जानें कुंडली का सप्तम भाव आपके कौन से राज खोलता है

सप्तम भाव

वैदिक ज्योतिष में सप्तम भाव बहुत अहम माना गया है। इस भाव से आपके जीवन के महत्वपूर्ण पक्षों की जानकारी प्राप्त होती है। सबसे महत्वपूर्ण पक्ष जिसके बारे में इससे पता चलता है वह है व्यक्ति का वैवाहिक जीवन। आज अपने इस लेख में आज हम आपको इस भाव के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

कुंडली में सप्तम भाव

सप्तम भाव में को विवाह भाव कहा जाता है। इसके साथ ही यह भाव आपकी साझेदारियों के बारे में भी बताता है। इस भाव का अध्ययन करके ज्योतिषी विवाहित जीवन कैसा रहेगा इसके बारे में जानकारी दे देते हैं। यह भाव आपके उन रिश्तों के बारे में भी बताता है जो छुपे हुए होते हैं।

आपकी काम शक्ति के बारे में भी इस भाव से ही जानकारी मिलती है। आपकी काम शक्ति के बारे में भी इस भाव से ही जानकारी मिलती है। समाज में आपकी छवि किस तरह की होगी और आप अपने कार्यक्षेत्र में किस तरह का प्रदर्शन करेंगे यह बातें भी इसी भाव से पता चलती हैं।  

कु़ंडली के सप्तम भाव के गुण

जिन जातकों की कुंडली में सप्तम भाव मजबूत अवस्था में होता है उन्हें कारोबार और वैवाहिक जीवन में अच्छे परिणाम मिलते हैं। ऐसे लोगों में यात्राओं और सट्टेबाजी से भी अच्छा लाभ प्राप्त होता है। ऐसे लोगों को राजनीति के क्षेत्र में भी अच्छे फल प्राप्त होते हैं क्योंकि ऐसे लोग अच्छे कूटनीतिज्ञ भी साबित होते हैं। चूंकि इस भाव की मजबूत स्थिति व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में शुभ फल दिलाती है इसलिए पारिवारिक जीवन में भी इसके अच्छे प्रभाव देखे जाते हैं। 

ऐसे लोगों को कारोबार की अच्छी समझ होती है औऱ साझेदारी में यदि बिजनेस शुरु करें तो व्यक्ति को मुनाफा मिलता है। इसके साथ ही यदि व्यक्ति अपने जीवनसाथी के साथ कोई कारोबार शुरु करे तो उसमें भी लाभ हो सकता है। वहीं इस भाव की दुर्बल स्थिति व्यक्ति को दांपत्य जीवन में परेशानियां दे सकती है। ऐसे लोगों को व्यापार करने से भी बचना चाहिए। 

शरीर के अंगोंं की जानकारी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्तम भाव से आपके गुप्त अंगों के बारें में विचार किया जाता है। इस भाव से पता चलता है कि आपकी यौन शक्ति कैसी होगी। इस भाव की स्थिति दुर्बल होने से गुप्त रोग होने की संभावना होती है।

विदेश यात्रा और जीवन में समृद्धि की जानकारी

यह भाव विदेश यात्रा के बारे में भी जानकारी देता है। हालांकि कुंडली के अन्य भाव भी विदेश यात्रा से संबंध रखते हैं लेकिन यह भाव बताता है कि आप विदेश में कब तक रह सकते हैं। विदेश में बसने की संभावना है या नहीं। यदि इस में शुभ ग्रह विराजमान हों या शुभ ग्रहों की दृष्टि इस भाव पर हो तो व्यक्ति को विदेशों में लाभ होता है। इसके साथ ही जीवन में समृद्धि और सुख भी बना रहता है। 

सप्तम भाव की मजबूती दिलाती है इन क्षेत्रों में सफलता

इस भाव व्यवसाय और साझेदारी को दर्शाता है। इसलिए इस भाव से संबंधित ग्रहों का व्यापार करने से व्यक्ति को सफलता मिल सकती है। हालांकि ग्रहों की दृष्टि-युति आदि पर विचार करना भी आवश्यक है। यह भाव व्यक्ति को राजनीति के क्षेत्र में सफलता दिला सकता है। इसके साथ ही खेलों में काबीलियत का पता भी इस भाव से पता चलता है इसलिए इस भाव की मजबूती खेलों में भी सफलता दिला सकती है। 

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Posted On - May 28, 2020 | Posted By - Naveen Khantwal | Read By -

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