छठी इंद्री यानि सिक्सथ सेंस (Sixth sense) के बारे में लगभग हर कोई जानता है। लेकिन बहुत गिने चुने लोग ही हैं जो अपनी इस इंद्री को जागृत कर पाते हैं। भारतीय पुराणों, योग शास्त्र आदि में बहुत सारी विधियां बताई गई हैं जिनको करने से यह इंद्री जागृत हो सकती है। इस इंद्री के जागृत होने से व्यक्ति भविष्य देखा सकता है, दूसरों के मन की बातों को पढ़ सकता है और एक जगह स्थित होकर भी विश्व के हर कोने की जानकारी पा सकता है। वज्ञानिकों का मानना है कि विश्व के एक तिहाई लोगों में यह इंद्री सक्रीय होती है। लेकिन उनको भी इस इंद्री को जागृत करने के लिए प्रयास करने होते हैं। आज हम इस लेख में राशि अनुसार जानेंगे कि किस राशि वाले कौनसे उपायों को करके इस इंद्रीय को जगा सकते हैं।
यह अग्नि तत्व की राशि है। अग्नि का गुण जलाना भी होता है और रौशनी देना भी। इस राशि का स्वामी ग्रह मंगल है। मंगल के प्रभाव से इनमें पराक्रम तो देखा जाता है लेकिन जल्दबाजी और गुस्सा इनकी कमियां हैं। इस राशि के लोग यदि अपने गुस्से को काबू में रखें और अति उत्तेजना में आकर कोई काम न करें तो धीरे-धीरे इनकी छठी इंद्री काम करना शुरु कर देती है। इसके बाद योग ध्यान का सहारा लेकर यह लोग इस इंद्री को जागृत भी कर सकते हैं।
इस राशि के लोगों में सहनशीलता का गुण होता है और कभी भी यह अपनी वास्तविकता से पीछे नहीं हटते। हालांकि शुक्र के स्वामित्व वाली राशि होने के कारण इस राशि के लोग सांसारिक सुखों को प्राथमिकता देते हैं जिसके कारण इनकी छठी इंद्री सक्रिय नहीं हो पाती। यदि इस राशि के लोग संसार से थोड़ी दूरी बनाएं और वासना को अपने मन में घर न करने दें तो इनके लिए छठी इंद्री को जागृत करना मुश्किल नहीं है।
यह वायु तत्व की राशि है इसलिए इस राशि के लोग कल्पनाओं की दुनिया में रहते हैं। बुध के स्वामित्व के कारण इन लोगों की बौद्धिक क्षमता भी अच्छी होती है लेकिन अत्यधिक काल्पनिक होना इनके लिए कई बार घातक भी हो जाता है। यदि कल्पना की दुनिया से बाहर निकलकर यह लोग वास्तविकता को समझें और बेवजह के विचारों को अपने दिमाग में न आने दें तो इनकी छठी इंद्रीय जागृत हो सकती है। मन की चंचलता इनका सबसे बड़ा दुर्गुण है।
इस राशि का स्वामी ग्रह चंद्र है जबकि राशि तत्व जल। इस राशि के लोग अत्यधिक भावुक और संवेदनाओं से भरे होते हैं। अत्यधिक भावुक होना इनके लिए कई बार घातक भी सिद्ध होता है। अपनी सिक्सथ सेंस को सक्रिय करने के लिए इन लोगों को अपनी भावनाओं पर काबू पाने की आवश्यकता होती है। इनकी कुंडली में चंद्रमा यदि उच्च का हो तो इनमें चंचलता नहीं होती और सिक्सथ सेंस को जागृत करने की संभावना भी बढ़ जाती है।
इस राशि का स्वामी गृह सूर्य है औऱ यह अग्नि तत्व प्रधान राशि है। इन लोगों में किसी भी कार्य को करने के प्रति निष्ठा देखी जाती है लेकिन इनका किसी भी एक काम पर लंबे समय तक न टिक पाना इनकी कमी है। इसके साथ ही जल्दबाजी भी इनमें देखी जाती है। इस राशि के लोग यदि संयमित और शांत होना सीख लें तो इनकी छठी इंद्री जागृत हो सकती है। असंतोष की भावना भी इस राशि वालों के लिए खराब है इससे सिक्सथ सेंस को जागृत करने में दिक्कतें आती हैं।
इस राशि के लोग हर काम को पूरे कायदे के साथ करना पसंद करते हैं। बुध इस राशि का स्वामी है और पृथ्वी इस राशि का तत्व यह, सिक्सथ सेंस को जागृत करने में इनकी सबसे बड़ी रुकावट है स्वभाव में लचीलापन न होना। यदि यह लोग परिस्थितियों को ठीक से समझने लगें और उसके हिसाब से व्यवहार करें तो इनकी सिक्सथ सेंस जागृत हो सकती है।
शु्क्र की स्वामित्व वाली तुला राशि के लोग मनमौजी होते हैं, चूंकि यह वायु तत्व की राशि है इसलिए यह लोग अत्यधिक सोचने वाले भी होते हैं। यदि यह लोग अपने मन के घोडों को नियंत्रण में ले आएं तो छठी इंद्री जागृत करने में इनको ज्यादा परेशानियां नहीं आती क्योंकि शुक्र के प्रभाव से इनमें हर काम को सही तरीके से करने का गुण भी पाया जाता है।
मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि के लोग मोह-माया के बंधनों में बहुत जल्दी पड़ जाते हैं और यही बात सिक्सथ सेंस को जागृत करने में मुश्किलें पैदा करती हैं। यह लोग दुनिया से थोड़ी दूरी बनाकर यदि चलें तो छठी इंद्री को जागृत कर सकते हैं।
इस राशि का स्वामी गृह बृहस्पति है और तत्व अग्नि। राशिचक्र की यह वह राशि है जो दुनिया से विरक्त रहते हैं। हालांकि एक विचार से तुरंत दूसरे विचार पर कूद जाना इनकी खामी होती है। यदि अपने मन की चंचलता पर यह लोग लगाम लगा लें तो आसानी से इनकी छठी इंद्री जागृत हो जाती है।
शनि के स्वामित्व वाली मकर राशि के लोगों के लिए समस्याओं के प्रति उदासीन होना छठी इंद्रीय को जागृत करने में बाधा बनता है। यदि यह हर समस्या को सुलझाते हुए आगे बढ़ें तो इनकी सिक्सथ सेंस धीरे-धीरे सक्रीय होने लगती है।
वायु तत्व प्रधान कुंभ राशि के लोगों को अपने मन को नियंत्रित करने में बहुत दिक्कतें आती हैं लेकिन जब यह अपने मन को नियंत्रण में ले आते हैं तो बड़ी से बड़ी समस्या को भी आसानी से हल कर लेते हैं। अपनी छठी इंद्री को जागृत करने के लिए इन्हें मन को नियंत्रण में रखना सबसे जरूरी है।
बृहस्पति के स्वामित्व वाली मीन राशि के लोग बहुत जल्दी किसी पर भी भरोसा कर लेते हैं और दूसरों की बातों में आसानी से आ जाते हैं। जिसके चलते यह अपने पथ से भी कई बार भटक जाते हैं। यदि यह इन चीजों को नियंत्रित कर दें तो अपनी सिक्सथ सेंस को जगा सकते हैं।
किसी भी राशि के जातक को अपनी खामियों को दूर करने के लिए सबसे पहले उन्हें पहचानना चाहिए और उसके बाद योग के जरिये उनको दूर करना चाहिए। यदि आप निरंतर योगाभ्यास करते रहते हैं तो धीरे-धीरे आपकी छठी इंद्री जागृत होना शुरु हो जाती है। हालांकि इसके लिए आपको सात्विक खानपान, संयम, सही दिनचर्या का पालन, बुरे विचारों का त्याग, गलत संगति से दूरी बनानी चाहिए।
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