राशि अनुसार नाम- बच्चे का नाम रखतें समय किन बातों का रखें ध्यान?

एक व्यक्ति की पहचान उसके नाम से होती है। यदि नामकारण सही ना किया जाए, तो सुनने में तो अजीब वैसे भी लगता है, परंतु साथ ही उसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए, नामकरण करते वक्त कई बातों का खासा ख्याल रखना चाहिए। अक्सर घर में किसी बच्चे के पैदा होने पर, यह पूछा जाता है, कि उसका नाम किस अक्षर से रखें। साथ ही, कुछ लोगों को यह जानने की भी इच्छा होती है, की उनका नाम उनके लिए सही है या नहीं।

नाम रखने से जुड़ी कुछ खास बातें

  • नाम का भाग्य और भाग्य के ग्रहों से लेना-देना है। जिस दिशा में भाग्य के ग्रह सहायता करते हैं, उसी दिशा के नामों के तरह ही नामकरण किया जाता है। यदि आपका नाम, भाग्य के ग्रहों से मेल खाता है, तो आपके जीवन में सफलता और खुशी छा जाती है। लेकिन, यदि आपका नाम, ग्रहों के एकदम विपरीत है, तो जीवन में मुश्किलें आने की संभावना बढ़ जाती है।
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राशि अनुसार नाम- नामकरण के दौरान इस बात का ध्यान रखें

  • जब किसी भी व्यक्ति या बच्चे की कुंडली बनाई जाती है, तब उसके राशि का एक नाम होता है, जो कि व्यक्ति के राशि व नक्षत्रों से जुड़ा हुआ होता है। कभी भी राशि के नामों को, व्यक्ति के पुकारे जाने वाले नाम के रूप में ना रखें। राशि के नामों को ही पुकारे जाने वाले नाम के रूप में रखना, सामने वाले व्यक्ति को आपकी कमज़ोरी बता देता है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपने अपना नाम वृश्चिक रख लिया, तो हमें पता होता है, कि आपकी मानसिकता कमज़ोर है और इसलिए इस बात को आपके ख़िलाफ़ प्रयोग किया जा सकता है। इसलिए, राशि के नामों को पुकारे जाने वाले नामों के तौर पर रखने से बचें।
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इस तरह रखें नाम

  • पुकारने वाले नामों को कुंडली में सबसे मज़बूत ग्रहों के अनुसार रखें। इसका अर्थ है, कि यदि आपके कुंडली में शनि ग्रह प्रबल है, तो आप नामकरण S या G से होना चाहिए। इससे विशेष फ़ायदा हो सकता है। परंतु यदि शनि खराब है, राशि कुंभ है और नामकरण S से हुआ है, तो जीवन में कठिनाइयां उत्पन्न होंगी। इसलिए, कुंडली के मज़बूत ग्रहों के हिसाब से ही, नामकरण करने की सोचें।
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  • लोग अक्सर पूछते हैं, कि क्या नाम के अक्षर बदलने से कोई फर्क या प्रभाव पड़ता है? इसका उत्तर है, कि हां फ़ायदा होता है। परंतु यह ध्यान रखना चाहिए, कि किसी भी नाम के अक्षरों में बदलाव, 12 वर्ष की आयु से पहले ही कर दिया जाए। इससे अधिक फायदा होता है।
  • अगर आप 30 वर्ष की आयु के बाद नाम के अक्षरों में परिवर्तन लाते हैं, तो इससे खास फ़ायदा नहीं होता है।
  • यदि आपको इस आयु में नाम में बदलाव लाना ही है, तो पूरे नाम में ही परिवर्तन ले आएं। जैसे की, तरुण को अरुण कर दें। परंतु जहां बात नामों के स्पैलिंग की आती है, तो छोटे उम्र में ही उन्हें बदलने के बारे में सोचना चाहिए।
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अर्थ के अनुसार रखें नाम

  • आप जो भी नाम अपने बच्चे का रखे, उसका कोई अर्थ जरुर होना चाहिए।
  • जिन नामों के अर्थ नहीं होते या फिर जिन नामों के रूप निरर्थक होते हैं, उनका जीवन भी उसी प्रकार निरर्थक हो जाता है।
  • इस बात का ध्यान रखें कि आप जो भी नामकरण कर रहे हों, उसका कोई सुंदर अर्थ हो।
  • इसके अलावा छोटे नामों को भी कुछ खास प्रभाव डालते नहीं देखा जाता है। इसलिए यह प्रयास करें, कि नामों को बड़ा रखें।
  • साथ ही बड़े और सुंदर अर्थ वाले नामों से जीवन भी सुंदर हो जाता है। वहीं, निरर्थक नामकरण करने से जीवन भी व्यर्थ लगता है।

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Posted On - February 24, 2022 | Posted By - ShradhaTiwari | Read By -

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