। जरूरी नहीं है, यह सब किसी शत्रु द्वारा ही किया जाए। इसकी वजह आपकी मिश्रित समयवधि भी हो सकती है। कुछ समस्याओं के कारण मानसिक या शारीरिक रूप से आप कमजोर महसूस करेंगे और कई रोग होने की आशंका भी नजर आ रही है। अगर आप खुद को स्वस्थ देखना चाहते हैं, तो बहुत ज्यादा मानसिक तनाव लेने से बचें। हालांकि प्रेमियों के लिए यह समय फायदेमंद रहेगा। आपके अपने साथी के साथ संबंध बेहतर होंगे और वे हर स्थिति में आपका साथ निभाएंगे।

उपाय:

  • शुक्र ग्रह शांति पूजा करें।

सप्तम भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

ज्योतिष में जब शुक्र आपकी जन्म कुंडली में सातवें भाव में होता है, तो यह ज्यादा फायदेमंद और अनुकूल नहीं होता है। विशेषकर रिश्तों को लेकर आपके जीवन में अड़चनें पैदा हो सकती हैं। छोटी-छोटी बात पर आपका अपने साथी के साथ वाद-विवाद होने की प्रबल आशंका बन रही है। इतना ही नहीं, समस्याएं आपके जीवन में प्रवेश कर सकती हैं, जैसे साथी से अलग हो जाना यानी अलगाव, फिजूल खर्च का बढ़ना, व्यापार में हानि होना आदि।

कुंडली पर शुक्र के प्रभाव के कारण इस भाव से जुड़े जातक अशुभ और असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। अगर इस भाव में शुक्र के गोचर के अनुकूल प्रभाव की बात करें, तो आपको कुछ लाभ भी अवश्य प्राप्त होंगे। जैसे अपने आसपास और करीबियाें के बीच आपकी प्रतिष्ठा बढ़ सकती है, जिससे आपको प्रसिद्धि मिल सकती है और शत्रुओं की संख्या में कमी आ सकती है। ये सब बातें आपके समय में अच्छे परिवर्तन की ओर इशारा कर रही हैं।

उपाय:

  • शुक्र मंत्र का नियमित 108 बार जाप करें।

अष्टम भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

अष्टम भाव में शुक्र गोचर जातक के जीवन में अनुकूल समय ला रहा है। जो लोग इस समय अवधि में अपने लिए घर या संपत्ति खरीदने की सोच रहे हैं, उनके लिए यह समय अच्छा रहेगा। साथ ही आपको कुछ अन्य लाभ भी मिल सकते हैं। शुक्र गोचर के ये 23 दिन आपके जीवन में शांति और खुशियां लेकर आएंगे। जो लोग लंबे समय से संपत्ति खरीदने की सोच रहे हैं, उनका यह सपना इस समय अवधि में पूरा हो जाएगा।

यही नहीं, जो लोग भौतिक सुख का आनंद लेना चाहते हैं, वे ऐसा करने में सफल होंगे। एक समृद्ध जीवन व्यतीत करेंगे। इस दौरान मजबूत और लंबे रिश्ते की शुरुआत होगी। प्रेम स्वीकारोक्ति होगी और बहुत सी बातें पक्ष में होंगी। शुक्र का यह गोचर जातक के जीवन में धन, सफलता और समृद्धि लाएगा।

उपाय:

  • किसी नदी में सफेद फूल प्रवाहित करें और शुक्र मंत्र का जाप करें।

नवम भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

चंद्रमा से नौवें भाव में शुक्र का गोचर जातक के जीवन में खुशियां लेकर आएगा। इस समयवधि में न सिर्फ जातक को यात्रा के अवसर मिलेंगे बल्कि उनकी खुद यात्रा करने की प्रबल इच्छा होगी। इस गोचर के प्रभाव से लोगों का भाग्य सक्रिय होगा। यह समय जातक को दूसरों के प्रति आकर्षित भी करेगा। खासकर प्रेम संबंध में ऐसा देखने को मिलेगा। कुछ लोग विभिन्न धर्मों या समुदायों के विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होंगे।

शुक्र गोचर के दौरान जातक खुद पर विशेष ध्यान देगा। उनका पहनावा पहले की तुलना में बेहतर होगा। इसके अतिरिक्त इस समयवधि के दौरान परिवार के सदस्यों और अन्य ज्ञात लोगों के साथ संबंध बेहतर होंगे। कुछ लोग अध्यात्म की ओर भी आकर्षित होंगे। इस वजह से वे मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए जाएंगे। नवम भाव में शुक्र गोचर के दौरान जातक शांतिपूर्ण मन से अपने समय का आनंद उठा सकते हैं।

उपाय:

  • जानवरों को खाना खिलाएं और कपूर का दीपक जलाएं।

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दसवें भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

दशम भाव में शुक्र का गोचर अनुकूल नहीं है। शुक्र का गोचर दसवें भाव में प्रतिकूल रहेगा। इस समय जातक का भाग्य साथ नहीं देगा। यहां तक कि उसके अपने निजी परिवारों, साथी के साथ विवाद की स्थिति बन सकती है। चूंकि यह समय सही नहीं है, ऐसे में जातक को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखने की कोशिश करनी होगी। अगर ऐसा न किया जाए, तो छोटी-सी बात भी परेशान कर सकती है।

अपनों के साथ रिश्ते में आई खटास की वजह से मानसिक और शारीरिक अशांति बनी रहेगी। जातक की समस्याओं का यहीं अंत नहीं होगा। खर्चों में अतिरिक्त इजाफा हो सकता है। यहां तक कि जातक को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी को चलाने के लिए दूसरों से कर्ज तक लेना पड़ सकता है। प्रतिकूल समय आपके जीवन में दुश्मनों की संख्या बढ़ा सकता है। इस समयवधि में आप खुद को संभाले, शब्दों का सोच-समझकर उपयोग करें और कोई भी महंगी वस्तु खरीदने से बचें।

उपाय:

  • शुक्र ग्रह से संबंधित चांदी और रत्नों के आभूषण धारण करना शुरू कर दें। हालांकि, किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए किसी ज्योतिषी से सलाह लें।

11वें भाव में शुक्र गोचर का प्रभाव

यदि कुंडली में शुक्र का गोचर 11वें भाव में हो तो जातक को धन, समृद्धि, स्थिरता और शक्ति की प्राप्ति होती है। इस भाव में शुक्र आर्थिक लाभ और स्थिरता लेकर आता है। इसका प्रभाव धन, सफलता और लोकप्रियता को आकर्षित करेगा। यही नहीं, आपके रिश्तों में सुधार होगा और जितनी भी वित्तीय समस्याएं अब तक आपके जीवन में आई हैं, उनका सबका हल होगा।

इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 11वें भाव में शुक्र का गोचर जातक के जीवन में अनुकूल समय लेकर आएगा। इस समयवधि में आपकी समाज और करीबियों के बीच लोकप्रियता बढ़ेगी। संपत्ति खरीदने की संभावना भी बन रही है। इसके साथ ही शुक्र के सकारात्मक प्रभाव से लोगों को व्यापार या संपत्ति से कुछ आर्थिक लाभ भी मिल सकते हैं।

उपाय:

  • जरूरतमंद लोगों को सफेद भोजन जैसे चावल और दूध दान करने का प्रयास करें।

12वें भाव में शुक्र का प्रभाव

जब आपकी कुंडली के बारहवें भाव में शुक्र का गोचर होगा, तो आपको कुछ मिले-जुले प्रभाव देखने को मिलेंगे यानी सकारात्मक भी और नकारात्मक भी। पहले सकारात्मक प्रभाव की बात करते हैं। इस दौरान जातक की आय में वृद्धि होगी। कहीं न कहीं से धन का आगमन होगा। चूंकि प्रतिकूल प्रभाव की छाया आप पर बनी रहेगी, इसिलए जैसे ही आप धन अर्जित करेंगे, न चाहते हुए भी वह धन खर्च भी हो जाएगा। गोचर काल ​​में आप जो भी धन अर्जित करेंगे, वह अधिक समय आपके पास नहीं टिका रहेगा।

इसलिए आपको अपने खर्च में सावधानी बरतने की जरूरत है। जो आपके लिए आवश्यक न हो, उसे न खरीदें। जो पैसा अर्जित किया है, उसे सेव करने की कोशिश करें ताकि वह आपके आड़े वक्त काम आ सके। इसके अलावा, कुछ लोगों के लिए यह समय इसलिए अच्छा रहेगा, क्योंकि वे किसी रिश्ते में बंध सकते हैं। आप या तो किसी के साथ नए संबंध में आ सकते हैं और अगर पहले से ही आप किसी के साथ संबंध में हैं, तो उसे एक चरण आगे ले जा सकते हैं। मतलब यह है कि आपकी अपने प्रेमी या प्रेमिका के साथ शादी के योग बन रहे हैं। यह आपके लिए अच्छी खबर है। लेकिन 12वें भाव में शुक्र गोचर के दौरान जातकों को धन का निवेश नहीं करना चाहिए। यह समय आपके नुकसान की ओर इशारा कर रहा है। इसी तरह कोई बड़ी चीज खरीदने, निवेश करने से भी बचें।

उपाय:

  • सफेद अन्न और वस्त्र का दान करें।
  • ज्योतिषी द्वारा सुझाए गए चांदी के आभूषण या रत्न पहनें।

Shukra Gochar 2023: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शुक्र के गोचर का सिंह राशि पर क्या प्रभाव पड़ता है?

सिंह राशि में गोचर करने पर शुक्र के सकारात्मक प्रभाव होते हैं। इससे जातक का करियर बेहतर होता है, उसे कई नए अवसर प्राप्त होते हैं और निरंतर विकास भी होता है। इस समय अवधि में सही करियर क्षेत्र चुनने और उसमें सफल होने की संभावना अधिक होती है। यदि कोई अपने करियर को सही दिशा देना चाहता है, तो समय अवधि इस राशि के जातक के लिए अनुकूल है।

ज्योतिष में शुक्र ग्रह का क्या महत्व है?

शुक्र एक तेज गति वाला ग्रह है, जिसका बहुत महत्व है। शुक्र व्यक्ति के व्यक्तित्व, पसंद और कौशल को दर्शाता है। इसमें आभूषण, सुगंध, विलासिता और सुंदरता को भी दर्शाया जाता है।

क्या होता है जब शुक्र वृषभ राशि में होता है?

जब शुक्र वृषभ राशि में गोचर करता है, तो यह परंपराओं, तंत्र, शक्ति, सुरक्षा और उत्पादकता को दर्शाता है। लोगों को पारिवारिक जीवन में आर्थिक लाभ, सुख और स्थिरता मिलती है। इस समय अवधि में जातक के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

शुक्र गोचर क्यों महत्वपूर्ण है?

1761 में शुक्र का पारगमन खगोल विज्ञान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था। यह पहली बार था जब खगोलविदों को सौर मंडल के आकार को सटीक रूप से मापने का अवसर मिला था।

शुक्र गोचर कैसा दिखता है?

सूर्य के पार शुक्र का गोचर तब होता है, जब शुक्र ग्रह सीधे सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। इसे सूर्य के मुख पर एक छोटी काली बिंदी के रूप में देखा जा सकता है। गोचर यानी ट्रांजिट के दौरान शुक्र का लगभग 58 आर्कसेकंड का एक स्पष्ट व्यास था, जो कि सूर्य के स्पष्ट व्यास का लगभग 3% है।

शुक्र किस रंग का है?

एक दूरबीन के माध्यम से देखा गया, शुक्र एक शानदार पीले-सफेद, अनिवार्य रूप से सुविधाहीन चेहरे को पर्यवेक्षक के सामने प्रस्तुत करता है। इसकी अस्पष्ट उपस्थिति ग्रह की सतह के बादलों के निरंतर और स्थायी आवरण द्वारा दृष्टि से छिपी होने के परिणामस्वरूप होती है।

ज्योतिष अनुसार शुक्र गोचर क्या है?

शुक्र गोचर एक ऐसी घटना है, जिसमें शुक्र ग्रह सूर्य के सामने से एक छोटी छाया की तरह गुजरती है। गोचर को (उचित सुरक्षा के साथ!) बिना सहायता प्राप्त आंख से देखा जा सकता है और यह एक चलती धूप के धब्बे जैसा दिखता है।

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