विश्व जनसंख्या दिवस- जानें कुछ ऐसे तथ्य जिनके बारे में आपको पता नहीं होगा

विश्व जनसंख्या दिवस- जानें कुछ ऐसे तथ्य जिनके बारे में आपको पता नहीं होगा

विश्व जनसंख्या दिवस, यह एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसे हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है। वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास में महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह आयोजन 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल द्वारा स्थापित किया गया था। जैसा कि 11 जुलाई 1989 को 5 बिलियन बच्चों का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को दुनिया भर में विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आज विश्व जनसंख्या दिवस पर,चलिए बढ़ती जनसंख्या और इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता बढाते है।

पृथ्वी पर हो रहे हैं गलत परिणाम

जैसा कि कहा गया है, हर किसी को ज़रूरत से पर्याप्त रहना चाहिए, लेकिन लालच के लिए नहीं। और हमारी बढ़ती हुई जनसंख्या केवल लालची हो रही है। जिसके दुष्प्रभाव हमारी पृथ्वी के रूप में भरपूर दिखाई दे रहे हैं। वह धीरे धीरे दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है। बढती जनसंख्या पर्यावरण और संसाधनों के विकास पर बुरा प्रभाव डालता है। जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और यह प्रकृति के लिए अस्वस्थ करने वाली बाब है।

मर्यादा को मोडना कभी भी अच्छा नहीं होता, यह सिर्फ घातक ही साबित होता है। और यही बात हमारे पृथ्वी ग्रह पर भी लागू होती है। रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी पर रहने वाले लोगों की संख्या मार्च 2020 तक अनुमानित 7.8 बिलियन थी। विश्व जनसंख्या दिवस 2020 का विषय महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा करना है भी है। यह वह पहल जिसका उद्देश्य विश्व की जनसंख्या और प्रजनन स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। अपनी जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहें।

वैश्विक जनसंख्या विश्व यानि की कुल मानव जनसंख्या है। वर्तमान में, भारत की जनसंख्या लगभग 1.37 बिलियन है। ठाणे जिला देश का सबसे अधिक आबादी वाला जिला है। मुंबई और कोलकाता भारत में सबसे अधिक आबादी वाले शहर हैं। देश में सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में, जनसंख्या वृद्धि में गिरावट अपरिहार्य है। साथ ही इस वर्ष के विश्व जनसंख्या दिवस का संदेश महिला स्वास्थ के लिए है। जनसंख्या वृद्धि अब पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, इसलिए लोगों के लिए इसे गंभीरता से लेने और जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाने का समय है।

विश्व जनसंख्या रिपोर्ट

1987 से 2011 तक, दुनिया की आबादी 2 बिलियन बढ़ी है। 31 अक्टूबर 2011 को हमारी आबादी 7 बिलियन तक पहुँच गई थी। संयुक्त राष्ट्र की ‘वर्ल्ड पॉप्युलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2019’ रिपोर्ट के अनुसार, अगले 8 वर्षों में, 2027 तक, भारत दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकल जाएगा|

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में अपनी ‘वर्ल्ड पॉप्युलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2019’ रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट का अनुमान है, कि २०५० तक भारत की आबादी २७३ मिलियन बढ़ जाएगी। यह विश्व जनसंख्या रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक संगठन की जनसंख्या शाखा द्वारा तैयार की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की वर्तमान जनसंख्या १.३७ बिलियन है जब कि चीन की १.४३ बिलियन है। लेकिन २०२७ तक, भारत जनसंख्या के मामले में दुनिया का नंबर एक देश हो जाएगा।

जनसंख्या नियंत्रण में जागरूकता बढायें

विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर, बढ़ती जनसंख्या के प्रति अधिक उत्तरदायी होने के लिए हमे खुद से एक वादा करना चाहिए। जिस दिन हमारे परिवारों की विचारधारा बदल जाएगी, दुनिया की आबादी में भारी बदलाव आएगा। आइए जनसंख्या को नियंत्रित करके पृथ्वी को बचाते है। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर, हम बढ़ती जनसंख्या के प्रति अधिक जिम्मेदार होने के लिए खुद से एक वादा करें।

हम सभी जानते हैं कि भारत में 1% से अधिक मौत भुखमरी के कारण होती है क्योंकि जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जनसंख्या भारत की चिंताओं में से एक है और हमें इसलिये शिक्षित होने की आवश्यकता है।

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Posted On - July 11, 2020 | Posted By - Gaurav Shelar | Read By -

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