एकादशी व्रत का शास्त्रों में बहुत अधिक महत्व बताया गया है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को सभी व्रतों का राजा कहा गया है। इसके कारण व्यक्ति अपने पापों से मुक्ति पाकर मोक्ष की प्राप्ति करता है। इस व्रत को रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना अत्यधिक आवश्यक होता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इन सभी नियमों का पालन करते हुए इस उपवास को रखता है तो वह निश्चित ही इसके अनेकों लाभ प्राप्त करता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपसे चर्चा करेंगे कि एकादशी व्रत के वह कौन से नियम है जो हर इंसान को पालन करने चाहिए।
एकादशी व्रत के दिन आपको किसी भी व्यक्ति पर बिल्कुल भी क्रोध नहीं करना चाहिए। यदि किसी बात की वजह से आपको गुस्सा आ भी रहा है तो आप उस पर कंट्रोल करें। इसके साथ ही हर मिलने जुलने वाले इंसान से बहुत प्यार से और मीठेपन से बात करें।
एकादशी उपवास के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप बिल्कुल भी मांस, मछली, लहसुन, प्याज आदि निषेध वस्तुओं का प्रयोग न करें। भूलकर भी अपने भोजन में इन वस्तुओं को शामिल न करें क्योंकि इनका सेवन करने से आपका व्रत ख़राब हो जाएगा।
यदि आप यह चाहते हैं कि आपका व्रत संपूर्ण हो जाए तो इसके लिए आपको पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा। रात्रि के समय आपको भोग-विलास से पूरी तरह दूर रहना होगा।
एकादशी के दिन दातुन का प्रयोग बिल्कुल भी न करें। यदि जमीन पर कोई आम, नींबू या जामुन का पत्ता गिरा हुआ हो तो उसे उठाकर चबा लें और फिर अच्छी तरह से कुल्ला कर लें। ध्यान रहे कि आप ख़ुद से किसी टहनी से पता न तोड़े।
जब आप स्नान कर लें तो उसके बाद आप मंदिर में जाएं और वहां जाकर गीता का पाठ करें। इसके अलावा यदि आप चाहें तो पुरोहित जी से भी गीता पाठ का श्रवण कर सकते हैं।
भगवान के सामने खड़े होकर इस बात का प्रण लें कि आज मैं किसी भी बुरे व्यक्ति , चोर, झूठें, दुराचारी और कपटी व्यक्ति से बिल्कुल भी बात नहीं करूंगा। इसके अलावा किसी भी व्यक्ति का दिल नहीं दुखाऊंगा तथा रात होने पर कीर्तन और जागरण में अपना समय व्यतीत करूंगा। फिर भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए उनसे प्रार्थना करें कि हे प्रभु मुझे मेरा प्रण पूरा करने की शक्ति दे। मेरी लाज अब आपके हाथ में है कृपया करके मुझ पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं।
एकादशी के दिन इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने घर में झाड़ू बिल्कुल भी न लगाएं। यदि आप अपने घर में झाड़ू लगाते हैं तो इससे छोटे जीवो के मरने का खतरा रहता है जैसे चींटी और दूसरे सूक्ष्मजीव। इसलिए इस दिन अपने घर में यह सब न करें।
इस दिन आपको अपने बाल बिल्कुल भी नहीं कटवाने चाहिए। यदि आपके बाल बहुत अधिक बढ़ रहे हैं तो आप इस दिन से पहले ही अपने बाल कटवा लें। परंतु इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एकादशी व्रत वाले दिन अपना एक भी बाल न कांटे।
दूसरों से ज़्यादा बातचीत करने से परहेज़ करें क्योंकि यदि आप उनसे ज़्यादा बातचीत करेंगे तो आपके मुंह से कोई न कोई अनुचित बात निकल ही जाएगी जो आपके व्रत के लिए सही नहीं है।
इस दिन जितना आपसे संभव हो सके उतना दान-पुण्य करें। गरीबों और जरूरतमंदों में वह सब चीजें बांटे जिसकी उनको ज़रूरत हो जैसे भोजन, कपड़े इत्यादि। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि आप दूसरों का दिया हुआ अन्न बिल्कुल भी ग्रहण न करें।
केला, आम और अंगूर जैसे मीठे फलों का प्रयोग इस दिन आपको करना चाहिए। इसके साथ ही आप बादाम तथा पिस्ता भी ग्रहण कर सकते हैं। इन चीज़ों के अलावा दूसरी चीजों का ग्रहण न करें।
गाजर, पालक, शलजम और गोभी जैसी सब्जियों का प्रयोग व्रतधारी व्यक्ति को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इन सब्जियों को अपने भोजन में बिल्कुल भी शामिल न करें।
एकादशी के दिन प्रभु को भोग लगाना बिल्कुल भी न भूलें। हर वस्तु को भगवान को भोग लगाकर और तुलसीदल को छोड़कर ग्रहण करना चाहिए। सच्चे मन से अपने व्रत को पूरा करें आपको निसंदेह बहुत लाभ मिलेगा। यह व्रत आपके जीवन में बहुत खुशियां भर देगा।
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