वास्तु शास्त्र के अनुसार इन जगहों पर कभी ना पहनकर जाए जूते, होगा काफी नुकसान
कई बार चीजों का ज्ञान ना होने पर हम जाने अनजाने में कई बड़ी गलतियां कर बैठते हैं। जिसके बाद हमें काफी भारी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। उसी तरह वास्तु शास्त्र का ज्ञान ना होने पर हम कई बार इस से जुड़ी बड़ी गलतियां कर बैठते हैं। जो बाद में हमारे लिए काफी नुकसानदायक साबित होती है।
इसीलिए हमें वास्तु शास्त्र से जुड़े कुछ नियमों के बारे में जान लेना चाहिए जो हमारे जूते चप्पलों से जुड़े होते हैं। अगर आपको इन नियमों के बारे में पता होगा तो आप आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, पारिवारिक समस्या आदि जैसी चीजों से परेशान नहीं होंगे। और आप अपना जीवन काफी खुशहाली के साथ व्यतीत कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि हमें किन जगहों पर जूते चप्पल पहन कर नहीं जाना चाहिए। और साथ ही हम यह भी जानेंगे कि घर में जूते चप्पल रखने की सही दिशा कौन सी होती है, जिससे आपको काफी फायदा मिले।
वास्तु शास्त्र के द्वारा अगर आपके कमरे की बालकनी पश्चिम या दक्षिण में मौजूद है, तो आप वहां जूते चप्पल के लिए अलमारी बना सकते हैं। यह सही दिशा मानी जाती है।
जूतों की अलमारी
जूतों को हमेशा जूतों की रेक में अच्छे से रखना चाहिए।
अगर जूते चप्पल इधर-उधर बिखरे रहते हैं, तो यह अच्छा संकेत नहीं होता, इससे घर में तनाव पैदा होता है।
साथ ही पुराने जूते चप्पलों को घर में नहीं रखना चाहिए।
पुराने और टूटे-फूटे जूते चप्पल घर में नकारात्मक ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसे घर में और अधिक परेशानियां आती हैं।
पश्चिम दिशा
जो जूते चप्पल आप रोजाना इस्तेमाल करते हैं, उन्हें आपको पश्चिम दिशा की तरफ रखना चाहिए।
आपको बता दें कि पूर्व दिशा की तरफ कभी भी जूते चप्पल की अलमारी नहीं बनानी चाहिए।