फ़रवरी का महीना आते ही मानो हर तरफ़ प्यार ही प्यार दिखाई देने लगता है। हो भी क्यों न, यह महीना हर उस व्यक्ति के लिए बेहद खास है जो कि किसी से प्रेम कर करते हैं। यदि बात की जाये तो, ज्योतिष और प्रेम शब्द का अटूट सम्बंध है। जन्म कुंडली में ग्रह अच्छे हैं तो जीवन में प्रेम ही प्रेम बरसेगा। दूसरी ओर, अगर ग्रह अच्छे नहीं हैं तो जीवन पर्यन्त प्रेम का अभाव रहेगा। कुछ भाग्यशाली लोगों को ही जीवन में सच्चा प्यार मिल पाता है, सचमुच उनके सितारे बुलंद होते है।
जन्म कुंडली में कुछ ग्रहों की विशेष जगह उपस्थिति व अन्य ग्रहों से सम्बंध या दृष्टि सम्बंध के आधार पर जातक के जीवन में प्रेम की सरिता बहेगी या जीवन नीरस रहेगा, यह जाना जा सकता है। साथ ही, प्यार में उम्र कोई बाधा नहीं होता। यह केवल एक संयोग ही होता है।
अगर आप की कुंडली में इन निम्नलिखित में से कोई एक भी योग है तो निश्चित मानिए की आपके जीवन में बहार ज़रूर आएगी। आपको बस थोड़ा संयम रखने की आवश्यकता हैं।
प्रेम और ज्योतिष
शुक्र प्यार, स्नेह एवं आकर्षण का कारक है। वही मंगल प्रेम में कुछ कर गुज़रने का साहस व इच्छा शक्ति देता है। मंगल और शुक्र की युती यदि पत्रिका में है, कोई भी स्थान पर हो प्रेम विवाह की सम्भावना दर्शाती है। हालाँकि मंगल शुक्र की युती प्लेटोनिक प्रेम के बजाय शारीरिक आकर्षण पर आधारित होती है।
जीवन में अगर प्यार नैसर्गिक रूप से प्राप्त हो तो इसके लिए चंद्र व शुक्र का सम्बंध कुंडली में ज़रूर होगा। कोई भी राशि में चंद्र व शुक्र एक साथ स्थित हो या एक दूसरे के सामने स्थित हो तो भावनात्मक प्रेम सबँध होते है। वैदिक ज्योतिष में चंद्र मन का कारक है। वहीँ, शुक्र ग्रह इच्छाओं का या यूँ कहें कि कामदेव का स्वरुप है। चंद्र मन की चंचलता वही शुक्र सौंदर्य का उपासक है। यह ग्रह सम्बंध जिन जातकों की कुंडली में होता है उन्हें जीवन पर्यन्त उच्च स्तर के प्रेम संबंधो को निभाने का मौका मिलता है।
अगर कुंडली में शुक्र के साथ 1,2,7 अंक लिखा हो मान कर चलिये आप प्रेम के मामलों में भाग्यशाली है।
अगर विजातीय पात्र की कुंडली में मंगल शुक्र एक राशि में हो या एक दूसरे के दृष्टि सम्बंध में हो, ऐसे जातक प्रणय समबंधो के मामले में अतुलनीय होते है व इतिहास बनाते है ।
उदाहरण स्वरुप अगर आप की कुंडली में मंगल तुला राशि का है व सामने वाले पात्र की कुंडली में शुक्र मेष राशि का है, तो ऐसे जातकों में अद्भुत प्यार व आकर्षण रहता है जिन्हें हम perfect couple कह सकते है।
जन्म कुंडली में प्यार एवं समबंधो की जानकारी पाँचवे स्थान से मिलती है और सातवें स्थान से दाम्पत्य जीवन को देखा जाता है। अगर कुंडली में पाँचवे व सातवें स्थान के अधिपति ग्रह युती सम्बंध या दृष्टि सम्बंध में हो तो प्रेम विवाह निश्चित है ।
निष्कर्ष
इस वेलेंटाइन डे पर अपने भाग्य को आज़माए व ग्रहों पर भरोसा रखे क्योंकि हर एक के लिए कोई न कोई ज़रूर बना है। आप भले ही विश्व में एक हो पर आप किसी के लिए पूरा विश्व हो सकते हो।