शनि ग्रह का वक्री गोचर 11 मई 2020 को होने जा रहा है। इसी साल 24 जनवरी को शनि देव ने मकर राशि में गोचर किया था और इसी राशि में अब यह वक्री गति करेंगे। शनि देव 29 सितंबर 2020 तक वक्री गति में रहेंगे। शमि ग्रह की वक्री चाल का सभी राशि के जातकों पर असर पड़ेगा। अपने इस लेख में आज हम बताएंगे कि किन राशियों के लिए शनि का यह वक्री शुभ रहेगा और किन राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान सावधानी बरतनी होगी।
वर्तमान में मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है। वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। इसलिए इन पांच राशियों के लिए शनि का वक्री होना सबसे महत्वपूर्ण है। कुंडली के अनुसार जिन लोगों के ऊपर शनि की महादशा चल रही है उन्हें इस दौरान सावधान रहना होगा। आईए अब विस्तार से प्रत्येक राशि पर शनि के वक्री का असर जानते हैं।
शनि का वक्री आपके दशम भाव में होने से आप क्रियाशील तो रहेंगे लेकिन कार्यक्षेत्र में उन लोगों से आपको सावधान रहने की जरुरत होगी जो आपके खिलाफ रहते हैं। इस राशि के कुछ लोगों को अपनी मेहनत का अनुकूल फल इस दौरान मिल सकता है। यदि किसी वजह से इस दौरान आपको घर से बाहर निकलना पड़े तो अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। पारिवारिक स्तर पर इस समय आपको अच्छे फल मिलेंगे।
शनि का वक्री होना आपके लिए मिलेजुले परिणाम लेकर आएगा। पिता के साथ आपके संबंध इस दौरान सुधर सकते हैं। इस भाव को भाग्य का भाव कहा जाता है इसलिए कुछ कामों में आपको आपको भाग्य इस दौरान पूरा सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के लोगों के स्वास्थ्य का इस दौरान ख्याल ऱखें।
मिथुन राशि के जातकों के अष्टम भाव में शनि का वक्री होगा। इस वक्री के दौरान आपको अपनी गलतियों से सीखने की आवश्यकता है। इस राशि के जो जातक शोध कार्यों में लगेंं हैं उनको लाभ हो सकता है। अत्यधिक सोच-विचार करने की बजाय आपको इस दौरान आपको कर्म पर ध्यान देने की जरुरत होगी। स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहें, वर्तमान में चल रही महामारी से बचे रहने के लिए जरुरी नियमों का पालन अवश्य करें।
शनि का वक्री आपके सप्तम भाव में होने से वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं लेकिन यदि आप वास्तविक स्थिति को समझकर अपने पार्टनर से बात करते हैं तो कोई भी दिक्कत नहीं आएगी। इस राशि के कारोबारियों को भी इस दौरान लाभ मिलने की संभावना है। कोरोना महामारी के कारण यदि आपके व्यवसाय की गति रुक गई थी तो उसको गति मिलने की संभावना है।
शनि देव आपकी राशि से छठे भाव में वक्री करेंगे इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य का इस दौरान विशेष ख्याल रखना होगा, क्योंकि षष्ठम भाव रोग का भाव कहलाता है। हालांकि इस वक्री के दौरान आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर पाएंगे। कार्यक्षेत्र में आपके विरोधी भी आपके काम की तारीफ कर सकते हैं।
शनि की वक्री गति आपके पंचम भाव में होगी इसलिए इस राशि के शिक्षार्थियों को लाभ हो सकता है। जो लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे थे उन्हें भी इस दौरान कोई शुभ समाचार मिलने की संभावना है। इस राशि के विवाहित जातकों को संतान के स्वास्थ्य का इस समय विशेष ध्यान रखना होगा।
शनि देव का वक्री आपके चतुर्थ भाव में होने से कारोबार में आ रही दिक्कतें दूर होंगी। यदि परिवार के लोगों के साथ किसी तरह का मनमुटाव था तो वह भी दूर हो सकता है। माता के स्वास्थ्य में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि स्वास्थ्य को दुरुस्त बनाए रखने के लिए आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना होगा। तेलयुक्त भोज्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन करना आपके पाचन तंत्र को बिगाड़ सकता है।
आपके लिए यह वक्री तब अनुकूल होगा जब आप बीते पुराने कामों को सही तरीके से निपटाकर आएग बढ़ेंगे। पारिवारिक जीवन में छोटे भाई-बहनों का सहयोग आपको प्राप्त होगा। आपकी वाणी में भी इस दौरान स्पष्टता रहेगी जिससे सामाजिक स्तर पर आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। यदि राजनीति में हैं तो आपके लिए यह समय फायदेमंद साबित हो सकता है।
आपकी राशि से द्वितीय भाव में शनि ग्रह वक्री करेंगे। जिससे आपकी वाणी में मिठास आ सकती है। घर परिवार में सामंजस्य बिठाने के लिए आप कोशिश करेंगे। धन से जुड़े मामलों के लिए भी यह समय अच्छा रहेगा। किसी पुराने निवेश से आपको फायदा हो सकता है। जो जातक लंबे समय से निवेश करने का विचार कर रहे थे और अब तक कर नहीं पाए तो इस समय उन्हें सलाह-मशवरा करके निवेश कर देना चाहिए। यह निवेश भविष्य में आपके काम आ सकता है। नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को ईमानदारी के साथ काम करने की जरुरत है।
शनि ग्रह आपके लग्न भाव में गोचर करेंगे इसलिए कुछ दिक्कतें आपको आ सकती हैं। आपको अपनी मेहनत का फल तुरंत नहीं मिलेगा। हालांकि ऐसे में आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है, यदि आप ईमानदारी से काम कर रहे हैं तो देर सवेर आपको अच्छे फल अवश्य मिलेंगे। शनि वक्री के दौरान आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर काम करने की जरुरत है। यदि आप पुराने ढर्रे से ही जुड़े रहे तो शनि का यह वक्री आपको उतने अच्छे फल नहीं देका जितने दे सकता है। रचनात्मक कार्य करना आपके लिए इस दौरान शुभ साबित होगा।
शनि का वक्री आपके द्वादश भाव में होगा इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना होगा। खुद को फिट बनाए रखने के लिए आप योग-ध्यान करेंगे तो आपको शुभ फल अवश्य मिलेंगे। लॉकडाउन के जरिये जिन लोगों के विदेशों से जुड़े कार्य अटके हुए थे उनको इस दौरान गति मिल सकती है। शनि के वक्री के दौरान कर्मशील रहें
शनि का वक्री आपके एकादश भाव में होगा। हालांकि यह लाभ का भाव है लेकिन इस गोचर के दौरान आपको अपने कार्यों को बहुत सोच-समझकर करने की जरुरत है तभी लाभ की प्राप्ति होगी। पारिवारिक जीवन में भाई-बहनों का आपको सहयोग प्राप्त होगी।
कुंडली का प्रथम भाव देता है आपके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
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