इन कारणों से बनता है कुंडली में गंडमूल दोष, जानें इससे बचने के अचूक उपाय

कुंडली में गंडमूल दोष

ज्योतिष शास्त्र में गंडमूल दोष एक अमंगल योग होता है, जो किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में प्रभावी होता है। यह दोष गंडमूल नक्षत्र के उपस्थिति के कारण बनता है, जो कि विषम जीवन स्थितियों, तनाव और स्वास्थ्य की बाधा का संकेत देता है। इस दोष से जो व्यक्ति प्रभावित होता है, उसे अस्थिर मानसिक स्वभाव, आर्थिक तंगी, सम्पत्ति की हानि, विवाहित जीवन में समस्याएं और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दोष के प्रभाव को कम करने के उपाय भी बताए गए हैं।

यह भी पढ़ें- विवाह शुभ मुहूर्त 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार 2024 में शादी के शुभ मुहूर्त और तिथियां

गंडमूल नक्षत्र में जन्मा बालक कैसा होता हैं?

ज्योतिष अनुसार, गंडमूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले बालक का स्वभाव विवेकी, समझदार और उदार होता हैं। ऐसे लोग दूसरों की मदद करने में खुशी महसूस करते हैं और सभी के साथ खुशहाली का माहौल बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। इन बच्चों में दूसरों को आकर्षित करने की विशेष शक्ति होती है और वे समाज के अन्य लोगों के साथ आसानी से संबंध बनाते हैं।

इस नक्षत्र के जातक विचारशील होते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान खुद तलाशने में विश्वास करते हैं। इन बच्चों का मन बहुत उत्साही होता है और वे विभिन्न क्षेत्रों में अपने कौशलों का उपयोग करना पसंद करते हैं।

इन बच्चों को शिक्षा में अधिक दिलचस्पी होती है और वे विभिन्न विषयों में उन्नति करते हैं। वे अपनी कार्यशीलता और आवेगशीलता के लिए जाने जाते हैं। इन बच्चों को अपनी योजनाओं को सफल बनाने के लिए समय के साथ अपने उद्देश्यों के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। इन लोगों का व्यवहार सीधा और स्पष्ट होता है। वे खुले विचारों वाले होते हैं और बोलचाल के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इन लोगों की सोच भी सीधी और स्पष्ट होती है और वे अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी मेहनत करते हैं।

ये लोग अपने स्वास्थ्य का भी अधिक ध्यान रखते हैं। साथ ही बाकी लोग इनके ऊपर अधिक विश्वास करते हैं, क्योंकि ये काफी समझदार जातक होते हैं और अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए समझदारी से निर्णय लेते हैं।

जातक की कुंडली में कैसे बनता है गंडमूल दोष?

ज्योतिष शास्त्र में, गंडमूल एक अशुभ दोष है, जो जातक की कुंडली में ग्रह, भावों और नक्षत्र के कारण बनता है। यह दोष जातक के जीवन में कई समस्याओं का कारण बनता है जैसे कि स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, परिवार, आर्थिक स्थिति, संघर्ष आदि। गंडमूल दोष की वजह से जातक का जीवन कठिन अनुभवों से भरा जाता है और उन्हें असंतुलित महसूस कराता है।

इसके अलावा, यह दोष केवल लग्न और चन्द्रमा के बीच राशि में स्थित ग्रह के कारण बनता हैं। इस स्थिति में लग्न राशि के साथ-साथ चन्द्रमा राशि भी दोषग्रस्त हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे गंडमूल योग कहा जाता है। इस योग के कारण जातक को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

ज्योतिष में गंडमूल दोष से बचने के लिए कई उपाय भी मौजूद हैं, जिन्हें अपनाकर जातक इस दोष से राहत पा सकते हैं। कुंडली में इस दोष से प्रभावित जातक को ध्यान देना चाहिए कि वह शनि के उपाय अवश्य करें। साथ ही कुंडली में गंडमूल दोष एक अशुभ योग होता है, जो जातक की जन्म कुंडली में फल देता है। इस दोष को बनाने वाले प्रमुख ग्रह होते हैं, जिनमें से शनि सबसे महत्वपूर्ण होता है।

गंडमूल दोष के बनने के पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे कि:

  • शनि का संयोग: शनि जब कुंडली में दोषग्रस्त ग्रहों के साथ संयोग बनाता है, तो यह दोष बनता है।
  • शनि की स्थिति: शनि की उच्च या नीच स्थिति भी गंडमूल दोष को बनाने में जिम्मेदार होती है।
  • दोषग्रस्त भाव: शनि जब कुंडली में दोषग्रस्त भाव में स्थित होता है, तो यह दोष बनता है।
  • दोषग्रस्त नक्षत्र: शनि कुंडली में दोषग्रस्त नक्षत्रों के साथ संयोग बनाता है, तो गंडमूल दोष बनता है।

यह भी पढ़ें- ज्योतिष अनुसार जानें जन्म कुंडली में शनि कब शुभ होता है?

गंडमूल दोष का व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव

इस दोष का जातक के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव होता है। इस दोष के प्रभाव से जातक की आर्थिक, सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में कई समस्याएं होती हैं। इनमें से कुछ मुख्य समस्याएं निम्नलिखित हैं:

  • आर्थिक संकट: गंडमूल दोष वाले व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में बार-बार संकट आते हैं। ऐसे व्यक्ति का धन संबंधी समस्याओं से निपटना बहुत मुश्किल होता है।
  • काम में समस्याएं: गंडमूल दोष वाले व्यक्ति को काम में समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। साथ ही उन्हें काम में असफलता मिलती है और उन्हें उचित सम्मान भी नहीं मिलता है।
  • स्वास्थ्य समस्याएं: इस दोष वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं  होती हैं। वे अक्सर शारीरिक रूप से कमजोर रहते हैं और बीमारियों का सामना करते रहते है।
  • संबंधों में समस्याएं: इस दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में संबंधों से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

ज्योतिष शास्त्र में गंडमूल दोष एक अशुभ दोष माना जाता है, जिसके कारण जातक के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं होती हैं। इस दोष के जातक अपने जीवन में कई प्रकार की समस्याओं से गुजरते हैं। इस दोष से प्रभावित लोगों को जीवन में आर्थिक, स्वास्थ्य, संबंधों और करियर से जुड़ी समस्याएं होती हैं।

इसके अलावा, गंडमूल दोष से पीड़ित जातक को अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य, करियर, संबंधों और धन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दोष के कारण जातक को नुकसान होता है, जो उनके भविष्य में उनके लिए बड़ी समस्याओं का कारण बनता है। इसके अलावा, इस दोष से पीड़ित जातकों को अक्सर नींद नहीं आती और उन्हें निश्चित समय पर कठिनाई से निपटना पड़ता है।

यह भी पढ़ें- कुंडली अनुसार जानें क्या समान राशि वाले लोगों का विवाह संभव हैं?

गंंडमूल दोष निवारण पूजा करने के फायदे

ज्योतिष में, इस दोष के निवारण की पूजा करने से जातक को कई फायदे हो सकते हैं। यह पूजा शनि देव को समर्पित होती है और शनि देव की कृपा से इस दोष से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।

गंडमूल दोष निवारण पूजा से जातक को निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं:

  • इस पूजा के कारण जातक को जीवन में शांति और सुख प्राप्त होते हैं।
  • इस पूजा से गंडमूल दोष के कारण उत्पन्न होने वाली धन, स्वास्थ्य, परिवार और व्यवसाय से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता हैं।
  • गंडमूल दोष निवारण पूजा से व्यक्ति को धैर्य, सहनशक्ति और संतुलन का अनुभव होता हैं।
  • यह पूजा व्यक्ति को शनि देव की कृपा प्राप्त करने में मदद करती है और उनके क्रोध से बचाती है।
  • इस पूजा से जातक को दुष्ट ग्रहों और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है, जो उनके जीवन को प्रभावित करती हैं।

यह भी पढ़ें: जानें कुंंडली में किस योग के बनने से जातक के जीवन में आता है धन

इस अशुभ दोष से बचने के ज्योतिषय उपाय

गंडमूल दोष से बचने के कुछ ज्योतिषीय उपाय हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • मंत्र जाप: अगर आपकी कुंडली में गंडमूल दोष है, तो आप शुभ मंत्रों का जाप कर सकते हैं। शनि मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र और नवग्रह मंत्र आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।
  • दान: दान करने से इस दोष का प्रभाव कम हो सकता है। शनि की उपासना करने वालों को अनाज, तिल, उड़द, राजमा आदि दान करना चाहिए।
  • रत्न: शनि के उपाय के लिए, नीलम रत्न धारण किया जा सकता है। इसके अलावा, गोमेद और लहसुनिया रत्न भी धारण किए जा सकते हैं।
  • व्रत और पूजा: शनि की पूजा और शनिवार के व्रत करने से गंडमूल दोष से बचा जा सकता है।

अधिक के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना साप्ताहिक राशिफल पढ़ें।

 10,799 

Posted On - April 17, 2023 | Posted By - Jyoti | Read By -

 10,799 

क्या आप एक दूसरे के लिए अनुकूल हैं ?

अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें

आपकी राशि
साथी की राशि

अधिक व्यक्तिगत विस्तृत भविष्यवाणियों के लिए कॉल या चैट पर ज्योतिषी से जुड़ें।

Our Astrologers

21,000+ Best Astrologers from India for Online Consultation