रत्न प्रकृति द्वारा दिए गए अनेक अनमोल तोहफो में से एक हैं जिन से निकलने वाली ऊर्जा हमारे जीवन को अत्यधिक प्रभावित करती है। हमारे शरीर में मौजूद ओरा, रंगो से बहुत अधिक प्रभावित होती है और इन्हीं रंगो का हमारे जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।
आकाश में दिखाई दिए जाने वाले इंद्रधनुष में जो रंग मौजूद होते हैं वह सभी रंग हमारे शरीर के इर्द-गिर्द रहते हैं। सभी रत्नों के रंग एक जैसे नहीं होते हैं कुछ रत्न गहरे होते हैं और कुछ हल्के। इसके अलावा कुछ रत्न पारदर्शी होते हैं और कुछ अपारदर्शी।
रत्नों को 3 वर्गों में विभाजित किया गया है जो कि निम्नलिखित हैं
1, प्राणीज
2, वनस्पति
3, खनिज
रत्न कई प्रकार के होते हैं लेकिन इनमें से नौ ऐसे हैं जो बहुत लोकप्रिय हैं और आमतौर पर लोग अपने जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए और उस में खुशहाली लाने के लिए इनका प्रयोग करते हैं। ज्योतिष कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखकर भी रत्न पहनने का सुझाव देते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि वह नवरत्न कौन से हैं जिनको सबसे अधिक महत्व दिया गया है ।
यह रत्न शनि के प्रभाव में आता है इसका रंग नीला या जामुनी होता है । इस रत्न का इतिहास काफी पुराना है । ऐसी मान्यता है कि इसकी निर्मिती राजा बलि की आंख से हुई थी लेकिन वास्तव में इसके निर्मिती भूगर्भ के अंदर हुई है । पृथ्वी के गर्भ में मौजूद प्रचंड उष्णता और दबाव के कारण ही इसमें काफी प्रचंड ऊर्जा समाई हुई है । नीलम दो प्रकार के होते हैं – 1 जल अनिल 2 इंद्रनील ।
नीलम पहनने के लाभ: इस रत्न को धारण करने के अनेकों लाभ हैं जो लोग इसको धारण करते हैं उनको वारिसाना हक़ की धन-संपत्ति और जमीन जायदाद में काफ़ी फ़ायदा होता है । इसके अलावा जो लोग बहुत खर्चीली होते हैं उनके खर्चों में काफी कटौती आ जाती है ।
मानिक या रूबी का रंग हल्का गुलाबी से लेकर अनारी लाल रंग का होता है तथा यह रत्न सूर्य ग्रह के आधिपत्य में आता है । सूर्य ऊर्जा प्रदान करता है और यह एक सेहत कारक ग्रह है । ऐसे लोग जो लंबे समय से बीमार है या छोटी-छोटी बीमारियां उनको बहुत जल्दी घेर लेती हैं उनके लिए यह काफ़ी प्रभावशाली है ।
माणिक पहनने के लाभ: यह रत्न मनुष्य के स्वास्थ्य पर बहुत ही अच्छा प्रभाव डालता है इसको धारण करने वाला मनुष्य स्वस्थ और लंबा जीवन जीता है । जिन लोगों को रक्त संबंधित बीमारियां होती हैं उनके लिए भी काफ़ी लाभदायक है । यह आत्मविश्वास और मनोबल को बढ़ाकर व्यक्ति के अंदर नेतृत्व गुण पैदा करने के लिए बहुत सहायक है । इस रत्न को तांबे में पहना जाता है
इसकी प्रकृति ठंडी होती है और यह रत्न समुद्र में पाए जाने वाले सिपला जीव के अंदर निर्मित होता है । मोती को पुराणों में काफ़ी शुभ माना गया है और यह अधिकतर गहनों में पहना जाता है । मोती रत्न चंद्र का अधिपत्य करता है और चंद्र मन का कारक है इसलिए मन की कल्पना शक्ति तथा विचार करने की क्षमता को बढ़ाने में यह काफी सहायता करता है ।
मोती पहनने के लाभ : इस रत्न को लेखक, चित्रकार, कवि, संगीतकार, कलाकार आदि के लिए पहनना उपयुक्त माना गया है । यह व्यक्ति की शारीरिक शक्ति को भी बढ़ाता है और जिन लोगों को अत्यधिक गुस्सा आता है उनको इसे पहनना चाहिए क्योंकि इसकी प्रकृति ठंडी होने के कारण यह उनके स्वभाव पर काफ़ी अच्छा असर डालता है । इसे चांदी में पहना जाता है ।
यह रत्न हरे रंग का होता है और यह बुध ग्रह के अधिपत्य में आता है । यह रत्न उन लोगों के लिए लाभदायक है जिनको बोलने में परेशानी होती है टार्जन का नर्वस सिस्टम बहुत अधिक कमजोर होता है ।
पन्ना रत्न पहनने के लाभ: पन्ना रत्न उन लोगों के लिए लाभदायक है जिनको नर्वस सिस्टम की बीमारियां हो । यह स्मरण शक्ति बढ़ाने में और उसको सुधार करने में बहुत अधिक सहायता करता है । इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को अपनी वाणी में सुधार करना हो तो वह भी इसको पहन सकता है । यह रत्न इंश्योरेंस एजेंट, सेल्समैन, राजनीतिज्ञ, व्यापारी आदि लोगों को अधिक लाभ देता है तथा इसे सोने में या चांदी में पहनते हैं ।
लहसुनिया रत्न काफी महत्वपूर्ण रत्न है और यह इसलिए महत्व रखता है क्योंकि यह केतु का रत्न है । इसका रंग बिल्ली की आंख के समान दूधिया होता है । इसीलिए जब इसे अंधेरे में देखते हैं तो यह किसी बिल्ली की आंख की तरह दिखता और चमकता है
लहसुनिया रत्न पहनने के लाभ: इसके लाभ अनेकों हैं । जादू टोना, बुरे सपनों से संरक्षण, पिशाच बाधा आदि में इस रत्न का उपयोग बहुत ही कारगर सिद्ध होता है । यह जैमस्टोन मानसिक परेशानियों तथा पारिवारिक विवाद में भी अत्यंत लाभदायक है । इसके अतिरिक्त सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियां भी इसके कारण कम होती हैं ।
यह रत्न का रंग गोमूत्र जैसा या केसरिया रंग का होता है । यह राहु का रत्न है क्योंकि शक्तिशाली राहु इसका कारक है इसलिए यह बहुत प्रभावशाली रत्न है । यह रत्न विभिन्न प्रकार के दोषों को दूर करने में भी सहायता करता है ।
गोमेद रत्न पहनने के लाभ: जो लोग भूत, जादू-टोना से परेशान है वे इस रत्न का उपयोग करते हैं और शत्रु पर विजय पाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है । कालसर्प से पीड़ित लोगों को इसे अवश्य पहनना चाहिए ।
हीरा देखने में काफ़ी सुंदर और आकर्षक होता है और यह शुक्र ग्रह के अधिपत्य में आता है । शुक्र ग्रह वैवाहिक सुख और सौंदर्य का कारक ग्रह है इसलिए जो लोग सुखी विवाहित जीवन की चाह रखते हैं वह इसका उपयोग कर सकते हैं ।
हीरा पहनने के लाभ: सौन्दर्य वर्धक वस्तुओं के व्यापारी, कलाकार आदि वाले लोगों को यह रत्न काफ़ी लाभ पहुंचाता है । यह जीवन में खुशहाली और आनंद लाता है । इसको धारण करने से उम्र भी बढ़ती है । इसे प्लैटिनम या सोने में पहना जाता है ।
यह सुनहरे, पीले, सफेद या गुलाबी रंग का होता है और यह रत्न गुरु के अधिपत्य में आता है । गुरु ग्रह विद्या का कारक है और इसके गुण सात्विक होते हैं जिसके कारण इसे धारण करने से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है ।
पुखराज पहनने के लाभ: यह मन को भीतर से शांति देता है तथा आध्यात्मिकता में भी मन लगाने में सहायक है । शिक्षक, विद्यार्थी को पुखराज पहनने से शुभ फल मिलते हैं । इसके अलावा संपत्ति में भी बढ़ोतरी करने में यह लाभदायक है । इसे सोने में पहना जाता है ।
यह लाल या केसरिया रंग का होता है । इस पर मंगल ग्रह का अधिपत्य है । यह रत्न व्यक्ति को साहसी और बहादुर बनाने में बहुत अधिक सहायता करता है ।
मूंगा पहनने के लाभ: जिन लोगों का स्वभाव डरपोक या ठंडा होता है उन्हें इससे विशेष तौर पर लाभ मिलता है । साहस पूर्ण कार्य करने वाले जैसे पुलिस, संरक्षक दल, सैनिक, पायलट आदि को यह पहनना चाहिए । यह जैमस्टोन प्रभावपूर्ण तरीके से व्यक्ति के अधिकार और मान-सम्मान को बढ़ाता है । यह तांबे या सोने की धातु में पहना जाता है ।
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