विवाह के बाद भी ऐसे लोगों के होते हैं अवैध संबध- ज्योतिषीय अध्ययन

विवाह

विवाह एक पवित्र बंधन है लेकिन कई लोग विवाह के बाद भी अपने साथी के अलावा किसी अन्य से भी संबंध जोड़ लेते हैं। इसकी कई वजहें हो सकती हैं लेकिन ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कुंडली में ग्रहों की कुछ विशेष स्थितियों की वजह से भी व्यक्ति विवाहेत्तर संबंधों में पड़ जाता है। आज इसी के बारे में हम अपने इस लेख में चर्चा करेंगे। 

जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति

व्यक्ति के विवाहेत्तर संबंध होंगे या नहीं इसके लिए कुंडली में मंगल की स्थिति को देखना अति आवश्यक है। मंगल व्यक्ति को शारीरिक रूप से सशक्त बनाता है और काम शक्ति भी प्रदान करता है। यदि यह ग्रह सप्तम भाव में हो तो व्यक्ति चारित्रिक रूप से खराब हो सकता है। इसके कारण व्यक्ति विवाह के बाद भी अन्य स्त्री/पुरुष की ओर आकर्षित हो सकता है। वैवाहिक जीवन में कलह-कलेश का कारण सप्तम भाव का मंगल हो सकता है। इसके साथ ही संतान पक्ष के लिए भी यह स्थिति शुभ नहीं मानी जाती। 

अगर मंगल ग्रह द्वादश भाव में विराजमान है तो यह पति-पत्नी के बीच के रिश्ते को असंतुलित करता है। यदि मंगल पर शुभ ग्रहों की दृष्टि न हो तो व्यक्ति अवैध संबंधों में लिप्त हो सकता है। शादी के बाद भी किसी और से संबंध जोड़ सकता है। इसके साथ ही कोट-कचहरी के चक्कर में भी ऐसे लोग फंस सकते हैं। कुछ विशेष परिस्थितियों में मंगल की यह स्थिति व्यक्ति को गुप्त रोगों से भी पीड़ित कर सकती है। कुंडली में यदि मंगल ग्रह मजबूत न हो तब भी विवाहेत्तर संबंध होने की संभावना रहती है। 

कुंडली में शुक्र की स्थिति 

शुक्र ग्रह व्यक्ति को कामेच्छा की तरफ आकर्षित करता है। इसलिए कुंडली में इसकी स्थिति का अवलोकन करना भी जरूरी है। यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह उच्च का है तो व्यक्ति के एक से ज्यादा प्रेम-प्रसंग हो सकते हैं। ऐसे लोग विवाह के बाद भी किसी विपरीत लिंगी के प्रति आकर्षित हो सकते हैं और उसके साथ शारीरिक संबंध बना सकते हैं। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में ऐसे लोग हिंसक भी हो सकते हैं। 

शनि-चंद्र की युति

जिन भी लोगों की कुंडली के सप्तम भाव में शनि-चंद्रमा की युति होती है तो ऐसे लोग वैवाहिक जीवन से खुश नहीं होते। ऐसे लोग विवाह के बाद भी प्रेम संबंध बना सकते हैं क्योंकि इन्हें अपना जीवनसाथी कभी आकर्षक नहीं लगता। 

राहु की स्थिति

ज्योतिषि में राहु को एक क्रूर ग्रह माना गया है हालांकि कुंडली के हर भाव और राशि में यह बुरे परिणाम नहीं देता। परंतु चतुर्थ और सप्तम भाव यदि राहु ग्रह से प्रभावित हो रहे हैं तो व्यक्ति के अवैध संबंध होने की संभावना होती है। ऐसे लोग कई लोगों से शारीरिक संबंध बना सकते हैं। हालांकि इसके लिए कुंडली में अन्य ग्रहों से राहु का संबंध और दृष्टि को देखना भी आवश्यक है। 

भाव और भावेश संबंध 

विवाहेत्तर संबंधों के लिए कुंडली के भाव और उनके भावेश के संबंध पर भी विचार करना आवश्यक है। यदि सप्तम भाव और इसके स्वामी, पंचम भाव और इसके स्वामी, द्वादश भाव और इसके स्वामी के बीच किसी भी रूप में संबंध है तो व्यक्ति विवाह के बाद भी किसी और के साथ संबंध रख सकता है। 

उपाय

यदि आपको भी लगता है कि आपका साथी विवाह के बाद भी किसी अन्य के प्रति आकर्षित है तो नीचे दिए गए उपाय आप कर सकते हैं। 

  • हनुमान जी की आराधना करें। निरंतर हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें। 
  • सोमवार का व्रत और शिव-पार्वती जी की पूजा करना भी आपके लिए शुभ होगा। 
  • शनि, मंगल, राहु ग्रह की शांति के उपाय करें। 
  • आपसी संबंध को प्रबल करने के लिए योग-ध्यान का सहारा लें। 
  • किसी अच्छे ज्योतिष से परामर्श करें। 

यह भी पढ़ें- बुधवार के वह अचूक उपाय जो जीवन में आपको दिलाते हैं सफलता

 6,250 

Posted On - June 10, 2020 | Posted By - Naveen Khantwal | Read By -

 6,250 

क्या आप एक दूसरे के लिए अनुकूल हैं ?

अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें

आपकी राशि
साथी की राशि

अधिक व्यक्तिगत विस्तृत भविष्यवाणियों के लिए कॉल या चैट पर ज्योतिषी से जुड़ें।

Our Astrologers

21,000+ Best Astrologers from India for Online Consultation