बेडरूम घर का वह कमरा होता है, जहां हम अपने पूरे दिन की थकान भूलकर सुकून की नींद लेते हैं। लेकिन कभी-कभी आपने नोटिस किया होगा कि तमाम बार कोशिश करने के बाद भी अच्छी नींद नहीं आ पाती। इसकी वजह आप काम के तनाव को मानते हैं। जबकि हकीकत यह है कि बेडरूम में अगर सही ऊर्जा न हो या वह संतुलित न हो, तो जातक को अच्छी नींद आने में समस्या हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बेडरूम को बनाने से पहले वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को संपूर्ण रूप से मानें ताकि घर में अच्छी वाइब्स आ सकें। वैसे भी वास्तु शास्त्र, रहने की स्थिति में सुधार और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है। अगर बेडरूम में सब कुछ वास्तु अनुकूल हो तो वहां सकारात्मक माहौल उत्पन्न हो सकता है। वास्तु में सिर्फ बेडरूम की दिशा ही शामिल नहीं है बल्कि इसमें रंग, बेड की दिशा, बेडरूम में रखे डेकोरेटिव आइटम्स भी शामिल हैं।
आगे बढ़ने से पहले वास्तु क्या है, इस संबंध में थोड़ा जान लेना आवश्यक है। वास्तु शास्त्र एक प्राचीन और पवित्र भारतीय विज्ञान है, जो तनाव मुक्त जीवन और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाता है। यह काम करने की स्थिति में सुधार करने में काफी मददगार है, यह जीवन के सभी क्षेत्रों में समृद्धि और सफलता लाता है। यह ऊर्जा प्रवाह में असंतुलन को दूर कर समृद्धि और सद्भाव को बढ़ावा देता है। वास्तु शास्त्र का काम सकारात्मक ऊर्जा और शक्तियों का विस्तार देना है ताकि हम जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें।
कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि घर के लिए वास्तु का बहुत महत्व होता है। बेडरूम के लिए भी वास्तु की अनदेखी नहीं की जा सकती। चूंकि वास्तु ऊर्जा की दिशाओं और प्रवाह को ध्यान में रखता है, इसलिए यह वास्तविकता पर आधारित है, न कि मान्यताओं पर। बेडरूम के लिए सही वास्तु समृद्धि और सद्भाव लाने के लिए महत्वपूर्ण पहलू है। मनुष्य अपने जीवन का लगभग 1/3 भाग सोने में व्यतीत करता है। इसलिए बेडरूम के लिए वास्तु के महत्व को नकारा नहीं जा सकता।
यहां पर आप अपने बेडरूम के लिए बेहतरीन वास्तु टिप्स प्राप्त कर सकते हैं। बेडरूम में वास्तु वैवाहिक जीवन में शांति, समृद्धि, परिजनों के बीच बेहतर संबंध, सामंजस्य और मजबूत प्रेम लाता है। इसके अलावा, यह आपको अच्छी और स्वस्थ नींद प्रदान करता है, जो आपके सभी तनावों और चिंताओं को दूर कर देता है। हम अपना ज्यादातर समय किसी अन्य कमरे की तुलना में बेडरूम में ही ज्यादा बिताते हैं।
असल में बेडरूम आपकी आइडेंटिटी यानी पहचान होता है। यह आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है। घर का यह कमरा आपके सपनों को असल जिंदगी में जगह देने के लिए प्रेरित करता है, साथ ही जीवनसाथी के साथ अंतरंगता को बढ़ावा देता है। इसके बावजूद देखने में यह आता है कि लोग बेडरूम पर उचित ध्यान नहीं देते हैं। बेडरूम का स्थान और उसकी दिशा वास्तु में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लिविंग रूम के लिए उत्तर दिशा शुभ मानी जाती है, इसलिए मास्टर बेडरूम के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा शुभ होती है। इस लेख में आप बेडरूम के लिए विभिन्न वास्तु टिप्स के साथ-साथ बेड की दिशा, फर्नीचर, खिड़की, बेडरूम का रंग आदि चीजों के बारें में विस्तार से जानेंगे।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम की सही दिशा घर का दक्षिण-पश्चिम कोना होना चाहिए। साथ ही बेड के सिरहाने के लिए सही दिशा दक्षिण या पूर्व की ओर है ताकि सोते समय आपके पैर उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर हों।
बेडरूम में वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार बिस्तर लगाना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह नींद की गुणवत्ता और परिवार के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। बेडरूम में वास्तु के अनुसार सोने की स्थिति या तो दक्षिण या पश्चिम होनी चाहिए। बेड को दक्षिण या पश्चिम में दीवार से सटाकर रखना चाहिए ताकि सोते समय आपके पैर उत्तर या पूर्व की ओर रहें।
आपको बेडरूम के कोने में बिस्तर लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह स्वतंत्र रूप से नहीं होता है। वास्तु के अनुसार बेडरूम में बिस्तर की स्थिति कमरे के मध्य भाग में होनी चाहिए ताकि आने-जाने के लिए पर्याप्त जगह हो।
उत्तर दिशा में बेडरूम घर के सभी सदस्यों के लिए शुभ माना जाता है। यह उन युवा छात्रों के लिए विशेष रूप से बहुत भाग्यशाली है, जो नौकरी या व्यवसाय के अवसरों की तलाश में हैं। इसी तरह पूर्व दिशा में बेडरूम उन्हें तीव्र बुद्धि और पढ़ाई में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करेगा।
कमरे में बिस्तर हमेशा आयताकार या चौकोर आकार का होना चाहिए। गोल या अंडाकार आकार के बिस्तरों के उपयोग से बचना चाहिए। वास्तु के अनुसार आपके डबल बेड पर दो सिंगल गद्दे के बजाय एक सिंगल (डबल आकार) गद्दा होना चाहिए। यह भी सुनिश्चित करें कि बिस्तर लकड़ी का बना हो।
शयनकक्ष कभी भी घर के केंद्र में नहीं होना चाहिए क्योंकि यह 'ब्रह्मस्थान' है, जो ऊर्जा का स्रोत है। केंद्र में एक निरंतर कंपन बल होता है और यह शयनकक्ष के कार्य के खिलाफ जाता है। वास्तु के अनुसार सौहार्दपूर्ण संबंध के लिए पत्नी को अपने पति के बाईं ओर सोना चाहिए।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने के लिए जो वास्तु दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है, वह दक्षिण दिशा है। यानी सोते समय सिर दक्षिण की ओर और पैर उत्तर की ओर होने चाहिए। साथ ही उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से जातक को सौभाग्य और भाग्य की प्राप्ति के साथ-साथ लाभ भी होता है। आप वास्तु के अनुसार पूर्व की ओर पैर करके सो सकते हैं, क्योंकि इससे धन आगमन में वृद्धि होती है।
लेकिन जो लोग उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोते हैं, उन्हें अच्छी नींद प्राप्त नहीं हो पाती। दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से बचें, क्योंकि यह आपको अच्छी नींद लेने से रोकता है। दक्षिण दिशा मृत्यु के देवता की दिशा मानी जाती है, इसलिए इस दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। इससे आपका मन विचलित हो सकता है और हृदय संबंधी रोग भी हो सकते हैं।
आपको बता दें कि बेडरूम की छत भी वास्तु अनुसार होनी चाहिए। वास्तु के मुताबिक छत की ऊंचाई लगभग 10 फीट होनी चाहिए। यह ज्यादा छोटी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे हवा के संचार पर प्रभाव पड़ सकता है। आप ऐसे फॉल्स सीलिंग डिज़ाइन से बचें जो विषम हैं या नुकीले त्रिकोण के हैं या फिर जो फॉल्स सीलिंग लटके हुए हैं क्योंकि इससे मानसिक तनाव और नींद न आने की समस्या हो सकती है।
एक छत जो ठीक बीचों से बीच से ऊंची होती है जबकि कोनों की ओर उसकी ऊंचाई कम होती है, उसे अच्छा माना जाता है। छत के डिजाइन पर कभी भी शीशे का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह बिस्तर को प्रतिबिंबित करता है, जो कि वास्तु के अनुसर वहां सो रहे है लोगों के लिए सही नहीं होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार छत सफेद या किसी हल्के रंग में होनी चाहिए क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और शांति की ओर ले जाती है। बेडरूम में रोशनदान की छत से बचें क्योंकि यह शांतिपूर्ण नींद में खलल डाल सकता है। इसके बजाय आरामदायक रोशनी का उपयोग कर सकते हैं।
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आपको बता दें कि शांति और समृद्धि के लिए फर्नीचर का सही स्थान बेहद आवश्यक है। साथ ही वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में फर्नीचर की सेटिंग करनी चाहिए ताकि जातक को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो। आइए जानते हैं फर्नीचर लगाने के सुझाव:
वास्तु के अनुसार बेडरूम में टेलीविजन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मौजूद नहीं होने चाहिए, क्योंकि वे ऊर्जा को घर से बाहर भेजते हैं जो व्यक्ति की नींद में खलल डालते हैं।
हालांकि अधिकांश लोगों के बेडरूम में टीवी होता है। अगर आपके बेडरूम में भी टीवी है, तो इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। वास्तु अनुसार टीवी को सोने की दिशा के पास रखना अच्छा नहीं होता है।
टीवी को बिस्तर के सामने रखने से बचें, क्योंकि सोते हुए व्यक्ति का प्रतिबिंब अशुभ होता है। अगर किसी कारणवश आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, इससे बचने के लिए उपाय आजमा सकते हैं। इसके लिए रात को सोते समय टेलीविजन को किसी हल्के रंग के कपड़े से ढक दें।
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ताजे फूल और पौधे व्यक्ति के घर में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं। बेडरूम के लिए वास्तु कहता है कि जितना संभव हो, उतने ताजे फूलों और पौधों का उपयोग करना चाहिए।
कृत्रिम फूलों और मुरझाए हुए पौधों से बचना चाहिए क्योंकि वे कमरे की ऊर्जा और भावना को कम कर देते हैं। इसी के साथ मनी प्लांट बेडरूम के लिए काफी अच्छा माना जाता हैं।
फूलदान के रंगों का चुनाव भी हमारे जीवन में सकारात्मकता को बहाल करेन हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए फूलदान के रंगों का सावधानी के साथ चुनाव करना चाहिए। विवाहित लोगों को लाल फूलदान का प्रयोग करना चाहिए, इससे उनके संबंधों में मजबूती आती है और प्रेम बढ़ता है। जबकि छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे पीले फूलदान का उपयोग करें, क्योंकि यह रंग ज्ञान का प्रतीक है।
आजकल लोग जगह की कमी के कारण घरों के बाथरूम और टॉयलेट आमतौर पर बेडरूम से अटैच्ड बनवाते हैं। वास्तु के अनुसार अगर बाथरूम गलत दिशा में हो, तो इससे स्वास्थ्य और आर्थिक परेशानी हो सकती है। जब बाथरूम बेडरूम से जुड़ा होता है, तो बेडरूम घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित होना चाहिए। अन्य उपयुक्त दिशाएं दक्षिण या पश्चिम हैं। आप यह सुनिश्चित करें कि बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखा जाए, क्योंकि खुले बाथरूम का दरवाजा बेडरूम की आभा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
बिस्तर को बाथरूम या टॉयलेट की जगह के करीब नहीं रखना चाहिए। एक छोटे से फ्लैट में यदि यह संभव नहीं है, तो अपने बिस्तर की पॉजिशन को इस तरह बदलें कि वह बेडरूम में बाथरूम की दीवार से जुड़े नहीं ताकि नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके।
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वास्तु के अनुसार अगर परिवार में एक विवाहित जोड़ा है और बाकी सभी सदस्य अविवाहित हैं, तो मास्टर बेडरूम में विवाहित जोड़े को ही रहना चाहिए।
वास्तु के अनुसार बुकशेल्फ़ या कार्यालय डेस्क को पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोने में रखा जाना चाहिए। काम और निजी जीवन को अलग करने के लिए बेडरूम के खाली जगह छोड़ने की सलाह दी जाती है।
वास्तु के अनुसार बालकनी बेडरूम के पूर्वी या उत्तरी हिस्से में होनी चाहिए। गोल बालकनियों से बचें क्योंकि इस तरह की बालकनी वहां रहने वालों के लिए कई समस्याएं पैदा करते हैं। पूर्व-पश्चिम दिशा में एक झूला लगाया जा सकता है। सकारात्मकता के लिए बालकनी को अच्छी तरह से रोशन करें। छोटे पौधे बालकनी के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखे जा सकते हैं। बालकनी की ग्रिल हमेशा जंग मुक्त होनी चाहिए। बालकनी में अवांछित चीजें रखकर ऊर्जा के प्रवाह को अवरुद्ध न करें।
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वास्तु के अनुसार सूर्य के प्रकाश का कमरे की सकारात्मकता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। दिन में कुछ समय के लिए बेडरूम को प्राकृतिक रोशनी में आने दें। हालांकि, टास्क-लाइटिंग आपके दिमाग को टास्क-मोड में जाने के लिए प्रेरित करती है। एक सुखदायक माहौल बनाने के लिए मद्धिम रोशनी वाली लाइटों का चयन करें। बेडरूम में अगर कोई बल्ब खराब हो जाए, तो उन्हें तुरंत बदल दें।
बेडरूम में पर्याप्त रोशनी रखें। रोशनी पूरे कमरे में एक जैसी होनी चाहिए। ऐसा न हो कि कमरे के एक तरफ अंधेरा है और दूसरी तरफ उजाला। असमान रोशनी घर में नकारात्मकता के प्रवाह को बढ़ा सकती है। अगर संभव हो, तो उत्तर और पूर्व की दीवारों की तरफ लाइट फिटिंग करवाएं, क्योंकि उत्तर-पूर्व से निकलने वाली रोशनी समृद्धि का प्रतिनिधित्व करती है।
बुजुर्ग सदस्य के बेडरूम को पीले, सफेद, हरे या नीले रंग जैसे सुखदायक रंगों से डिज़ाइन करें। परिवार के मुखिया का बेडरूम दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण में होना चाहिए। साथ ही वरिष्ठ लोगों के लिए उत्तर पूर्व, पूर्व या उत्तर में भी एक कमरे का उपयोग कर सकते हैं।
बेड का सिरा पूर्व दिशा या दक्षिण दिशा में होना चाहिए। पुस्तकों को पश्चिम दिशा में एक शेल्फ पर रखना चाहिए। पढ़ने, लिखने, पेंटिंग आदि के लिए मेज और कुर्सी को उत्तर-पश्चिम कोने में रखें। दवाओं को एक शेल्फ पर रखें जो उत्तर और उत्तर-पूर्व के बीच में रखी गई हों।
वास्तु शास्त्र के अनुसार गेस्ट बेडरूम ईशान कोण में होना चाहिए। जहां तक बिस्तर लगाने की बात है, तो कमरे के दक्षिण या पश्चिम भाग को प्राथमिकता दी जाती है। दक्षिण दिशा सोने की आदर्श दिशा है अर्थात सिर दक्षिण की ओर होना चाहिए। यह ध्यान रखें कि बिस्तर के ऊपर कोई बीम नहीं होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार गेस्ट रूम की दक्षिण या पश्चिम दीवार पर अलमारी बनी होनी चाहिए।
वास्तु के अनुसार गेस्ट रूम के लिए सफेद, नीले और हरे रंग के हल्के रंगों को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि ये शांति का प्रतीक हैं और हमारे मन-मस्तिष्क को स्थिर रखने में मदद करते हैं। डार्क शेड्स के इस्तेमाल से बचें क्योंकि इससे कमरा छोटा दिखता है और नकारात्मकता भी आकर्षित होती है। बाथरूम का दरवाजा बिस्तर के विपरीत नहीं होना चाहिए।
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माना जाता है कि आईना बेडरूम के चारों ओर की ऊर्जा को प्रभावित करती है। गलत दिशा में रखने से वहां रहने वाले लोगों को बेचैनी हो सकती है, उनकी चिंताएं बढ़ सकती हैं। इसलिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि अपने बिस्तर के सामने की दीवार पर आईना न लगाएं। अगर आप आईना के रूप में ड्रेसिंग टेबल का उपयोग कर रहे हैं, तो उसे भी सही दिशा में ही रखें। इसी तरह यदि आप अपने बेडरूम को डिजाइन कर रहे हैं, तो ड्रेसिंग टेबल को वास्तु अनुसार सही दिशा में रखें।
अपने बेडरूम को ऑफ-व्हाइट, बेबी पिंक या क्रीम पेंट करें। गहरे रंगों से बचना चाहिए। वास्तु के अनुसार नवविवाहित जोड़े के बेडरूम को गुलाबी, हल्का नीला या सुखदायक पीला जैसे रंगों से डिजाइन किया जाना चाहिए। बच्चों के बेडरूम को हरे (जो विकास का प्रतिनिधित्व करता है) या पीले (खुशी और अध्ययन के लिए सहायक) रंग में पेंट किया जा सकता है।
यदि आप अपने बेडरूम में इंडोर प्लांट रखना चाहते हैं तो यह अवश्य ध्यान रखें कि कौन-सा पौधा बेडरूम के लिए उपयोगी है।
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