स्टडी रूम के लिए वास्तु

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विषयसूची

  • स्टडी रूम के लिए सबसे अच्छे वास्तु रंग
  • वास्तु अनुरूप स्टडी रूम के लिए पीला रंग
  • वास्तु के अनुसार स्टडी रूम के लिए लाइट ग्रे- ऑफ व्हाइट रंग
  • स्टडी रूम के लिए सफेद रंग
  • स्टडी रूम के लिए वास्तु अनुसार अन्य रंग
  • स्टडी रूम के लिए वास्तु टिप्स ताकि बच्चे बनें रचनात्मक
  • वास्तु के अनुसार स्टडी रूम की दिशा
  • वास्तु के अनुसार स्टडी टेबल के लिए बेस्ट डायरेक्शन
  • वास्तु अनुसार बच्चों के स्टडी रूम में लाइट की व्यवस्था
  • वास्तु अनुकूल रखें स्टडी रूम में अलमारी
  • वास्तु के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की व्यवस्था
  • वास्तु संगत हो स्टडी रूम में लगी पेंटिंग
  • वास्तु अनुसार स्टडी रूम में क्या रखें
  • वास्तु अनुसार स्टडी रूम में क्या न रखें
  • वास्तु के मुताबिक स्टडी रूम में क्या करें-क्या न करें
  • स्टडी रूम से संबंधित वास्तु के सामान्य मिथक
  • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अक्सर पैरेंट्स इस बात से परेशान रहते हैं कि स्टडीज में उनके बच्चे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। बच्चों की परफॉर्मेंस में सुधार के लिए पैरेंट्स उन्हें कई ट्यूशंस में डालते हैं और घर में भी उनके पीछे काफी मेहनत करते हैं। इसके बावजूद बच्चों के पढ़ाई कोई खास फर्क नजर नहीं आता है। सवाल है ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे एक बड़ी वजह है घर की सही दिशा में स्टडी रूम न होना। वास्तु की मानें तो घर के हर कमरे का अपना विशेष महत्व होता है। अगर उन्हें सही दिशा में न बनाया जाए, तो इससे उस कमरे विशेष में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जिसका असर घर के हर सदस्य पर पड़ता है। स्टडी रूम की बात करें तो अगर उसे सही दिशा में और वास्तु संगत न बनाया जाए, तो इससे उस रूम में पढ़ने वाला व्यक्ति (बच्चे या वयस्क) प्रभावित हो सकता है। उसका पढ़ाई में मन नहीं लगेगा, अथक प्रयास के बावजूद मन वांछित परिणाम प्राप्त नहीं होंगे। इसलिए जरूरी है कि आप न सिर्फ वास्तु संगत घर बनवाएं बल्कि स्टडी रूम का निर्माण भी वास्तु अनुकूल ही करें।

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वैसे भी मौजूदा समय में हर व्यक्ति का सपना जिंदगी में सफलता की सीढ़ी चढ़ना होता है। हर कोई सफल इसलिए होना चाहता है ताकि उसका भविष्य संवर सके। हमारे जीवन में इस सफलता को पाने के लिए स्टडी रूम का विशेष महत्व माना जाता है क्योकि हर व्यक्ति स्टडी रूम में ही पढाई करके अपने लक्ष्यों की ओर एक कदम आगे की ओर बढ़ाता है। इसलिए माता-पिता भी अपने बच्चों के स्टडी रूम पर विशेष ध्यान रखते हैं। आपको बता दें कि जिस तरह वास्तु हमारे जीवन में सुख और समृद्धि लाने के लिए जरूरी माना जाता है, उसी तरह हमारे घर का एक अहम हिस्सा स्टडी रूम भी वास्तु के अनुरुप ही बना होना चाहिए जिससे आपकी मेहनत रंग लाए।

वास्तु शास्त्र घर में नकारात्मकता को दूर करने में मदद करता है। वास्तु का काम जीवन में सकारात्मक उर्जा के प्रवाह को बढ़ाना होता है, ताकि हम जीवन के हर क्षेत्र में सफल हो सकें। वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम की गलत दिशा आपकी पढ़ाई में बाधा का कारण बन सकती है। वास्तव में गलत दिशा नकारात्मक उर्जा को आकर्षित करने का काम करती है। वास्तु शास्त्र किसी भी काम करने की स्थिति में सुधार करने का काम करता है। ऐसा माना जाता है कि स्टडी रूम को उत्तर दिशा में होना चाहिए, जो कि शिक्षा का केंद्र माना जाता है। तो चलिए जानते हैं वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए स्टडी रूम।

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स्टडी रूम के लिए सबसे अच्छे वास्तु रंग

हमें वास्तु के अनुसार घर के विभिन्न कमरों में सबसे अच्छे रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। प्रत्येक स्थान में अलग-अलग कंपन होते हैं, जैसे स्टडी रूम, बेडरूम, पूजा कक्ष आदि। ऐसे में अलग-अलग रंग वास्तु के अनुसार अलग-अलग कमरों के लिए सबसे अच्छा काम करते हैं। यहां हम वास्तु अनुकूल स्टडी रूम के लिए इस्तेमाल होने वाले कलर्स के बारे में चर्चा करेंगे।

वास्तु अनुरूप स्टडी रूम के लिए पीला रंग

आपके अध्ययन कक्ष के लिए चमकीला पीला रंग बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है। इस रंग की चमक निश्चित रूप से आपके बच्चों को उनकी पढ़ाई में मदद करेगी, जिससे उनके प्रदर्शन पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। इसके साथ ही आपको बच्चे के स्टडी रूम में रंगीन किताबों, एक आरामदायक स्टडी टेबल और कुर्सी रखनी चाहिए। इससे पढ़ाई की ओर ध्यान बढ़ता है। साथ एकाग्र क्षमता बेहतर होने में मदद मिलती है। टेबल के ऊपर एक घड़ी भी रखी जा सकती है।

वास्तु के अनुसार स्टडी रूम के लिए लाइट ग्रे- ऑफ व्हाइट रंग

वास्तु के अनुसार स्टडी रूम के लिए लाइट ग्रे और ऑफ व्हाइट का कॉम्बिनेशन बेस्ट हो सकता है। दीवार पर दो हल्के रंगों का संयोजन छात्रों को पढ़ाई पर बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

स्टडी रूम के लिए सफेद रंग

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वास्तु के अनुसार बेडरूम के लिए सफेद रंग सबसे अच्छे रंगों में से एक है। आपको बता दें कि वास्तु के अनुसार सफेद रंग शांति का प्रतीक होता है। शांत रंग बच्चों के मन को प्रभावित करता है। इससे बच्चों को पढ़ने में ध्यान लगाने में आसानी होती है। यहां तक कि वयस्कों के स्टडी रूम के लिए भी यह रंग बहुत अच्छा माना जाता है।

स्टडी रूम के लिए वास्तु अनुसार अन्य रंग

चूंकि स्टडी रूम का जातक के जीवन पर महत्पूर्ण असर पड़ता है। ऐसे में उपरोक्त रंगों के अलावा अन्य रंगों के विकल्पों को भी चुना जा सकता है। इनमें गुलाबी, हरें रंग जैसे हल्के रंग अच्छे माने जाते हैं। हरा रंग बुद्धि और पीला रंग विद्या का प्रतीक होता है। हल्के रंग भी बच्चों की मन:स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसलिए आप इन रंगों को स्टडी रूम में यूज कर सकते हैं।

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स्टडी रूम के लिए वास्तु टिप्स ताकि बच्चे बनें रचनात्मक

बच्चों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए जरूरी है कि उनकी रचनात्मकता बेहतर हो, साथ ही उनमें बौद्धिक कौशल का भी विकास हो। इसके लिए जरूरी है कि पैरेंट्स बच्चों के स्टडी रूम के लिए कुछ वास्तु टिप्स अपनाएं। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स के बारे में बता रहे हैं। अच्छी बात ये है कि इन टिप्स की मदद से आपके बच्चे के व्यवहार भी अनुकूल प्रभाव देखने को मिलेगा।

  • बच्चे के स्टडी रूम की दिशा पश्चिम होनी चाहिए। यह दिशा बच्चे में अच्छे गुणों को विकसित करने में लाभकारी मानी जाती है।
  • पश्चिम की ओर रूम का दरवाजा बच्चे के बिस्तर के प्रवेश द्वार के समाने नहीं होना चाहिए क्योंकि उस पर गलत प्रभाव पड़ता है।
  • अगर आपके बच्चे का बेडरूम और स्टडी रूम एक ही है, आपको यह ध्यान में रखना होगा कि आपके बच्चों का बेड हमेशा लकड़ी से बना हो क्योंकि धातु के पलंग से नकारात्मक ऊर्जा आती है जो आपके बच्चे के समग्र विकास में बाधा बन सकती है।
  • वास्तु के अनुसार स्टडी रूम की टेबल के लिए सबसे अच्छी दिशा पूर्व, उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा की ओर इशारा करती हुई होनी चाहिए। साथ ही टेबल हमेशा साफ-सुथरी होनी चाहिए।
  • बच्चे के स्टडी रूम में पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए, जिससे बच्चा ऊर्जावान महससू करे।
  • वास्तु के अनुसार स्टडी रूम में शीशा नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक वाइब्स को आकर्षित करता है।
  • बाथरूम के पास बच्चे का स्टडी रूम कभी नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह शुभ नही माना जाता है।

वास्तु के अनुसार स्टडी रूम की दिशा

वास्तु के अनुसार हर दिशा का अपना अलग महत्व होता है। वहीं स्टडी रूम की सही दिशा पढ़ाई पर अच्छा प्रभाव डालने का काम करती है। जानिए, कुछ स्टडी रूम के लिए दिशा निर्देश जिनका ध्यान आपको रखना चाहिए।

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  • स्टडी रूम में उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके पढ़ाई करनी चाहिए, इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • अध्यन कक्ष में सकारात्मकता और सौभाग्य लाने के लिए कमरे की उत्तर-पूर्व दिशा में भगवान गणेश और देवी सरस्वती की तस्वीर लगानी चाहिए।
  • कमरे में दीवार घड़ी लगाने के लिए उत्तर या पूर्व दिशा सबसे अच्छी जगह मानी जाती है।
  • स्टडी रूम में उत्तर या पश्चिम दिशा में खिड़कियां हों तो यह बच्चे के लिए अच्छा माना जाता है।
  • वास्तु के अनुसार स्टडी रूम का प्रवेश द्वार पूर्व उत्तर के मध्य या पश्चिम में रहना होना चाहिए।

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वास्तु के अनुसार स्टडी टेबल के लिए बेस्ट डायरेक्शन

स्टडी रूम हमेशा घर की पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए, दूसरी सबसे अच्छी दिशा उत्तर दिशा मानी जाती है। हमेशा स्टडी रूम में टेबल रखते समय यह सुनिश्चित करें कि पढ़ते समय छात्र का अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो। स्टडी टेबल को दीवार से कम से कम 3-4 इंच की दूरी पर होना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से बच्चा आलस्य से दूर रहेगा।

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अगर स्टडी टेबल लकड़ी की है, तो उसे रखने के लिए पूर्व दिशा या आग्नेय कोण की दिशा उचित होती है। इसके अलावा दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करना बच्चों में एकाग्रता को बढ़ाने का काम करता है। लेकिन यदि स्टडी टेबल अन्य किसी धातु जैसे लोहे की है तो उसके लिए पश्चिम दिशा या उत्तर-पश्चिम दिशा का चुनाव करना ठीक होता है। इसी के साथ बच्चे की स्टडी टेबल गोल नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह बच्चे का पढ़ाई में मन न लगने का कारण भी बन सकती है।

वास्तु अनुसार बच्चों के स्टडी रूम में लाइट की व्यवस्था

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ऐसा माना जाता है कि पढ़ते समय लाइट की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिससे कि रोशनी सीधे पुस्तक पर पड़े। ऐसा होने पर छात्र की परछाई पुस्तक पर नहीं पड़ती, जिससे पढ़ते वक्त उसका ध्यान बंटता नहीं है। साथ ही किताब पर लिखे हर शब्द वह सही तरह से देख पाता। इस तरह पढ़ाई के प्रति उसमें अधिक स्पष्टता आती है।

मेज के ऊपर अनावश्यक किताबें नहीं रखनी चाहिए। वास्तु के अनुसार लैंप को मेज के दक्षिणी कोने में रखना चाहिए जो काफी शुभ होता है।

वास्तु अनुकूल रखें स्टडी रूम में अलमारी

पढ़ाई करने के लिए कमरे में पुस्तकों की रैक या अलमारी की सही दिशा पूर्व या उत्तर दिशा मानी जाती है। वास्तु के अनुसार स्टडी रूम में किताबों की अलमारी को पूर्व या उत्तर दिशा में रखा जाना शुभ होता है। अगर घर में जगह की कमी के कारण आप बेडरूम में पढ़ाई करते हैं, तो पढ़ने वाली मेज, लाइब्रेरी और रैक पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम में होनी चाहिए।

वास्तु के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की व्यवस्था

आज इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बच्चे की रचनात्मकता को बाधित करने और उनके मानसिक विकास को कम करने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन तकनीकी विकास के दौर में अपने बच्चों को ऐसे गैजेट्स से पूरी तरह दूर रखना संभव नहीं है। इसलिए वीडियो गे‍म्स और कंप्यूटर को उत्तर दिशा में रखना चाहिए, वहीं टीवी को कमरे की दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना वास्तु अनुकूल होता है।

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वास्तु संगत हो स्टडी रूम में लगी पेंटिंग

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बच्चों के स्टडी रूम में चित्रों का विशेष महत्व होता है और स्टडी रूम के लिए चित्रों का चयन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों की मानें तो दीवार पर आप जिस तरह की तस्वीरें लगाते हैं, उसका सीधा असर बच्चे के मानसिक विकास और उसकी पढ़ाई पर पड़ता है। वैसे भी हम जो देखते हैं, उससे बहुत कुछ सीखते हैं। बच्चों के साथ भी ऐसा ही होता है। इसलिए, स्टडी रूम में ऐसी तस्वीरें लगानी चाहिए, जो मन को खुश रखती है और उन्हें प्रेरित करती हो। इससे उन्हें एक उज्जवल भविष्य बनाने में मदद मिलती है।

ऐसा माना जाता है कि वास्तु के अनुसार आकाश में उड़ते पक्षियों, उगते हुए सूरज की तस्वीरें बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। साथ ही प्रेरक लोगों जैसे गांधी जी, स्वामी विवेकानन्द, ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की तस्वीरें भी स्टडी रूम में लगाई जा सकती है। इससे बच्चों को बेहतर प्रदर्शन करने और अपनी जिंदगी को सही दिशा देने में प्रेरणा मिलती है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चे के स्टडी रूम में दुःख, हिंसा को दर्शाने वाली कोई भी तस्वीर न लगाएं। इससे बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

वास्तु अनुसार स्टडी रूम में क्या रखें

  • स्टडी में बेहतर परफॉर्मेंस के लिए आप अपने स्टडी रूम में ज्ञान की देवी सरस्वती की तस्वीर या फिर मूर्ति रख सकते हैं
  • स्टडी रूम में रखे स्टडी टेबल पर एक दिया रखा जा सकता है।
  • स्टडी रूम में ऐसे पोस्टर लगाए जाने चाहिए, जो प्रेरणादायी हों।
  • स्टडी रूम में क्रिस्टल ग्लोब रखना चाहिए क्योंकि यह पढ़ाई के लिए शुभ माना जाता और साकारात्मक विकास करता है।
  • चौकोर या आयताकार (स्क्वायर या रैक्टेंगुलर) आकर वाली स्टडी टेबल रखें।

वास्तु अनुसार स्टडी रूम में क्या न रखें

  • स्टडी रूम में शीशा नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह नकारात्मकता को आकर्षित करता है।
  • दुख या हिंसा दर्शाने वाली तस्वीरों को स्टडी रूम से दूर रखना चाहिए। ऐसी तस्वीरें बच्चों की मन:स्थिति पर प्रभाव डालते हैं।
  • स्टडी रूम में कभी भी किसी मृतक की तस्वीर न रखें।
  • राउंड स्टडी टेबल को स्टडी रूम में नही रखना चाहिए।
  • स्टडी रूम में पुराना कैलेंडर, खराब कैलकुलेटर, टूटा या खराब पेन, टूटा हुआ फर्नीचर नहीं रखना चाहिए। अगर किसी कारणवश आप स्टडी रूम में रखी खराब चीज को निकालना भूल गए हैं, तो अब तुरंत निकाल दें।
  • ऐसी पुरानी तस्वीरें स्टडी रूम में नहीं रखनी चाहिए जो मानसिक तनाव उत्पन्न करती है।
  • स्टडी रूम में टीवी नहीं लगाना चाहिए।

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वास्तु के मुताबिक स्टडी रूम में क्या करें-क्या न करें

  • स्टडी टेबल पर सफेद या क्रीम कलर का कवर लगवाएं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम में कंप्यूटर या लैपटाप को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
  • स्टडी रूम में काला, लाल जैसे डार्क रंग नही करवाने चाहिए।
  • छात्र को उत्तर पश्चिम दिशा की ओर मुख करके नहीं पढ़ना चाहिए, क्योंकि यह दिशा मन में भटगाव पैदा करती है जिससे छात्र का पढ़ने में मन नहीं लगता।
  • स्टडी टेबल हमेशा स्क्वायर होना चाहिए। इससे एकाग्रता बढ़ती है।
  • स्टडी टेबल को दरवाजे या दीवार से चिपका कर नहीं रखना चाहिए।
  • स्टडी रूम में भारी किताबों, फाइलें और सोफे को दक्षिण दिशा में रखना चाहिए।
  • स्टडी रूम को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए, जिससे इस रूम में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
  • गैर-जरूरी चीजों को स्टडी रूम में नहीं रखना चाहिए।
  • स्टडी रूम में अलमारी के ऊपर गणेश जी या फिर सरस्वती की तस्वीर लगानी चाहिए। उनकी रोज पूजा करनी चाहिए।

स्टडी रूम से संबंधित वास्तु के सामान्य मिथक

  • आपके स्टडी रूम में शौचालय होना चाहिए।
  • छात्रों को पढ़ाई करते समय कभी भी दीवार या खिड़की के सामने नहीं बैठना चाहिए।
  • स्टडी रूम के दरवाजे केवल उत्तर पूर्व, उत्तर, पूर्व, पश्चिम में होना चाहिए।
  • अध्ययन करते समय छात्रों को केवल उत्तर या पूर्व दिशाओं की तरफ ही मुंह करके बैठना चाहिए।
  • बुक शेल्फ को कभी भी स्टडी टेबल के ऊपर नहीं रखना चाहिए।
  • पेंडुलम वाली घडी का स्टडी रूम में होना पढ़ाई में मदद करता है।
  • स्टडी टेबल पर लंबाई और चौड़ाई का अनुपात केवल 1:2 में होना चाहिए।

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