आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र जातक के जीवन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इसी के आधार पर जातक के जीवन में आने वाली परिस्थितियों की गणना की जाती है। साथ ही इसमें जातक के जीवन में चल रही परिस्थितियों का अध्ययन भी किया जाता हैं। आपको बता दें कि पकुआ दर्पण (pakua darpan) आठ कोण वाला दर्पण होता है, जो फेंगशुई वास्तु शास्त्र में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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आपको बता दें कि फेंगशुई वास्तु में पकुआ दर्पण (pakua darpan) और बागुआ दर्पण के नाम से जाना जाता है, इसमें अष्टकोण है और इसमें शीशा लगा होता है। जिसके 8 किनारे होते हैं सभी आठ किनारे पर तीन तीन फेंगशुई की लकीरें होती है, इसमें से कुछ छोटी और कुछ लकीरें बड़ी होती हैं। आपको बता दें कि यह लाल, पीले, काले, नीले, हरे जैसे उज्जवल रंगों को जोड़कर लकड़ी का एक फ्रेम बनाया जाता हैं।
इसी के साथ फेंगशुई वास्तु शास्त्र में पकुआ दर्पण (pakua darpan) के बहुत से लाभ होता है, इस दर्पण को लगाने का मुख्य स्थान घर के द्वार पर माना जाता है। बता दें कि जो भी व्यक्ति पकुआ दर्पण का इस्तेमाल अपने घर में करता है, उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। साथ ही साथ यह बुरी नजर से उसके घर की रक्षा भी करता है।
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आपको बता दें कि पकुआ दर्पण 8 कोण वाला एक दर्पण होता है, जिसे पकुआ दर्पण और बागुआ दर्पण के नाम से भी जाना जाता है। इसमें अष्टकोण शीशे लगे होते हैं जिसके 8 किनारे होते हैं।वहीं इस शीशे के सभी आठ किनारों पर तीन-तीन फेंगशुई की लकीरे बनी होती है, इनमें से कुछ लकीर छोटी, तो कुछ बड़ी होती है। वही कई रंगो को जोड़कर एक लकडी का फेम तैयार किया जाता है।
इसी के साथ पकुआ दर्पण (bagua darpan) को घर के मुख्य द्वार पर लगाया जाता है, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है। साथ ही इसे घर के द्वार पर लगाने से घर को किसी की भी बुरी नजर भी नहीं लगती है। साथ ही यह दर्पण फेंगशुई शास्त्र में काफी महत्वपूर्ण होता है और यह काफी लाभदायक होता है।
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आपको बता दें कि फेंगशुई पकुआ दर्पण (bagua darpan) में गणपति पकुआ भी अष्टकोण में होते है। और पकुआ और गणपति पकुआ में यह अंतर होता है कि इसमें मध्य भाग में य गणेश जी बने होते हैं। इस दर्पण से रसोई में उत्पन्न वास्तु दोषों को दूर किया जाता है, इसको रसोई की दीवारों या गेट पर लगाना शुभ माना जाता है।
आपको बता दें कि पकुआ दर्पण को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा उत्पन्न नहीं होती। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
पकुआ दर्पण(pakua darpan) नजर दोष को ख़त्म करने में कारगर उपाय माना जाता है। इसके कारण घर को किसी की भी बुरी नजर नही लगती है और यह शीशा घर को नकारात्मक ऊर्जा से घर की रक्षा करता है। अगर किसी घर को बुरी नजर लग जाती है, तो उस घर के मुख्य द्वार पर पकुआ दर्पण लगाना काफी लाभदायक साबित होता है इसके कारण व्यक्ति को लाभ होता है।
आपको बता दें कि फेंगशुई वास्तु के अनुसार सकारात्मक उर्जा हमेशा पूर्व से पश्चिम की दिशा में और उत्तर से दक्षिण की दिशा की ओर चलती है। और इस दर्पण का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको इस शीशे को हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए। इससे देखने वाले का चेहरा हमेशा पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। इसका यह कारण है कि दक्षिण-पश्चिम की दीवारों पर लगे पकुआ दर्पण (pakua darpan) उल्टी दिशा से आ रही ऊर्जा को वापस कर देते हैं।
बता दें कि पकुआ दर्पण को कभी भी घर के अंदर या ऑफिस के अंदर नहीं लगाना चाहिए। यह हानिकारक होता है और पकुआ दर्पण हमेशा घर के बाहर की दीवार पर या बालकनी के बाहर की तरफ लगाना चाहिए ताकि बाहर से आने नेगेटिव एनर्जी दूर रहे।
आपको बता दें कि यह दर्पण फेंगशुई शास्त्र में काफी महत्वपूर्ण होता है इसीलिए इसका आकार भी उतना ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि फेंगशुई अनुसार शीशा जितना बड़ा और हल्का होता है यह उतना ही शुभ माना जाता है।
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