अश्विनी नक्षत्र में जन्मे पुरुष की आंखें चमकदार होती हैं, माथा चौड़ा होता है और नाक थोड़ी-सी भारी होती है। समग्र रूप से देखा जाए, तो इस नक्षत्र में जन्मे पुरुष दिखने में काफी आकर्षक होते हैं। इनके स्वभाव की बात करें तो ये लोग काफी दयालु होते हैं। इन्हें जिनकी फिक्र होती है, उन लोगों के लिए कुछ भी कर सकते हैं और उन लोगों के हित के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसके अलावा अश्विनी नक्षत्र के पुरुष काफी धैर्यवान होते हैं और इनकी एक बड़ी खूबी यह होती है कि ये अपने प्रयासों और समस्याओं को सुलझाने के तरीके से दूसरों का मार्गदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। वैसे तो ये पुरुष स्वभाव से काफी शांत होते हैं, लेकिन इन्हें कोई छेड़े या परेशान करे, तो इन्हें नियंत्रित किया जाना बहुत मुश्किल हो जाता है। दूसरी ओर अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुष अपनी आलोचना से डरते हैं। इस वजह से ये अपने आसपास मौजूद चीजों को बदलने से बचते हैं।
अश्विवनी नक्षत्र में जन्मे पुरुषों के लिए सबसे उपयुक्त पेशा है, निजी पेशा यानी स्व -स्वामित्व वाला रोजगार है। दरअसल, इन लोगों को किसी के अधीन रहने के बजाय स्वयं का स्वामी बनना पसंद होता है। इसलिए ये लोग निजी व्यवसाय में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। व्यवसाय के अलावा इन पुरुषों को रचनात्मक क्षेत्रों जैसे संगीत, साहित्य, विज्ञापन आदि में भी हाथ आजमाना चाहिए। लेकिन इन सबके बावजूद आपको यह बता दें कि जिंदगी में लगभग 30 की उम्र तक आपको अथक प्रयास करने होंगे। इसके बाद आपको अपने संघर्ष का फल प्राप्त होगा।
अश्विनी नक्षत्र में जन्मे पुरुषों की अनुकूलता सबके साथ भिन्न है। जहां एक ओर उन्हें अपने पिता के साथ सामंजस्य बैठाने में कठिनाई होती है, जबकि दूसरी ओर इन लोगों की अपने मामा के साथ अच्छी बनती है। इसी तरह इन्हें अपने जीवन में दोस्त बहुत अच्छे मिले हैं। अश्विनी नक्षत्र से संबंधित पुरुष जब भी किसी बड़ी परेशानी में होते हैं और इन्हें अपने दोस्तों की जरूरत महसूस होती है, उस एक क्षण इनके सभी दोस्त इनका साथ निभाने के लिए तत्पर रहते हैं। जहां तक बात इनके विवाह की है, तो 26 से 30 वर्ष की आयु के बीच इनका विवाह होता है और पत्नी के साथ इनके संबंध मधुर बने रहते हैं। कुल मिलाकर अपने करीबियों के साथ इनके संबंध आमतौर पर काफी सौहार्द पूर्ण रहते हैं।
अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक को अपने जीवन में बीमारी या गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। हालांकि, कभी-कभार शरीर में दर्द, दांतों में तकलीफ और मधुमेह जैसी समस्याएं इन्हें परेशान कर सकती हैं। इस वजह से इनके स्वभाव में आलसपन पसर जाता है और कई मामलों में ये सवास्थ्य के प्रति लापरवाह भी बन जाते हैं। अगर आल्स्य भगाना है और स्वस्थ जीवनशैली अपनानी है, तो इसके लिए आपको अच्छी जीवनशैली को अपनाने का अभ्यास करना चाहिए।
अश्विनी नक्षत्र में जन्मी महिलाओं की आंखें चमकदार होती हैं, माथा चौड़ा होता है और इनकी नाक थोड़ी लंबी होती है। समग्र रूप से देखा जा तो अश्विवनी नक्षत्र में जन्मी महिलाएं काफी आकर्षक दिखती हैं। शारीरिक सुंदरता की वजह से ये महिलाएं किसी को भी अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर सकती हैं। इस नक्षत्र की महिलाएं पारंपरिक और आधुनिक गुणों का आदर्श मिश्रण हैं, जिस वजह से उन्हें हर पीढ़ी के लोग काफी पसंद करते हैं। इनके स्वभाव की बात करें, तो ये महिलाएं बहुत धैर्यवान होती हैं। हालांकि, कभी-कभी अपरिपक्व तरीके से व्यवहार कर बैठती हैं। लेकिन इनमें एक बहुत बड़ी खूबी है, यह है कि ये महिलाएं नई चीजों को आजमाने और जोखिम लेने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।
अश्विनी नक्षत्र में जन्मी महिलाओं के लिए ऑन डेस्क कार्य से जुड़े क्षेत्र जैसे प्रशासन आदि उपयुक्त होते हैं। जब खर्च करने की बात आती है तो ये महिलाएं खर्च करने से बचती हैं, क्योंकि ये स्वभाव से काफी कंजूस होती हैं। लेकिन इनकी यही आदत इन्हें पैसे बचत करने में मदद करती है। परिवार की ओर इनका काफी झुकाव होता है। इसलिए इन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताना काफी पसंद है। यहां तक कि अपने परिवार के साथ पर्याप्त समय बिताने के लिए ये महिलाएं अपने कार्यकाल में सेवानिवृत्ति की आयु से पहले ही सेवानिवृत्त होने का विकल्प चुन सकती हैं।
अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिला की शादी आमतौर पर 23 से 26 साल की उम्र के बीच होती है। उक्त उम्र तक अगर महिला की शादी न हो, तो इसके बाद विवाह होने में कई अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं, अगर शादी देर से हुई तो तलाक होने या पति के साथ मतभेद बने रहने की आशंका भी बन जाती है। अश्विनी नक्षत्र में जन्मी महिला का झुकाव अपनी मां और भाई के प्रति विशेष रूप से देखने को मिलता है।
अश्विनी नक्षत्र में जन्मी महिला को अपने जीवन में मासिक धर्म से जुड़ी छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वैसे तो महिला का स्वास्थ्य उसके जीवन की गति में बाधा नहीं बनेगा। इसके बावजूद अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिलाओं को खाना बनाते समय काफी सावधान रहना चाहिए।
अश्विनी नक्षत्र की पहली तिमाही मेष नवांश में आती है, जाे कि मंगल द्वारा शासित होती है। इस चरण के तहत जातक हर स्थिति में विजयी प्राप्त करना चाहता है। इसके लिए वह किसी भी हद तक जाना चाहता है। हालांकि कई बार उसकी यही आदत उसके लिए परेशानी खड़ी करती है।
अश्विनी नक्षत्र का दूसरा चरण वृषभ नवांश में पड़ता है। यह शुक्र द्वारा शासित है। इस चरण में जन्मे जातक प्राकृतिक रूप से कलात्मक होते हैं। साथ ही इन्हें अपने हर काम को पर्फेक्शनिस्ट की तरह पूरा करना पसंद होता है।
अश्विनी नक्षत्र का तीसरा चरण मिथुन नवांश में पड़ता है। यह बुध द्वारा शासित है। इस तिमाही में जन्म लेने वाले लोग बुद्धिमान होते हैं और ये लोग बेहतरीन तरीके से बातचीत करने में माहिर होते हैं। इसके साथ ही इनकी निर्णय लेने की क्षमता भी बहुत अच्छी होती है।
अश्विनी नक्षत्र का चौथा चरण कर्क नवांश में आता है। यह चंद्रमा द्वारा शासित है। इस चरण से संबंधित जातक दूसरों की समस्याओं को ठीक करने की पहल करते हैं। ये लोग चिकित्सा पेशे में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
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