कुंडली का अष्टम भाव गूढ़ रहस्यों से भरा माना जाता है इसलिए ज्योतिष में इसकी बहुत अहमियत है। इस भाव को आयुर भाव कहा जाता है क्योंकि इससे व्यक्ति की आयु का पता चलता है। इसके साथ ही जीवन में आने वाली बाधाओं के बारे में भी इसी भाव से जानकारी मिलती है। आज अपने इस लेख में हम इसी भाव के बारे में बात करेंगे।
इस भाव को आयु का भाव कहते हैं लेकिन इसके साथ ही यह भाव आपके पतन, मान-सम्मान, पैतृक संपत्ति, गूढ़ ज्ञान के बारे में भी बताता है। ज्योतिषीय जानकारों के अनुसार इस भाव का व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है इससे आपके जीवन में किस तरह की बाधाएं आएंगी इसकी जानकारी भी मिलती है। इसके साथ ही आपके व्यवसाय का प्रकार व्यक्ति की पराजय और इच्छाओं की जानकारी भी इसी भाव से हमको प्राप्त होती है।
कुंडली के इस भाव में यदि क्रूर ग्रह विराजमान हों तो शुभ माना जाता है वहीं शुभ ग्रहों का इस भाव में विराजमान होना अशुभ माना जाता है। इस भाव की अच्छी स्थिति व्यक्ति को गूढ़ विषयों में पारंगत बनाती है ऐसे लोग विज्ञान, ज्योतिष जैसे विषयों के रहस्यों को उजागर कर पाते हैं। इसके साथ ही ऐसे लोग आध्यात्मिक रुप से भी काफी परिपक्व होते हैं, तंत्र, मंत्र साधना आदि में भी ऐसे लोगों को सफलता मिलती है।
वहीं यदि कुंडली का यह भाव दुर्बल हो तो व्यक्ति पर आरोप लग सकते हैं, दुर्घटनाएं हो सकती हैं। ऐसे लोग रोगग्रस्त भी हो सकते हैं और उनके जीवन में रुकावटें भी आती हैं।
इस भाव व्यक्ति के ससुराल पक्ष का भी पता चलता है। इसके साथ ही व्यक्ति को पैतृक संपत्ति मिलेगी या नहीं इसका अध्ययन भी इसी भाव से किया जाता है। अगर इस भाव पर गौर से विचार किया जाए तो इससे व्यक्ति के पुनर्जन्म की जानकारी भी मिल सकती है। इसलिए अच्छे ज्योतिषी इस भाव को बहुत गंभीरता से लेते हैं और उसी व्यक्ति को अच्छा ज्योतिषी कहा जाता जो इस भाव के रहस्यों को उजागर कर सके।
यदि इस भाव से संबंधित शारीरिक अंगों की बात की जाए तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण है रीढ़ की हड्डी। इसके साथ ही यह व्यक्ति के गुप्तांगों के बारे में भी जानकारी देता है। इसके साथ ही व्यक्ति के चेहरे पर होने वाले कष्टो के बारें में भी इसी भाव से पता चलता है।
इस भाव से विदेश यात्राओं के संबंध में भी जानकारी मिलती है। जिन लोगों की कुंडली में अष्टम भाव में क्रूर ग्रह हों या क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो तो उनके विदेश जाने की संभावना होती है। ऐसे लोग विदेशों में जाकर अपना घर भी बना सकते हैं।
इस भाव की मजबूती या ग्रहों की स्थिति से व्यक्ति के व्यवसाय के बारे में भी पता लगाया जा सकता है। यह भाव गूढ़ विषयों का होता है इसलिए इस भाव से ज्योतिष, गूढ़ विज्ञान, चिकत्सा आदि के क्षेत्रों में व्यक्ति को सफलता मिल सकती है।
कुंडली का यह भाव बीमा संस्थाओं, स्टॉक मार्केट, विदेशी संबंधों, खोज को भी दर्शाता है इसलिए इन क्षत्रों में भी इस भाव की मजबूती अच्छे फल दिला सकती है।
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