स्वास्थ्य को खतरा कब होता है, कब आप किसी बड़ी बीमारी का शिकार हो सकते हैं? इस बारे में आप अपनी कुंडली को देखकर जान सकते हैं। वर्तमान समय में कोरोना महामारी के संकट के बीच यह जानकारी होना और भी अहम हो गया है। यदि आपको सेहत को लेकर कोई खतरा है और आपको यह बात पहले ही पता चल जाती है तो आप सतर्क हो सकते हैं और उसके अनुसार उपाय कर सकते हैं। आपको बता दें कि कुंडली में मारकेश और षष्ठेश की दशा आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होती है।
जातक की स्वास्थ्य को खतरा है या नहीं इसका विचार करने के लिए ज्योतिषी कुंडली में मारकेश और षष्ठेश की दशा पर ध्यान देते हैं। किसी भी जन्मकुंडली में द्वितीय भाव के स्वामी यानि द्वितीयेष, सप्तम भाव के स्वामी यानि सप्तमेष और द्वादश भाव के स्वामी यानि द्वादशेष को मारकेश ग्रह माना जाता है। इनमें से द्वादशेष को उतना घातक मारकेश नहीं माना जाता जितना कि द्वितीयेष और सप्तमेष को। वहीं छठे भाव के स्वामी को षष्ठेश कहा जाता है और इसकी दशा के दौरान भी व्यक्ति बीमार पड़ सकता है।
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि द्वितीयेश, सप्तमेश और द्वादशेष को मारकेश कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में मारकेश की महादशा और अंतर्दशा को बहुत खतरनाक माना जाता है और इस दौरान व्यक्ति की मृत्यु होने की संभावना भी रहती है, हालांकि इसके लिए ग्रहों की युति, दृष्टि आदि देखना भी बहुत जरुरी होता है। यदि मारकेश कूर ग्रह हों तो सेहत पर ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं।
षष्ठेश को रोगकारक माना जाता है। इस भाव के ग्रह की जब महादशा या अंतर्दशा चलती है तो व्यक्ति को कोई न कोई रोग लग सकता है। इसकी वजह यह भी है कि जन्मकुंडली में छठे भाव को रोग का भाव कहा जाता है। षष्ठेश यदि अशुभ भावों में हो तो रोग जल्द ही ठीक हो सकता है जबकि शुभ भावों में बैठा षष्ठेश व्यक्ति को ऐसा रोग दे सकता है जो जल्दी ठीक नहीं होगा। आईए अब लग्न के अनुसार जानते हैं कि किस लग्न के लिए कौन सा ग्रह मारकेश है और कौन सा षष्ठेश।
जिन जातकों का लग्न मेष राशि का है उनके लिए बुध ग्रह षष्ठेश और शुक्र-मंगल मारकेश होते हैं। इन ग्रहों की दशाओं में मेष लग्न वालों को सावधान रहना चाहिए।
वृषभ लग्न वाले जातकों के लिए षष्ठेश शुक्र होता है और मंगल-बुध मारकेश होते हैं, इसलिए वृषभ लग्न वालों को इन ग्रहों की महादशा-अंतर्दशा के दौरान संभलकर रहना चाहिए।
यदि आपका लग्न मिथुन राशि का है तो चंद्र-गुरु आपके लिए मारकेश और मंगल षष्ठेश होगा। इन ग्रहों की दशा के दौरान आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक सावधान रहने की जरुरत है।
कर्क लग्न वालों के लिए षष्ठेश बृहस्पति ग्रह होते हैं और सूर्य-शनि मारकेश होते हैं। इन ग्रहों की दशा आपको सेहत संबंधी बड़ी परेशानियां दे सकती है इसलिए सावधान रहें।
यदि आपका लग्न सिंह राशि का है तो बुध-शनि आपके लिए मारकेश और शनि षष्ठेश होंगे। शनि-बुध की दशाओं के दौरान आपको स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना चाहिए।
कन्या लग्न वालों के लिए षष्ठेश शनि और मारकेश शुक्र-गुरु होते हैं। इन ग्रहों की महादशा-अंतर्दशा इन जातकों को परेशानी में डाल सकती है।
जिन जातकों का लग्न तुला राशि का है उनके लिए मंगल मारकेश और गुरु षष्ठेश होते हैं। इन दोनों ग्रहों की दशा के दौरान तुला लग्न वालों को सावधान रहना चाहिए।
यदि आपका लग्न वृश्चिक राशि का है तो गुरु-शुक्र आपके लिए मारकेश और शुक्र षष्ठेश होते हैं। इन ग्रहों की दशाएं आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दे सकती हैं।
जिन जातकों का लग्न धनु राशि का है उनके लिए शुक्र षष्ठेश और शनि-बुध मारकेश होते हैं। इन ग्रहों की दशा आपको स्वास्थ्य संबंधी बड़ी परेशानियां दे सकती हैं।
इस लग्न के जातकों के लिए शनि-चंद्र मारकेश और बुध षष्ठेश होते हैं। स्वास्थ्य को लेकर इन ग्रहों की दशा के दौरान मकर लग्न के लोगों को सावधान रहना चाहिए।
कुंभ लग्न वालों के लिए गुरु-सूर्य मारकेश और चंद्र षष्ठेश होते हैं। इन ग्रहों की महादशा-अंतर्दशा मकर लग्न वालों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
जिन जातकों का लग्न मीन राशि का है उनके लिए मंगल-बुध ग्रह मारकेश और सूर्य ग्रह षष्ठेश होते हैं। इन ग्रहों की दशा के दौरान मीन राशि वालों को सावधान रहना चाहिए।
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