Vastu tips: रसोई का वास्तु शास्त्र होता है बेहद जरुरी, जानें इससे जुड़े महत्वपूर्ण नियम

रसोई का वास्तु शास्त्र

आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में वास्तु का काफी महत्व होता है। इसीलिए घर निर्माण करवाने से लेकर घर में चीजों को किस दिशा में रखना वास्तु अनुसार करना बेहद जरूरी होता है। अगर व्यक्ति वास्तु अनुसार कार्य नहीं करता तो उसे नकारात्मक ऊर्जा और कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए वास्तु शास्त्र व्यक्ति के जीवन में काफी महत्वपूर्ण होता है। यही कारण है कि रसोई का वास्तु शास्त्र जातक के स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव डालता है।

आपको अपने घर में रसोई बनवाने से लेकर रसोई कर रंग सब कुछ वास्तु अनुसार करना चाहिए। अगर रसोई का वास्तु शास्त्र ठीक से ना किया जाए, तो जातक को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि अग्नि का हमारे स्वास्थ्य, यश और संपदा पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु में अग्नि तत्व को ठीक से संचालित होने के लिए रसोईघर का दक्षिण पूर्व आग्नेय कोण में होना अच्छा माना जाता है। चलिए जानते हैं कि वास्तु अनुसार रसोई का रंग और रसोई किस दिशा में होनी चाहिए-

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वास्तु शास्त्र का महत्व

जिस तरह किसी व्यक्ति के भविष्य या अतीत की गणना करने के लिए ज्योतिष उसकी कुंडली और ग्रह का अध्ययन करता है, उसी प्रकार जातक के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए वास्तु शास्त्र अहम भूमिका निभाता है। आपको बता दें कि अगर व्यक्ति वास्तु शास्त्र के अनुसार कार्य करता है, तो उसे अपने जीवन में परेशानियों का अनुभव नहीं करना पड़ता है।

लेकिन अगर जातक अपने जीवन में वास्तु शास्त्र के अनुसार कार्य नहीं करता है, तो उसे अपने जीवन में परेशानियों का अनुभव करना पड़ता है। साथ ही उसे सभी क्षेत्रों में और असफलता का सामना भी करना पड़ता है इसीलिए वास्तु शास्त्र जातक के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। और जातक वास्तु शास्त्र के नियमों को अपनाकर अपनी सभी परेशानियों को दूर कर सकता है। साथ ही वास्तु के नियमों के साथ अपने घर और रसोई की दिशा निर्धारित करके स्वास्थ्य और कई परेशानियों से छुटकारा पा सकता है।

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रसोई का वास्तु शास्त्र

आपको बता दें कि घर में रसोई की मुख्य भूमिका होती हैं। क्योंकि रसोई घर में पकाया गया खाना जातक के स्वास्थ्य को तनाव मुक्त रखा है। लेकिन अगर यही रसोईघर गलत दिशा में हो, तो सबसे पहले घर की महिलाओं पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और अन्य सदस्यों का भी स्वास्थ्य खराब रहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रसोई घर में पकाया गया खाना जातक के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। अगर रसोई दिशा गलत है और वास्तु अनुसार नहीं बनाई गई है, तो जातक को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि रसोईघर को बनाते समय वास्तु शास्त्र का बेहद ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि वास्तु शास्त्र के कारण जातक को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभावों का सामना करना पड़ता है।

वास्तु के नियम का उपयोग करके जातक सकारात्मक प्रभावों का अनुभव करता है। लेकिन अगर वास्तु का नियम पालन नहीं करता है, तो उसे नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ता है।

रसोई का वास्तु शास्त्र और दिशा

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर की दिशा काफी महत्वपूर्ण रखती है।
  • यही कारण है कि रसोईघर को घर के दक्षिण-पूर्व (आग्नेय-कोण )दिशा में बनाया जाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
  • इसी के साथ जिस घर में रसोई घर दक्षिण-पूर्वी (आग्रेय कोण) में नहीं होती है, तो वास्तु दोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेश जी की तस्वीर लगानी चाहिए।
  • साथ ही रसोईघर की स्लैब जिस पर चूला रखा जाता है वह आग्नेय कोण में हो, तो काफी अच्छा माना जाता है।
  • इसी के साथ रसोई का सामान रखने के लिए स्लैब, अलमारी आदि दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनाना अच्छा माना जाता है।
  • साथ ही रसोई घर में पीने का पानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
  • जिस घर में रसोई आग्रेय कोण में बनी होती है उस घर में महिलाओं की सेहत पर अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • आग्रेय कोण में बनी रसोई परिवार के सभी सदस्यों के लिए लाभदायक होती है।
  • रसोई घर में भोजन करते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • डस्टबिन को रसोई घर से बाहर ही रखना चाहिए।
  • इसी के साथ रसोई घर में झाड़ू, पोछा, सफाई का कोई सामान नही रखना चाहिए।

रसोई घर कैसा होना चाहिए

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर खुला और चकोर होना चाहिए।
  • इसका फर्श और दीवारों का रंग पीला, नारंगी या गेरुआ होना चाहिए।
  • रसोईघर को आग्रेय कोण में होना चाहिए।
  • पूर्व दिशा में खिड़की और उजालादान होना चाहिए।
  • ईशान कोण में जल का बर्तन रखने का स्थान बनाना चाहिए।
  • इसी के साथ रसोई घर में पूजा का स्थान बनाना शुभ नहीं माना जाता है।
  • साथ ही रसोई घर के पास बाथरूम में शौचालय नहीं बनाना चाहिए।
  • रसोई घर में टूटे-फूटे बर्तन, झाड़ू या सफाई का सामान नहीं रखना चाहिए।
  • इसी के साथ चूल्हे के ऊपर किसी तरह का सेल्फ नहीं होना चाहिए।

रसोई घर का रंग

जिस तरह रसोई घर में चीजों को सही दिशा में रखना बेहद जरूरी होता है। उसी तरह रसोईघर का रंग भी बेहद जरूरी होता है। आपको बता दें कि वास्तु अनुसार रसोई का रंग जातक के लिए लाभदायक होता है। इसीलिए ज्योतिष शास्त्र में रसोई का वास्तु शास्त्र महत्वपूर्ण माना जाता है।

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर में लाल रंग काफी शुभ माना जाता है।
  • ऐसा माना जाता है कि दक्षिणी दिशा वाले किचन के लिए यह रंग शुभ होता है। क्योंकि उस दिशा को अग्नि तत्व माना जाता है।
  • साथ ही अग्नि तत्व का रंग लाल होता है इसीलिए रसोई के लिए लाल रंग शुभ होता है।
  • इसी के साथ सफेद, पीला, सिल्वर, नारंगी, गुलाबी रंग भी रसोई के लिए सही माने जाते हैं।
  • रसोई घर का वास्तु शास्त्र गहरे रंग का इस्तेमाल करने के लिए मना करता है।
  • किचन के रंग के साथ उस में बने कैबिनेट के रंग का चयन यदि आप वास्तु अनुसार करें, तो यह आपके लिए लाभदायक साबित होता है।
  • साथ ही हरा और हल्का पीला रंग वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन केबिनेट के लिए उत्तम माना जाता है।
  • रसोई घर में नीले, आसमानी रंग के प्रयोग से बचना चाहिए।

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Posted On - April 1, 2022 | Posted By - Jyoti | Read By -

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