ज्योतिष शास्त्र में वास्तु शास्त्र काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार जातक अपने घर की सभी परेशानियों को दूर कर सकता है। लेकिन कई बार वास्तु दोष के कारण जातक को अपने जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी के साथ वास्तु अनुसार प्रमुख रूप से 8 दिशाएं होती हैं। उत्तर, पूर्व, दक्षिण और पश्चिम के अलावा अन्य दिशाओं को आग्नेय, नैऋत्य, वायव्य और ईशान कोण दिशा के रूप में जाना जाता है। साथ ही इन सभी दिशाओं का अपना अलग-अलग महत्व होता है। लेकिन ईशान कोण इन सब दिशा में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
आपको बता दें कि वास्तव में इस दिशा को काफी पवित्र दिशा मानी जाती है। ईशान कोण में बेडरूम बनना शुभ नही माना जाता है। सभी दिशाओं में इस दिशा को सबसे पवित्र और विशेष माना जाता है। इसीलिए घर के इस कोने का विशेष महत्व होता है। चलिए जानते हैं कि ईशान कोण का क्या महत्व होता है और इस दिशा में बनाया से जातक को क्या लाभ होता है-
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वास्तु शास्त्र में सभी दिशाएं महत्वपूर्ण होती है और दिशाओं की महत्वपूर्णता को ध्यान में रखते हुए घर या अन्य चीजों का निर्माण करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अगर जातक वास्तु नियमों का पालन करके अपना घर या अन्य चीजों का निर्माण करता है, तो उससे जातक को लाभ होता है। लेकिन वास्तु दोष के कारण जातक को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। बता दें कि जब जातक वास्तु नियमों का पालन नहीं करता है,तो उसे वास्तु दोष का सामना करना पड़ता है इसीलिए वास्तु शास्त्र काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
बहुत से लोग वास्तु नियमों के अनुसार अपने घर में चीजों को सही दिशा के अनुसार रखते है। ताकि उन्हें वास्तु दोष का सामना ना करना पड़े। वास्तु नियम जातक के जीवन में खुशियां लाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वास्तु शास्त्र में ईशान कोण काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इसे सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र दिशा मानी जाती है। इसी के साथ सभी देवी देवताओं का निवास धरती के ईशान कोण में होता है। आपको बता दें कि ईशान कोण को भगवान शिव की दिशा भी माना जाता है। बता दें कि ईशान कोण जमीन के उत्तर-पूर्व कोने को कहा जाता है। साथ ही वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर और पूर्व दिशा काफी शुभ मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस कोण पर देवी-देवताओं और आध्यात्मिक शक्ति का वास होता है। इसलिए घर की इस दिशा का सबसे पवित्र माना जाता है।
आपको बता दें कि ईशान कोण में मौजूद बैडरूम जातक के लिए सही नही माना जाता है। खासकर इस दिशा में मौजूद बैडरूम शादीशुदा जोड़ों के लिए बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता है। आपको बता दें कि ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा के अंदर अंडर ग्राउंड वाटर टैंक का निर्माण करवाया जा सकता है। इसी के साथ बैठक या अतिथि कक्ष बनाने के लिए ईशान कोण की दिशा काफी शुभ मानी जाती है।
आपको बता दें कि ईशान कोण में जल का प्रबंधन करना काफी उत्तम माना जाता है। साथ ही घर की इस दिशा में आप हेडपंप लगवा सकते हैं। साथ ही आप इस दिशा में मटका या पानी का घड़ा भरकर भी रख सकते हैं। वहीं इस दिशा में जल की स्थापना करना शुभ माना जाता है।
ईशान कोण को पवित्र स्थान माना जाता है। इस दिशा में पूजाघर की स्थापना कर सकते हैं। इससे जातक को लाभ होता है। और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
आपको बता दें कि घर का मुख्य द्वार ईशान कोण में होना शुभ माना जाता है। इसी के साथ अगर आपका घर ईशान मुखी है, तो यह काफी उत्तम माना जाता है। लेकिन आपको शौचालय, रसोईघर और बेडरूम को वास्तु अनुसार बनाना चाहिए।
आपको बता दें कि ईशान कोण में तिजोरी रखना घर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उत्तर ईशान कोण में तिजोरी रखने से घर की कन्या और और पूर्व ईशान में तिजोरी रखने से घर का पुत्र अधिक बुद्धिमान और प्रसिद्ध बनता है।
आपको बता दें कि इस दिशा को काफी पवित्र माना जाता है। इसीलिए इस कोण को सदैव स्वच्छ और पवित्र रखना चाहिए।
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