मंगल एक ऐसा ग्रह है जो व्यक्ति को साहस औऱ पराक्रम प्रदान करता है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल का अधिक प्रभाव होता है वो स्वछंद होकर काम करना पसंद करते हैं। ऐसे लोग कई बार अपनी जिद्द पर भी अड़ जाते हैं जिसके कारण यह खुद का अहित भी कर देते हैं। मंगल यदि आपकी कुंडली के प्रथम भाव में है तो आपके जीवन पर क्या असर पड़ेगा इसके बारे में आज हम अपने इस लेख में चर्चा करेंगे।
कुंडली के प्रथम भाव को सभी 12 भावों में सबसे अहम माना जाता है। इस भाव से आपके व्यक्तित्व, शारीरिक क्षमता और आत्मा आदि के बारे में विचार करते हैं। इस भाव में यदि मंगल ग्रह विराजमान है तो आपके अंदर साहस देखा जाएगा। आप जोखिम भरे कामों को करने से भी नहीं कतराएंगे।
लोगों के बीच आपकी छवि प्रभावशाली होगी। किसी के दबाव में आकर काम करना आपको पसंद नहीं आएगा। हालांकि कई बार आप जल्दबाजी में गलत निर्णय भी ले सकते हैं। कई बार आपका साहस दुस्साहस में भी बदलते देखा जा सकता है। ऐसे लोगों पर लगाम लगाना भी कई बार टेढ़ा काम नजर आता है, अहंकार वश कई बार यह लोग अपने करीबियों से भी दूर हो सकते हैं।
मंगल को भूमि, संपत्ति आदि का कारक ग्रह माना जाता है। यदि व्यक्ति के प्रथम भाव में मंगल विराजमान हो तो व्यक्ति को पैतृक संपत्ति से धन अर्जित होता है, ऐसे लोगों को अचल संपत्ति मिलने की पूरी संभावना रहती है। जिन भी जातकों के प्रथम भाव में मंगल देव विराजमान होते हैं वो किसी न किसी तरह से धन अर्जित कर ही लेते हैं। मंगल अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है इसलिए यह प्रथम भाव में विराजमान होकर व्यक्ति को ऊर्जा प्रदान करता है औऱ ऐसा व्यक्ति आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटता।
लाल ग्रह का प्रथम भाव में विराजमान होना व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता। जिन भी जातकों के प्रथम भाव में मंगल होता है उनके व्यवहार में गुस्से की अधिकता देखी जा सकती है। ऐसे लोग चिड़चिड़े हो सकते हैं जिसके कारण कई तरह के रोग इनको हो सकते हैं। ऐसे लोगों को आंखों की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। पित्त संबंधी बीमारियां भी ऐसे लोगों को लग सकती हैं। अत्यधिक क्रोध और जलन की भावना इनको मानसिक तनाव और सिरदर्द भी देती है। ऐसे लोग व्यभिचार में पड़कर अपने स्वास्थ्य को क्षति पहुंचा सकते हैं। आप बुखार के कारण कई बार बीमार पड़ सकते हैं।
मंगल के पहले घर में विराजमान होने के कारण व्यक्ति को शारीरिक कामों में सफलता मिलती है। ऐसे लोग खेलकूद में अपना भविष्य बना सकते हैं। ऐसे लोग सेना में भी अच्छे पदों पर जा सकते हैं। चिकित्सा और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में इन लोगों को अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
पहले भाव में विराजमान मंगल पारिवारिक जीवन में आपको कुछ परेशानियां दे सकता है। मंगल चतुर्थ दृष्टि से आपके चतुर्थ भाव को देखेगा जिसके कारण माता का स्वभाव गुस्सैल हो सकता है, कई बार माता के साथ अनबन की स्थिति बन सकती है। भाई बहनों के साथ आपका मेलजोल सामान्य रहेगा लेकिन आपका गुस्सा कई बार दूरी का कारण बन सकता है। खासकर छोटे भाई-बहनों के साथ आपके संबंध अच्छे नहीं रहते।
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