हिंदू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा भारत के पूर्वी राज्य ओडिशा के पुरी शहर में मनाई जाती है। यह एक हिंदू त्यौहार है, जो भगवान जगन्नाथ की पूजा और भक्ति के अवसर पर मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने का मुख्य कारण भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के जगन्नाथ मंदिर से उत्तर दिशा में स्थित गुंडीचा मंदिर में उन्हें भेंट कराना होता हैं। बता दें कि यह यात्रा रथों के माध्यम से होती है, जिसमें भक्त रथ को खींचते हुए शहर के मुख्य सड़कों से गुंडीचा मंदिर तक जाते हैं। वहीं जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 में 20 जून यानि मंगलवार की दिन धूम-धाम से मनाई जाएगी। इस त्यौहार के दौरान सभी लोग एक साथ उत्सव मनाते हैं और दिव्यता, भक्ति का संगम देखने को मिलता है। इस त्यौहार के दौरान लोग धर्म, संस्कृति और एकता का संदेश देते हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 | 20 जून 2023, मंगलवार |
द्वितीया तिथि प्रारम्भ | 19 जून 12ः55 से |
द्वितीया तिथि समाप्त | 20 जून 14ः37 |
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धार्मिक अनुसार जगन्नाथ रथ यात्रा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस यात्रा के माध्यम से भक्त अपने ईश्वर जगन्नाथ महाप्रभु के दर्शन करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। जगन्नाथ मंदिर में प्रतिवर्ष जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस यात्रा के दौरान रथ को खींचने का काम लोगों द्वारा किया जाता है, जो उन्हें ईश्वर के नजदीक ले जाने का अवसर प्रदान करता है। इस यात्रा में भाग लेने से भक्त अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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भगवान जगन्नाथ की पूजा विधि कुछ इस प्रकार हैं:
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बता दें कि जगन्नाथ रथ यात्रा पूजा के बहुत से लाभ मिलते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
इसके अलावा, जगन्नाथ रथ यात्रा पूजा का महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसमें भाग लेने से व्यक्ति की ईश्वर के साथ निकटता बढ़ती है और जातक को अपने धर्म से जुड़े अन्य लोगों के साथ भी निकटता बनाने का अवसर मिलता है।
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जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसके कारण इस त्यौहार का धार्मिक महत्व बढ़ जाता हैं। यहां कुछ जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 से जुड़े महत्वपूर्ण अनुष्ठानों दिए गए हैः
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हिंदू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह कथा महाभारत काल से भी पुरानी हैं।
कहते हैं कि एक बार भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा अपनी द्वारका में विराजमान थे। उन्होंने अपनी चमत्कारी माया से तीन रथ बनाए, जिन्हें उन्होंने अपने अनुयायियों को तोहफा के रूप में दिए। भगवान जगन्नाथ की विशाल मूर्ति को एक चक्रधारी विमान में स्थापित किया गया था, जो पूरी नगरी में घूमता रहता था।
एक दिन भगवान जगन्नाथ की विशाल मूर्ति को लेकर एक भक्त उनके दरबार में जाना चाहता था। लेकिन गलती से उनके सिर के ऊपर से एक फूल गिर जाता। इससे वह भक्त बहुत दुखी होता है कि उसने अपने भगवान की मूर्ति पर गलती से पैर रख दिया। इसके बाद उस भक्त ने भगवान से प्रार्थना करते हुए कहा कि वह अपने घर में उनका स्थान बनाना चाहता है और वह वहां पर उनकी पूजा करेगा। भगवान जगन्नाथ ने उस भक्त की शुभेच्छा को स्वीकार कर लिया और उन्होंने उसे एक चमत्कारिक तरीके से यह बताया कि वे अपने चारों देवदूतों को साथ लेकर अगली रात उसके घर जाएंगे।
अगली रात, भगवान जगन्नाथ और उनके देवदूत उस भक्त के घर गए और भक्त ने भगवान की पूजा की। इस पूजा के दौरान, भगवान जगन्नाथ ने अपने भक्त को एक ऐसी शक्ति दी, जो उन्हें सदैव सुखी रखेगी और उन्हें आनंद का अनुभव करवाएगी। जगन्नाथ रथ यात्रा की कथा में यह भी बताया जाता है कि भगवान जगन्नाथ की चारों मूर्तियों को एक साथ यात्रा कराने से लोगों को शांति, समृद्धि और खुशी की प्राप्ति होती है। इसलिए लोग जगन्नाथ रथ यात्रा के महत्व को समझते हुए इसे बड़े उत्साह से मनाते हैं।
बता दें कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन आमतौर पर लोग भक्ति भाव से इस उत्सव को मनाते हैं। इस दिन कुछ विशेष उपवास, पूजा, ध्यान आदि करने से शुभ फल प्राप्त होता है। कुछ अहम बातें निम्नलिखित हैं:
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यहां जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन सभी राशियों के लिए कुछ उपाय दिए गए हैं:
ज्योतिष में रथ यात्रा को बहुत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन सूर्य उत्तरायण में होता है और अधिक प्रभावशाली होता है। इसलिए इस दिन को अच्छे अनुष्ठानों, पूजा विधियों और धार्मिक कार्यों के लिए चुना जाता है। हिन्दू धर्म के लोग इस दिन को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। ज्योतिष अनुसार यह सुझाव दिया जाता है कि सभी राशि वालों को इस दिन रथ यात्रा के महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यों में भाग लेना चाहिए।
इस दिन मंदिरों में जाना शुभ माना जाता हैं। साथ ही इस दिन सूर्योदय से पहले पूर्वाह्न में भगवान का जागरण करने से भगवान जगन्नाथ की कृपा मिलती है। इस दिन भजन गाने, पूजा करने और मंदिर या पर्वतीय स्थलों में जाने से जातक और उसके परिवार को शुभ फल मिलते हैं। ज्योतिष के अनुसार, रथ यात्रा के दिन शुभ मुहूर्त में जप और पूजा करने से सभी ग्रहों की दशा में सुधार होता है और समस्त बुराइयों से मुक्ति मिलती है। इस दिन सूर्योदय से पहले प्रात: काल को भगवान जगन्नाथ की आराधना करने से जातक के परिवार में सुख और समृद्धि का संचार होता हैं।
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जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप किया जाता है:
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