अशोक स्तम्भ- आत्मविश्वास का स्त्रोत, वास्तु महत्व

अशोका स्तम्भ अथार्थ भारत का गौरव और प्रतिष्ठा का स्तम्भ। चक्रवर्ती सम्राट अशोक मौर्य राजवंश के शक्तिशाली और प्रख्यात सम्राट थे। सम्राट अशोक जीवन काल मे हर युद्ध के विजेता रहे, वह निर्भीक योद्धा का अवतार थे। विश्व में कलिंग से युद्द कर के विजय प्राप्त करने वाले वह पहले राजा थे। इसी के साथ, उनके राजकाल को स्वर्ण काल कहा जाता है। उन्होंने अशोक स्तम्भ का निर्माण भी कलिंग युद्द विजय करने के बाद ही करवाया था।

इस प्रकार, अशोक स्तम्भ भय के उन्मूलन के लिए प्रेरित करता है। साथ ही, भारत का राष्ट्रीय चिन्ह, अशोक चक्र भी महान अशोक स्तम्भ द्वारा ही लिया गया है। यदि ज्योतिष दृष्टिकोण से कहे तो, यह वीरता और प्रतिष्ठा दोनों का एक उदाहरण है।

प्राचीन भारत की धरोहर होने के कारन इसका भारत की प्राचीन सभ्यता जैसे धर्म, संस्कृति, और ज्योतिष विद्या से भी गहन सम्बन्ध है। गौरव और सहस का प्रतीक अशोक स्तम्भ अक्सर भारतीय घरों में देखने को मिलता है। कुछ लोग इसे एक सजावट के रूप में रखते हैं। हालाँकि, कुछ लोगों के साथ इसका गहरा देशभक्ति संबंध है। इस ब्लॉग में दी गई जानकारी दोनों श्रेणियों को मदद कर सकती है।

कहाँ रखे अशोक स्तम्भ?

वास्तु के अनुसार, अशोक स्तम्भ उन सब ही पहलुओं का निरिक्षण करता है जो सूर्य गृह के शासन के अंदर आती हैं। यह सफलता, विजय एव गर्व का प्रतीक है, यदि सही दिशा में रखा जाये तो अत्यंत लाभकारी साबित होता है। साथ ही, इसे वास्तु के अनुसार उचित दिशा में रखने से निरंकार रूप में समृद्धि और प्रतिष्ठा का आगमन होता है।

 कहाँ रखे अशोक स्तम्भ?

वास्तु के अनुसार, अशोक स्तम्भ को उत्तर पश्चिम में रखना चाहिए। यदि इसे घर के इस क्षेत्र में रखा जाये, तो निसंदेह सरकारी सहयोग मिलता है। इसके विपरीत, यदि अशोक स्तम्भ को गलत दिशा जैसे कि दक्षिण–पूर्व या दक्षिण क्षेत्र के बीच कही रखा जाये तो इससे उन्नत्ति नहीं होती।

अशोक स्तम्भ उत्तर पश्चिम में रखने के लाभ

  • उचित दिशा में अशोक सतम्भ रखने से विदेश सेवा का अवसर ज़रूर प्राप्त होता है।
  • यदि कोई व्यक्ति उच्च स्तरीय प्रशासनिक सेवा की इच्छा रखता है तो वह भी इससे लाभ पा सकता है।
  • इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति के जीवन में पद-प्रतिष्ठा से सम्बंधित समस्यायें हैं तो वह भी इसे उत्तर पश्चिम क्षेत्र में रख सकता है, इससे पदोन्नति होती है।
  • अशोक स्तम्भ शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक और स्त्रोत दोनों है। यथा, इसे घर में रखने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • यह सरकारी पदों पर आसीन लोगो से सहयोग मिलने में सहायक है।
  • अगर नौकरी में पदवृद्धि के लिए कोई इच्छुक है तो वह भी इससे लाभ ले सकता है।
  • सरकारी विषयों का सीधा सम्बन्ध अधिकार और शक्ति, यथा इससे सम्बंधित लाभ के लिए यह बहुत उचित उपाय है।
  • साथ ही, यह घर में सही दिशा में रखने से मान-सम्मान और शोहरत में बढ़ोत्तरी होती है।
  • सरकारी टेंडर, सरकारी नौकरी में सफलता के लिए यह बहुत लाभकारी है।
  • यह आत्मविश्वास बढ़ोत्तरी में सहायक है, यथा, इससे व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता भी विकास होता है।
  • इससे व्यक्ति के चरित्र में उदारता और आदर्श का विकास होता है।

साथ ही आप पढ़ना पसंद कर सकते हैं चंद्र यंत्र- चंद्रमा दोष का आसान उपाय

वास्तु संबंधित विषयों पर परामर्श हेतु प्रतिष्ठित ज्योतिषी सागर जी से संपर्क करें

 20,317 

Posted On - December 6, 2019 | Posted By - Aacharya Sagar Ji | Read By -

 20,317 

क्या आप एक दूसरे के लिए अनुकूल हैं ?

अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें

आपकी राशि
साथी की राशि

अधिक व्यक्तिगत विस्तृत भविष्यवाणियों के लिए कॉल या चैट पर ज्योतिषी से जुड़ें।

Our Astrologers

21,000+ Best Astrologers from India for Online Consultation