कई बार कुंडली में ग्रहों की इस तरह से युति हो जाती है कि जिसके कारण इंसान को अपने जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी तरह का एक योग है सूर्य ग्रहण इस योग में सूर्-राहु के साथ विराजमान होता है और इसे ग्रहण कहा जाता है। कुंडली में इस ग्रहण को दूर करने के लिए आज हम आपको बताएंगे कि आपको क्या करना चाहिए। हमारे द्वारा बताए गए उपाय लाल किताब से संबंधित हैं इन उपायों को करने से आप कुंडली में सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभाव से बच सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं और आपके बिगड़े हुए काम भी बन सकते हैं।
लाल किताब में बताए गए यह उपाय सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभावों को दूर करने में कारगर हैं। उपायों के बारे में नीचे बताया गया है।
जिस भी जातक की कुंडली में सूर्- राहु के साथ विराजमान हो तो उस स्थिति को सूर्यग्रहण कहा जाता है। यदि कुंडली के लग्न भाव में राहु स्थित हो और सूर्य कहीं पर भी स्थित हो तब भी सूर्य ग्रहण माना जाता है। सूर्य ग्रहण से होने वाले बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए आपको नीचे दिए गए उपाय करने चाहिए।
लाल किताब के अनुसार कुंडली से सूर्य ग्रहण को दूर करने के लिए आपको प्रतिदिन सूर्य को जल का अर्घ्य देना चाहिए। इसके साथ ही सूर्य के बीज मंत्र का जाप भी आप कर सकते हैं इससे सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव कम होता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
सूर्य ग्रहण के असर को कम करने के लिए आप आदित्य हृदय स्तोत्र का भी पाठ कर सकते हैं। हालांकि आपको यह पाठ नियमित रूप से किसी एक समय पर करना चाहिए इससे ग्रहण का असर कम होता है।
इसके साथ ही आप रविवार या एकादशी को व्रत रखकर भी सूर्य ग्रहण की बुरे प्रभावों से बच सकते हैं।
सूर्य से संबंधित चीजों जैसे तांबा, गेहूं, गुड़ आदि का दान करना भी सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभावों से आप को बचाता है और आपको शुभ फल देता है। यदि यह काम आप सूर्य ग्रहण के दिन करते हैं तो इससे आपको अवश्य ही अच्छे फल प्राप्त होते हैं।
कुंडली में स्थित सूर्य ग्रहण के असर को कम करने के लिए आप 6 नारियल लें और उन्हें अपने सर पर वार कर नदी में प्रवाहित करें तो इससे भी सूर्य ग्रहण का असर कम हो जाता है।
ग्रहों के राजा सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना जाता है और इसकी कुंडली में स्थिति व्यक्ति के कई पक्षों के बारे में बताती है। यदि कुंडली में सूर्य अच्छी अवस्था में नहीं है तो सरकारी पद पाने में दिक्कतें आती हैं, पिता के साथ संबंध खराब हो सकते हैं, आत्मबल की कमी होती है, सरकार से किसी तरह का लाभ प्राप्त नहीं होता। कुंडली में सूर्य की दुर्बल स्थिति का कारण सूर्य ग्रहण या सूर्य का राहु के साथ युति बनाना भी हो सकता है इसलिए ग्रहण के उपाय अवश्य करने चाहिए।
इन उपायों को करने से आपको सरकारी क्षेत्र से फायदा मिलना शुरु हो जाता है और पिता के साथ भी आपके संबंधों में निखार आता है। यदि आपमें आत्मबल की कमी है तो वह भी इन उपायों को करने से दूर हो जाती है।
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