ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और मंगल दोनों ही अग्नि तत्व प्रधान ग्रह हैं। इन दोनों की युति कुंडली में होने पर व्यक्ति महत्वकांक्षी बनता है। इसके साथ ही कुछ ऐसी स्थितियां भी हैं जिनमें इन दोनों ग्रहों की युति का व्यक्ति पर प्रतिकुल प्रभाव भी पड़ सकता है। आज अपने इस लेख में हम सूर्य-मंगल युति पर ही विचार करेंगे।
जैसा कि हम बता चुके हैं यह दोनों ही ग्रह अग्नि तत्व से संबंधित हैं। इसलिए इन दोनों ग्रहों की युति व्यक्ति को ऊर्जावान बनाती है। ऐसे लोगों में आक्रामकता देखी जाती है। ऐसे लोग बड़े से बड़ा रिश्क लेने से भी कतराते नहीं। साहसी प्रवर्ति होने के कारण यह एडवेंचरस भी होते हैं। ऐसे लोग किसी के नीचे दबकर काम नहीं कर पाते, इन लोगों को स्वतंत्रता पसंद होती है। अगर कुंडली में सूर्य-मंगल अनुकूल हों तो ऊपर दी गई सारी बातों के साथ ही यह लोग समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन लाने में सक्षम होते हैं।
हालांकि ऐसे लोगों में अहंकार की भी अधिकता होती है औऱ इन लोगों को कोई भी बात आसानी से नहीं समझायी जा सकती है। ऐसे लोग अपनी बातों को ज्यादा अहमियत देते हैं और दूसरों की बातों को कम। हालांकि सूर्य-मंगल यदि दुर्बल हों तो आत्मविश्वास की कमी ऐसे लोगों में देखी जा सकती है।
इन दोनों ग्रहों की युति व्यक्ति को समाज में मान-प्रतिष्ठा दिलाती है। इन दोनों ही ग्रहों की युति व्यक्ति को अच्छी नेतृत्व क्षमता प्रदान करती है क्योंकि सूर्य को ज्योतिष में राजा कहा जाता है और मंगल को सेनानायक, दोनों ही नेतृत्व क्षमता से पूर्ण ग्रह हैं। अपने साहसिक गुणों से ये लोग जनमानस को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब होते हैं। ऐसे लोग समाज में कुछ ऐस परिवर्तन लाने में भी कामयाब होते हैं।
जिन भी जातकों की कुंडली में सूर्य-मंगल युति होती है उन्हें सेना, राजनीति, सामाजिक कार्यों में सफलता मिलती है। ऐसे लोग मंगल के प्रभाव के कारण भवन निर्माण आदि कार्यों में भी सफलता पा सकते हैं। हालांकि यह लोग जिस भी क्षेत्र में जाते हैं वहां उच्च पदों पर पहुंचने की इनकी क्षमता अधिक होती है, सूर्य और मगल की युति इन्हें किसी के मातहत काम करने से रोकती है इसलिए यह मेहनत करके उच्च पदों पर अवश्य पहुंचते हैं।
कुंडली में यदि यह दोनों ग्रह शुभ अवस्था में है तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है, हालांकि इनकी दुर्बल स्थिति पित्त रोग, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी रोग दे सकती है। इसके साथ ही ऐसे लोगों की दुर्घटना होने की संभावना भी रहती है। जिन जातकों की कुंडली में इन दोनों ग्रहों की युति शुभ नहीं है उन्हें अत्यधिक तीखा और मसालेदार भोजन खाने से बचना चाहिए। योग-ध्यान का सहारा लेना ऐसे लोगों के लिए शुभ रहता है।
इन दोनों ग्रहों के चलते कुंडली में अंगारक दोष का निर्माण भी होता है। इस दोष के चलते व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों के स्वास्थ्य में निरंतर कोई न कोई उतार-चढ़ाव आता रहता है। इसके साथ ही ऐसे लोग गुस्सैल भी होते हैं जिसके कारण पारिवारिक जीवन में भी कलह हो सकती है। इस दोष को दूर करने के लिए व्यक्ति को उपाय करने चाहिए और ज्योतिषीय सलाह लेनी चाहिए।
मंगल और सूर्य की युति से व्यक्ति को खेलों की दुनिया में भी नाम मिल सकता है। ऐसे लोग ऊर्जा से भरे होते हैं और ऊर्जा की आवश्यकता हर खेल में होती है। सिर्फ यही नहीं इसके साथ ही नेतृत्व के गुणों के कारण ऐसे लोग अच्छे टीम लीडर भी साबित होते हैं। इनकी आक्रामकता विपक्षियों पर हावी पड़ती है और इनकी कड़ी मेहनत फिल्ड पर इन्हें विश्वसनीय बनाती है।
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