चांडाल योग का आपके जीवन पर महाअनिष्टकारी प्रभाव और निवारण

चांडाल योग

संसार में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का स्वरुप एक दूसरे से भिन्न होता है। इसके पीछे के कारण हमारे ज्योतिष विद्वान ग्रहों की चाल को मानते हैं। कुंडली में विराजित इन ग्रहों के अनुसार भविष्य का अनुमान लगाया जाता है। इसके लिए ज्योतिष विद्वान ग्रहों की दशाओं का अध्ययन करते हैं। इसी अध्ययन की सहायता से वे निश्चित करते हैं कि कौन से ग्रह कि दशा शुभ अथवा अशुभ है। इन्ही ग्रहों कि चाल के अनुसार कभी-कभी मनुष्य को बहुत ही नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ते हैं। जिस कारण मनुष्य का जीवन बहुत प्रभावित होता है। इन ख़राब योग का एक मुख्य कारण ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चांडाल दोष होता है। आईये जानते है कि चांडाल दोष का आपके जीवन पर क्या प्रभाव होता है। इससे कैसे अपने को बचाया जा सकता है।

चांडाल दोष क्या है

चांडाल दोष को गुरु चांडाल योग भी कहा जाता है। देवताओं के गुरु यानी कि देव गुरु बृहस्पति की इस दोष में बड़ी भूमिका होती है। बुद्धि के देवता बृहस्पति यानी गुरु और राहु दोनों साथ में मिलकर इस अनिष्टकारी योग को बनाते हैं। राहु और गुरु का जब साथ हों या फिर एक दूसरे को किसी भी भाव में बैठे देखते हों तो गुरु चांडाल योग बनता है।

राहु सबसे खतरनाक और सबसे ज्यादा कष्ट देने वाला ग्रह माना जाता है। इस योग में राहु की मुख्य भूमिका है तो फलस्वरूप इस योग से से नुकसान भी बड़ा होता है। यह दोनों ग्रह जिस मनुष्य की कुंडली में बैठ गए तो उसका जीवन परेशानियों और कठनाइयों से भरा होना निश्चित होता है। इसके लगातार नकारात्मक परिणाम मनुष्य को हताशा और निराशा की गहराइयों में पंहुचा देता है। इस सब समस्याओं का हल मिलना मुश्किल हो जाता है और कोई अंत नजर नहीं आता है।

चांडाल दोष का प्रभाव

इस दोष का किसी भी व्यक्ति के जीवन पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति अपने कार्यों को सिद्ध करने की कितनी भी कोशिश कर ले। लेकिन यह दोष उस व्यक्ति को घेर लेता है। उसके कार्य में बार-बार बाधा उत्पन्न करता है। उसके कार्यों को पूर्ण नहीं होने देता है। मनुष्य के विवेक का नाश करके उसको मानसिक कमजोर बना सकता है। उसको गलत निर्णय की और धकेल सकता है। कई बार इंसान आवेश या जल्दीबाजी में आकर भी कुछ निर्णय ले लेता है जिसके बाद उसे हानि उठनी पड़ती है। फलस्वरूप क़ानूनी मसलों में भी फंसने की संभावना बढ़ जाती है। कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ सकता है।

इस दोष के कारण व्यक्ति कामुक और वासना के अधीन भी हो जाता है। परायी स्त्रियों की ओर आकर्षण उसके चरित्र को पतन की ओर ले जाता है। अपने बुजुर्गो और आदरणीय लोगों का निरादर करने में कोई संकोच नहीं करता है। धन संपत्ति के लिए जुआ, चोरी या हिंसक भी हो सकता है। इसके अलावा वे क्रूर, धोखेबाज, शराबी, प्रवृति के भी हो जाते है। उनके व्यव्हार में जलन, छल-कपट, षड्यंत्र्ता, धूर्तता, दुर्भावना जैसे अवगुणों का समागम हो जाता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक कष्ट के साथ मानसिक कष्ट भी झेलते हैं। यहाँ तक कि ये दिमाग से विकृत भी हो सकते हैं।

चांडाल योग से बचने के उपाय

  • अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और मधुर बोलने का प्रयत्न करें।
  • गुरु की सेवा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से भी गुरु चांडाल दोष का प्रभाव कम होता है।
  • माता-पिता व बुजूर्गों का सम्मान करने से भी गुरु चाण्डाल दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
  • अपने व्यवहार को विनम्रपूर्वक बनाये और सबसे प्रेम-पूर्वक मिलें।
  • कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने से बड़ों व अनुभवी व्यक्ति की राय जरूर लें.।
  • गौ माता की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति तो होती है, इसलिये गौ माता को हरी घास खिलाएं।
  • गरीब जरुरतमंदों की भोजन, अन्न, वस्त्र, धन आदि से सहायता करें ।
  • हनुमान जी की पूजा से भी राहु का नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो सकता है. अतः हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • शिवजी और गणेश जी की नियमित रूप से आराधना से भी शुभ फल मिलते हैं व गुरु चांडाल दोष दूर होता है।
  • बरगद के पेड की जड में कच्चा दूध डालें।

यह भी पढ़ें- बृहस्पति की कुंडली में स्थिति का अच्छा-बुरा प्रभाव और जरूरी उपाय

 3,901 

Posted On - June 23, 2020 | Posted By - Ajaybisht | Read By -

 3,901 

क्या आप एक दूसरे के लिए अनुकूल हैं ?

अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें

आपकी राशि
साथी की राशि

अधिक व्यक्तिगत विस्तृत भविष्यवाणियों के लिए कॉल या चैट पर ज्योतिषी से जुड़ें।

Our Astrologers

21,000+ Best Astrologers from India for Online Consultation