सोनू सूद की कुंडली के वह मुख्य बिंदु जो उन्हें बनाते हैं लोगों का मददगार

सोनू सूद

आजकल सोनू सूद का नाम सूर्खियों में छाया हुआ है। उनके अभिनय के तो लोग पहले ही कयाल थे लेकिन अब लोग उन्हें एक मददगार के रुप में भी जानने लगे हैं। उन्हें अब बॉलीवुड के रॉबिनहुड की संज्ञा भी दी जा रही है। पर्दे पर अपने अभिनय का जौहार दिखाने वाले सोनू सूद आजकल सड़क पर उतरकर उन लोगों की मदद कर रहे हैं जिनके पास अपने घर तक पहुंचने का कोई साधन नहीं है। सोनू सूद अपने पैसों से बस बुक करके प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा रहे हैं। उनके इस काम की सराहना आजकल चारों तरफ हो रही है।

ऐसे में आज हम सोनू सूद के चार्ट का अध्ययन करके आपको बताने जा रहे हैं कि वह कौन से योग हैं जो सोनू को यह काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके साथ ही उनके भविष्य के बारे में भी दो-चार बातें होंगी।

कुंडली

सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 को पंजाब में हुआ था। नीचे उनकी कुंडली दी गई है।

Sonu Sood Kundali
सोनू सूद की कुंडली

लग्नेश की स्थिति

सोनू की कुंडली का लग्न तुला राशि का है और लग्नेश का स्वामी शुक्र लाभ भाव यानि एकादश भाव में सिंह राशि में विराजमान है। लग्नेश की यह स्थिति सोनू को साहसी और महत्वकांक्षी तो बनाती है साथ ही यह उनको दूसरों की मदद करने के लिए भी प्रेरित करती है क्योंकि तुला न्यायप्रिय और सौम्य राशि है। इसके साथ ही तुला राशि कला, अभिनय आदि का प्रतिनिधित्व भी करती है इसलिए सोनू को कला के क्षेत्र में भी अऩुकूल फल मिल रहे हैं।  

सोनू की कुंडली का सप्तम भाव 

सप्तम भाव में मंगल अपनी स्वराशि मेष में विराजमान है। यह भाव विवाह का होता है इसलिए सोनू का वैवाहिक जीवन अच्छा होगा। अपने जीवनसाथी का उन्हें सहयोग प्राप्त होगा। यह भाव सामाजिक सरोकारों को भी दिखाता है लेकिन यहां पर मंगल ग्रह विराजमान है, यह ग्रह स्वतंत्रता पसंद करता है। इसलिए सोनू अपने दम पर समाज के लिए कुछ करने के लिए हमेशा आगे रहेंगे। इन्हें भेड़ चाल से नफरत होगी, ऐसे लोगों में योद्धा की तरह आगे बढ़ते रहने और कभी हार नहीं मानने की जिद्द होती है। 

चूंकि मंगल लग्न भाव को भी देख रहा है इसलिए सोनू में हमेशा युवा शक्ति बनी रहेगी। ऐसे लोग हमेशा अपनी उम्र से कम उम्र के दिखते हैं और अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हैं। हालांकि कई बार ऐसे लोग भावावेश में आकर गलत फैसले भी ले सकते हैं या अत्यधिक क्रोध भी कर सकते हैं। हालांकि अपने गुस्से पर यदि यह लोग काबू कर लें तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।  

कर्म भाव में सूर्य-चंद्र की युति

कुछ ज्योतिष मानते हैं कि कुंडली में सूर्य-चंद्र का एक साथ विराजमान होना शुभ नहीं होता यह अमावस योग का निर्माण करता है, जो कि शुभ नहीं होता। हालांकि कुछ विद्वान मानते हैं कि सूर्य और चंद्र क्रमश: दोनों माता-पिता के कारक ग्रह हैं इसलिए माता-पिता यदि एक साथ हों तो व्यक्ति का अहित कैसे हो सकता है। 

खैर सोनू सूद की कुंडली की बात करें तो कर्म भाव जिसे लोकप्रियता का भाव भी कह सकते हैं में लोकप्रियता का स्वामी चंद्रमा स्थित है, इसके साथ ही मंगल और बृहस्पति की दृष्टि भी इस भाव पर है इसलिए ग्रहों की यह स्थिति सोनू को उनके कर्मों के जरिये समाज में लोकप्रियता दिलाएगी। 

इसके साथ ही चंद्रमा अपनी ही राशि यानि कर्क में विराजमान है, कर्क राशि दूसरों की देखभाल और साथ देने वाली राशि होती है इसलिए सोनू में भी यह गुण होने स्वाभाविक हैं। ऐसे लोगों का स्वभाव अपनी माता की तरह होता है। सूर्य जोकि सरकार और पिता का प्रतिनिधित्व करता है वह भी दशम भाव में विराजमान है इसलिए सरकार से भी इनको सम्मान की प्राप्ति होगी। 

नवम भाव में शनि-बुध की युति

जिन जातकों की कुंडली में शनि नवम भाव में स्थित होता है उनको ज्यादातर 30 साल के बाद उपलब्धि मिलती है। ऐसे लोगों को अपने प्रयासों का जल्दी फल नहीं मिलता लेकिन यह लगातार मेहनत करते रहते हैं जिसका परिणाम इन्हें देर से ही सही लेकिन मिलता जरुर है। बुध का शनि के साथ नवम भाव में होना दिखाता है कि सोनू को कई बार अपनी बातों को रखने में परेशानी होती है। लोगों के साथ कुछ मतभेद भी पैदा हो सकते हैं लेकिन यह अपनी समझदारी से उसे दूर करने में भी समर्थ होंगे। 

सोनू सूद की दशा का प्रभाव 

वर्तमान में सोनू सूद चंद्र-मंगल की दशा से गुजर रहे हैं। उनके लिए यह दशा बहुत अच्छी है जैसा कि हम बता चुके हैं कि सोनू की राशि भी चंद्रमा के स्वामित्व वाली है और मंगल भी इनकी कुंडली में उच्च का है इसलिए यह दोनों ग्रह मिलकर इन्हें और मानवीय और लोगों का मददगार बनाएंगे। इसके साथ ही सोनू को इस समय सरकार से किसी तरह सम्मान मिलने की भी संभावना है। इसका कारण यह भी है कि चंद्रमा सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सूर्य ग्रह के साथ विराजमान है। 

कुल मिलाकर कहा जाए तो सोनू की कुंडली उन्हें एक अच्छे अभिनेता के साथ ही एक न्यायप्रिय और मददगार शख्स बनाती है। वर्तमान में वह चंद्रमा की महादशा से गुजर रहे हैं और यह दशा 2029 तक रहेगी। इस दशा काल में सोनू को कई उपलब्धियां प्राप्त हो सकती हैं और वह एक समाजसेवक के रुप में उभर सकते हैं।

चूंकि सूर्य उनके कर्म भाव में विराजमान है इसलिए राजनीति में भी उनको जाने का अवसर प्राप्त हो सकता है। हालांकि वह भविष्य में क्या करना चाहते हैं यह तो उनका निर्णय होगा लेकिन यह जरुर कहा जा सकता है कि सोनू जैसे मानवीय, मददगार और समझदार लोगों की हर समाज को आवश्यकता होती है। 
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Posted On - May 25, 2020 | Posted By - Naveen Khantwal | Read By -

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