संतान योग (santan yog) या कुंडली (kundali) में किसी बच्चे की संभावनाएं कुछ ग्रहों के साथ आने से बनती हैं। हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उन्हें अच्छा और संस्कारी बच्चा मिले जो उसके गुणों को अपनाए। कुछ लोगों की यह इच्छा समय पर पूरी हो जाती है, कुछ को जीवन भर इंतजार करना पड़ता है। जबकि कुछ को इसमें देरी का सामना करना पड़ता है।
यही नहीं, हर व्यक्ति के मन में संतान प्राप्ति से जुड़े कुछ सवाल होते हैं क्या समय पर उसको संतान होगी? संतान प्राप्ति में देरी कहीं देर तो नहीं होगी या फिर क्या उसे कभी संतान होगी ही नहीं? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए हमें किसी की कुंडली में बच्चे की संभावनाओं और बच्चों से संबंधित ग्रहों और घरों का अध्ययन करना होगा, तब जाकर हम इसके बारे में कुछ जान सकते हैं।
कई ऐसे कपल्स हैं, जो संतान न होने की स्थिति में संतान गोपाल यानी की बाल गोपाल पूजा करते हैं। यह संतान प्राप्ति का सबसे श्रेष्ठ उपाय माना जाता है। वैसे तो भगवान श्री कृष्ण जी के बचपन का रूप बाल गोपाल ही कहलाता है तो बचपन से ही काफी नटखट थे।
हर किसी को अपना बच्चा सबसे प्यारा होता है और शादी के बाद संतान सुख हर कपल के लिए सबसे बड़ा सौभाग्य माना जाता है। बता दें कि कुडंली (kundali) में पंचम भाव (fifth house) संतान से जुड़े कारक तत्वों को दर्शाते हैं। हालांकि इसके साथ ही गुरु ग्रहों को भी संतान प्राप्ति का मुख्य कारक माना गया है। साथ ही ज्योतिष अनुसार पंचमेश, पंचम भाव और गुरु क्रूर ग्रहों के दोष से प्रभावित हो जाएं तो संतान प्राप्ति में बाधाएं खड़ी होने लगती हैं। वहीं शनि, मंगल व केतु के दुष्प्रभाव से शारीरिक कष्ट होने कि भी संभावनाए हो सकती हैं।
इसी प्रकार कुंडली (kundali) में और भी अन्य कारणों से संतान सुख (santan sukh in kundali) की प्राप्ति में देरी हो सकती है। विवाह के बाद हर दंपति की इच्छा होती है कि जल्दी उनके आंगन में बच्चे की किलकारियां गूंजें। मां बनना हर स्त्री का ख्वाब होता है लेकिन कई बार उनका ये ख्वाब किसी कारणवश पूरा नहीं हो पाता। मां बनने की लालसा में स्त्रियां, दवाएं, पूजा-पाठ से लेकर तांत्रिक-टोटका जैसे कई उपचार आजमाी हैं। इसके बावजूद वे इस सुख से वंचित रह जाती हैं। सालों-साल तक कोशिश करने के बाद भी कई महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं और ये उनके लिए मानसिक तनाव और पीड़ा का मुख्य कारण बन जाता है। लेकिन निराश ना हों, आज हम आपको कुछ ऐसे अविश्वसनीय उपाय बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आपकी गोद जल्दी भर सकती है।
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देवानां च ऋषिणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः। ह्रीं गुरवे नमः। बृं बृहस्पतये नमः।
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्। सिंहिकागर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।।
केतु को शांत करने के लिए निम्न मंत्रों का जाप करें
ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः
पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्। रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्।।
भगवान की कृपा से सभी दंपति को समय के साथ संतान सुख (santan sukh) प्राप्त हो जाता है, लेकिन अगर देर होती है तो कुछ उपाय अपनाने पड़ते है, इनमें से एक उपाय बाल गोपाल (bal gopal) की पूजा भी संतान प्राप्ति के लिए एक सबसे श्रेष्ठ उपाय माना गया है। भगवान श्री कृष्ण के बचपन का रूप बाल गोपाल कहलाता है। कहते हैं कि श्री कृष्ण के इस रूप की पूजा करने से गोद जल्द भर जाती है। ये पूजा शादीशुदा जोड़ों को करनी चाहिए।
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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः
कहते हैं कि स्कन्द माता की पूजा से मातृत्व सुख प्राप्त होने की संभावना बढ़ती है। साथ ही स्कन्द माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र (mantra) का जाप करें-
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।
जो भी स्त्री गर्भधारण नहीं कर सकती या किसी कारणवश गर्भधारण करने में असमर्थ है तो उसे प्रतिदिन स्नान करके भगवान गोपाल का सहस्त्रनाम का पाठ करना चहिए, माना गया है ऐसा करने से संतान धन प्राप्त होने की संभावना बढ़ती है।
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यदि संतान सुख (santan sukh) चाहते हैं, तो गाऊ माता और उसके प्यारे से बछड़े की खूब सेवा करें। अपने खाने का आधे से ज्यादा हिस्सा गाऊ माता को खिलाएं और उससे प्रार्थना करें, जल्द ही आपको प्यारी संतान मिले। आप गाऊ माता को खिलाएं आटे की छोटी-छोटी लोई भी खिला सकते हैं। अगर आपको बच्चे की इच्छा है तो गेहूं के आटे की लोई बनाकर उसमें भीगे चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर रोज गाय को खिलाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
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पुण्य करने से सौग्भय बढ़ता तो हर महीने अपने परिवार के सदस्यों और घर में आने वाले मेहमानों की संख्या से अधिक रोटी बनाकर पशुओं को खिलाने से जल्द ही संतान की प्राप्ति होने की संभावना है। रोज अपने खाने में से तीन रोटी निकाल कर कुत्ते को खिलाएं।
अगर शादी के कई वर्षों के बाद भी अगर स्त्री गर्भवती नहीं हो पा रही है तो मदार के पौधे की जड़ शुक्रवार को उखाड़ लें और उसे स्त्री उसे अपनी की कमर से बांध लें। इससे भी गर्भधारण में मदद मिलती है।
संतान सुख पाने के लिए थोड़ी कोशिश और भक्ति दोनों करने की अवश्यकता है। माना जाता है कि पीपल पर जल चढ़ाने से भी संतान सुख प्राप्त होता है। गर्भधारण की चाह रखने वाली महिलाओं को रविवार का दिन छोड़कर अन्य सभी दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए और संतान प्राप्ति के लिए सच्चे दिल से प्रार्थना करें।
एक उपाय यह भी है कि आप पलाश या टेशू के पांच पत्तों को किसी स्त्री के दूध में पीसकर बांझ स्त्री को मासिक धर्म के चौथे दिन स्नान कराने के बाद खिलाएं जिससे उसे संतान सुख मिल सकता है।
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गुरुवार (thursday) के दिन आप भिखारियों को गुड़ दान करें या अन्य जरूरत की चीजें दान में दें। इससे भी घर में जल्दी ही खुशखबरी सुनने को मिल सकती है।
जिन शादीशुदा जोड़ो को संतान होने में विलंब हो रहा है, वे गुरुवार के दिन व्रत रखें और पीली वस्तुएं दान कर दें। इस दिन पीले वस्त्र ही पहनें और पीला खाना ही खाएं और शुद्ध मन से व्रत रखें।
अधिक जानकारी के लिए आप Astrotalk के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।
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