हर इंसान का यह सपना होता है कि उसका एक बहुत सुंदर सा घर हो जिसमें वह सुकून से रह सकें। अपने घर की चाह के लिए इंसान दिन-रात मेहनत करता है और बहुत परिश्रम करने के बाद उसे बनवाता है। परंतु कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है कि आपके सपनों का महल आपकी परेशानियों का कारण बन कर रह जाता है। इसके कारण आपको बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है तथा आपको यह बात भी समझ में नहीं आती की आखिर किस वजह से आपके जीवन में इतनी कठिनाइयां आ गई हैं। जब आप किसी नए घर का निर्माण करते हैं और उसमें रहना शुरू कर देते हैं परंतु आपके साथ फिर अजीबोगरीब चीजें और समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं तो आप इसको अनदेखा ना करें। ऐसा अक्सर घर में वास्तु दोष के कारण होता है।
आपका घर वास्तु के अनुसार नहीं बना होगा तो आपको उसमें परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। बहुत से वास्तु शास्त्रियों का ऐसा मानना है कि अपना घर बनवाते समय भूखंड की ज़मीन का अच्छी तरह से परीक्षण करना बहुत जरूरी होता है। यदि भूमि में किसी तरह का कोई दोष है तो फिर वह आपके लिए अशुभ ही बनी रहेगी।
ब्राह्मणी मिट्टी की पहचान करना बहुत आसान है। इसकी पहचान आप देखकर, सूंघकर और चखकर कर सकते हैं। मिट्टी की सबसे ऊपर की परत हटाकर भीतर से उसे हाथ में लेकर उसके रंग तथा गंध की पहचान करें।इसका रंग यदि श्वेत हो तथा चखने पर मिठास महसूस हो तो यह मिट्टी ब्राह्मणी मिट्टी है। ऐसी भूमि पर बने घर तथा भवन बुद्धिजीवियों तथा धार्मिक व्यक्तियों के लिए शुभ माने जाते हैं।
क्षत्रिय मिट्टी का रंग लाल होता है तथा इसकी सुगंध तीखी होती है। चखने पर इसका स्वाद कसैला महसूस होता है। ऐसी मिट्टी की भूमि वर्चस्व और पराक्रम बढ़ाने वाली होती है। ऐसी मिट्टी पर बने भवन प्रशासकों और राजकीय अधिकारियों के लिए अत्यधिक उपयुक्त माने जाते हैं।
वैश्य मिट्टी का रंग लाल होता है तथा इसकी सुगंध हल्की और इसका स्वाद खटास लिए हुए होता है। इस तरह की भूमि पर व्यापारी और व्यावसायिक लोगो को अपना आवास बनाना चाहिए।
काली मिट्टी का स्वाद तीखा और गंध हल्की होती है। इस का स्वाद कड़वा होता है लेकिन इस तरह की भूमि शुद्ध मानी जाती है। काली मिट्टी की भूमि पर सभी लोग अपना घर बना सकते हैं। यह सबके लिए शुभ है और बिना संदेह के आप इस जगह पर अपना आशियाना बना सकते हैं।
घर बनाने के लिए भूमि की पहचान पानी के द्वारा भी की जा सकती है। सूर्यास्त के समय कनिष्का उंगली से लेकर कोहनी तक को नाप लें और अब इतना गहरा गड्ढा खोद लें। अब इस गड्ढे में पानी भर दें। प्रातः काल उठकर इस गड्ढे को जाकर देखें। यदि इस गड्ढे में पानी बचा है तो यह जमीन आपके लिए शुभ है। यदि सारा पानी सूख गया लेकिन मिट्टी गीली है तो यह मध्यम है तथा यदि पानी बिल्कुल सूख कर मिट्टी में दरार पड़ी हुई है तो यह भूमि अशुभ है। इस भूमि पर अपने मकान का निर्माण न करें।
अपने नए मकान के निर्माण के लिए ली गई भूमि की जांच आप गड्ढे के द्वारा भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी कनिष्का उंगली से लेकर कोहनी जितना लंबा और चौड़ा गड्ढा खोदना होगा। अब इस मिट्टी को दोबारा इस गड्ढे में वापस भर दे। यदि मिट्टी बिल्कुल भी नहीं बचे ऐसी भूमि पर घर बनाने से आपको ना लाभ होगा ना हानि। यदि मिट्टी कम पड़ जाए तो यह आपके लिए अशुभ होगी। परंतु यदि मिट्टी बच जाए तो ऐसी जगह पर घर बनाना आपके लिए शुभ रहेगा।
अपनी जमीन पर आप बीज बोकर भी इस बात का पता लगा सकते हैं कि वह आपके लिए शुभ है या अशुभ। बीज बोने के बाद यदि समय पर वह अंकुरित हो जाए तो इस जगह पर मकान बनाया जा सकता है। इसके अलावा जिस जगह पर बैठकर आपके मन को शांति मिले और अच्छा महसूस होने के साथ-साथ शुभ विचार आपके मन में आते हैं तो उस जगह पर भी अपना घर आप बना सकते हैं। ऐसी जगह भी आपके लिए शुभ है।
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