यदि किसी जातक की जन्म कुंडली के अंदर सूर्य-राहु कोई भी राशि में बैठा हो या किसी अन्य स्थान पर बैठा हो तो उसे सूर्यग्रहण कहते हैं। सूर्य और राहु एक दूसरे से विपरीत ग्रह है। सूर्य यदि उजाला है तो राहु अंधकार है। सूर्य सात्विक है तो राहु तात्विक है। सूर्य धर्म है तो राहु अधर्म है। सूर्य नीति है तो राहु अनीति है। सूर्य भगवान है तो राहु राक्षस है। लेकिन यह दोनों ग्रह दार्शनिकता और राजनीति के कारक भी माने गए हैं। जब यह दोनों विपरीत शक्तियां आपस में एक दूसरे के सामने आती हैं तो वहां पर एक ग्रहण योग बनता है। सूर्य-राहु की युति के कारण जातक के जीवन पर बहुत सारे सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को इन सभी प्रकार के प्रभावों के बारे में पता होना अत्यंत आवश्यक होता है।
सूर्य-राहु युति के कारण जातक का भाग्य ख़राब हो जाता है। उसके जीवन मैं अनेकों प्रकार की समस्याएं और कठिनाइयां उत्पन्न होने लगती हैं। उस व्यक्ति को काफ़ी संघर्ष और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अत्यधिक परेशानियों के कारण व्यक्ति हताशा और निराशा में भी घिर जाता है।
हर इंसान के जीवन में उसके परिचित और रिश्तेदार बहुत अहमियत रखते हैं और इसीलिए उनके साथ मधुर संबंध भी बनाए रखना आवश्यक होता है। परंतु सूर्य-राहु जब आपस में मिलते हैं तो ये दोनों जातक के संबंध उसके सभी रिश्तेदारों और जानने वालों से ख़राब कर देते हैं। दोस्तों और सहयोगियों से लड़ाई झगड़ा रहने लगता है।
सूर्य और राहु की युति का जातक के पिता पर भी अत्यधिक असर पड़ता है। यह जातक के पिता के स्वास्थ्य और भाग्य को भी बहुत अधिक प्रभावित करता है। पिता को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां भी उत्पन्न होने लगती हैं और बीमारियां उपचार के बाद भी ठीक नहीं होती।
जिस जातक की कुंडली में सूर्य ग्रहण लगता है उसमें ऊर्जा की कमी हमेशा बनी रहती है क्योंकि सूर्य ऊर्जा है और राहु उस ऊर्जा को ग्रहण लगा कर कम कर देता है। इसी वजह से जातक के जीवन में ऊर्जा की कमी बन जाती है।
जातक को अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए राहु से संबंधित उपाय करना चाहिए। राहु को शांत करने से जातक के जीवन के अनावश्यक कष्टों को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा जीवन की सभी नकारात्मक शक्तियां भी जातक से दूर रहती हैं। राहु को शांत करने के लिए किसी जरूरतमंद को दान भी अवश्य दें।
जातक को अपने जीवन मान-सम्मान और मानसिक वृद्धि के लिए स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही दीपदान भी करें, ऐसा करने से जातक के स्वास्थ्य पर अनुकूल असर पड़ता है और उसकी प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है।
यदि आप पूजा-पाठ के द्वारा अपने जीवन से राहु को शांत कर लेते हैं तो जातक के जीवन में फिर जितनी भी परेशानियां हैं वह सब खत्म हो जाएंगी। इसके साथ-साथ आप असहाय और गरीब लोगों की भी मदद करें। ऐसा करने से जातक के जीवन में खुशहाली और संपन्नता आती है।
यदि कोई इंसान अपनी नौकरी में प्रमोशन चाहता है तो वह सूर्य ग्रहण के बाद धन तथा अन्न का दान करें। इसके अलावा कपड़ों का दान करना भी काफ़ी लाभदायक रहता है। जो नौकरी पेशा है उनको नौकरी में प्रमोशन मिलने के अवसर बढ़ते हैं तथा इसके अलावा अच्छी जगह पर उनका ट्रांसफर भी होने की संभावना बन जाती है।
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