Dhanteras 2023: धनतेरस 2023 पर घर लाएं ये चीजें, मिलेगा आर्थिक लाभ

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हिंदू पंचांग में धनतेरस का दिन बेहद ही शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कुबेर की पूजा करने से जातक को  धन और समृद्धि प्राप्त होती हैं। यह कार्तिक महीने के तेरहवें दिन पड़ता है और पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धनतेरस अनुष्ठान करने और आर्थिक समृद्धि का आशीर्वाद लेने के लिए एक अत्यधिक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इसके अलावा, कई लोग इस दिन लक्ष्मी पूजा करते हैं, दीये जलाते हैं और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में सोने या चांदी की वस्तुएं खरीदते हैं। ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के अनुसार, धनतेरस 2023 पर ग्रहों की स्थिति लंबी अवधि की वित्तीय योजनाओं और संपत्ति की खरीदारी के लिए अनुकूल समय का सुझाव देती है।

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धनतेरस 2023: तिथि और समय

इस बार लोग 10 नवंबर 2023, शुक्रवार को धनतेरस का त्यौहार मनाएंगे, जिसे दीवाली की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस पूजा करने का शुभ मुहूर्त, शाम 06:19 बजे से रात 08:23 बजे तक रहेगा और इस पूजा मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 04 मिनट की होगी।

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धनतेरस 2023ः सोना और चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त

धनतेरस के समय सोना और चांदी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह समृद्धि और सौभाग्य लाता है। इसके अतिरिक्त, ज्योतिषियों का मानना है कि धनतेरस के दौरान ग्रहों की स्थिति किसी व्यक्ति की वित्तीय सफलता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। इसलिए लाभ को अधिकतम करने के लिए सोना और चांदी खरीदने का सही समय चुनना आवश्यक है।

ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के अनुसार, धनतेरस 2023 के दौरान सोना और चांदी खरीदने का सबसे अनुकूल समय 10 नवंबर, 2023 को दोपहर 02:35 बजे से 11 नवंबर, 2023 को सुबह 06:40 बजे है। लोग प्रदोष काल की अवधि को अत्यधिक शुभ मानते हैं, क्योंकि किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए यह सबसे अच्छा समय माना जाता है। हालांकि, यदि आप इस समय के दौरान सोना या चांदी नहीं खरीद पाएं हैं, तो भी आप 11 नवंबर, 2023 को सुबह 06:40 बजे से दोपहर 01:57 बजे के बीच सोना और चांदी खरीद सकते हैं।

लोग इस अवधि को कीमती धातु खरीदने के लिए भी अच्छा मानते हैं, जिसे द्वितीया तिथि के नाम से जाना जाता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि धनतेरस के दौरान सोना और चांदी खरीदने का समय एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होता है। इसलिए किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श करना आवश्यक है, जो आपको आपके स्थान के आधार पर सटीक समय प्रदान कर सके। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दौरान सोने और चांदी के सिक्के, गहने और बर्तन खरीदने से समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। धन और समृद्धि की देवी, माता लक्ष्मी का आशीर्वाद लेने के लिए कीमती धातुओं को खरीदने से पहले एक छोटी पूजा करने की सलाह दी जाती है।

धनतेरस पर भगवान कुबेर की इस तरह करें पूजा

भारत में धनतेरस को दिवाली के त्यौहार की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। साथ ही धन और भौतिक संपत्ति के देवता भगवान कुबेर की इस दिन पूजा की जाती है। धनतेरस 2023 पर भगवान कुबेर की पूजा करने की विधि इस प्रकार हैः

  • किसी भी पूजा को शुरू करने से पहले अपने घर को अच्छी तरह से साफ करना जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि धन की देवी मां लक्ष्मी साफ-सुथरे घरों में ही प्रवेश करती हैं। इसलिए धन की देवी और भगवान कुबेर को आमंत्रित करने के लिए अपने घर की साफ-सफाई करें, उसे रंगोली और फूलों से सजाएं।
  • इसके बाद एक पूजा की थाली लें और उस पर कुछ चावल के दाने, रोली, फूल, एक दीया और कुछ सिक्के रखें। सभी पूजा सामग्री को एकत्रित कर लें।
  • इसके बाद भगवान कुबेर की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक जलाएं और भगवान कुबेर के इस मंत्र”ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं कुबेराय नमः।” का जप करें। कुबेर जी की कृपा पाने के लिए आप इस मंत्र का 108 बार जाप भी कर सकते हैं।
  • भगवान कुबेर की मूर्ति या फोटो पर फूल और चावल के दाने चढ़ाएं। यह सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
  • पूजा के बाद कुबेर जी को प्रसाद के रूप में मिठाई और फल का भोग लगाएं। आप परिवार के सदस्यों और दोस्तों के बीच प्रसाद को वितरित कर सकते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर दान करने से सुख-समृद्धि आती है। इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कुबेर का आशीर्वाद पाने के लिए जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करना चाहिए।

धनतेरस से जुड़ी पवित्र कथा 

पुरानी कथा के अनुसार एक गांव में धनीराम नाम का एक धनी व्यापारी रहता था। वह अपनी अपार संपत्ति, सोने और कीमती रत्नों के प्रति अपने प्रेम के लिए पूरे गांव में मशहूर था। वह हर साल धनतेरस का त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाता था और दूर-दूर से लोग इस भव्य त्यौहार को देखने के लिए धनीराम के गांव में आते थे।

एक बार जैसे ही धनतेरस की तिथि निकट आयी, धनीराम ने हमेशा की तरह उत्सव की तैयारी शुरू कर दी। उसने अपने घर को रोशनी और फूलों से सजाया और उसके नौकर उसके कीमती सोने और चाँदी के सामान को दिखाने के लिए ले आएं। हालांकि, इस साल धनीराम को लगा कि कुछ कमी रह गई है। अपनी अपार संपत्ति के बावजूद भी वह संतुष्ट नहीं था। एक दिन, धनीराम ने गांव में एक संत के बारे में सुना जो आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए जाने जाते थे और उसने उनकी सलाह लेने का फैसला किया। संत ने धनीराम को धनतेरस पर अपनी कुछ संपत्ति गरीबों और जरूरतमंदों को देने की सलाह दी। धनीराम पहले तो हिचकिचाया। लेकिन संत ने उसे समझाया कि सच्चा सुख और संतोष देने से मिलता है, केवल लेने से नहीं।

धनीराम ने संत की सलाह का पालन किया और धनतेरस पर अपनी कुछ संपत्ति का दान करने का फैसला किया। उसने गरीबों और जरूरतमंदों को कपड़े, भोजन और पैसे बांटे। जिसके बाद उसने संतुष्टि का अनुभव किया, उसे ऐसा पहले कभी भी महसूस नहीं हुआ था। 

उसी दिन से धनीराम ने हर साल धनतेरस पर दान करना शुरू कर दिया। उसने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी यहीं सलाह दी। धनतेरस न केवल धन का उत्सव है बल्कि देने और करुणा का उत्सव भी माना जाता है।

धनतेरस पर यम दीप का महत्व 

भारत में धनतेरस का त्यौहार बेहद ही शुभ माना जाता है और यह नई वस्तुओं को खरीदने और नए उद्यम शुरू करने के लिए भी शुभ दिन होता है। हालांकि, धनतेरस को यमराज और देवी धन्वंतरि की पूजा से भी जोड़ा जाता है। धनतेरस से जुड़े रीति-रिवाजों में से एक है यमदेव के नाम का दीपक जलाना है। यमदेव के नाम पर दीपक जलाना क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है, इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं:

  • अकाल मृत्यु: यमराज को मृत्यु का देवता माना जाता है और कहा जाता है कि धनतेरस के दिन उनके नाम का दीपक जलाने से व्यक्ति अकाल मृत्यु से बच सकता है। 
  • जीवन और मृत्यु का चक्र: धनतेरस के दिन यमदेवता के नाम का दीपक जलाने से जातक को जीवन और मृत्यु के चक्र से छुटकारा मिलता है। 
  • सकारात्मकता और सौभाग्य: धनतेरस के दिन यमदेवता के नाम का दीपक जलाना सकारात्मक माना जाता है और कहा जाता है कि यह जातक के जीवन में सौभाग्य लाता है। यमदेव के नाम का दीपक जलाकर व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि को आकर्षित कर सकता हैं।
  • पूर्वजों का सम्मान: धनतेरस के दिन दीपक जलाना पूर्वजों के सम्मान का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति के पूर्वज यमराज के राज्य में निवास करते हैं और उनके नाम का दीपक जलाकर जातक उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं।
  • आध्यात्मिक विकास: यमदेव के नाम का दीपक जलाने से जातक का आध्यात्मिक विकास होता है। यमराज का आशीर्वाद प्राप्त करके मनुष्य आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर सकता हैं और अपनी आध्यात्मिक यात्रा में प्रगति कर सकता हैं।

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धन संपदा के लिए धनतेरस पर घर लाएं ये चीजें

धनतेरस भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण और शुभ त्यौहार है और इसे नई वस्तुओं को खरीदने और नए उद्यम शुरू करने के लिए अधिक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह दिन भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा से जुड़ा है, जो धन और समृद्धि के देवता हैं। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर कुछ चीजें खरीदने से सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है। यहां कुछ चीजें दी गई हैं, जिन्हें आप धनतेरस 2023 पर अपने घर ला सकते है:

  • सोना और चांदी: धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना और चांदी खरीदने से घर में सौभाग्य, धन और समृद्धि आती है।
  • बर्तन: धनतेरस पर नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बर्तन खरीदने से घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है।
  • रत्न: कीमती रत्न जैसे पन्ना, हीरे और माणिक को धनतेरस पर खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि रत्न खरीदने से जातक को जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और सफलता प्राप्त हो सकती है।
  • झाडूः धनतेरस के दिन नई झाडू खरीदना बेहद ही शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि नई झाडू खरीदने से घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है।

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Posted On - May 10, 2023 | Posted By - Jyoti | Read By -

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