Gudi Padwa 2023: जानें गुड़ी पड़वा 2023 में कब है, इसका महत्व, पूजा विधि और संकल्प मंत्र

गुड़ी पड़वा 2023 में कब है, इसका महत्व, पूजा विधि और मंत्र

गुड़ी पड़वा वसंत के मौसम में आता है, जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र या गोवा राज्यों में मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन से मराठी नव वर्ष की शुरुआत होती है। साथ ही गुड़ी पड़वा चैत्र महीने में आता है और हिंदू चंद्र कैलेंडर के नए साल का पहला महीना माना जाता है। लूनी-सौर चैत्रदी हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह एक मराठी नव वर्ष है। चैत्रदी का अर्थ है ‘चैत्र से शुरुआत’ जो एक कैलेंडर प्रणाली को दर्शाता है और चैत्र के महीने को नए साल की शुरुआत के रुप में देखा जाता है। तिथि कैलेंडर के अनुसार गुड़ी पड़वा चैत्र शुद्ध पद्यमी पर पड़ता है, जिसका अर्थ है चैत्र के महीने में शुक्ल पक्ष का पहला दिन। आज आप इस लेख में जानेंगे कि गुड़ी पड़वा 2023 (Gudi Padwa 2023) में कब मनाया जाएगा, इसका महत्व और शुभ मुहुर्त।

गुड़ी पड़वा 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुड़ी पड़वा चैत्र महीने में चंद्रमा के उज्ज्वल चरण (शुक्ल पक्ष) के पहले दिन मनाया जाता है। यह अमावस्या के बाद शुरू होता है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह हर साल अप्रैल के मध्य में पड़ता है। बता दें कि इस साल 2023 में गुड़ी पड़वा 22 मार्च 2023, बुधवार के दिन धूम-धाम से मनाया जाएगा। 

सूर्योदय22 मार्च 2023, सुबह 06ः33 
सूर्यास्त22 मार्च 2023 शाम 06ः34
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ21 मार्च 2023 को रात 10ः53
प्रतिपदा तिथि समाप्त22 मार्च 2023 को रात 08ः21
पूजा मुहूर्त22 मार्च 2023, सुबह 06:29 से सुबह 07:39

गुड़ी पड़वा वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है और कृषक समुदाय, विशेष रूप से महाराष्ट्र और गोवा में, गुड़ी पड़वा को अपने फसल उत्सव के रूप में मनाते हैं। कई भारतीय कैलेंडर ने चित्रादि वर्ष चक्र को अपनाया है और इस प्रणाली का पालन करने वाले सभी राज्य चैत्र महीने के पहले दिन गुड़ी पड़वा मनाते हैं।

यह भी पढ़ें: जानें शीतला अष्टमी 2023 में कब है, उसका महत्व और बसौड़ा व्रत की कथा तिथि, व्रत करने के लाभ और ध्यान रखने योग्य बातें

गुड़ी पड़वा का महत्व

गुड़ी पड़वा किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण फसल कटाई के मौसम में से एक माना जाता है। यह रबी फसल के मौसम का अंत और खरीफ की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। साथ ही इस दौरान सूर्य ग्रह पहली राशि यानी मेष राशि में विराजमान होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी। इतना ही नहीं गुड़ी पड़वा के दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत भी होती है और इस दिन से 9 दिवसीय चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है। गुड़ी पड़वा के दिन गुड़ी का काफी महत्व होता है और इससे जुड़ी कई अलग-अलग मान्याएं भी होती हैं। 

मान्याओं के अनुसार पहली बार गुड़ी को तब फहराया गया जब राजा शालिवाहन ने शकों को हराया और पैठन वापस आए, क्योंकि इसे जीत का प्रतीक माना जाता है। साथ ही कुछ लोग छत्रपति शिवाजी की विजयों के उपलक्ष्य में भी गुड़ी फहराते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि भगवान ब्रह्मा ने इस दिन ब्रह्मांड का निर्माण किया था और गुड़ी को ब्रह्म ध्वज (भगवान ब्रह्मा का ध्वज) भी माना जाता है। कुछ लोग इसे इंद्रध्वज (भगवान इंद्र का ध्वज) भी मानते हैं। जहां कुछ लोगों के लिए यह बसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। वहीं कुछ लोग भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के प्रतीक के रूप में भी गुड़ी फहराते हैं।

यह भी पढ़े: होलिका दहन 2023 तिथि, होलिका दहन, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

किसानों के लिए गुड़ी

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि गुड़ी फहराने से जीवन में समृद्धि आती है और गुड़ी को कई लोग धर्मध्वज भी कहते हैं। इसके प्रत्येक भाग का एक अलग अर्थ होता है। उल्टे बर्तन के सिर और छड़ी को रीढ़ माना जाता है (जैसे बांस में रीढ़ होती है, ठीक मानव रीढ़ की तरह)। किसानों के लिए गुड़ी पड़वा को रबी फसल के मौसम के अंत और नई फसल के मौसम की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। साल भर अच्छी फसल के लिए वे इस दिन अपने खेतों की जुताई करते हैं।

गुड़ी पड़वा 2023: इस पूजन विधि से करें नया साल शुरू

  • सुबह जल्दी उठकर नित्य काम जैसे साफ-सफाई, स्नान आदि करें। अगर आप शहर में हैं, तो अपने घरों की साफ-सफाई करें। यदि आप गांवों में हैं तो अपने घर को ताजा गाय के गोबर से लीपें।
  • आप इस दिन अपने घरों में चमकीले रंगों से सुंदर रंगोली डिजाइन बना सकते हैं और घरों को ताजे फूलों से भी सजा सकते हैं।
  • गुड़ी पड़वा 2023 के आप नए और सुंदर कपड़े पहनें। आमतौर पर, मराठी महिलाएं खुद को काष्ठा या नौवारी (नौ गज की साड़ी जो पीछे की तरफ बंधी हो) से सजाती हैं और पुरुष पगड़ी के साथ कुर्ता पायजामा पहनते हैं, जो ज्यादातर केसरिया या लाल रंग का होता है।
  • गुड़ी पड़वा 2023 के अवसर पर आपको अपने घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्ते लगाने चाहिए।
  • इसके बाद घर के एक हिस्से में गुड़ी लगाएं और इसे आम के पत्ते, कपड़े आदि सजाएं।
  • गुड़ी बनाने के बाद ब्रह्मा देव की पूजा करें और उसके बाद गुड़ी फहराएं।
  • गुड़ी फहराने के बाद भगवान विष्णु की पूरी विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना करें।
  • परिवार के सभी लोग एकत्रित होकर एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई दें।

गुड़ी पड़वा का प्रसाद

प्रसाद के रूप में मीठे नीम के पत्ते खाने के बाद उत्सव शुरू होता है। आमतौर पर नीम के पत्ते, गुड़, इमली आदि का पेस्ट बनाया जाता है। माना जाता है कि यह पेस्ट खून को साफ करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। साथ ही श्रीखंड, पूरन पोली, खीर (मराठियों द्वारा शकरकंद, नारियल के दूध, गुड़, चावल के आटे आदि को मिलाकर मिठाई बनाई जाती है) और सना जैसे व्यंजन पकाए जाते हैं।

यह भी पढ़े: इस पूजा विधि से करें महाशिवरात्रि 2023 पर भगवान शिव को प्रसन्न, मिलेगा मनचाहा वरदान

गुड़ी पड़वा के दिन इन मंत्रों का करें जाप

नीचे दिए गए मंत्रों का जाप आपकी पूजा प्रक्रियाओं की प्रासंगिकता के अनुसार किया जा सकता है। कुछ लोग इस दिन उपवास रखते हैं, उनके लिए भी नीचे मंत्र दिए गए हैं:

ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः, अद्य ब्रह्मणो वयसः परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे अमुकनामसंवत्सरे चैत्रशुक्ल प्रतिपदि अमुकवासरे अमुकगोत्रः अमुकनामाऽहं प्रारभमाणस्य नववर्षस्यास्य प्रथमदिवसे विश्वसृजः श्रीब्रह्मणः प्रसादाय व्रतं करिष्ये।

प्रातः व्रत संकल्प:

ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः, अद्य ब्रह्मणो वयसः परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे अमुकनामसंवत्सरे चैत्रशुक्ल प्रतिपदि अमुकवासरे अमुकगोत्रः अमुकनामाऽहं प्रारभमाणस्य नववर्षस्यास्य प्रथमदिवसे विश्वसृजो भगवतः श्रीब्रह्मणः षोडशोपचारैः पूजनं करिष्ये।

षोडशोपचार पूजा संकल्प:

ॐ चतुर्भिर्वदनैः वेदान् चतुरो भावयन् शुभान्।

ब्रह्मा मे जगतां स्रष्टा हृदये शाश्वतं वसेत्।।

पूजा के बाद व्रत रखने वाले जातक को इस मंत्र का जाप करना चाहिए:

कैसे मनाए 2023 में गुड़ी पड़वा?

महाराष्ट्र में इस दौरान, प्रत्येक स्थानीय घर में एक पारंपरिक ‘गुड़ी’ रखी जाती है। यह एक लंबी बांस की छड़ी होती है, जिसे ब्रोकेड के काम से अलंकृत एक सुंदर हरे या पीले कपड़े से सजाया जाता है। इसके ऊपर एक उल्टा तांबे का बर्तन, कुछ नीम के पत्ते, आम के पत्ते, लाल फूल और चीनी क्रिस्टल परंपरा अनुसार रखे जाते हैं और इसे घर के दाहिनी ओर रखा जाता है। आमतौर पर गुड़ी को घर की खिड़की या छत की ऐसी जगह पर रखा जाता है, जहां से आसपास के सभी लोगों आसानी से इसे देख सकें। ऐसा माना जाता है कि यह बुराई को दूर रखती है और घर में सौभाग्य और समृद्धि लाती है।

ब्रह्म पुराण में गुड़ी का विशेष महत्व है, इसे भगवान ब्रह्मा के ‘ध्वज’ के रूप में भी जाना जाता है। कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने धरती बनाने के बाद गुड़ी को रखा था। कई ऐतिहासिक कथाओं में, ‘गुड़ी’ को खुशी के साथ भी जोड़ा जाता है, जब भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अपने राज्य में वापस आए थे, तब गुड़ी फहराई गई थी।

इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं। वे घर को रंगोली से सजाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। गुड़ी पड़वा पर्व में दावत एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस दिन विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं। लोग अपने दिन की शुरुआत एक विशेष पेस्ट के सेवन से करते हैं, जिसमें नीम की पत्ती का अर्क, इमली और गुड़ होता है। 

गुड़ी पड़वा से जुड़ी अन्य बातें

गुड़ी पड़वा को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कई अलग नाम से जाना जाता हैं।

  • गोवा और केरल के कोंकणियों में संवत्सर पड़वो मनाया जाता है।
  • कर्नाटक में बाकी कोंकणी प्रवासी इसे युगादी के नाम से जानते हैं।
  • आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोग उगादी मनाते हैं।
  • कश्मीरी इसे नवरेह के रूप में मनाते हैं।
  • मणिपुर में साजिबू नोंगमा पानबा या मीतेई चीराओबा मनाया जाता है।
  • उत्तर भारतीयों के लिए इस दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है।

इस दिन मराठी लोग गुड़ी फहराते हैं, इसलिए इस पर्व को गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है। बांस की छड़ी पर चांदी, तांबे या कांसे का उल्टा कलश रखकर गुड़ी बनाई जाती है और बांस को एक सुंदर कपड़े से सजाया जाता है (आमतौर पर, यह केसरिया रंग का होता है और ब्रोकेड बॉर्डर के साथ रेशम से बना होता है)। इसके बाद गुड़ी को गाथी (शक्कर के क्रिस्टल की माला), नीम के पत्ते, एक आम की टहनी और लाल फूलों की माला से सजाया जाता है।

गुड़ी को घर में ऊंचे स्थान जैसे छत पर फहराया जाता है ताकि वह सभी को दिखाई दे। कई लोग इसे अपनी खिड़कियों या अपने दरवाजों के दाहिनी ओर भी लगाते हैं। इस दिन आपको सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और अपने दोस्तों, रिश्तेदारों परिवार आदि के साथ यह त्यौहार मनाना चाहिए। साथ ही आपको इस दिन किसी के साथ झगड़ा आदि नहीं करना चाहिए।

अधिक के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना साप्ताहिक राशिफल पढ़ें।

 4,909 

Posted On - February 13, 2023 | Posted By - Jyoti | Read By -

 4,909 

क्या आप एक दूसरे के लिए अनुकूल हैं ?

अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें

आपकी राशि
साथी की राशि

अधिक व्यक्तिगत विस्तृत भविष्यवाणियों के लिए कॉल या चैट पर ज्योतिषी से जुड़ें।

Our Astrologers

21,000+ Best Astrologers from India for Online Consultation