शनि जयंती इस साल 22 मई 2020 को मनाई जाएगी। शनि देव को न्याय कर्ता ग्रह के रुप में देखा जाता है और यह व्यक्ति के कर्मों के अनुसार ही उसे फल देते हैं। अधिकतर लोग शनि देव को लेकर गलत मान्यता बना लेते हैं कि शनि देव केवल व्यक्ति को परेशानियां ही देते हैं लेकिन ऐसा नहीं है यदि आपके कर्म अच्छे हैं तो शनि देव आपको अच्छे फल भी अवश्य देते हैं।
आपको बता दें कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि देव का जन्म हुआ था। यही वजह है कि हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है, इस साल 22 मई को यह दिन है। ज्योतिष में शनि देव को न्यायाधीश कहा जाता है, काल पुरूष की कुंडली में मकर और कुंभ राशि पर शनि देव का स्वामित्व है। इसके साथ ही इनकी दृष्टियों (तृतीय, सप्तम और दशम) को भी ज्योतिष में बहुत अहम माना जाता है।
इस शनि जयंती पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग भी बनेगा। शनि देव इस दिन बृहस्पति ग्रह के साथ मकर राशि में विराजमान रहेंगे वहीं वृषभ राशि में शुक्र, सूर्य, चंद्र और सूर्य चार ग्रहों की युति होगी। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहों की यह स्थिति भारत समेत पूरी दुनिया पर असर डालेगी। ग्रहों के इस दुर्लभ संयोग के कारण दुनिया में धार्मिक गतिविधियां हो सकती हैं।
भारत की बात की जाए तो कोरोना काल में भारत सरकार देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कुछ कड़े कदम उठा सकती है। वहीं वैश्विक स्तर पर भारत को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने की भी संभावना है।
हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का प्रतीक माना गया है। हर साल ज्येष्ठ अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन लोग शनि देव की पूजा-अर्चना करके उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। चूंकि शनि देव लोगों को कर्मों के अनुसार फल देते हैं इसलिए इस दिन लोग सही मार्ग पर चलने का प्रण लेकर भी शनि देव की कृपा पाने की कोशिश करते हैं।
देश के लगभग सभी शनि मंदिरों में इस दिन शनि देव की पूजा-अर्चना की जाती है। हालांकि वर्तमान समय में कोरोना वायरस के कारण शायद ही शनि मंदिरों में भीड़ देखी जाए। ऐसे में शनि भक्तों को घर में ही शनि देव की अराधना करके उन्हें प्रसन्न करना चाहिए। इस दिन यदि आप दान-पुण्य, जरुरतमंदों की मदद और माता-पिता की सेवा करते हैं तो शनि देव की कृपा अवश्य प्राप्त होती है।
शनि जयंती पर सुबह सूर्योदय से पहले उठकर आपको स्नान ध्यान आदि जरुरी काम कर लेने चाहिए। इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करने के बाद वहां काले कपड़े पर शनि देव की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करना चाहिए। इसके बाद शनि देव को आप सरसों के तेल से स्नान कराएं तो शुभ रहेगा।
इसके उपरांत शनि देव की आरती का पाठ करना चाहिए और साथ ही हुनमान जी की भी पूजा करनी चाहिए। सारे दिन के उपवास के बाद शाम के समय भी शनि देव की पूजा करनी चाहिए और उसके बाद लोगों में प्रसाद बांटना चाहिए।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आपको कुछ ऐसे उपाय हम आपको बताने जा रहे हैं जिनको करने से शनि देव कभी आपसे रुष्ट नही होंगे।
1. शनि देव को यदि आप प्रसन्न करना चाहते हैं कभी असत्य न बोलें।
2. माता-पिता की सेवा करें।
3. काली गाय की सेवा करें।
4. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप भगवान शिव की पूजा करें तो शुभ फल अवश्य मिलेंगे, साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
5. तिल और सरसों के तेल का दान करना भी आपके लिए शुभ रहेगा।
यह भी पढ़ें- प्रथम भाव में मंगल की स्थिति का आपके जीवन पर असर
2,712
2,712
अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें