उत्तरमुखी घर के लिए वास्तु

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  • वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर मुखी घर का मुख्य द्वार
  • क्या उत्तर मुखी घर अच्छा होता है?
  • वास्तु शास्त्र अनुसार उत्तर मुखी घर में सीढ़ियों का स्थान
  • उत्तर मुखी घर का क्या मतलब होता है?
  • उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु शास्त्र: क्या यह सभी के लिए उपयुक्त है?
  • उत्तर मुखी घर लिविंग रूम के लिए वास्तु शास्त्र
  • उत्तर मुखी घर बेडरूम के लिए वास्तु शास्त्र
  • उत्तर मुखी घर रसोई के लिए वास्तु शास्त्र
  • उत्तर मुखी घर का बाथरूम
  • उत्तर मुखी घर के लिए स्टोर रूम
  • वास्तु अनुसार उत्तर मुखी घर में बाथरूम, किचन, लिविंग, रूम, बेडरूम के लिए शुभ दिशा
  • उत्तर मुखी घर: वास्तु शास्त्र टिप्स
  • सौभाग्य प्राप्त करने के लिए उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु टिप्स
  • उत्तर मुखी घर वास्तु: जिन चीजों से आपको बचना चाहिए
  • उत्तर मुखी घर बिल्डिंग के लिए वास्तु शास्त्र
  • उत्तर मुखी प्लॉट के लिए वास्तु
  • उत्तर मुखी घर किस राशि के लिए शुभ होता है?
  • उत्तर मुखी घर की महिलाओं के लिए वास्तु शास्त्र
  • उत्तर पूर्व मुखी घर वास्तु
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार पद क्यों महत्वपूर्ण हैं?
  • क्या उत्तर मुखी घर वरिष्ठ नागरिकों के लिए अच्छा है?
  • उत्तर मुखी घर में बगीचे के लिए वास्तु शास्त्र
  • उत्तर मुखी घर के लिए पौधे
  • उत्तर मुखी घर पर किस रंग का पेंट करें
  • उत्तर मुखी घर के लिए गहरे रंग का पेंट शुभ होता है या अशुभ
  • उत्तर मुखी घर में किस तरह के वास्तु दोष हो सकते हैं
  • उत्तरमुखी घरों के लिए वास्तु दोष उपाय
  • उत्तर मुखी घर का दरवाजा किस मटीरियल का होना चाहिए?
  • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सभी दिशाओं का अपना एक अलग महत्व होता है। जहां एक दिशा जातक के लिए शुभ परिणाम लेकर आती है, वहीं दूसरी दिशा जातक के लिए नकारात्मक ऊर्जा से उत्पन्न परेशानियों का बड़ा कारण बनती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व, उत्तर और उत्तर-पूर्व मुखी घर जातक के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। हालांकि, यह आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश के लिए एकमात्र निर्धारक नहीं है। उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर को समर्पित होती है, इसीलिए उत्तर दिशा वाले घरों को काफी शुभ माना जाता है। यदि आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि को प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको उत्तरमुखी दिशा में अपने घर का निर्माण करना चाहिए। साथ ही आप वास्तु अनुसार उत्तर दिशा में मुख्य द्वार और दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में सीढ़ी बनाकर उत्तर मुखी घर को और भी शुभ बना सकते हैं।

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उत्तर मुखी घरों के लिए वास्तु टिप्स

मास्टर बेडरूम: दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में होना चाहिए

पूजा कक्ष: ईशान कोण में होना चाहिए

लिविंग रूम: ईशान कोण में होना चाहिए

अतिथि कक्ष: उत्तर पश्चिम में होना चाहिए

रसोई: दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए

हालांकि, उत्तर मुखी घर में रहने वालों को अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए जातक को अपने पूरे घर को वास्तु के अनुरूप बनाना चाहिए और वास्तु दोषों को ठीक करने के लिए उपाय करने बेहद आवश्यक है। उत्तर मुखी घर सबसे आम अभिविन्यास हैं, जो आप अपने आसपास देख सकते हैं। भारत में वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर मुखी घर का वास्तु सबसे शुभ होता है, क्योंकि उत्तर दिशा धन के स्वामी कुबेर की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में घर बनाने से जातक को काफी लाभ होता है। जब आप अपने घर का निर्माण करें, तो आपको उत्तर दिशा का चुनाव करना चाहिए। हालांकि, शुभ परिणाम के लिए आपके घर का उत्तर दिशा में होना ही काफी नहीं है, इसलिए इससे पहले कि आप उत्तर मुख वाली संपत्ति खरीदें, आपको कुछ अन्य कारकों पर भी विचार करने की आवश्यकता है ताकि आपको इस दिशा का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।

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इस विषय को विस्तार से समझने के लिए उत्तर मुखी घरों से जुड़ी मार्गदर्शिका इस लेख में दी गई है। कहा जाता है कि वास्तु शास्त्र के प्राचीन भारतीय वास्तु विज्ञान का पालन करने से जीवन में समृद्धि और खुशी आती है। वास्तु शास्त्र उत्तर दिशा को सबसे शुभ दिशाओं में से एक मान जाता है, क्योंकि यह धन के देवता भगवान कुबेर की दिशा है। यदि वास्तु नियमों का ठीक से पालन किया जाए, तो उत्तर मुखी घर सकारात्मकता से भरा हो सकता है। इस लेख में हम आपको वास्तु अनुसार उत्तर दिशा में घर होने के लाभ और वास्तु टिप्स के बारें में जानकारी प्रदान करेंगे।

वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर मुखी घर का मुख्य द्वार

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उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु गृह योजना में मुख्य द्वार उत्तर दिशा में होना चाहिए, क्योंकि उत्तर दिशा में पांचवां चरण सबसे शुभ माना जाता है, जो आपको धन प्राप्त करने में सहायता करता है, क्योंकि यह भगवान कुबेर की दिशा मानी जाती है। मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार प्रवेश द्वार लगाने के लिए तीसरे, चौथे और आठवें पद, जो मुख्य, भल्ला और दिति हैं, मुख्य दरवाजे के लिए काफी शुभ माने जाते हैं।

उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम के बीच की दूरी को नौ बराबर भागों में बांटा गया है और यह पांचवां पद है, जो शुभ माना जाता है। उत्तर मुखी घर वह होता है, जिसका प्रवेश द्वार उत्तर दिशा की ओर खुलता है। लेकिन कई लोगों को ऐसा लगता है कि घर को उत्तर-मुखी माना जाता है यदि उसका प्रवेश द्वार उत्तर की ओर स्थित सड़क का सामना करता है। लेकिन यह सही नहीं है।

गौरतलब है कि उत्तर दिशा में केंद्र की ओर पांचवां कदम, जिसे पद भी कहा जाता है सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह आपको धन के मार्ग की ओर ले जाता है। तीसरे, चौथे और आठवे चरण को भी काफी शुभ माना जाता है। प्रवेश द्वार रखने के लिए इनमें से किसी भी पद का चयन करने से धन की प्राप्ति होगी।

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क्या उत्तर मुखी घर अच्छा होता है?

यह भ्रांति है कि कोई एक दिशा अच्छी होती है और दूसरी बुरी। वास्तु शास्त्र के अनुसार सभी दिशाएं अच्छी हैं, बशर्ते कुछ सिद्धांतों के अनुसार उस दिशा में घर का निर्माण किया गया हो। उदाहरण के लिए किसी भी घर के मुख्य द्वार को बनाते समय उसके स्थान पर ध्यान देना बहुत आवश्यक होता है। साथ ही एक घर को फर्नीचर के स्थान, कमरों के लिए चुने गए रंगों के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के ज्योतिषीय चार्ट के कारण अच्छा या बुरा माना जा सकता है।

वास्तु के अनुसार उत्तर मुखी घर में रहने वालों के लिए शुभ हो सकता है, क्योंकि इस दिशा पर धन के देवता कुबेर का शासन होता है, इसलिए इस दिशा में बना घर धन को आकर्षित करता है। वास्तु के अनुसार उत्तर मुखी घर वित्तीय सेवाओं से जुड़े लोगों या अपना व्यवसाय चलाने वालों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। इस दिशा का संबंध बुध ग्रह से है। बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में काम करने वाले लोग जैसे- व्यापारी, निवेशक, शेयर बाजार के व्यापारी और बैंकर, एकाउंटेंट आदि को उत्तर दिशा की संपत्ति से अधिक लाभ हो सकता है। साथ ही यात्रा, आतिथ्य, स्वास्थ्य और मुद्रण और प्रकाशन उद्योग से जुड़े लोगों को भी उत्तर मुखी संपत्ति से लाभ हो सकता है।

हालांकि, उत्तर दिशा की ओर मुख वाला घर चुनते समय या इस प्रकार के घर का निर्माण करते समय वास्तु सिद्धांतों पर विचार करना आवश्यक है, विशेष रूप से विभिन्न कमरों की नियुक्ति और दरवाजों की संख्या और आकार पर ध्यान जरूर दें।

वास्तु शास्त्र अनुसार उत्तर मुखी घर में सीढ़ियों का स्थान

घर में आमतौर पर तमाम कमरे वास्तु अनुकूल बनाए जाते हैं, जबकि सीढ़ियों की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है। वास्तु की मानें तो सीढ़ियां भी घर की धन-संपदा की वृद्धि में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तो आइए जानते हैं कि उत्तर मुखी घर में सीढ़ियां किस दिशा में होनी चाहिए।

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  • वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में सीढ़ी न लगाएं। इससे आर्थिक परेशानी हो सकती है।
  • आप अपने घर में सीढ़ियों को दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में बना सकते हैं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा में सीढ़ी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे जातक को तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • वास्तु अनुसार सीढ़ियां दक्षिणावर्त दिशा में होनी चाहिए।
  • यदि आप वास्तु के अनुसार अपने उत्तर मुखी घर के अंदर सीढ़ियां बनाने की योजना बना रहे हैं, तो आंतरिक सीढ़ी के लिए दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दिशा अनुकूल होती हैं।
  • वहीं उत्तर मुखी वास्तु नियमों के अनुसार सीढ़ियों के लिए उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा से बचना चाहिए, क्योंकि इससे वित्तीय अस्थिरता और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

उत्तर मुखी घर का क्या मतलब होता है?

जिस घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा की ओर होता है, वह घर उत्तरमुखी होता है। बहुत से लोगों का मानना है कि अगर घर की उत्तर दिशा में सड़क हो, तो उसका मुख उत्तर दिशा में होता है, जो सही नहीं है। घर की दिशा उसके मुख्य द्वार की स्थिति से निर्धारित की जाती है।

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उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु शास्त्र: क्या यह सभी के लिए उपयुक्त है?

नहीं, यह इसमें रहने वाले लोगों की जरूरतों पर निर्भर करता है कि उनका पेशा और उनकी राशि क्या है।

  • वास्तु में उत्तर मुखी घर को अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह दिशा भगवान कुबेर द्वारा शासित होती है।
  • यदि उत्तर मुखी घर का निर्माण और डिजाइन वास्तु योजना के अनुसार हो, तो यह जातक के लिए धन और समृद्धि लेकर आता है।
  • वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर की ओर मुख वाला घर उन लोगों के लिए अच्छा होता है, जो व्यवसायी या अपने पेशे के रूप में वित्तीय सेवाओं में शामिल हैं।
  • उत्तर मुखी घर मुद्रण और प्रकाशन क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए भी अच्छे होते हैं, क्योंकि उत्तर दिशा भी बुध ग्रह से जुड़ी होती है।
  • उत्तर दिशा जल तत्व का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए इन घरों में मीडिया और मनोरंजन उद्योग में रहने वाले लोगों के लिए अच्छा होता है।

कुछ व्यवसाय जो उत्तर दिशा की ओर मुख वाले घरों में रहने वालें लोगों के लिए अच्छे होते हैं।

  • बिजनेस मैन
  • एकाउंटेंट या चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए)
  • बैंकर
  • निवेशक (इंवेस्टर)
  • शेयर बाजार के व्यापारी
  • कम्युनिकेशन एंड ई-सर्विस (ई-सेवा) प्रदाता
  • ज्योतिष और वास्तु सेवाएं
  • यात्रा सेवाएं
  • होटल और हॉस्पीटैलिटी फील्ड

उत्तर मुखी घर लिविंग रूम के लिए वास्तु शास्त्र

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वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा में प्रवेश द्वार वाले घर में उत्तर पूर्व दिशा में लिविंग रूम को डिजाइन कर सकते हैं। लिविंग रूम को डिजाइन करने के लिए एक अन्य विकल्प पर विचार किया जा सकता है, वह है उत्तर-पश्चिम दिशा का कोना। हालांकि, फर्नीचर की नियुक्ति के लिए वास्तु शास्त्र दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक है। टेबल, सोफा सेट, टेबल आदि सामान कमरे के पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोने में रखना चाहिए।

उत्तर मुखी घर बेडरूम के लिए वास्तु शास्त्र

उत्तर दिशा वाले घर में शयनकक्ष बनाने के लिए पश्चिम, उत्तर-पश्चिम, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशाएं शुभ हैं। वास्तु के अनुसार उत्तर की ओर मुख वाले प्रवेश दरवाजे वाले घरों में मास्टर बेडरूम के लिए दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र सही है।

उत्तर मुखी घर रसोई के लिए वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। किचन के लिए दक्षिण दिशा का भी चुनाव किया जा सकता है। उत्तर मुखी घर वास्तु योजना के अनुसार उत्तर-पूर्व कोने में रसोई नहीं चाहिए।

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उत्तरमुखी घर का बाथरूम

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बाथरूम का स्थान महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सफाई और कचरे को खत्म करने का स्थान है। इसलिए उत्तर मुखी घर में शौचालय के लिए वास्तु-अनुमोदित दिशा दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में उत्तर मुखी घर के लिए बाथरूम वास्तु के अनुसार है।

उत्तर मुखी घर के लिए स्टोर रूम

वास्तु के अनुसार धन और अवसर की दिशा यानी उत्तर दिशा में स्टोर को नहीं होना चाहिए, क्योंकि इस दिशा में भारी-भरकम एवं विभिन्न प्रकार के आकार और कई प्रकार के मैटीरियल से बनी हुई चीजें रखी जाती हैं। यही कारण है कि उत्तर दिशा में स्टोर रूम का होना परिवार के सदस्यों के करियर के विकास और धन के आगमन को प्रभावित कर सकता है।

वास्तु अनुसार उत्तर मुखी घर में बाथरूम, किचन, लिंविग रूम, बेडरूम के लिए शुभ दिशा

रुम दिशा
लिंविग रूम उत्तर पूर्व, उत्तर पश्चिम
बेडरूम पश्चिम, उत्तर पश्चिम, दक्षिण पश्चिम
किचन दक्षिण पूर्व, उत्तर पश्चिम, दक्षिण
बाथरूम दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण पश्चिम,उत्तर पश्चिम
अध्ययन कक्ष उत्तर पूर्व या उत्तर पश्चिम
गृह कार्यलय उत्तर
पूजा कक्ष उत्तर, उत्तर पूर्व, पश्चिम
अतिथि कक्ष उत्तर पश्चिम
बालकनी उत्तर

उत्तर मुखी घर: वास्तु शास्त्र टिप्स

1. उत्तरमुखी घर में ढलान

उत्तर-मुखी घर आपके और आपके परिवार के लिए शुभ है। लेकिन आपको ऐसे भूखंड से बचना चाहिए, जो उत्तर से दक्षिण की ओर ढलान वाला हो।

2. अव्यवस्था से बचें

घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में कचरा और गंदगी न रखें। ऐसा कहा जाता है कि यह आपकी वित्तीय स्थिति और बच्चों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

3. उत्तरमुखी घर में पेड़

उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु योजना के अनुसार आपके घर के उत्तर दिशा में पेड़ नहीं होना चाहिए।

4. पवित्र वस्तुओं का स्थान

अपने घर में धार्मिक प्रतीकों जैसे स्वस्तिक, ओम, पेंटिंग आदि सहित पवित्र वस्तुओं को बिखेरकर नहीं रखना चाहिए।

5. बिजली सर्किट बोर्ड

बिजली के सर्किट बोर्ड को दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में रखा जाना चाहिए, ताकि पूरे घर में ऊर्जा के वितरण को संतुलित किया जा सकें।

6. सेप्टिक टैंक की दिशा

उत्तर-पूर्व दिशा में सेप्टिक टैंक नहीं रखना चाहिए।

7. उत्तर मुखी घर में शयन कक्ष/शौचालय

बेडरूम और शौचालय भी उत्तर-पूर्व में नहीं होना चाहिए। बेडरूम वास्तु के अनुसार मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में होना चाहिए।

8. उत्तर दिशा में घर में अध्ययन कक्ष

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार अध्ययन कक्ष घर या फ्लैट के पूर्व, उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित हो सकता है क्योंकि ये ज्ञान की दिशाएं हैं।
  • स्टडी रूम कभी भी दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम कोने में उत्तर मुखी घर या फ्लैट में नहीं होना चाहिए।
  • स्टडी टेबल को ऐसी दिशा में रखें कि पढ़ते समय छात्र का चेहरा उत्तर-पूर्व, पूर्व या उत्तर की ओर हो।
  • अध्ययन कक्ष को घर की पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए, क्योंकि उत्तर दूसरी सबसे अच्छी दिशा है।

9. उत्तरमुखी गृह कार्यालय

  • उत्तर दिशा धन के स्वामी की दिशा है। उत्तर दिशा में स्थित गृह कार्यालय आर्थिक लाभ में सहायक हो सकते हैं।
  • वहीं आपको वर्कस्टेशन को उत्तर दिशा की ओर बनाना चाहिए और सुनिश्चित करें कि इसके पीछे एक दीवार जरूर हो।
  • करियर ग्रोथ के लिए उत्तर दिशा में फव्वारा लगाएं।
  • साथ ही डेस्क को उत्तर-पूर्व की ओर अव्यवस्थित न करें।
  • सफलता को आकर्षित करने के लिए एक उच्च पीठ वाली कुर्सी और लकड़ी की मेज का चुनाव करें।

10. पूजा कक्ष

  • पूजा कक्ष और बैठक कक्ष उत्तर-पूर्व में होना चाहिए।
  • पूजा कक्ष के लिए पूर्व और पश्चिम दिशाएं भी शुभ मानी जाती हैं।
  • भारतीय मंदिरों को पश्चिम दिशा में डिजाइन किया जाता है।
  • आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देवताओं की मूर्तियां पूर्व दिशा की ओर हों।

11. अतिथि कक्ष

अत्तर मुखी घर में आपका अतिथि कक्ष उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।

12. बाथरूम और सेप्टिक टैंक

बाथरूम और सेप्टिक टैंक घर में नकारात्मक ऊर्जा जमा करते हैं। ऐसे में उनका प्लेसमेंट महत्वपूर्ण है। वास्तु के अनुसार उत्तर मुखी घर में बाथरूम के लिए सबसे अच्छी दिशा दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम के पश्चिम में है।

13. जल भंडारण टैंक

जल भंडारण टैंक को उत्तर, उत्तर पूर्व, पूर्व या पश्चिम दिशाओं में रखा जा सकता है।

14. गैराज/कार-पार्किंग

उत्तर दिशा में गैरेज या कार पार्किंग क्षेत्र बनाने से बचें, क्योंकि यह आपकी मानसिक शांति के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में अपने गैरेज की योजना बनाएं।

15. दीवारें

अपने उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु योजना के अनुसार चारदीवारी का निर्माण करते समय उत्तर और पूर्व दिशाओं की ओर ऊंचाई में थोड़ी कम हों।

16. दरवाज़ा

दरवाजें के सामने वाले क्षेत्र के पूर्वी आधे या उत्तरी आधे हिस्से में रखा जाना चाहिए। उत्तर दिशा में घर का मुख्य दरवाजा चांदी या हरे रंग का हो सकता है।

17. बालकनी और छत

  • उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु योजना के अनुसार उत्तर दिशा में बड़ी बालकनी या खुली छत होनी चाहिए।
  • दक्षिण और पश्चिम में बालकनियों से बचें या फिर आपको ग्रिल का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • उत्तर और पूर्व की दीवारों के साथ स्थित लाइट फिटिंग सकारात्मकता और अच्छी ऊर्जा लाती है।

18. उत्तर मुखी घर में भूमि का स्तर

अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए सभी भागों पर फर्श का स्तर कम होना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि सामने का हिस्सा केंद्रीय कमरे के स्तर से नीचे है, तो यह आपको प्रगति और प्रसिद्धि दिला सकता है। वहीं घर की उत्तर दिशा ऊंची हो, तो परिणाम खराब होता है। यहां तक ​​कि जब उत्तर की ओर की भूमि उच्च स्तर पर होती है, तब भी यह अच्छी नहीं होती है।

19. उत्तर मुखी घर में सुरक्षा लॉकर

  • उत्तर की ओर मुख वाले घर में सुरक्षा लॉकर को दक्षिण या उत्तर की ओर मुख करके रखना चाहिए।
  • लॉकर का दरवाजा उत्तर की ओर खुला होना चाहिए, जो वास्तु के अनुसार 'कुबेर' (धन के देवता) की दिशा है। तिजोरी को उत्तर-पूर्व कोने में न रखें, इससे धन की हानि होगी।

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सौभाग्य प्राप्त करने के लिए उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु टिप्स

  • उत्तर-मुखी घर अगर उत्तर-पूर्व की ओर बनाए जाए, तो जातक को अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
  • एक अच्छी तरह से निर्मित उत्तरमुखी घर में महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य और नेतृत्व विकास हो सकता है।
  • उत्तर की ओर मुख वाले अपार्टमेंट अच्छा नहीं होता है।
  • आपको जीवन में नौकरी के अवसर प्राप्त करने के लिए भगवान कुबेर की मूर्ति को उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए।
  • उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व में तुलसी का पौधा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
  • उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में धातु के कछुए सौभाग्य ला सकते हैं, खासकर करियर से संबंधित।
  • सकारात्मकता बढ़ाने के लिए उत्तर-पूर्व में वास्तु कलश लगाएं।
  • घर पर अच्छे वाइब्स के लिए कपूर के गोले के कुछ टुकड़े रखें और जब यह इस्तेमाल हो जाए, तो उन्हें बदल दें। बेडरूम में उत्तर दिशा की ओर रखे जाने पर दो हाथियों का एक सेट सौभाग्य और प्यार बढ़ाने में मदद करता है।

उत्तर मुखी घर वास्तु: जिन चीजों से आपको बचना चाहिए

आपको उत्तर दिशा की ओर मुख वाले घर में ऐसी कई चीजें हैं, जिनका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए जैसे:

  • आपको उत्तर-पूर्व कोने में शौचालय, शयनकक्ष या रसोई घर नहीं बनाना चाहिए।
  • मुख्य द्वार को उत्तर-पश्चिम दिशा में न लगाएं
  • यदि बाथरूम उत्तर दिशा में हो, तो वास्तु विशेषज्ञों की सलाह लेना बेहतर होता है। उत्तर दिशा में एक शौचालय के लिए एक सरल वास्तु दोष उपाय, शौचालय के दरवाजे के फ्रेम पर वास्तु तांबे की पट्टियों को लगाएं और शौचालय के अंदर एक कटोरी में भरकर समुद्री नमक रखें। हर हफ्ते नमक बदल दें।
  • आपको ड्रेन सिस्टम दक्षिण या उत्तर दिशा में नहीं रखना चाहिए।
  • अन्य चीजों को देखे बिना उत्तर मुखी संपत्ति न खरीदें, जो आपके लिए अच्छी तरह से काम करती हैं।
  • दरवाजे को छठे पद में न लगाएं।
  • बाग या आपकी नर्सरी उत्तर-पश्चिम दिशा में नहीं होनी चाहिए।
  • भूमिगत टैंक उत्तर-पश्चिम में नहीं होना चाहिए।
  • घर को लाल या मैरून रंग से रंगना नहीं चाहिए। वास्तु के अनुसार उत्तरमुखी घर के लिए रंग सफेद, नीला, बेज, ग्रे या हरा काफी शुभ है।
  • वहीं आपको सेप्टिक टैंक उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए।
  • भूखंड के दक्षिण या दक्षिण-पूर्व की ओर कोई दर्पण नहीं रखना चाहिए।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर मुखी घर का निर्माण करते समय आपको उत्तर-पूर्व दिशा में भारी खंभा रखने से बचना चाहिए, क्योंकि यह खंभा जीवन में कई समस्याएं पैदा कर सकता है।
  • उत्तर मुखी घर के लिए रसोई वास्तु के अनुसार दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में रसोई के लिए काले रंग के संगमरमर के स्लैब के उपयोग से बचना चाहिए।
  • वास्तु अनुसार उत्तरमुखी कमरे के पर्दे हल्के हरे रंग के होने चाहिए। घर में आर्थिक तंगी दूर करने के लिए उत्तर दिशा वाले कमरे में नीले रंग के पर्दो का उपयोग करना चाहिए।
  • आपको उत्तर मुखी घर के सामने की ओर लाल या पीले रंग का पेंट नहीं करना चाहिए।
  • वास्तु योजना के अनुसार उत्तर मुखी घर में सफेद और न्यूट्रल जैसे क्रीम, खाकी और भूरे रंग का उपयोग सबसे अच्छे रंगों के रूप में करना चाहिए। साथ ही नीला और हरा भी अच्छे विकल्प हैं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर मुखी घर में लाल और मैरून जैसे गहरे रंगों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • वास्तु अनुसार घर के एक्सटीरियर में भी लाल और पीले रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।

उत्तर मुखी बिल्डिंग के लिए वास्तु शास्त्र

अगर आप एक बिल्डिंग के मालिक हैं, तो यह सुनिश्चित अवश्य करें कि घर की योजना वास्तु दिशा-निर्देशों के अनुसार हो। इसके लिए मौजूद हैं कुछ उपयोगी टिप्स:

  • भवन की पहली मंजिल पर बेडरूम बनाना चाहिए।
  • परिवार के बड़े सदस्यों को प्रथम तल पर निवास करना चाहिए।
  • पहली मंजिल पर बालकनी का मुख उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  • सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए पहली मंजिल पर वास्तु के अनुकूल पौधे लगाएं।
  • एकाग्रता बढ़ाने के लिए अध्ययन कक्ष को घर के शांतिपूर्ण कोने में डिजाइन करें।
  • पूजा कक्ष को उत्तर पूर्व दिशा में डुप्लेक्स में बनवाएं।

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उत्तर मुखी प्लॉट के लिए वास्तु शास्त्र

  • वास्तु के अनुसार उत्तरमुखी प्लॉट शुभ माना जाता है।
  • उत्तरमुखी प्लॉट के लिए दक्षिण और पश्चिम दिशा की दीवारों की तुलना में उत्तर और पूर्व में चारदीवारी पतली और छोटी होनी चाहिए।
  • उत्तरमुखी प्लॉट का ढलान दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे धन की हानि हो सकती है। उत्तर या पूर्व दिशा में भूखंड का ढलान होना बेहतर है।
  • उत्तर-पूर्व दिशा में विस्तार वाला भूखंड शुभ होता है और समृद्धि लाता है। वास्तु के अनुसार किसी भी तरफ विस्तार अच्छा नहीं माना जाता है।

उत्तर मुखी घर किस राशि के लोगों के लिए शुभ होता है?

कर्क, वृश्चिक या मीन की राशि के लिए उत्तर-मुखी घर शुभ माना जाता है। व्यवसाय या वित्त में जैसे- एकाउंटेंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट, बैंकर, निवेशक, शेयर बाजार के व्यापारी अपने कार्यस्थलों में विकास के लिए उपयुक्त उत्तर-मुखी संपत्ति का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। संचार और ई-सेवा प्रदाता, ज्योतिष और वास्तु सेवाएं, यात्रा सेवाएं या आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह फायदेमंद होता है।

उत्तर मुखी घर की महिलाओं के लिए वास्तु शास्त्र

क्या आप जानते हैं कि उत्तरमुखी घर होने के अच्छे और बुरे परिणाम, घर में महिलाओं या परिवार में धन को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। एक कामकाजी महिला की सफलता उत्तर मुखी घर के वास्तु से भी जुड़ी होती है जिसमें वह रहती है। इसलिए सभी वास्तु दोषों को ठीक करना आवश्यक होता हैं।

  • दक्षिण-पूर्व में शुक्र ग्रह शासित है। और यह ग्रह महिलाओं से संबंधित है, यदि दक्षिण-पूर्व वास्तु के अनुरूप नहीं है, तो कामकाजी महिलाओं के पास आमतौर पर अच्छा समय नहीं होता है।
  • यदि मुख्य दरवाजा या बेडरूम का दरवाजा दक्षिण-पूर्व में खुलता है, तो एक अच्छी रोशनी वाली जगह सुनिश्चित करें।
  • यदि उत्तर क्षेत्र खुला और चौड़ा है या यहां पानी की टंकी या पानी का स्रोत है, तो यह महिला के विकास के लिए अच्छा माना जाता है।
  • दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम क्षेत्र को नुकसान स्वास्थ्य के मुद्दों या असफल करियर का कारण बन सकता है।

उत्तर पूर्वमुखी घर वास्तु

उत्तर और पूर्व की ओर सड़क वाली कोई भी संपत्ति उत्तर-पूर्व साइट मानी जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्वोत्तर मुखी मकान या भूखंड अच्छे माने जाते हैं। वास्तु के अनुसार उत्तर पूर्व कोने के घर में रहने वालों को जीवन में जबरदस्त सफलता मिलती है। वास्तु सिद्धांतों में उत्तर पूर्व दिशा नए अवसरों को बढ़ावा देती है।

  • मुख्य द्वार के सामने लिफ्ट और सीढ़ियां बनाने से बचना चाहिए।
  • सुनिश्चित करें कि मुख्य द्वार घर के अन्य दरवाजों से बड़ा हो।
  • मास्टर बेडरूम को दक्षिण पश्चिम, पश्चिम या दक्षिण दिशा में डिजाइन करें।
  • घर के दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम की ओर बड़ी खिड़कियां बनाने से बचें।
  • धन, सफलता और शांति को आकर्षित करने के लिए वास्तु के अनुसार ईशान कोण में जल तत्व रखें।

वास्तु शास्त्र के अनुसार पद क्यों महत्वपूर्ण हैं?

उत्तर दिशा में कोई भी पद अशुभ नहीं होता है। इसलिए उत्तरमुखी घर को अच्छा माना जाता है। हालांकि, मुख्य द्वार बनाते समय आपको समृद्धि के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रख सकते हैं:

1. धन को आकर्षित करने के लिए

प्रत्येक पद निर्धारित करता है कि आप अपने घर में किस प्रकार की ऊर्जा दे रहे हैं। वहीं पांचवां पाद सबसे शुभ है, क्योंकि यह धन के देवता कुबेर का स्थान है। यदि आपके घर का द्वार पांचवें पद में रखा गया है, तो आप धन को आकर्षित करेंगे।

2. पांचवें पद का विकल्प

अगर आपका पांचवां पद छोटा है या दरवाजे के लिए उपयुक्त नहीं है, तो आप पहले से चौथे पद का भी उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, पांचवें पद को न छोड़ें। आप छठे से नौवें पद का उपयोग कर सकते हैं।

3. सावधानी

यदि आप पहले पद का उपयोग करते हैं, तो उस स्थिति में मुख्य द्वार या प्रवेश द्वार उत्तर पूर्व कोने को नहीं छूना चाहिए। इस कोने से कुछ जगह छोड़ने की सलाह दी जाती है। घर के उत्तर प्रवेश द्वार को डिजाइन करने के लिए छठे पद का उपयोग न करें, क्योंकि इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

क्या उत्तर मुखी घर वरिष्ठ नागरिकों के लिए अच्छा है?

यदि परिवार का मुखिया सेवानिवृत्त हो और वह आध्यात्मिक-धार्मिक कार्यों में समय बिताता है, तो उन्हें उत्तर, उत्तर पूर्व और पूर्व में कमरा आवंटित किया जा सकता है। परिवार के मुखिया को दक्षिण पश्चिम या दक्षिणमुखी कमरे में रहना चाहिए। लेकिन यदि वे काम नहीं कर रहे हैं, तो उपर्युक्त अपवाद हो सकता है।

उत्तर मुखी घर में बगीचे के लिए वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके घर का बाग उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। उत्तर दिशा में छोटे पौधे और पूर्व दिशा में फल देने वाले पेड़ लगाएं। सुनिश्चित करें कि घर के उत्तर की ओर कोई बड़ा पेड़ न हो ताकि घर उसकी छाया से न ढकें। बगीचे के लिए वास्तु के अनुसार उत्तर या पूर्व दिशा में झूले हो सकते हैं। बगीचे के रास्ते को दोनों तरफ चमेली के पौधों से सजाएं, क्योंकि यह शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा में कोई मूर्ति या रॉक गार्डन नहीं होना चाहिए। लेकिन उत्तर में एक पानी का फव्वारा रखा जा सकता है, क्योंकि यह धन को आकर्षित करता है।

उत्तर मुखी घर के लिए पौधे

उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु में निम्नलिखित पौधे आपके घर में समृद्धि ला सकते हैं और सकारात्मकता को बढ़ा सकते हैं। इन सभी पौधों को अप्रत्यक्ष सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है और वे उज्ज्वल और अच्छी तरह से प्रकाशित स्थिति में अच्छी तरह से विकसित होते हैं। आप इन पौधों को उत्तर दिशा की खिड़की के पास या सामने की बालकनी में रख सकते हैं:

  • एग्लोनिमा
  • अरौशेरिया
  • बेगोनिया रेक्स
  • ब्रोमेलियाड्स
  • क्लोरोफाइटम
  • डाइफेनबैचिया( लेपर्ड लिली)
  • फर्न्स
  • हेडेरा

इसके अलावा घर के उत्तरी भाग में मनी प्लांट लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उत्तर दिशा में आम, केला या नींबू के पौधे लगाने से बचें। उत्तर मुखी बालकनी में तुलसी (जो शुभ है), पालक, सलाद पत्ता, पुदीना और अजमोद उगा सकते हैं।

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उत्तर मुखी घर पर किस रंग का पेंट करें

उत्तर मुखी घर की वास्तु योजना में सफेद और न्यूट्रल जैसे क्रीम, खाकी और ग्रे रंग को सबसे अच्छे रंगों के रूप में जाना जाता है। यदि आप चमकीले रंगों की तलाश में हैं, तो नीला और हरा भी अच्छे विकल्प हैं। उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु टिप्स के अनुसार उत्तर मुखी घर में लाल और मैरून जैसे गहरे रंगों का प्रयोग न करें।

वास्तु शास्त्र में दिशा अनुसार रंग

दिशा रंग
नॉर्थ-ईस्ट हल्का नीला
पूर्व सफेद या हल्का नीला।
दक्षिण-पूर्व संतरी, गुलाबी या सिल्वर रंग
उत्तर हरा रंग
उत्तर-पश्चिम सफेद, हल्का ग्रे और क्रीम रंगों
दक्षिण लाल और पीला रंग।
पश्चिम नीला और सफेद रंग

उत्तर मुखी घर के लिए गहरे रंग का पेंट शुभ होता है या अशुभ

  • घर को लाल या मैरून रंग से रंगना नहीं चाहिए। वास्तु के अनुसार उत्तरमुखी घर के लिए रंग सफेद, नीला, बेज, ग्रे या हरा शुभ है।
  • आपको उत्तरमुखी कमरे के लिए हल्के हरे रंग के पर्दे का उपयोग करना चाहिए। साथ ही घर में आर्थिक तंगी दूर करने के लिए उत्तर दिशा वाले कमरे में नीले रंग के पर्दे लगाएं।
  • उत्तर मुखी घर के सामने की ओर लाल या पीले रंग के पेंट से बचना चाहिए।
  • वास्तु योजना के अनुसार उत्तर मुखी घर में सफेद और न्यूट्रल जैसे क्रीम, खाकी और गर्म भूरे रंग का उपयोग सबसे अच्छे रंगों के रूप में करना चाहिए। और नीला और हरा भी अच्छे विकल्प हैं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर मुखी घर में लाल और मैरून जैसे गहरे रंगों का उपयोग न करें।
  • एक्सटीरियर पर भी लाल और पीले रंग के उपयोग से बचना चाहिए।

उत्तर मुखी घर में किस तरह के वास्तु दोष हो सकते हैं

  • अगर आपका घर उत्तर मुखी दिशा की तरफ है। लेकिन आपने इसे बनाते समय वास्तु सिद्धांतों का पालन नहीं किया है, तो आपको वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है।
  • उत्तरमुखी घर अगर बैडरूम किचन और अन्य कमरे सही दिशा में नहीं है, तो वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है।
  • वही उत्तर मुखी घर में गंदे पानी के लिए निकासी एवं सेप्टिक टैंक दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। इससे वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है।

उत्तर मुखी घरों के लिए वास्तु दोष उपाय

उत्तर मुखी घरों के लिए वास्तु योजना के परिणामों को नियंत्रित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से दो हैं स्वामी का व्यवसाय और उनकी राशियाँ। वास्तु दोष से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों की एक सूची है:

  • वित्त से संबंधित व्यवसायों वाले मालिकों को वास्तु दोष से बचने के लिए अपने घरों के लिए उत्तर-मुखी योजना बनानी चाहिए।
  • बुध ग्रह का संबंध उत्तर दिशा से होता है। इसलिए उत्तरमुखी वास्तु योजना प्रकाशन और मुद्रण पेशेवरों के लिए शुभ है।
  • कभी भी ऐसा घर न चुनें जिसका मुख मुख्य द्वार उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर हो।
  • घर के ईशान कोण में शौचालय, स्नानघर, रसोई और शयनकक्ष से बचना चाहिए।
  • उत्तर दिशा में बाथरूम हो, तो वास्तु तांबे की पट्टी लटकाएं।
  • उत्तर दिशा के बाथरूम में नमक रखें और हर हफ्ते सामग्री बदल दें। यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित और अवशोषित करेगा।
  • अपशिष्ट जल नलिकाओं और आउटलेट को उत्तर या दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए।
  • मुख्य द्वार को छठे चरण या पद पर न लगाएं, क्योंकि यह शुभ नहीं होता है।
  • लाल और मैरून रंगों से बचें। बेज, नीला, सफेद, हरा और ग्रे सबसे अच्छे विकल्प हैं।
  • पूर्व, उत्तर-पूर्व और उत्तर दिशा में सेप्टिक टैंक न रखें।
  • अपने घर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में भारी खंभा से बचना चाहिए।
  • उत्तरमुखी रसोई के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र के लिए काले रंग के संगमरमर के स्लैब का प्रयोग न करें।
  • आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए उत्तरमुखी कमरों में नीले रंग के पर्दे होने चाहिए।
  • घर के बाहरी हिस्से में पीले और लाल रंग से बचें।
  • आपको उत्तर मुखी घर में सुख तस्वीरें लगानी चाहिए, जिससे आपको अच्छा महसूस हो। वहीं ऐसी तस्वीर लगाने से बचना चाहिए, जो दुख का प्रतिनिधित्व करती हूं।

उत्तर मुखी घर का दरवाजा किस मटीरियल का होना चाहिए?

किसी भी दिशा में मुख्य द्वार के लिए लकड़ी का दरवाजा सबसे शुभ होता है। हालांकि, यदि आपका मुख्य दरवाजा दक्षिण दिशा में है, तो दरवाजे में लकड़ी और धातु का संयोजन होना चाहिए। इसी तरह अगर दरवाजा पश्चिम दिशा में हो, तो उस पर धातु का काम होना चाहिए। उत्तर दिशा में घर के मुख्य द्वार का रंग अधिक चांदी का होना चाहिए और यदि आपका मुख्य द्वार पूर्व दिशा में है, तो वह लकड़ी का बना होना चाहिए और सीमित धातु के सामान से सजाया जाना चाहिए।

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