घर की बालकानी के लिए वास्तु

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विषय सूची

  • वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए सबसे सर्वोत्तम दिशा
  • वास्तु अनुसार बालकनी में बैठने की जगह
  • वास्तु के अनुसार बालकनी की सजावट
  • वास्तु के अनुसार बालकनी का आकार
  • वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए सर्वश्रेष्ठ पौधे
  • वास्तु के अनुसार बालकनी की छत
  • वास्तु अनुसार बालकनी के लिए सही रंग
  • वास्तु के अनुसार बालकनी में रेलिंग का स्थान

हम अक्सर जब घर से कहीं दूर बहुत ज्यादा दिनों के लिए घूमने जाते हैं तो अपने घर को बहुत मिस करते हैं। खासकर अपने घर की बालकनी को। ऐसा इसलिए क्योंकि बालकनी में खड़े होकर चाय की चुस्कियां लेना और दूर-दूर तक नजर आ रहे नजारे को निहारने का मजा ही कुछ और होता है। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है। असल में बालकनी हमारे तनाव को कम करने के लिए एक खूबसूरत जगह है। विशेषकर बड़े शहरो में। यही कारण है कि शहरी जिंदगी में बालकनी का विशेष महत्व होता है। बड़ी-बड़ी मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों में बालकनी को खास तरीके से सजाया जाता है, उसके इंटीरियर का विशेष ध्यान रखा जाता है। कई लोग तो अपनी बालकनी में गार्डनिंग भी करते हैं जहां तरह-तरह के फ्लॉवर प्लांट, इंडोर प्लांट लगाए जाते हैं। साथ ही उसकी सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए कुछ एक्सेसरीज का भी यूज करते हैं। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बालकनी का महत्व आम जनजीवन में कितना ज्यादा है। बालकनी केवल सौंदर्य के लिए महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि एक घर के लिए बालकनी वह हिस्सा है, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा का केन्द्र भी माना जाता है। इसलिए घर खरीदते समय बालकनी के आकार और दिशा पर विचार करने की आवश्यकता होती है।

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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में एक बालकनी ऊर्जा के हस्तांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीं एक चौड़ी और खुली बालकनी घर के अंदर ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करती है। एस्ट्रोटॉक के वास्तु विशेषज्ञों की मानें तो जहां एक तरफ सही दिशा में बनी बालकनी सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ा सकती है, वहीं दूसरी ओर गलत दिशा में बनी बालकनी सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को कम भी कर सकती है। बता दें कि नकारात्मक ऊर्जाएं घर में रहने वाले लोगों की प्रगति में बाधा डालती हैं और यह व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होती है। ऊर्जा के हस्तांतरण के अलावा घर में उचित वेंटिलेशन के लिए छत और बालकनी भी महत्वपूर्ण होती हैं।

आपको बता दें कि प्राचीन और मध्यकाल में हवा की दिशा का अध्ययन करके बालकनियों का निर्माण किया जाता था और लोग हवा के प्रवाह के विपरीत दिशा में बालकनी रखना पसंद करते थे। यह घर में हवा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए जाना जाता था। इसके साथ आज भी कई आर्किटेक्ट इस नियमों का पालन करते हैं। वहीं बुनियादी बातों के अलावा, आर्किटेक्ट भी खरीदारों के बीच फ्लैट या घर की खरीदारी को बढ़ाने के लिए एक बालकनी के लिए भी वास्तु नियमों का पालन करते हैं। साथ ही वास्तु के अनुसार बालकनी की दिशा का चुनाव किया जाता हैं क्याेंकि बालकनी की सही दिशा घर में सकारात्मकता लाने के लिए जानी जाती है।

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फ्लैट या घर के बारे में विचार करते समय यह जांचना जरूरी है कि बालकनी की दिशा वास्तु के अनुसार है या नहीं? घर में बालकनी की दिशा का प्रभाव घर में रहने वालें लोगों पर देखने को मिलता हैं। इसके साथ ही यहां पर छत और बालकनियों के लिए दिशा-संबंधी कुछ वास्तु टीप्स दी गई हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।

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  • विशेषज्ञों और वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए सबसे सर्वाेत्तम दिशा उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा है।
  • सकारात्मक ऊर्जाओं के अलावा इन दिशाओं में स्थित आपकी बालकनी में सुबह से लेकर शाम तक भरपूर धूप रहती है।
  • यदि आप नियमित रूप से सूर्य पूजा करते हैं तो, इन दिशाओं में बालकनी आपके लिए अनुकूल होगी।
  • अगर आपका फ्लैट या घर दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा हो तो आपको ऐसे फ्लैट खरीदने से बचना चाहिए।
  • यदि आपके घर की योजना बालकनी निर्माण के लिए उपरोक्त दिशा निर्देशों का पालन नहीं करती हैं, तो ऐसे मामलों में आप बालकनी के निर्माण के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा पर भी विचार कर सकते हैं।
  • आदर्श रूप से बालकनी का फर्श हमेशा बिल्डिंग के फर्श से थोड़ा नीचे होना चाहिए।
  • साथ ही आप दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा में एक बालकनी भी रख सकते हैं लेकिन आपकी बालकनी के विपरीत दिशा में भी बड़ी बालकनी होनी चाहिए।
  • दक्षिण और पश्चिम दिशा में फैली बालकनियों को नकारात्मक माना जाता है। तो वहीं वास्तु के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व दिशा में बालकनी का होना सकारात्मक होता है।
  • साथ ही बालकनी का ढलान हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए ताकि पानी हमेशा दक्षिण से पूर्व या पश्चिम से उत्तर की ओर बहता रहे।
  • यदि संभव हो तो, दक्षिण-पश्चिम की ओर बालकनी को स्लाइडिंग खिड़कियों के साथ शामिल करना करना चाहिए यह काफी शुभ होता है।

वास्तु अनुसार बालकनी में बैठने की जगह

महिलाएं अक्सर शाम को अपनी थकान दूर करने के लिए घर की बालकनी में बेठना पसंद करती है। कई बार बारिश का लुत्फ उठाने के लिए पूरा परिवार एक साथ बालकनी के मजे लेता है। जब व्यक्ति कुछ नहीं करता है, तब भी वह बालकनी में खड़े होकर कुछ पल सुकून के बिताता है। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि हमारे पास हमेशा बालकनी में जाने का एक कारण होता है, इसलिए हमें इसे एक आरामदायक जगह में बदलने की कोशिश करनी चाहिए।

कुछ फर्नीचर और सजावटी सामान लगाकर अपनी बालकनी को सजाने और बैठने के लिए जगह की योजना बनाने वालों के लिए यहां कुछ वास्तु टिप्स दिए गए हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं।

  • बालकनी पर फर्नीचर के लिए सबसे अच्छी दिशा दक्षिण-पश्चिम दिशा है।
  • बालकनी में हमेशा लकड़ी के फर्नीचर का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि बालकनी ऊर्जा प्रवाह का मार्ग है, इसलिए हमें इसे प्राकृतिक रखना चाहिए।
  • वास्तु के अनुसार भारी फर्नीचर जैसे कुर्सियाँ, बीन बैग, स्टूल और टेबल हमेशा बालकनी के दक्षिण-पश्चिम की ओर रखना चाहिए।
  • बालकनी पर झूला भी बैठने की व्यवस्था का एक हिस्सा ही होता है और ज्यादातर लोग इन दिनों इसपर विचार करते हैं। बता दें कि बालकनी पर झूले के लिए आदर्श दिशा उत्तर-पश्चिम दिशा है।
  • वास्तु ज्योतिषी अनुसार झूले या फर्नीचर पर बैठते समय हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करें।
  • वास्तु के अनुसार फर्नीचर के आकार की भी महत्पूर्ण भूमिका होती है। साथ ही ज्योतिषी सकारात्मकता को आकर्षित करने के लिए बालकनी पर मिट्टी के रंगों जैसे क्रीम, बेज और पीले रंग में चौकोर आकार के फर्नीचर का उपयोग करने का सुझाव देते हैं।

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वास्तु के अनुसार बालकनी की सजावट

बालकनी को सजाना सभी कार्यों में से सबसे अधिक मनभावन होता है। जहां कुछ लोग बालकनी को सजाने के लिए रोशनी का उपयोग करने पर विचार करते हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग पौधों को लगाने से संतुष्ट हो जाते हैं। साथ ही लोग कुछ ऐसे भी हैं जो दोनों को पसंद करते हैं।

सीधे शब्दों में कहें तो आधुनिक समय में बालकनी को सजाना एक जरूरी काम बन चुका है और यहां तक कि यह हमारे मानकों को भी दर्शाता है। लेकिन फिर भी आप जो कुछ भी बालकनी पर रखते हैं वह वास्तु के अनुकूल नहीं होता है। तो चलिए जानते है वास्तु अनुसार बालकनी को कैसे सजाना चाहिए।

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  • अगर आप बालकनी पर पानी का फव्वारा लगाने का विचार कर रहे हैं, तो उसे हमेशा बालकनी या छत के उत्तर-पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए।
  • वास्तु के अनुसार बालकनी पर पानी का फव्वारा रखने से जातक को धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
  • पानी के फव्वारे के अलावा अगर आप बालकनी पर किसी भी प्रकार का जल निकाय रख रहे हैं, तो यह उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
  • ऐसे कई प्रकार के पौधे उपलब्ध हैं जिनका उपयोग छत की सजावट के लिए किया जा सकता है। ज्योतिषियों के अनुसार झाड़ियों और छोटे पौधों को हमेशा बालकनी के पूर्व और उत्तर की ओर जाना चाहिए।
  • साथ ही मोटे पौधों को बालकनी की दक्षिणी या पश्चिमी दिशा में रखना चाहिए।
  • बुद्ध की मूर्ति काफी शुभ होती हैं, जिसे बालकनी पर उत्तर -पूर्व दिशा में रखना चाहिए। क्योंकि यह घर के सभी जातकों के लिए उच्च ऊर्जा कंपन को आकर्षित करेगी।
  • बालकनी पर रोशनी का प्रयोग करते समय सुखदायक रोशनी का प्रयोग करें और ऐसी रोशनी से दूर रहे जो देखने में अच्छी न लगती हो क्योंकि यह अशुभ को आमंत्रित करती है।

वास्तु के अनुसार बालकनी का आकार

बालकनियाँ इन दिनों सभी डिजाइन और आकारों में आती हैं। जैसा कि लोग सुंदरता को किसी और चीज़ से अधिक मानते हैं। इसी तरह बालकानी की सजावट करने के लिए भी विशेष ध्यान दिया जाता है। वहीं आर्किटेक्ट फ्लैट या अपार्टमेंट का निर्माण करते समय बालकनियों के लिए नए आकार और डिजाइन की कोशिश करते हैं, हालांकि हर बालकनी का आकार वास्तु स्वीकृत नहीं होता है। तो चलिए आपको बताते है वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए आदर्श आकार है।

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  • वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार केवल दो आकार वर्ग और आयत वास्तु स्वीकृत होते हैं। वहीं किसी अन्य आकार की बालकनी से बचना चाहिए।
  • बालकनी के किनारे 90 डिग्री पर होने के साथ साथ यह घुमावदार नहीं होने चाहिए।
  • आपको बालकनी को बीम से रहित रखने का प्रयास करना चाहिए।

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वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए सर्वश्रेष्ठ पौधे

पौधे एक रक्षक के रूप में जाने जाते हैं क्योंकि वे हमारे पर्यावरण को जीवित रखते हैं। इसलिए पौधे आधारित सजावट विशेष रूप से बालकनियों और छतों के लिए सबसे पसंदीदा है, जो हवा और धूप की निरंतर उपलब्धता हैं। इसके अलावा पौधे वातावरण को ठंडा रखते हैं, जिससे घर में सकारात्मकता का संचार होता है। इसलिए पौधों को वास्तु के अनुसार लगाना चाहिए। लोग सजावट के लिए अलग अलग प्रकार के पोधों को लगाना पसंद करते हैं लेकिन सभी पौधे वास्तु के अनुकूल नहीं होते हैं तो चलिए जानते है वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए सबसे अच्छे पौधे हैं।

पौधों के लिए वास्तु: आदर्श पेड़-पौधे

घर के लिए गार्डन के लिए
तुलसी पीपल
मनी प्लांट आम
एलो वेरा नीम
स्नैक प्लांट केला
पीस लिली कटहल
जेड प्लांट नारियल
सिंगोनियम
एंथोरियम
  • जैसा कि हमने पहले बताया है कि बालकनी के पूर्व और उत्तर दिशा में छोटी-छोटी झाड़ियां लगानी चाहिए।
  • किसी भी प्रकार का लंबा पेड़, जैसे बांस, घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए।
  • वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए भाग्यशाली पौधे तुलसी, ड्रैकैना, मनी प्लांट, एलोवेरा, पीस लिली और जेड प्लांट होते हैं।
  • वहीं कैक्टस, कपास और बोनसाई जैसे पौधों से बचना चाहिए।
  • साथ ही, वास्तु के अनुसार दूध जैसा पदार्थ देने वाले पौधों से बचना चाहिए।
  • बता दें कि जिन पौधों में फूल लगते हैं उन्हें हमेशा बालकनी के पश्चिम, दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में जाना चाहिए।
  • बालकनी पर पौधे लगाते समय, सुनिश्चित करें कि वे बालकनी के माध्यम से घर में आने वाली धूप को अवरुद्ध नहीं करते हो।
  • वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए पौधों पर विचार करते समय ध्यान रखे कि इन्हे 2, 4 या 6 के जोड़े में रखें।
  • सुनिश्चित करें कि आप सूखे पौधों को बालकनी पर न रखें। इसके अलावा, सूखे पत्तों को बालकनी पर जमा न होने दें और उन्हें जल्द से जल्द उन्हे फेंक दें।
  • छज्जे पर टूटे या चिपके हुए पौधे न रखें क्योंकि वे नकारात्मकता को आकर्षित करते हैं।
  • यदि आप वर्टिकल गार्डन पर विचार करना अच्छा है। क्योंकि यह न केवल फैशन में है बल्कि फ्लैट की दीवारों को भी ठंडा रखता है, तो आप फ्लैट की दक्षिण या पश्चिम की दीवार पर एक रख सकते हैं।

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वास्तु के अनुसार बालकनी की छत

अधिकांश बालकनियों में बारिश और तेज धूप से बचाने के लिए छत होती है। साथ ही वास्तु शास्त्र के अनुसार, बालकनी की आदर्श छत वह है, जो इन वास्तु शास्त्र नियमों का पालन करती है।

  • वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए बालकनी के ऊपर की छत का ढलान हमेशा घर के उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  • बालकनी के दक्षिण या पश्चिम दिशा में फ्लैट या छत का निर्माण करने देना चाहिए।
  • बालकनी की छत की ऊंचाई हमेशा मुख्य भवन की छत से कम होनी चाहिए।
  • कुछ लोग बालकनी के ऊपर टिन की छत बनाने पर विचार करते हैं, जिससे वास्तु अनुसार बचना चाहिए।
  • एक तिरछी छत घर के सदस्यों के लिए समृद्धि और खुशी लाती है और इसलिए इस पर विचार किया जाना चाहिए।
  • सुनिश्चित करें कि आपकी छत प्राकृतिक धूप में बाधा न बने।

वास्तु अनुसार बालकनी के लिए सही रंग

हर रंग का अपना एक अर्थ होता है और रंग न केवल घर में सुंदरता जोड़ते हैं बल्कि हमारे दिमाग पर भी प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए वास्तु के अनुसार हल्के रंगों को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि यह लोगों को शांत करते हैं। दूसरी ओर, गहरे रंग आक्रामकता का प्रतीक हैं और इसलिए इनसे बचना चाहिए।

बालकनी के लिए वास्तु रंग प्रतिनिधित्व
हल्का लाल जुनून, शक्ति, भावनाएं, गर्मजोशी
हल्का नीला सौंदर्य, संतोष, भक्ति, सत्य
हल्का हरा विकास, उपचार, प्रजनन क्षमता, समृद्धि
सफेद पवित्रता, खुलापन, मासूमियत, विलासिता
हल्का पीला आशावाद, अध्ययन, बुद्धि
हल्का नारंगी दृढ़ संकल्प, लक्ष्य, अच्छा स्वास्थ्य, आराम
हल्का भूरा स्थिरता, संतुष्टि, आराम
हल्का बैंगनी समृद्धि,विलासिता, अनुग्रह, अभिमान
  • वास्तु के अनुसार घर की बालकनी आराम करने ,ध्यान करने और खुद को शांत करने का स्थान है, इसलिए इसे गहरे रंगों से दूर रखना चाहिए।
  • बालकनी पर अपने दिमाग को शांत करने के लिए और बालकनी को बेहतर बनाने के लिए शांत और हल्के रंगों जैसे सफेद, बेज, नीले और गुलाबी रंग के हल्के रंगों का उपयोग करने पर विचार करें।
  • आप कृतिम रोशनी जोड़कर बालकनी के रंग और अपने दिमाग को अच्छा कर सकते हैं।
  • वास्तु के अनुसार बालकनी के लिए फर्नीचर का रंग भी मायने रखता है। बता दें कि फर्नीचर को हल्के रंगों का होना चाहिए क्योंकि यह फायदेमंद होता है।
  • बालकनी पर लगने वाले सामान रंग रहित नहीं होना चाहिए।
  • वास्तु अनुसार गमलों का रंग सफेद और हल्के रंग का होना चाहिए।

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वास्तु के अनुसार बालकनी में रेलिंग का स्थान

आज के समय में बालकनी में डिजाइनर ग्रिल लगाए जाते हैं। इन दिनों ग्रिल में कांच का उपयोग न केवल आधुनिक समय में प्रचलित है बल्कि वास्तु विशेषज्ञों द्वारा भी सराहनीय भी है। हालांकि, सुनिश्चित करना चाहिए कि हवा के गुजरने के लिए ग्रिल में पर्याप्त जगह होनी चाहिए। वहीं बालकनी के लिए रेलिंग पर विचार करते समय ऐसी ग्रिल का चुनाव करना चाहिए जो हवा का मुक्त प्रवाह करती हो। यदि बालकनी की ग्रिल धातु से बनी है, तो सुनिश्चित करें कि यह अच्छी तरह से बनी हुई हो और जंग ना लगी हो।

बालकनी के लिए कुछ वास्तु टिप्स जो आपके पसंदीदा स्थान को वास्तु के अनुकूल बना सकते हैं। अधिक जानने के लिए, आप सर्वश्रेष्ठ एस्ट्रोटॉक ज्योतिषियों से जुड़ सकते हैं।

आइए उन्हें विस्तार से देखें:

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