हम अक्सर जब घर से कहीं दूर बहुत ज्यादा दिनों के लिए घूमने जाते हैं तो अपने घर को बहुत मिस करते हैं। खासकर अपने घर की बालकनी को। ऐसा इसलिए क्योंकि बालकनी में खड़े होकर चाय की चुस्कियां लेना और दूर-दूर तक नजर आ रहे नजारे को निहारने का मजा ही कुछ और होता है। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है। असल में बालकनी हमारे तनाव को कम करने के लिए एक खूबसूरत जगह है। विशेषकर बड़े शहरो में। यही कारण है कि शहरी जिंदगी में बालकनी का विशेष महत्व होता है। बड़ी-बड़ी मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों में बालकनी को खास तरीके से सजाया जाता है, उसके इंटीरियर का विशेष ध्यान रखा जाता है। कई लोग तो अपनी बालकनी में गार्डनिंग भी करते हैं जहां तरह-तरह के फ्लॉवर प्लांट, इंडोर प्लांट लगाए जाते हैं। साथ ही उसकी सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए कुछ एक्सेसरीज का भी यूज करते हैं। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बालकनी का महत्व आम जनजीवन में कितना ज्यादा है। बालकनी केवल सौंदर्य के लिए महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि एक घर के लिए बालकनी वह हिस्सा है, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा का केन्द्र भी माना जाता है। इसलिए घर खरीदते समय बालकनी के आकार और दिशा पर विचार करने की आवश्यकता होती है।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में एक बालकनी ऊर्जा के हस्तांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीं एक चौड़ी और खुली बालकनी घर के अंदर ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करती है। एस्ट्रोटॉक के वास्तु विशेषज्ञों की मानें तो जहां एक तरफ सही दिशा में बनी बालकनी सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ा सकती है, वहीं दूसरी ओर गलत दिशा में बनी बालकनी सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को कम भी कर सकती है। बता दें कि नकारात्मक ऊर्जाएं घर में रहने वाले लोगों की प्रगति में बाधा डालती हैं और यह व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होती है। ऊर्जा के हस्तांतरण के अलावा घर में उचित वेंटिलेशन के लिए छत और बालकनी भी महत्वपूर्ण होती हैं।
आपको बता दें कि प्राचीन और मध्यकाल में हवा की दिशा का अध्ययन करके बालकनियों का निर्माण किया जाता था और लोग हवा के प्रवाह के विपरीत दिशा में बालकनी रखना पसंद करते थे। यह घर में हवा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए जाना जाता था। इसके साथ आज भी कई आर्किटेक्ट इस नियमों का पालन करते हैं। वहीं बुनियादी बातों के अलावा, आर्किटेक्ट भी खरीदारों के बीच फ्लैट या घर की खरीदारी को बढ़ाने के लिए एक बालकनी के लिए भी वास्तु नियमों का पालन करते हैं। साथ ही वास्तु के अनुसार बालकनी की दिशा का चुनाव किया जाता हैं क्याेंकि बालकनी की सही दिशा घर में सकारात्मकता लाने के लिए जानी जाती है।
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फ्लैट या घर के बारे में विचार करते समय यह जांचना जरूरी है कि बालकनी की दिशा वास्तु के अनुसार है या नहीं? घर में बालकनी की दिशा का प्रभाव घर में रहने वालें लोगों पर देखने को मिलता हैं। इसके साथ ही यहां पर छत और बालकनियों के लिए दिशा-संबंधी कुछ वास्तु टीप्स दी गई हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।
महिलाएं अक्सर शाम को अपनी थकान दूर करने के लिए घर की बालकनी में बेठना पसंद करती है। कई बार बारिश का लुत्फ उठाने के लिए पूरा परिवार एक साथ बालकनी के मजे लेता है। जब व्यक्ति कुछ नहीं करता है, तब भी वह बालकनी में खड़े होकर कुछ पल सुकून के बिताता है। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि हमारे पास हमेशा बालकनी में जाने का एक कारण होता है, इसलिए हमें इसे एक आरामदायक जगह में बदलने की कोशिश करनी चाहिए।
कुछ फर्नीचर और सजावटी सामान लगाकर अपनी बालकनी को सजाने और बैठने के लिए जगह की योजना बनाने वालों के लिए यहां कुछ वास्तु टिप्स दिए गए हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं।
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बालकनी को सजाना सभी कार्यों में से सबसे अधिक मनभावन होता है। जहां कुछ लोग बालकनी को सजाने के लिए रोशनी का उपयोग करने पर विचार करते हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग पौधों को लगाने से संतुष्ट हो जाते हैं। साथ ही लोग कुछ ऐसे भी हैं जो दोनों को पसंद करते हैं।
सीधे शब्दों में कहें तो आधुनिक समय में बालकनी को सजाना एक जरूरी काम बन चुका है और यहां तक कि यह हमारे मानकों को भी दर्शाता है। लेकिन फिर भी आप जो कुछ भी बालकनी पर रखते हैं वह वास्तु के अनुकूल नहीं होता है। तो चलिए जानते है वास्तु अनुसार बालकनी को कैसे सजाना चाहिए।
बालकनियाँ इन दिनों सभी डिजाइन और आकारों में आती हैं। जैसा कि लोग सुंदरता को किसी और चीज़ से अधिक मानते हैं। इसी तरह बालकानी की सजावट करने के लिए भी विशेष ध्यान दिया जाता है। वहीं आर्किटेक्ट फ्लैट या अपार्टमेंट का निर्माण करते समय बालकनियों के लिए नए आकार और डिजाइन की कोशिश करते हैं, हालांकि हर बालकनी का आकार वास्तु स्वीकृत नहीं होता है। तो चलिए आपको बताते है वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए आदर्श आकार है।
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पौधे एक रक्षक के रूप में जाने जाते हैं क्योंकि वे हमारे पर्यावरण को जीवित रखते हैं। इसलिए पौधे आधारित सजावट विशेष रूप से बालकनियों और छतों के लिए सबसे पसंदीदा है, जो हवा और धूप की निरंतर उपलब्धता हैं। इसके अलावा पौधे वातावरण को ठंडा रखते हैं, जिससे घर में सकारात्मकता का संचार होता है। इसलिए पौधों को वास्तु के अनुसार लगाना चाहिए। लोग सजावट के लिए अलग अलग प्रकार के पोधों को लगाना पसंद करते हैं लेकिन सभी पौधे वास्तु के अनुकूल नहीं होते हैं तो चलिए जानते है वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए सबसे अच्छे पौधे हैं।
घर के लिए | गार्डन के लिए |
---|---|
तुलसी | पीपल |
मनी प्लांट | आम |
एलो वेरा | नीम |
स्नैक प्लांट | केला |
पीस लिली | कटहल |
जेड प्लांट | नारियल |
सिंगोनियम | |
एंथोरियम |
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अधिकांश बालकनियों में बारिश और तेज धूप से बचाने के लिए छत होती है। साथ ही वास्तु शास्त्र के अनुसार, बालकनी की आदर्श छत वह है, जो इन वास्तु शास्त्र नियमों का पालन करती है।
हर रंग का अपना एक अर्थ होता है और रंग न केवल घर में सुंदरता जोड़ते हैं बल्कि हमारे दिमाग पर भी प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए वास्तु के अनुसार हल्के रंगों को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि यह लोगों को शांत करते हैं। दूसरी ओर, गहरे रंग आक्रामकता का प्रतीक हैं और इसलिए इनसे बचना चाहिए।
बालकनी के लिए वास्तु रंग | प्रतिनिधित्व |
---|---|
हल्का लाल | जुनून, शक्ति, भावनाएं, गर्मजोशी |
हल्का नीला | सौंदर्य, संतोष, भक्ति, सत्य |
हल्का हरा | विकास, उपचार, प्रजनन क्षमता, समृद्धि |
सफेद | पवित्रता, खुलापन, मासूमियत, विलासिता |
हल्का पीला | आशावाद, अध्ययन, बुद्धि |
हल्का नारंगी | दृढ़ संकल्प, लक्ष्य, अच्छा स्वास्थ्य, आराम |
हल्का भूरा | स्थिरता, संतुष्टि, आराम |
हल्का बैंगनी | समृद्धि,विलासिता, अनुग्रह, अभिमान |
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आज के समय में बालकनी में डिजाइनर ग्रिल लगाए जाते हैं। इन दिनों ग्रिल में कांच का उपयोग न केवल आधुनिक समय में प्रचलित है बल्कि वास्तु विशेषज्ञों द्वारा भी सराहनीय भी है। हालांकि, सुनिश्चित करना चाहिए कि हवा के गुजरने के लिए ग्रिल में पर्याप्त जगह होनी चाहिए। वहीं बालकनी के लिए रेलिंग पर विचार करते समय ऐसी ग्रिल का चुनाव करना चाहिए जो हवा का मुक्त प्रवाह करती हो। यदि बालकनी की ग्रिल धातु से बनी है, तो सुनिश्चित करें कि यह अच्छी तरह से बनी हुई हो और जंग ना लगी हो।
बालकनी के लिए कुछ वास्तु टिप्स जो आपके पसंदीदा स्थान को वास्तु के अनुकूल बना सकते हैं। अधिक जानने के लिए, आप सर्वश्रेष्ठ एस्ट्रोटॉक ज्योतिषियों से जुड़ सकते हैं।
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