कुंडली का दशम भाव वर्तमान परिस्थितियों में बहुत ही अहम है क्योंकि इससे आपके करियर, नौकरी आदि के बारे में पता चलता है। इस भाव को कर्म भाव कहा जाता है क्योंकि इससे व्यक्ति के कर्मों के बारे में विचार किया जाता है। इसके साथ ही आपके ज्ञान, बलिदान और कार्यक्षमता के बारे में भी यह भाव बताता है। आज अपने इस लेख में हम इसी भाव के बारे में बात करेंगे।
इस भाव को कर्म का भाव कहते हैं लेकिन इसके साथ ही यह भाव आपकी धार्मिक अध्ययन में रुचि, ज्ञान, आजीविका, जीवन में मिलने वाली अस्थायी सफलता, आत्म सम्मान, आपका व्यवसाय आदि के बारे में भी बताता है। ज्योतिषीय जानकारों के अनुसार इस भाव का व्यक्ति के जीवन और उसके कर्मों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है इससे यह भी पता चलता है कि आप बुलंदियों को कैसे छू सकते हैं। चूंकि यह आपके कर्म का भाव है इसलिए इससे आपकी आर्थिक स्थिति का भी पता किया जा सकता है।
कुंडली के इस भाव में यदि शुभ ग्रह विराजमान हों तो व्यक्ति को अपने कार्यक्षेत्र में सफलताएं मिली है। वहीं अशुभ ग्रहों के प्रभाव से व्यक्ति को बहुत परिश्रम करने के बाद ही सफलता मिलती है। इस भाव की अच्छी स्थिति व्यक्ति को स्व कारोबार में भी मदद करती है। ऐसे लोगों को सामाजिक स्तर पर भी मान-सम्मान की प्राप्ति है अपने कर्म के दम पर यह लोग समाज में परिवर्तन ला सकते हैं। इस भाव पर ग्रहों की दृष्टि और ग्रहों की उपस्थिति से पता चल सकता है कि व्यक्ति किस क्षेत्र में और कैसे प्रगति पा सकता है। जिन लोगों का यह भी प्रबल हो उन्हें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का भली भांति अहसास रहता है और वो समाज के लिए अच्छा करने के प्रति आगे भी बढ़ते हैं।
यदि आप अपना व्यवसाय शुरु करना चाहते हैं या नौकरी में कुछ दिक्कतें आ रही हैं तो इस भाव का ज्योतिषीय आकलन करके कई परेशानियों को दूर कर सकते हैं। इस भाव से गोद ली गई संतान और शिक्षण को लेकर भी पता चलता है।
यदि इस भाव से संबंधित शारीरिक अंगों की बात की जाए तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण है आपकी जांघ। इस भाव की मजबूती बताती है कि आपकी जांघें कितनी ताकतवर होंगी।
इस भाव से आपके उन कर्मों के बारे में भी बताया जाता है जो आपने पिछले जन्म में किये हैं। अर्थात यह संचित कर्मों का भाव है। यह भाव यह भी बताता है कि आप सरकारी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं या नहीं। इस भाव की मजबूती आपमें नेतृत्व के गुणों के बारे में भी बताता है। मेदिनी ज्योतिष में इस भाव से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जैसे देश के प्रतिनिधियों के बारे में विचार किया जाता है। इसके साथ ही वह कर्म जो हम अगल जन्म तक लेकर जाएंगे उसकी जानकारी भी इससे प्राप्त होती है। या यूं कहलें कि वह गुण जो हम अपने अगले जन्म तक लेकर जाएंगे वह भी इस भाव से पता चलते हैं।
दशम भाव की मजबूती आपको किसी भी काम में सफलता दिला सकती है। हालांकि इसके लिए आपको अपनी कुंडली को देखकर यह पता करना चाहिए कि आपके लिए उपर्युक्त कार्यक्षेत्र कौनसा है। इस भाव की मजबूती से व्यक्ति व्यापार में सफलता अर्जित कर सकता है। इसके साथ ही दशम से दशम भाव यानि सप्तम भाव की स्थिति से भी व्यवसाय या नौकरी का विचार किया जाता है। यह इस भाव से मुख्यतया आपके करियर का ही पता चलता है लेकिन उसके लिए अन्य ग्रहों की दृष्टि को देखना अनिवार्य है।
यदि इस भाव पर मंगल ग्रह की शुभ दृष्टि है तो व्यक्ति खेलों में या इंजीनियरिंग क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करता है। इसी तरह शुक्र की शुभ दृष्टि कला क्षेत्र में सफलता दिला सकती है। सूर्य की दृष्टि से व्यक्ति उच्च सरकारी पदों पर जा सकता है। इसी तरह अन्य ग्रहों की युति, दृष्टि आदि को देखकर बताया जा सकता है कि व्यक्ति किसी प्रोफेशन में जाएगा।
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