ज्योतिष में, 12 मुखी रुद्राक्ष एक शुभ रुद्राक्ष माना जाता है जो कि ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। यह रुद्राक्ष विविध प्रकार की समस्याओं से निजात पाने में मददगार होता है जैसे कि शारीरिक रोग, मानसिक तनाव, भावनात्मक तनाव, नकारात्मक ऊर्जा आदि।
इसके अलावा, यह रुद्राक्ष नेत्र रोगों, शरीर के अंगों में दर्द और समस्याओं से निजात पाने में भी मददगार होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति को उच्च स्तर का ज्ञान, बुद्धि, नैतिकता, दैयत्व और स्वतंत्रता प्राप्त होती हैं।
यह रुद्राक्ष काफी पवित्र और शुभ माना जाता है, जो भी जातक इसे धारण करता है उसे कई लाभ प्राप्त होते हैं। यह रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से जातक को मन की शांति, स्वस्थ शरीर और सुखी जीवन मिलता हैं।
12 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धारक को वीरता, ऊर्जा, समझदारी, स्वाधीनता और धैर्य जैसे गुणों में वृद्धि होती हैं। यह रुद्राक्ष बहुत ही शक्तिशाली होता है और अपने धारक को निर्भीक, स्थिर और आत्मविश्वासी बनाता हैं। यह रुद्राक्ष धन की वृद्धि, रोग निवारण और संतान की प्राप्ति में भी सहायता करता हैं।
ज्योतिष में, जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष होता है, उन्हें इस रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, इस रुद्राक्ष को बुध ग्रह से सम्बंधित लोग भी धारण कर सकते हैं।
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ज्योतिष अनुसार बारह मुखी रुद्राक्ष उन लोगों के लिए शुभ होता है, जो राजनीति, सरकारी सेवा या प्रशासन जैसे क्षेत्रों में शामिल होते हैं। साथ ही बारह मुखी रुद्राक्ष जातक की कुंडली में सूर्य की प्रतिकूल स्थिति से होने वाले रोगों जैसे दाहिनी आंख के रोग, हड्डियों, मानसिक चिंता आदि को ठीक करने में मददगार साबित होता हैं। 12 मुखी रुद्राक्ष के कुछ महत्वपूर्ण लाभ हैं:
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12 मुखी रुद्राक्ष हर राशि के लिए शुभ माना जाता है। लेकिन कुछ राशियों के लिए इसके लाभ ज्यादा होते हैं। ये राशियां निम्नलिखित हैं:
मेष, कन्या, धनु, मकर राशि के लिए 12 मुखी रुद्राक्ष बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इन राशियों के लोगों को इस रुद्राक्ष को विधि-विधान से धारण करना चाहिए ताकि उन्हें इसका शुभ लाभ मिल सकें।
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ज्योतिष में, रुद्राक्ष के कई प्रकार होते हैं और इनमें से प्रत्येक का अपना महत्व होता है। लेकिन सबसे अच्छा रुद्राक्ष अनेक दृष्टियों से चयनित किया जा सकता है। ज्योंतिष अनुसार, रुद्राक्ष अशुद्ध हो सकता है जब वह नकली या किसी अनुचित तरीके से उत्पादित होता है। इसके अलावा, रुद्राक्ष अशुद्ध हो सकता है, जब वह किसी अनुचित तरीके से संचालित होता है, जैसे कि दूषित या अनुचित विधियों द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। अशुद्ध रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति को नुकसान हो सकता है। इसलिए समझदारी से सुनिश्चित करें कि आप एक सही और प्राकृतिक रुद्राक्ष को खरीद रहे हैं और सही विधि से इसे धारण कर रहें हैं।
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ज्योतिष में, रुद्राक्ष काफी शक्तिशाली माना जाता है, जो आपके भाग्य को बदलने में मदद कर सकता है। लेकिन कई बार यह जानना बेहद जरूरी होता है कि रुद्राक्ष सुचारु रूप से काम कर रहा है या नहीं। इसके लिए आप रुद्राक्ष को धारण के बाद अपने जीवन में कुछ बदलावों की जांच करें। यदि आपके जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव दिखाई देते हैं, तो यह संभव है कि रुद्राक्ष काम कर रहा हैं। आप एक मुखी रुद्राक्ष या दो मुखी रुद्राक्ष का चुनाव कर सकते है, जो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं। आप रुद्राक्ष के बारे में अधिक जानने के लिए किसी पंडित या ज्योतिष से संपर्क कर सकते हैं, जो आपको रुद्राक्ष की सही जांच और धारण करने की सलाह दे सकते हैं।
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