ज्योतिष शास्त्र में शनि जयंती 2022 का काफी महत्व होता है, क्योंकि शनि ग्रह ज्योतिष में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा, शनि की दशा जातक के लिए सुख और दुख दोनों लेकर आती है। यही कारण है कि ज्योतिष में शनि को काफी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसी के साथ साल 2022 में 30 मई 2022 को शनि जयंती मनाई जाएगी।
आपको बता दें कि भगवान शनि का जन्म ज्येष्ठ माह में अमावस्या के दिन हुआ था। और ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। यही कारण है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि देव का पूजन-अर्चन किया जाता है।
यह भी पढ़ेंःविवाह शुभ मुहूर्त 2023: जानें साल 2023 में विवाह के लिए शुभ मुहुर्त और तिथि
शनिदेव को कर्म फलदाता, दंडाधिकारी और न्यायप्रिय माना जाता है। इसी के साथ शनि देव अपनी दृष्टि से किसी भी जातक को राजा से रंक और रंक से राजा बना सकते हैं। इसीलिए ज्योतिष में शनि देव काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
आपको बता दें कि हिंदू धर्म में शनि एक देवता भी है और ग्रहों में प्रमुख एक ग्रह भी माने जाते हैं, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में बहुत अधिक महत्व प्राप्त हुआ है। और शनि देव को सूर्य देव का पुत्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जेष्ठ माह की अमावस्या को ही सूर्य देव एवं छाया की संतान के रूप में शनि देव का जन्म हुआ था। और जेष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है।
यह भी पढ़े- ज्योतिष शास्त्र से जानें मन और चंद्रमा का संबंध और प्रभाव
आपको बता दें शनि जयंती इस वर्ष सोमवती अमावस्या और सर्वार्थ सिद्धि योग का सहयोग बना रही है। साथ ही शनि जयंती 2022 के दिन ज्येष्ठ अमावस्या है, जो सोमवार के दिन है ऐसे में यह सोमवती अमावस्या मानी जाती है। इसी के साथ इस दिन नदियों में स्नान करने और दान करने से जातक को पुण्य फल प्राप्त होता है। इसी के साथ इस दिन शनि देव की विशेष पूजा की जाती है। और इस वर्ष शनि जयंती 30 मई सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
इसके अलावा, शनि जयंती 2022 पर सर्वार्थ सिद्धि योग और सुकर्मा योग भी बन रहा है। आपको बता दें कि इस साल शनि जयंती सोमवार के दिन है। और यह सोमवती अमावस्या मानी जाती है। इस दिन पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं व्रत भी रखती हैं। और धन-धान्य सुख, वैभव की प्राप्ति के लिए उपाय भी किए जाते हैं।
Also Read: Effects Of Benefic and Malefic Rahu In Horoscope
सोमवती अमावस्या
यह अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है और ज्येष्ठ अमावस्या के दिन सोमवार है, जिससे सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी। आपको बता दें कि इस दिन नदी में स्नान करना और पितरों का तर्पण करना, दान आदि का कार्य करना काफी पुण्य का कार्य माना जाता है। और इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं। साथ ही भगवान से धन, सुख, वैभव आदि की प्रार्थना भी करती हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग
शनि जयंती 2022 पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में शनिदेव की पूजा करने से जातक की सारी मनोकामना पूर्ण होती है क्योंकि सर्वार्थ सिद्धि योग कार्य में सफलता प्रदान करने वाला योग माना जाता है। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए पूजा पाठ का जातक को अवश्य फल प्राप्त होता है।
यह भी पढ़े- vastu tips 2022: जानें क्या कहता है दुकान का वास्तु शास्त्र और व्यापार में वृध्दि के अचूक ज्योतिष उपाय
सर्वार्थ सिद्धि योग का समय
सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 31 मई यानी मंगलवार की सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए यह मुहूर्त काफी शुभ है।
सुकर्मा योग का समय
सुबह से लेकर रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। यह काफी शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए मांगलिक कार्यों से जातक को अच्छा फल प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक शुभ मुहूर्त का समय है। शनि जयंती 2022 के दिन शनि चालीसा शनि मंत्र का जाप शनि देव की आरती आदि करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
साथ ही शनि जयंती के दिन शनि भगवान की पूजा की जाती है, जिससे जातकों को शुभ फल प्राप्त होता है। इस दिन पूजा अनुष्ठान आदि का कार्य करने से शनि के दुष्प्रभाव को खत्म करने में मदद मिलती है। चलिए जानते हैं शनि जयंती के लिए पूजा विधि:
Also Read: Zodiac Signs Who Love To Cook And Are Kitchen Experts
अधिक जानकारी के लिए आप Astrotalk के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।
अधिक के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना साप्ताहिक राशिफल पढ़ें।
2,505
2,505
अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें