डाइनिंग रूम के लिए वास्तु

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विषयसूचि

  • वास्तु के अनुसार डाइनिंग रूम कहां बनवाएं
  • वास्तु अनुसार डाइनिंग रूम की लाइट्स
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार डाइनिंग रूम में पेंटिंग
  • डाइनिंग रूम का साइज
  • वास्तु अनुकूल डाइनिंग रूम के लिए कलर्स
  • डाइनिंग रूम के लिए दिशा
  • डाइनिंग रूम के लिए पौधे
  • वास्तु अनुसार डाइनिंग टेबल का मटीरियल
  • डाइनिंग रूम में शीशा
  • डाइनिंग रूम में प्रार्थना स्थान
  • डाइनिंग टेबल पर सदस्य किस क्रम में बैठें
  • वास्तु अनुसार डाइनिंग रूम में वाशबेसिन
  • डाइनिंग रूम के लिए वास्तु शास्त्र में क्या करें-क्या न करें
  • वास्तु के अनुसार डाइनिंग रूम के लिए वास्तु एक्सपर्ट के टिप्स
  • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र काफी महत्व रखता है, क्योंकि जब कोई व्यक्ति नया घर बनाता या खरीदता है, तो वह वास्तु शास्त्र के नियमों का अध्ययन जरूर करता है। इसलिए अपने घर में डाइनिंग रूम बनवाते समय भी वास्तु के सिद्धांतों का पालन करना जरूरी होता है। जो भी व्यक्ति वास्तु के सिद्धांतों का पालन नहीं करता है, उसे अपने जीवन में वास्तु दोष का सामना करना पड़ता है। वास्तु दोष जातक के जीवन में नकारात्मकता लेकर आता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी नए अवसर परेशानियों में बदल जाते हैं। वास्तु दोष के कारण जातक को अपने करियर, स्वास्थ, वैवाहिक जीवन आदि में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि जातक को वास्तु सिद्धांतों का पालन जरूर करना चाहिए।

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वास्तु शास्त्र में डाइनिंग रूम यानी भोजन कक्ष काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह घर का एक ऐसा कमरा है, जहां परिवार साथ बैठकर खाना खाता है। इससे परिवार के प्रत्येक सदस्यों का आपसी प्यार और एकता भाव बढ़ता है। वास्तु अनुसार भोजन कक्ष में परिवार के लोग और मेहमानों के एक साथ भोजन करने के लिए एक ही टेबल होनी चाहिए। आपको बताते चलें कि परिवार का स्वास्थ्य, सद्भाव और सफलता डाइनिंग रूम से काफी हद तक जुड़ी हुई है। वास्तु सिद्धांतों के अनुसार बनाया गया भोजन कक्ष जातक के लिए लाभदायक होता है। साथ ही वास्तु अनुसार डिज़ाइन किया गया डाइनिंग रूम परिवार के सभी सदस्यों को एकजुट होने में मदद करता है, जिससे हर कोई खुद में विशेष रूप की शक्ति महसूस करता है। वास्तु में डाइनिंग टेबल की दिशा और स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाता है, क्योंकि यह सीधे परिवार के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यहां आगे हम जानेंगे, वास्तु अनुसार डाइनिंग रूम का महत्व:

वास्तु के अनुसार डाइनिंग रूम कहां बनवाएं

वास्तु अनुसार किचन घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में नहीं होना चाहिए। अगर आपके घर में किचन दक्षिण पश्चिम दिशा में है, तो इससे आपको वित्तीय वृद्धि में बाधा का सामना करना पड़ सकता है और यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनती है। इसके अलावा, अपनी डाइनिंग टेबल को किचन के करीब बनवाना या रखवाना चाहिए, क्योंकि तभी यह बहुत ही शुभ माना जाता है। वैसे भी आजकल ओपन किचन का कल्चर है, जिसमें डाइनिंग और किचन आसपास ही होते हैं।

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वास्तु अनुसार डाइनिंग रूम की लाइट्स

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वास्तु शास्त्र के अनुसार डाइनिंग रूम अच्छी तरह से व्यवस्थित होना चाहिए और वहां की लाइट की व्यवस्था भी अच्छी होनी चाहिए। डाइनिंग रूम में कभी भी अंधेरा या कम रोशनी नहीं होनी चाहिए। ध्यान रखें कि डाइनिंग रूम ऐसी जगह होनी चाहिए, जहां आपको आराम करने का मौका मिले, निश्चिंत होकर भोजन किया जा सके। डाइनिंग रूम में आरामदेह माहौल बनाने के लिए टेबल के ऊपर सुंदर पेंडेंट फोकस लाइट या झूमर का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, आप डाइनिंग रूम के लिए साधारण लकड़ी की कुर्सियां, चमड़े की कुर्सियों और कपड़े की कुर्सियों का प्रयोग कर सकते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार डाइनिंग रूम में पेंटिंग

अपने डाइनिंग रूम को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए पेंटिंग्स का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डाइनिंग रूम में ऐसी पेंटिंग्स का ही यूज करें, जिससे घर का माहौल खुशनुमा होता है और आपके मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। डाइनिंग रूम में कभी भी हिंसक तस्वीरें या ऐसे डेकोरेटिव आइटम्स न रखें, जो जीवन के बुरे पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। फल, सब्जी, खेत और शांत प्रकृति की तस्वीरें डाइनिंग रूम में लगाई जा सकती है। ये घर के सदस्यों पर भी अच्छा प्रभाव डालते हैं। साथ ही टेबल को ताजे फूलों और सुंदर मेज़पोशों (मैट्स) से सजाना चाहिए। टेबल पर टूटी चीजें और फटे मैट का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। टेबल पर बहुत अधिक अवांछित वस्तुएं भी नहीं रखनी चाहिए।

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डाइनिंग रूम का साइज

वास्तु के अनुसार एक गोलाकार (सर्कुलर) या अन्य अनियमित आकार वाली (इररेग्युलर शेप) डाइनिंग टेबल से भोजन कक्ष में लगाने से बचना चाहिए। साथ ही स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा का एक सतत प्रवाह प्रदान करने के लिए एक चौकोर या आयताकार आकार (रैक्टेंगुलर शेप) की डाइनिंग टेबल लगाना डाइनिंग रूम के लिए काफी शुभ होता है।

वास्तु अनुकूल डाइनिंग रूम के लिए कलर्स

जिस तरह हम घर के अलग-अलग रूम के लिए अलग-अलग कलर्स का उपयोग करते हैं और उसका हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है। इसी तरह डाइनिंग रूम को भी पेंट करते समय या उसके लिए कोई भी आइटम खरीदते समय उसके रंग का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यहां हम जानेंगे कि डाइनिंग रूम के लिए पर्फेक्ट कलर्स कौन से हैं-

ऑरेंज कलर

वास्तु के मुताबिक डाइनिंग रूम के लिए ऑरेंज कलर काफी शुभ माना जाता है। असल में यह एक ऐसा रंग है, जो शक्ति, आध्यात्मिकता, आनंद, आशावाद और अच्छे संबंधों का प्रतिनिधित्व करता है। आप इसे वॉल पेंटिंग, टेबल कवर या डाइनिंग सीट कवर के रूप में शामिल कर सकते हैं।

ग्रीन कलर

वस्तु में हरा रंग आशा का कारक माना जाता है। यह एक चिकित्सीय, शांतिपूर्ण और उत्थानकारी वातावरण प्रदान करता है। साथ ही डाइनिंग रूम के लिए हरे रंग के किसी भी शेड का इस्तेमाल जातक के लिए फायदेमंद होता है। हरे रंग के आप अलग-अलग शेड्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें मुख्य रूप से बॉटल ग्रीन हो, लाइट ग्रीन और सी ग्रीन शामिल हैं। लेकिन इन रंगो के साथ अन्य रंगों के संयोजन से बचना चाहिए।

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क्रीम कलर

वास्तु शास्त्र के अनुसार न्यूट्रल कलर्स परिवार की शांति, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इस तरह के कलर्स को कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है और किसी भी प्रकार की सजावट के साथ इसका उपयोग किया जा सकता है। इसी तरह आप क्रीम कलर का भी आसानी से कहीं भी उपयोग कर सकते हैं। आप चाहें तो क्रीम कलर को ऑरेंज, नीले या हरे रंग के पेस्टल कलर्स के साथ मिक्स करके या कॉम्बीनेशन के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।

हल्का गुलाबी रंग

जैसा कि आप जानते ही होंगे कि हल्का गुलाबी रंग प्यार का प्रतीक है। इसलिए इस रंग को ज्यादातर लोग अपने बेडरूम में करवाना ज्यादा पसंद करते हैं। आप चाहें तो इस कलर को डाइनिंग रूम में भी उपयोग कर सकते हैं। अगर पूरी दीवार इसी रंग से रंगना नहीं चाहते हैं तो दीवार को इस तरह से पेंट करवाएं ताकि उसमें गुलाबी रंग के कुछ छींटें नजर आएं। इन दिनों एक से एक बेहतरीन टेक्स्चर डिजाइंस आपकाे बाजार में मिल जाएंगे, जिनमें गुलाबी रंग का उपयोग किया गया हो। आप अपनी पसंद के हिसाब से उनमें से कोई भी चुन सकते हैं। हालांकि के साथ अन्य किस रंग का उपयोग किया जा रहा है, इस बात का ध्यान जरूर रखें। गुलाबी रंग परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और आपसी सम्मान / प्रशंसा को बढ़ावा देता है। साथ ही यह रंग दिखने में भी काफी एस्थेटिक होता है।

डाइनिंग रूम के लिए दिशा

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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दक्षिण, पश्चिम या पूर्व दिशा में डाइनिंग रूम रसोई से जुड़ा होना चाहिए, क्योंकि यह सबसे लाभप्रद स्थान माना जाता है। हालांकि डाइनिंग रूम बनाने के लिए सबसे शुभ दिशा पश्चिम होती है। अगर जातक इस दिशा में डाइनिंग रूम नहीं बनवाता है, तो उसे वास्तु दोष का सामना करना पड़ता है। इस वजह से जातक के जीवन में कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।

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डाइनिंग रूम के लिए पौधे

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घर में पौधे रखने से सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है, इसीलिए आपको अपने डाइनिंग रूम में भी वास्तु के मुताबिक पौधे रखने चाहिए। वैसे भी वास्तु में कहा गया है कि डाइनिंग रूम में ताजे फूलों या पौधों की उपस्थिति जरूर होनी चाहिए। इससे घर में मंद-मंद खुशबू बनी रहती है, जो घर के सदस्यों पर अच्छा प्रभाव डालती है। खुशबू की वजह से लोगों का मन-मिजाज भी अच्छा रहता है। इसके साथ डाइनिंग टेबल पर वास्तु अनुरूप फूल रखने से घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा अवशोषित हो जाती है। आप चाहें तो अपने डाइनिंग टेबल पर 8 तने वाले बांस के पौधों का भी उपयोग भी कर सकते है।

वास्तु अनुसार डाइनिंग टेबल का मटीरियल

डाइनिंग रूम्स के लिए तरह-तरह के डाइनिंग टेबल्स का यूज किया जाता है। लेकिन डाइनिंग टेबल जिस मीटीरियल का बना होता है, वह भी बहुत मायने रखती है; क्योंकि सभी तत्वों का अपना महत्व होता है। उदाहरण स्वरूप समझें, कांच की टेबल पारदर्शिता यानी ट्रांसपैरेंसी का प्रतिनिधित्व करती है। इसलिए अगर आप कांच की डाइनिंग टेबल का उपयोग करते हैं, तो आपका जीवन इसी की तरह ट्रांसपैरेंट होगा। जबकि पत्थर से बनी डाइनिंग टेबल्स पृथ्वी के तत्वों को दर्शाती है, जो स्थिरता प्रदान करती है। लेकिन वास्तु की मानें तो आपको हमेशा लकड़ी की डाइनिंग टेबल का ही चुनाव करना चाहिए, क्योंकि यह विस्तार का प्रतिनिधित्व करती है। इसके अलावा धातु की मेज ऊर्जा को बरकरार नहीं रखती है, इसलिए इसे खाने की मेज के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

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डाइनिंग रूम में शीशा

वास्तु के अनुसार आपका डाइनिंग टेबल, डाइनिंग रूम में रखे शीशे में दिखना चाहिए। वास्तु की मानें तो जब शीशे में डाइनिंग टेबल का प्रतिबिंब यानी रिफ्लेक्शन नजर आता है, तो इसे बहुत शुभ माना जाता है। प्रतीकात्मक रूप से यह धन को दोगुना कर सकता है। साथ ही यह सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करता है।

डाइनिंग रूम में प्रार्थना स्थान

सभी प्राचीन संस्कृतियों के अनुसार डाइनिंग रूम, किचन को पूजनीय माना जाता है। बहुत से लोग भोजन, स्वास्थ्य और धन के लिए आभार व्यक्त करने के लिए सबसे पहले भगवान से प्रार्थना करते हैं या अनुग्रह करे बिना भोजन शुरू नहीं करते हैं।

डाइनिंग टेबल पर सदस्य किस क्रम में बैठें

जब डाइनिंग टेबल पर बैठने की बात आती है, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार परिवार के मुखिया को पूर्व दिशा में बैठना चाहिए, जबकि परिवार के बाकी सदस्यों को पूर्व, उत्तर या पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए।

वास्तु अनुसार डाइनिंग रूम में वाशबेसिन

ज्यादातर घरों में वाशबेसिन को केवल सुविधा के कारण डाइनिंग टेबल के पास बनवाया जाता है। इंटीरियर डिजाइनर्स इसे काफी इनोवेटिव तरीके से भी बनवाते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार वाशबेसिन को डाइनिंग रूम विशेषकर डाइनिंग टेबल से काफी दूर होना चाहिए।

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डाइनिंग रूम के लिए वास्तु शास्त्र में क्या करें-क्या न करें

वास्तु के अनुसार अपने डाइनिंग रूम सही तरह से बनवाना बहुत जरूरी है। यह घर की एक ऐसी जगह होती है, जहां घर के सभी सदस्य इकट्ठा होते हैं, साथ में खाना खाते हैं और कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत करते हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि आप स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए वास्तु उपायों का पालन अवश्य करें।

  • वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार लकड़ी की डाइनिंग टेबल सबसे अच्छी मानी जाती है।
  • डाइनिंग टेबल में शीशा लगाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह मेज पर भोजन के दोगुने होने का प्रतिनिधित्व करता है। यह ऊर्जा प्रवाह को भी बढ़ाता है।
  • डाइनिंग एरिया में ब्लैक और ब्राउन शेड्स के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
  • वास्तु के अनुसार डाइनिंग रूम के उत्तर-पूर्व दिशा में पूर्वजों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए।
  • आपको अपने जूते को मुख्य दरवाजे के सामने नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा का मुख्य मार्ग है। जूते के लिए बंद अलमारियां खुली अलमारियों की तुलना में बहुत अच्छी होती हैं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके कमरे में प्राकृतिक फूलों या सुगंधित तेलों का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही सूखे फूलों को लिविंग रूम में रखने से बचना चाहिए।

वास्तु के अनुसार डाइनिंग रूम के लिए वास्तु एक्सपर्ट के टिप्स

  • डाइनिंग रूम बड़ा होना चाहिए और बैठने की आरामदायक व्यवस्था होनी चाहिए।
  • डाइनिंग रूम में घर के सभी सदस्यों को मिलकर भोजन करना चाहिए। परिवार के मुखिया का होना आवश्यक है।
  • डाइनिंग टेबल के लिए सबसे अच्छा आकार चौकोर और आयताकार (स्क्वायर और रैक्टेंगल) होता है। अन्य प्रकार के साइज जैसे सर्कल और ओवल से बचें।
  • डाइनिंग टेबल को बीम या पिलर के आसपास नहीं रखना चाहिए।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार और भोजन कक्ष का द्वार एक दूसरे के सामने नहीं होना चाहिए।
  • किचन और डाइनिंग रूम एक ही मंजिल के पास और एक ही जगह पर होने चाहिए
  • परिवार के सभी सदस्यों को भोजन करते समय एक-दूसरे से विनम्रता से बात करनी चाहिए।
  • रात के खाने के दौरान कोई भी नरम और सुखदायक संगीत बजा सकते हैं।
  • डाइनिंग एरिया के पूर्व या उत्तर की दीवार पर मिरर यानी शीशा लटकाएं।

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