आज के समय में शिक्षित होना उतना ही अनिवार्य है जितना जीने के लिए हवा, पानी का होना। इसलिए मां-बाप आजकल अपने बच्चों को 3-4 साल की छोटी उम्र से ही पढ़ाना शुरु कर देते हैं, ताकि बच्चे का भविष्य उज्जवल हो सके। हालांकि हर बच्चा पढ़ाईृ-लिखाई में अच्छा हो यह जरुरी नहीं होता, कई बच्चे खेलकूद तो कई रचनात्मक कार्यों में रुचि रखते हैं और आगे बढ़ते हैं।
वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चा पढ़ाई के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन तो करना चाहता है लेकिन चाहकर भी कर नहीं पाता। इसके कई सामाजिक और निजी कारण हो सकते हैं लेकिन आपकी कुंडली में ग्रहों की दृष्टि भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार होती है, आज इस विषय पर ही हम चर्चा करेंगे।
यदि आप छात्र हैं और आपकी कुंडली में भी ऊपर दी गई स्थितियों में से कोई स्थिति बन रही है तो आपको तुरंत किसी अच्छे ज्योतिष से सलाह लेनी चाहिए। ज्योतिष द्वारा बताए गए उपायों को करके आप कुंडली में स्थित इन दोषों को दूर कर सकते हैं।
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