ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों में बुध ग्रह का महत्व बड़ा ही व्यापक होता है।ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह के कमजोर होने से आपकी जिंदगी में कई सारी समस्याएं आ सकतीं हैं और अगर कुंडली में बुध बलवान हो तो इंसान को कई सारे सुख मिल जाते है। तो आइये जानते हैं कि आखिर बुध हमारे जीवन को किस तरह प्रभावित करता है।
वैसे तो बुध नवग्रहों में से एक है परंतु माना जाता है कि वह नक्षत्र मंडल का राजकुमार है। कारण है, चंद्रमा का पुत्र होना। चंद्रमा को आदिराज कहा गया है इसी कारण वश बुध को राजकुमार या राजपुत्र कहा जाता है। लेकिन बुध की एक खूबी है यह अपने पिता यानी चंद्रमा से शत्रु भाव रखता है। ज्योतिष ग्रंथों में इसकी पुष्टि होती है। ये बुद्धि का अधिष्ठाता है। ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर बुध को ग्रह बनाया। वैसे तो बुध हमेशा मंगल ही करते हैं, लेकिन जब ये सूर्य की गति का उल्लंघन करते हैं तब आंधी चलने, पानी गिरने और सूखा पड़ने जैसे अनिष्ट होने की आशंका बढ़ती है।
ज्योतिष में बुध ग्रह हमारी जन्म कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है। बुध ग्रह को ज्योतिष में एक शुभ ग्रह माना गया है अर्थात ग्रहों की संगति के अनुरूप ही यह फल देता है। यदि बुध ग्रह शुभ ग्रहों के साथ युति में हैं तो यह शुभ फल और क्रूर ग्रहों की संगति में अशुभ फल देते हैं।
बुध ग्रह को ज्योतिष में मिथुन और कन्या राशि के स्वामी माना जाता है। कन्या बुध की उच्च राशि भी है जबकि मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है। वैदिक ज्योतिष में उपस्थित मान्य 27 नक्षत्रों में से बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। जिनमें जन्में जातक बुध से काफी प्रभावित रहते हैं।
ग्रह बुध एक दोहरी प्रकृति का ग्रह है। बुध ग्रह ज्योतिष में दो राशि चिह्न अर्थात कन्या और मिथुन पर अपना नियंत्रण रखता है। हाथ, कान, फेफड़े, तंत्रिका तंत्र, त्वचा आदि शरीर के अंग बुध से प्रभावित हैं। बुध तर्क को दर्शाता है। वे लोग जिनकी कुंडली में बुध एक मजबूत स्थिति में होता है वे तर्क–वितर्क में कुशल और एक बेहद अच्छी विश्लेषणात्मक क्षमता वाले होते हैं।
चलिए अब आपको बताते हैं कि बुध ग्रह अगर अशुभ हो तो किस राशि पर क्या असर डालता है और उससे कैसे बचा जा सकता है, उसका असर कैसे कम किया जा सकता है?
नौकरी में खूब समस्या आती है, नौकरी छूटने का भी डर रहता है, जीवन कर्जों और बीमारियों में घिर जाता है।
बुध का खासा महत्व है। बिना अच्छे बुध के बिना जीवन सुखमय नहीं हो सकता।
जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है, नौकरी में परेशानियां हो सकती हैं।
स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है और यात्रा पर भी बुरा असर पड़ता है।चरित्र और बुद्धि बदल जाती है। जीवन में अपयश के योग बढ़ जाते हैं.
मजबूत बुध के बिना धन का योग नहीं है। एक-एक पैसे के लिए तरसना पड़ता है।
स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है और धन घटने लगता है। सौंदर्य घटने लगता है। करियर में बाधा उत्पन्न होने लगती है।
भाग्य साथ नहीं देता है और मन चंचल हो जाता है। चरित्र कमजोर हो जाता है।
योग्यता के बावजूद उपलब्धि नहीं मिलती। त्वचा या वाणी से संबधित विकार हो सकता है।
शादी में परेशानी या शादी नहीं होगी, वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा होने लगती हैं।
इंसान कर्ज में डूब जाता है और नौकरी में बाधा आती है। भाग्य साथ नहीं देता है।
बुद्धि की समस्या परेशान करती है। संतान पक्ष से समस्या के योग बन जाते हैं।
जीवन में किसी भी प्रकार का सुख नहीं मिलता। वैवाहिक जीवन बरबाद हो जाता है। संपत्ति का नुकसान हो जाता है।
इस प्रकार बुध ग्रह का हमारे जीवन पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से बहुत गहरा प्रभाव रहता है।
हालांकि कुंडली में इसकी स्थिति का आप पर क्या प्रभाव है इसके लिए किसी विशेषज्ञ ज्योतिष से परामर्श अवश्य करें।
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