मेष लग्न: सुखी वैवाहिक जीवन के लिए अपनांए ये अचूक ज्योतिष उपाय

मेष लग्न

बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में लग्न काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। वही किसी जातक की जन्म कुंडली के प्रथम भाव को लग्न कहा जाता है। लग्न का प्रभाव जातक के जीवन पर विशेष रूप से पड़ता है। इसके कारण जातक को शुभ और अशुभ प्रभावों का सामना करना पड़ता है। इसी के साथ हर लग्न के लोगों की खासियत अलग-अलग होती हैं। साथ ही अलग-अलग लग्न में पैदा लोग अलग-अलग स्वभाव के होते हैं, उनमें कई कमियां और खासियत होती हैं। आज हम आपको एक ऐसी लग्न मेष लग्न के बारे में बताएंगे। ज्योतिष शास्त्र में राशियों के साथ-साथ उनकी लग्न का भी काफी महत्व होता है क्योंकि उनके आधार पर जातक के स्वभाव और उसके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों का अध्ययन किया जाता है।

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आपको बता दें कि मेष लग्न मुख्य रूप से मंगल से संबंध रखती है। वही यह अग्नि तत्व की प्रधान लग्न मानी जाती है। वही मेष लग्न के लिए मंगल, सूर्य, चंद्र, बृहस्पति ग्रह शुभ माने जाते हैं। लेकिन शुक्र और बुध इस लग्न के लिए शुभ नहीं माने जाते हैं। वही शनि ग्रह इस लग्न वालों को साधारण परिणाम देता है। जिस तरह शुभ योग जातक को शुभ परिणाम देते हैं और अशुभ योग जातक को अशुभ परिणाम देते हैं उसी तरह ज्योतिष शास्त्र में लग्न भी जातक को शुभ और अशुभ प्रभाव देते हैं। चलिए जानते हैं कि मेष लग्न वालों को वैवाहिक जीवन कैसा रहता है-

ज्योतिष शास्त्र और लग्न

आपको बता दें कि किसी जातक की जन्म कुंडली के प्रथम भाव को लग्न कहा जाता है। इसी के साथ भारतीय ज्योतिष के अनुसार लग्न उस क्षण को कहा जाता है, जिससे आत्मा जातक के शरीर में संयुक्त होती है। साथ ही जातक के जन्म से पहले शरीर पर जो राशि उदित होती है उसके कोण को लग्न कहा जाता है

ज्योतिष शास्त्र में इस लग्न का काफी महत्व होता है। क्योंकि इसी के आधार पर जातक के जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ते हैं। इस लग्न के कारण जातक को अपने जीवन में परेशानी और सुख का अनुभव करना पड़ता है। साथ ही इस लग्न के कारण जातक की स्वभाव पर भी विशेष प्रभाव पड़ता है। 

अगर किसी जातक की कुंडली में लग्न अच्छी स्थिति में होता है, तो जातक को शुभ परिणाम मिलता है। जिससे जातक समाज में मान-सम्मान और सुख-समृद्धि प्राप्त करता है। लेकिन अगर दशा सही नहीं है, तो जातक विपरीत परिणामों का सामना करना पड़ता है।

मेष लग्न का महत्व

बता दें कि मेष लग्न का संबंध मंगल ग्रह से होता है। साथ ही यह अग्नि का तत्व प्रधान लग्न माना जाता है। इस लग्न के शुभ ग्रह मंगल सूर्य, चंद्र, बृहस्पति होते हैं, इसके कारण जातक को जीवन में काफी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। वही शुक्र और बुध मेष लग्न के लिए शत्रु के समान होता है। जिसके कारण जातक को अपने जीवन में परेशानियों का अनुभव करना पड़ता हैं। लेकिन शनि इस लग्न वालों के लिए सामान्य रहता है। मेष लग्न पर शनि का प्रभाव ना ज्यादा अच्छा होता है और ना ही ज्यादा बुरा होता है। 

गृह अनुसार मेष लग्न का वैवाहिक जीवन

  • अगर किसी जातक की कुंडली में सप्तम भाव में मंगल हो और लग्न में अगर शनि हो , तो ऐसा जातक दूसरा विवाह अवश्य ही करता है।
  • लग्न में अगर शनि और चंद्रमा बैठे हो और सप्तम भाव में सूर्य हो, तो मेष लग्न वाले लोगों के वैवाहिक जीवन में कई तरह की परेशानियां उत्पन्न होती हैं।
  • साथ ही अगर द्वादश भाव में शनि हो और द्वितीय भाव में सूर्य हो और कुंडली में कहीं भी मंगल अगर निर्बल होकर बैठा हो, तो ऐसे मेष लग्न वाले लोगों का विवाह नहीं होता है।
  • साथ ही मेष लग्न की कुंडली के अंदर सप्तम भाव का शुक्र चौथे भाव में बैठा हो, तो इस भाव में शुक्र बली हो जाता है और उसके साथ गुरु उच्च का होकर हंस योग नामक राजयोग बना कर बैठा हो, मेष लग्न का वैवाहिक जीवन काफी अच्छा चलता है।

इस लग्न के लोगों का वैवाहिक जीवन कैसा रहता है

मेष लग्न के लोग अपनी काफी बड़ाई करने वाले होते हैं। जिसके कारण इन लोगों के विवाह में कई तरह की बाधा उत्पन्न हो जाती है। क्योंकि यह केवल अपने बारे में ही सोच-विचार करते हैं। अधिक पैसा होने के बावजूद भी यह लोग खुद को स्थिर करने में काफी वक्त लेते हैं, जिसके कारण इनके विवाह में कुछ परेशानियां चलती रहती हैं। मेष लग्न वाले स्वभाव से काफी ज्यादा रोमांटिक होते हैं और यह अपने रिश्ते को पूरी ईमानदारी से निभाते हैं। और अपने जीवनसाथी से बहुत अधिक प्रेम करते हैं। साथ ही मेष लग्न वाले राशि के लोग अपने साथी से भी वही प्यार पाने की कामना करते हैं, जो प्यार वह अपने साथी को देते हैं।

यह लोग स्वभाव से काफी चंचल होते हैं। मेष लग्न के जातक काफी साहसी होते हैं और अपने हर काम को बड़ी ही मेहनत से करते हैं। इसीलिए अपने वैवाहिक जीवन को निभाने में अपना 100 प्रतिशत योगदान देते हैं। और यह अपने साथी से भी यही चाहते हैं कि वह भी इस रिश्ते में अपना पूरा योगदान दें और पूरी ईमानदारी से इस रिश्तें को निभाए।

इस लग्न वालों की विशेषताएं

  • मेष लग्न वाले लोग स्वभाव से काफी साहसी आत्मविश्वास और उग्र होते हैं।
  • यह लोग हर काम को काफी अच्छे से करते है। साथ ही यह लोग काफी जिज्ञासु प्रवृत्ति के भी होते हैं।
  • इन लोगों को यात्रा, संगीत, नृत्य आदि का काफी शौक होता है। वही मेष लग्न वाले लोग तकनीकी, कानून और सेना आदि क्षेत्रों में काफी सफलता प्राप्त करते हैं। 
  • साथ ही इनका स्वास्थ्य पित्त प्रदान होता है। 
  • वही मेष लग्न वाले लोग देखने में काफी आकर्षित होते हैं और इनके चेहरे पर एक अलग-सी लालिमा छाई रहती है, जो दूसरे लोगों को इनकी तरफ आकर्षित करती है। 
  • इसी के साथ इन लोगों को यात्रा करने का काफी ज्यादा शौक होता है।

इस लग्न वालों की कमियां

  • इस लग्न के लोग आत्ममुग्ध होते हैं और यह अपनी प्रशंसा में लगे रहते हैं जिसके कारण इनके शादीशुदा जीवन में काफी समस्या आती हैं।
  • इसी के साथ इन लोगों को अपना घर बनाने में और स्थिर होने में काफी समय लगता है।
  • आमतौर पर इन लोगों की कम ही संतान होती हैं।
  • वहीं इन लोगों का तालमेल अपनी संतान के साथ अधिक नहीं होता है। 
  • साथ ही इनके शरीर पर किसी चोट या दाग धब्बों के निशान होते हैं।
  • इनके अंदर धैर्य का अभाव होता है। इन लोगों को सर दर्द और सर में चोट लगने की संभावना अधिक रहती हैं। 
  • यह लोग निर्णय लेने में बहुत अधिक जल्दबाजी करते हैं, इसीलिए यह जल्दबाजी के चक्कर में गलत निर्णय ले लेते हैं। और परेशानी का सामना करते है।                            

इस लग्न से जुड़े उपाय

  • रोज सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर सूर्य भगवान को जल देना चाहिए।
  • मेष लग्न के लोगों को गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करना चाहिए।
  • गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करने से मेष लग्न के लोगों को काफी लाभ मिलता है
  • मेष लग्न वालों को अपने बड़ों और गुरु की हमेशा बात सुननी चाहिए और उनकी सलाह लेनी चाहिए।
  • इसी के साथ किसी अनुभवी ज्योतिष की सलाह से एक माणिक्य और एक पीला पुखराज धारण करें।
  • वही मेष लग्न वालों को काले और हरे रंग से दूर रहना चाहिए।
  • साथ ही इन लोगों के लिए सफेद रंग काफी अच्छा होता है, इन्हें सफेद रंग का उपयोग करना चाहिए।
  • मेष लग्न में दांपत्य सुख का कारक ग्रह शुक्र को माना जाता है।
  • साथ ही मेष लग्न वालों की कुंडली में अगर शुक्र प्रसन्न रहेगा और सकारात्मक दिशा में रहेगा, तो जातक के वैवाहिक जीवन में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी।
  • जिस भी मेष लग्न के जातक के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ रही हैं उसे रोजाना गाए हुए पक्षियों को चावल खिलाना चाहिए।
  • साथ ही स्त्रियों को माता पार्वती को समर्पित सिंदूर अपनी मांग में लगाना चाहिए। इससे उनका दांपत्य जीवन खुशनुमा बना रहेगा और उनके जीवन में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी।

साथ ही आपको अधिक जानकारी के लिए किसी अनुभवी ज्योतिष से सलाह लेनी चाहिए।

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Posted On - March 18, 2022 | Posted By - Jyoti | Read By -

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