चैत्र नवरात्रि को ‘वसंत नवरात्रि’ या ‘राम नवरात्रि’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि नवरात्रि उत्सव के नौवें दिन को भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि के दौरान नौ दिन देवी शक्ति के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं और अधिकांश अनुष्ठान और रीति-रिवाज ‘शारदीय नवरात्रि’ के दौरान ही होते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि 2023 (Chaitra Navratri 2023), 22 मार्च से शुरू हो रहें है।
नवरात्रि एक 9 दिवसीय हिंदू त्यौहार है, जो सर्वोच्च देवी दुर्गा को समर्पित होता है। साथ ही नवरात्रि का प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक अवतार को समर्पित है। मां दुर्गा को सार्वभौमिक रक्षक के रूप में जाना जाता है और वह जातक के जीवन से बुरी आत्माओं और राक्षसों को दूर भगाती है। आपको बता दें कि नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अवतार की पूजा की जाती है
आपको बता दें कि चैत्र नवरात्रि महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा और आंध्र प्रदेश में उगादी के साथ शुरू होते है। चलिए जानते है कि इस साल चैत्र नवरात्रि कब है और इसका महत्व, पूजा विधि आदि के बारें सम्पूर्ण जानकारी।
चैत्र नवरात्रि का दिन | नवरात्रि तिथि | माता दुर्गा का स्वरुप |
नवरात्रि का पहला दिन | 22 मार्च 2023, बुधवार | मां शैलपुत्री |
नवरात्रि का दूसरा दिन | 23 मार्च 2023, गुरुवार | मां ब्रह्मचारिणी |
नवरात्रि का तीसरा दिन | 24 मार्च 2023, शुक्रवार | मां चंद्रघंटा |
नवरात्रि का चौथा दिन | 25 मार्च 2023, शनिवार | मां कुष्मांडा |
नवरात्रि का पांचवा दिन | 26 मार्च 2023, रविवार | मां स्कंद माता |
नवरात्रि का छठा दिन | 27 मार्च 2023, सोमवार | मां कात्यायनी |
नवरात्रि का सातवां दिन | 28 मार्च 2023, मंगलवार | मां कालरात्रि |
नवरात्रि का आठवां दिन | 29 मार्च 2023, बुधवार | मां महागौरी |
नवरात्रि का नौवां दिन | 30 मार्च 2023, गुरुवार | मां सिद्धिदात्री, राम नवमी |
नवरात्रि का दसवां दिन | 31 मार्च 2023, शुक्रवार | नवरात्रि पारण |
यह भी पढ़ें: जानें पूर्णिमा 2023 की तिथि सूची और पूर्णिमा व्रत का महत्व
आपको नवरात्रि की पूजा करते समय इन चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसेः मंदिर की वेदी में देवी दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति, चुनरी या लाल रंग का रंगा हुआ कपड़ा, ताजा आम के पत्ते, चावल, दुर्गा सप्तशती पुस्तक, एक लाल रंग का धागा, जिसे मौली कहते हैं, गंगाजल, चंदन, नारियल, लाल पवित्र चूर्ण या मोली, जौ के बीज, जौ के बीज बोने के लिए मिट्टी का बर्तन, गुलाल, सुपारी, पान के पत्ते, लौंग, इलाइची आदि।
यह भी पढ़ें: होली 2023 को शुभ बनाना चाहते हैं तो अपनी राशि के अनुसार चुने ये रंग, आएगा गुडलक
सूर्योदय | 22 मार्च 2023 को सुबह 06:33 |
सूर्यास्त | 22 मार्च 2023 को शाम 06:34 |
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ | 21 मार्च 2023 रात 10:53 से |
प्रतिपदा तिथि समाप्त | 22 मार्च 2023 रात 08:21 तक |
घटस्थापना मुहूर्त | 22 मार्च 2023 को सुबह 06:33 से सुबह 10:33 तक |
माता के चैत्र नवरात्रि आमतौर पर मार्च-अप्रैल की अवधि में शुरू होते है और लोग अपने घर और कार्यस्थल पर कलश स्थापना पूजा करते हैं। पूजा के स्थान पर एक कलश रखा जाता है और लोग कलश पूजा के अनुष्ठान करने के लिए एक पुजारी को भी बुलाते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापित करने का सही तरीका नीचे दिया गया हैः
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि पर ग्रह नक्षत्रों का दुर्लभ और अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दौरान शनि और मंगल ग्रह मकर राशि में स्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त, इन 9 दिनों में रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थसिद्धि योग और रवि योग भी बनेगा, जिसकी वजह से नवरात्रि की शुभता और अधिक बढ़ जाएगी। साथ ही इस दौरान किए गए शुभ कार्य में जातक को जरूर सफलता प्राप्त होगी और आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी। साथ ही इस दौरान गुरु और शुक्र ग्रह कुंभ राशि में होंगे और मीन राशि में सूर्य और बुध ग्रह की युति से बुधादित्य योग बनेगा। इसके अलावा, मेष राशि में चंद्रमा, वृषभ राशि में राहु और वृश्चिक में केतु ग्रह विराजमान रहेंगे।
इस त्यौहार से जुड़ी कई कहानियां हैं। लेकिन उनमें से दो बहुत लोकप्रिय और प्रचलित कथाएं हैं। पहला कथा राक्षस महिषासुर के बारे में है और देवी दुर्गा के हाथों उसका अंत कैसे हुआः
महिषासुर नाम का एक राक्षस भगवान शिव का बहुत बड़ा उपासक था। दानव की भक्ति से प्रभावित होकर, भगवान शिव ने उसे किसी भी मनुष्य या देवता द्वारा न मारे जाने का वरदान दिया। यह वरदान पाकर महिषासुर अहंकारी और अभिमानी हो गया। उसने लोगों को आतंकित करना शुरू कर दिया, उनके घरों पर हमला किया और सभी के लिए समस्याएं पैदा कीं। पृथ्वी को नष्ट करने के बाद, उसने स्वर्ग को निशाना बनाया और देवताओं को भी डराना शुरु कर दिया। देवता त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और शिव के पास गए, ताकि इस राक्षस का अंत किया जा सकें। इसके बाद मां दुर्गा को इस राक्षस का अंत करने के लिए भेजा गया और मां दुर्गा ने उस राक्षस को ढूंढ निकाला और उसका वध कर दिया। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था।
यह भी पढ़ें: होलिका दहन 2023 तिथि, होलिका दहन, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
भगवान राम परम महाशक्ति देवी भगवती के बहुत बड़े उपासक थे। उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए नौ दिनों तक उनकी पूजा में खुद को समर्पित कर दिया। नौवें दिन, देवी भगवती उनके सामने प्रकट हुईं और उन्हें आशीर्वाद दिया और दसवें दिन, भगवान राम ने दशानन का वध कर दिया। तब से, देवी भगवती के विभिन्न रूपों की लगातार नौ दिनों तक पूजा की जाती है और दसवें दिन विजया दशमी मनाई जाती है।
नवरात्रि का व्रत रखते समय आपको व्रत में क्या खाना है, इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि कई बार लोग जाने अनजाने में व्रत में ऐसी चीजों का सेवन कर लेते हैं, जिन्हें नहीं खाना चाहिए। नवरात्रि के व्रत के दौरान आपको चाय कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, आप नींबू पानी, शिकंजी, जूस, नारियल पानी आदि का सेवन कर सकते हैं। आपको बता दें कि नवरात्रि में साबूदाना वडा, साबूदाने की खिचड़ी, सिंघाड़े का हलवा, कुट्टू की पूरी आदि चीजें खाई जाती हैं। इसी के साथ आप इस व्रत में नारियल और सेब जैसे फलों का सेवन भी कर सकते हैं।
अधिक के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना साप्ताहिक राशिफल पढ़ें।
12,276
12,276
अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें