भारत में मंत्र को एक ऐसा जरिया माना जाता है जिनके प्रयोग से कई तरह के कार्य सिद्ध किये जा सकते हैं। आज भी हिंदू घरों में गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाना आम सी बात है। लेकिन मंत्रों के जाप की यह प्रक्रिया पुराने समय में काफी प्रचलित थी। इन्हीं मंत्रों में एक है मारण मंत्र जिसको शत्रुओं को समाप्त करने या शत्रुतों का अंत करने के लिए किया जाता था। आज अपने इस लेख में हम इसी मंत्र के बारे में चर्चा करेंगे।
ऐसा माना जाता है कि पुराने समय में लोग अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए मारण मंत्र का जाप किया करते थे। हालांकि इसकी शुरुआत को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। मारण मंत्र में मूठ नामक मंत्र का प्रयोग लंबे समय तक चलता रहा। इस मंत्र को ओझा द्वारा करवाया जाता था जिससे शत्रु का नाश हो जाता था। यही वजह है कि पुराने समय में लोग ओझाओं से भयभीत रहा करते थे। इस मंत्र के निवारण के लिए विपक्षी भी ओझा को बुलाते थे और ऐसे में मंत्र युद्ध चला करते थे। इस मंत्र को आज के समय के हिप्नोटिज्म से जोड़कर भी देखा जाता है।
कुछ लोगों का कहना है कि मारण मंत्र का प्रयोग जिस भी व्यक्ति पर किया जाता था वो किसी भी चीज में दिलचस्पी लेना बंद कर देता था, धीरे-धीरे उसकी तबीयत भी बिगड़ने लगती थी और अंत में प्राण तक भी चले जाते थे।
इस मंत्र को शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने या शत्रु को भी मित्र बनाने के लिए किया जाता था।
ऊँ हुँ हुँ फट् स्वाहा।
मंत्र को यदि आप अश्विनी नक्षत्र में घोड़े की एक चार अंगुल लंबी हड्डी लेकर सिद्ध कर दें और उसके बाद जब जरूरत पड़े तो 21 बार इसका जाप करके शत्रु के मकान में गुप्त रूप से दबा दें तो ऐसा माना गया है कि शत्रु का नाश हो जाता है।
ऊँ डं डां डिं डीं डु डू डें डैं डों डौं डं ड:।
अमुकस्य हन स्वाहा। (अमुकस्य की जगह शत्रु का नाम)
इस मंत्र को काफी आसन माना जाता है इसलिए लोगों ने इसका उपयोग काफी किया है। इस मंत्र का यदि एक लाख बार जाप कर लिया जाए और किसी मनुष्य की चार अंगुल लंबी हड़्डी लेकर इस मंत्र को 108 बार अभिमंत्रित कर लिया जाया और अंत में किसी श्मशान में जाकर इस हड्डी को दफना दिया जाए तो शत्रु का अंत हो जाता है।
इन मंत्रों का जाप यूं तो शत्रु के विनाश के लिए किया जाता है लेकिन हमारी सलाह यही रहेगी कि इसका प्रयोग ना ही करें तो बेहतर। इससे आपके शत्रु का नाश तो हो सकता है लेकिन उसके पश्चात आप भी आत्मग्लानि के कारण मानसिक तनाव में आ सकते हैं। कुछ विद्वानों का तो यह कहना भी है कि इस मंत्र का अतीत में बहुत ज्यादा दुरुपयोग हुआ जिसके कारण कुछ सिद्ध पुरुषों ने इस तरह के मंत्रों की शक्ति को क्षीण कर दिया।
यदि आप किसी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए मंत्र का जाप करके कर सकते हैं।
ऊँ नमो आदि रुपाय अमुक आकर्षण कुरु-कुरु स्वाहा:। (अमुक की जगह पर व्यक्ति का नाम लें)
शत्रुबाधा मुक्ति के लिए शत्रुनाशक पूजन बुक करे।
इस मंत्र को बुधवार से बुधवार के बीच 1 लाख 20 हजार बार जाप करके सिद्ध करना चाहिए। जब मंत्र सिद्ध हो जाता है तो सही समय पर इसका प्रयोग कर सकते हैं। इससे व्यक्ति आपकी ओर आकर्षित होगा।
मुश्किल समय में कई लोग इन मंत्रों का प्रयोग करने की सोचते हैं लेकिन इन मंत्रों का प्रयोग बहुत समझकर करना चाहिए। इससे आपकी इच्छाएं तो पूरी हो सकती है लेकिन कई बार आप इच्छा पूरी होने के बाद खुद भी ऐसी मनोदशा में चले जाते हैं जिससे मुश्किलें बढ़ जाती हैं। इसलिए हम एक बार फिर आपको कहना चाहेंगे कि इन मंत्रों का उपायोग करने से बचें। आप मंत्रों का उपयोग करना ही चाहते हैं तो उन मंत्रों का करें जो आपको बेहतर इंसान बनाते हैं। जिनसे आप खुद के लिए बेहतर कर सकते हैं। दूसरों को नुक्सान पहुंचाकर अपना भला करने की न सोचें तो ही अच्छा।
यह भी पढ़ें- अंतराष्ट्रीय योग दिवस २०२०- योग की युक्ति, सर्दी-जुकाम से मुक्ति
39,774
39,774
अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें