Kartik Amavasya 2023: जानें कार्तिक अमावस्या 2023 की तिथि, पूजा विधि और उपाय
हिंदू पंचांग में कार्तिक अमावस्या एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, जो कार्तिक महीने की अमावस्या को आता है। यह आध्यात्मिक गतिविधियों को करने के लिए एक शुभ दिन माना जाता है, विशेष रूप से भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा और अनुष्ठान करने के लिए यह दिन बेहद ही खास होता है। इस दिन भक्त नदियों में स्नान करने के बाद भगवान की पूजा करते हैं और अपने परिवारों के लिए आशीर्वाद लेने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप करते हैं। इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, जिस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। जानिए कार्तिक अमावस्या 2023 का शुभ मुहूर्त और इस दिन दीपक जलाने का क्या महत्व होता है।
कार्तिक अमावस्या 2023: तिथि और शुभ मुहूर्त
इस बार कार्तिक अमावस्या 2023 में 13 नवंबर को भक्ति भाव से मनाई जाएगी। साथ ही अमावस्या तिथि 12 नवंबर, 2023 को 14:46 पर शुरू होगी और 13 नवंबर को 14:58 पर समाप्त होगी।
यहां कार्तिक अमावस्या 2023 पर पूजा अनुष्ठान कैसे करना चाहिए इसके बारे में बताया गया है:
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। पूजा के लिए साफ कपड़े पहनकर किसी साफ और शांत जगह पर बैठ जाएं।
इसके बाद आप जिस देवता की पूजा करना चाहते हैं, उनके सामने दीपक जलाएं। आप इस दिन भगवान शिव या भगवान विष्णु की पूजा भी कर सकते हैं।
फिर प्रभु को फूल, फल, मिठाई और अन्य प्रसाद चढ़ाएं। आप भगवान को दूध, शहद और अन्य वस्तुएं भी अर्पित कर सकते हैं।
इसके बाद भगवान के मंत्रों का पाठ करें। यदि आप भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं, तो आप “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप कर सकते है। अगर आप भगवान विष्णु की पूजा कर रहे हैं, तो “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप कर सकते है।
पूजा के दौरान धूप और अगरबत्ती जलाएं। यह एक सुखद और शांतिपूर्ण वातावरण बनाने में मदद करते हैं।
इसके बाद भगवान की आरती करें। आप देवता को प्रसन्न करने के लिए भजन या भक्ति गीत भी गा सकते हैं।
किसी पुजारी या जरूरतमंद व्यक्ति को दक्षिणा (दान) दें। इस दिन यह एक पुण्य कार्य माना जाता है।
भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करके, अपने परिवार और प्रियजनों की भलाई के लिए प्रार्थना करके पूजा का समापन करें।
अंत में, पूजा में उपस्थित सभी लोगों को प्रसाद जरूर दें।
कार्तिक अमावस्या महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है, जो कार्तिक के पवित्र महीने की शुरुआत का प्रतीक है। साथ ही आध्यात्मिक गतिविधियों और तपस्या करने के लिए यह समय अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस महीने के दौरान अच्छे कर्म करने से भगवान का आशीर्वाद और पुण्य प्राप्त हो सकता है।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना जातक के लिए लाभदायक माना जाता है, विशेष रूप से शालिग्राम के रूप में, जो अत्यधिक पवित्र है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, भगवान गणेश जी की प्रार्थना करते हैं और उनसे आशीर्वाद पाने के लिए उपवास भी करते हैं।
ज्योतिषीय रूप से, कार्तिक अमावस्या पूर्वजों के तुष्टीकरण के लिए प्रार्थना करने और अनुष्ठान करने का एक शुभ समय है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन पूर्वज अपने वंशजों से मिलने जाते हैं। इस प्रकार, विशेष पूजा और तर्पण अनुष्ठान करने से उन्हें शांति मिलती है।
इसके अलावा, इस दिन नए उद्यम शुरू करने, ध्यान और योग जैसे आध्यात्मिक गतिविधियों को करने के लिए कार्तिक अमावस्या का दिन शुभ माना जाता है। अमावस्या की ऊर्जा पूर्वजों के आशीर्वाद के साथ मिलकर आध्यात्मिक विकास के लिए एक शक्तिशाली वातावरण बना सकती है।
इसके अतिरिक्त, कार्तिक अमावस्या का भगवान विष्णु के साथ एक विशेष संबंध है, जिनकी इस दिन लोग बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए विशेष पूजा करते हैं।
कार्तिक अमावस्या के दिन दीपक जलाने का महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक अमावस्या एक महत्वपूर्ण दिन है। माना जाता है कि इस दिन दीपक जलाने का विशेष आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व होता है। कार्तिक अमावस्या पर दीपक जलाना क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है, इसके कुछ कारण यहां दिए गए हैं:
अंधकारः कार्तिक अमावस्या पर दीपक जलाने से अंधकार दूर होता है और जीवन में उजाला आता है। दीपक ज्ञान का प्रतीक है और इसे जलाने से अज्ञानता और अंधकार को दूर करने में मदद मिलती है।
देवताओं का सम्मान: कार्तिक अमावस्या पर दीपक जलाना देवताओं का सम्मान करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि दीपक की लौ देवताओं की दिव्य उपस्थिति का प्रतिनिधित्व करती है और इसे जलाने से जातक के घर और जीवन में भगवान की उपस्थिति को दर्शाया जाता है।
पितर: ऐसा माना जाता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन दीपक जलाने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दीपक दिव्य प्रकाश का प्रतिनिधित्व करता है, जो दिवंगत की आत्माओं को उनके अगले गंतव्य तक ले जाता है।
पूजा: कार्तिक अमावस्या पर दीपक जलाना पूजा करने और देवताओं का आशीर्वाद लेने के लिए शुभ माना जाता है। दीपक को देवताओं की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जलाया जाता है।
वातावरणः कार्तिक अमावस्या पर दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और घर व आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। माना जाता है कि दीपक के प्रकाश का मन और शरीर पर शुद्ध प्रभाव पड़ता है और इसे नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को दूर करने में मदद मिलती है।
यहां कुछ लाल किताब उपाय दिए गए हैं, जो नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने में मदद कर सकते हैं:
अपने घर के ईशान कोण में तांबे के बर्तन में जल भरकर रखें।
आपको नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए शनिवार के दिन काले तिल का दान करना चाहिए।
कौओं को उबले हुए चावल और पानी पिलाएं।
आपको नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए।
आपको नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए चांदी का एक सिक्का हमेशा अपने पास रखना चाहिए।
सोने से पहले माथे पर केसर का तिलक लगाएं।
आपको नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए हल्दी का एक टुकड़ा अपनी जेब में रखना चाहिए।
कलाई में लाल धागा बांधें।
फिटकरी का एक टुकड़ा अपनी जेब में रखें।
प्रतिदिन हनुमान चालीसा का जाप करें।
आपको नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए अपने घर में तुलसी का पौधा जरूर रखना चाहिए।
नाग देवता को जल और दूध अर्पित करें।
अपने घर में और आसपास के वातावरण को साफ सुथरा रखें।
कार्तिक अमावस्या पर रुद्राभिषेक करने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और समृद्धि, शांति और खुशी प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
वहीं कार्तिक अमावस्या पर किसी पवित्र नदी या किसी पवित्र जल निकाय में डुबकी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, यह आत्मा को शुद्ध कर सकता है।
दान करने से नकारात्मक ऊर्जा पर काबू पाने और सकारात्मकता और खुशी प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
कार्तिक अमावस्या पर इन ज्योतिष उपायों को करने से दुष्प्रभाव को दूर किया जा सकता है। साथ ही जातक को अपने जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि प्राप्त हो सकती है।