इस नक्षत्र के पुरुष बहुत ही आध्यात्मिक और धार्मिक माने जाते हैं। बचपन में इस नक्षत्र के पुरुषों का व्यवहार अच्छा होता है, लेकिन जैसे-जैसे इनकी उम्र बढ़ती जाती है, इनके स्वभाव में कठोरपन और अभिमान आने लगता है। वयस्कावस्था में ज्यादातर लोग इन्हें नापसंद करने लगते हैं या फिर बहुत कम पसंद करते हैं। इनके साथ दोस्ती करना आसान नहीं है बल्कि जो इनके दोस्त हैं, वे भी इनके साथ ज्यादा घनिष्ठ नहीं होते हैं। ये लोग कभी-कभी किसी ऐसी चीज़ के लिए तरस जाते हैं, जो उनके पास नहीं है। इसके बावजूद इन्हें भौतिकवाद नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इनके पास जो है, वे उसी में संतुष्ट हो जाते हैं। इन लोगों को गैर कानूनी काम करना बिल्कुल पसंद नहीं है। गैर कानूनी काम न तो ये खुद करते हैं और न ही अपने आसपास मौजूद लोगों को कभी इस तरह का काम करने की छूट देते हैं। इसके साथ ही इस नक्षत्र के लोग दूसरों के लिए बहुत उदार और मददगार साबित हो सकते हैं।
पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे पुरुष कभी भी साझेदारी का काम नहीं कर सकते। यही कारण है कि किसी भी व्यवसाय में इस नक्षत्र के पुरुषों को सफलता प्राप्त नहीं होती है। इन्हें अपना करियर अध्यापन, स्टेज परफॉर्मर के करियर क्षेत्रों में आजमाना चाहिए। इन क्षेत्रों में इनकी सफल होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। 32 वर्ष की आयु तक प्रतिकूल सितारों के कारण महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय उन्हें अधिक सावधान रहना चाहिए। ईमानदारी के कारण व्यापार में सफलता और धन कमाना इनके लिए बहुत कठिन होता है।
पुनर्वसु नक्षत्र के पुरुष अपने माता-पिता और शिक्षकों का बहुत सम्मान करते हैं। लेकिन इनका वैवाहिक जीवन इतना खुशहाल और समृद्ध नहीं होता है। इनके योग में असफल विवाह और दूसरी शादी की संभावना बहुत अधिक है। यही नहीं, अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर निराशा और चिंता उनके दुखी जीवन का कारण बन सकती है। परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अक्सर असहमति भी हो सकती है जो अंततः उनके मानसिक स्वास्थ्य की परेशानी का कारण बन सकती है।
इस नक्षत्र के पुरुष सबसे स्वस्थ होते हैं क्योंकि उनका पाचन तंत्र बहुत मजबूत होता है और इनकी आदत बहुत सारा पानी पीने की होती है। साथ ही ये लोग अपने स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखते हैं। हालांकि अपने स्वास्थ्य में जरा भी किसी बीमारी के लक्षण नजर आने पर ये लोग चिंतित हो उठते हैं।
पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मी महिलाएं काफी बेबाक होती हैं और इनके मन में जो होता है, वही उनकी जुबान पर होता है। यही कारण है कि अक्सर अपने दोस्तों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ इनका झगड़ा होता रहता है। इस वजह से कई लोगों के अंदर इनके प्रति नाराजगी बनी रहती है। हालांकि असल बात ये है कि इस नक्षत्र की महिलाओं का दिल बहुत साफ होता है। योग्य व्यक्ति को वे पूरा सम्मान देना जानती हैं। इन महिलाओं को अपने कंफर्ट में रहना पसंद है, इसलिए इनके घर में सभी प्रकार की भौतिक सुख-सुविधाएं मिलती हैं और घर में काम करने वाले सहायक भी होते हैं।
इस नक्षत्र की महिलाएं शो बिजनेस में अपना करियर बना सकती हैं, क्योंकि इनका न सिर्फ म्यूजिक के प्रति लगाव है बल्कि इस कला में ये महिलाएं पारंगत भी होती हैं। इसके साथ ही इनकी विभिन्न लोक नृत्यों में भी गहरी रुचि होगी और वे कला के इन रूपों में प्रमाणित होना चाहेंगी। अगर इस नक्षत्र की महिलाएं इन कला क्षेत्रों में से किसी को अपनाएं और इसमें अपना करियर बनाएं तो इन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने, सफल होने और देश-दुनिया में प्रसिद्धि संग धन अर्जित करने के खूब अवसर मिलेंगे।
पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मी महिलाएं जीवनसाथी के संदर्भ में काफी भाग्यशाली मानी जाती हैं क्योंकि इनका पार्टनर न सिर्फ हैंडसम और गुड लुकिंग होता है बल्कि इसके साथ ही उनका वैवाहिक जीवन भी बहुत प्यार भरा रहता है। हालांकि कई बार ऐसा भी हो सकता है कि उनके बीच असहमति हो, लेकिन इनके रिश्ते कभी खराब नहीं होते हैं। इस नक्षत्र की महिलाओं वैवाहिक जीवन बहुत ही खुशहाल होता है और पति के साथ इनके मधुर संबंध होते हैं।
पुनर्वसु महिलाओं को निमोनिया, अपच, कान दर्द, घेंघा, पीलिया या यहां तक कि तपेदिक जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत ज्यादा लापरवाह होती हैं। परिणामस्वरूप गंभीर बीमारी इन्हें अपनी चपेट में ले लेती हैं। इससे बचने के लिए इस नक्षत्र की महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
मंगल के प्रभुत्व वाले पुनर्वसु नक्षत्र का पहला चरण मेष नवांश में होता है। इस नक्षत्र के लोगों को एक टीम में काम करने में सक्षम होना चाहिए क्योंकि यही इस नक्षत्र के लोगों के लिए सफलता लाएगा। यात्रा करने और अधिकतर साहसिक जीवन जीने की भी उच्च संभावना है।
शुक्र द्वारा शासित, पुनर्वसु नक्षत्र का यह चरण वृषभ नवांश की ओर अधिक झुकता है। इनका ध्यान भौतिकवादी आराम पर अधिक केंद्रित होता है। इनके जीवन का एक ही उद्देश्य है कि अपनी जिंदगी को आराम से जिया जाए।
बुध का अधिक प्रभाव इस नक्षत्र का तीसरा चरण मिथुन नवांश में है। ये अपने मस्तिष्क का संपूर्ण उपयोग करना चाहते हैं। असल में इनका फोकस ज्यादातर कल्पना और विज्ञान पर है।
चंद्रमा के प्रभुत्व वाला यह नक्षत्र कर्क नवांश में आता है। इनका स्वभाव परोपकारी होगा। इनकी जिंदगी में भौतिकवादी ज्यादा मायने नहीं रखती है। इसके उलट इनका मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद लोगों की मदद करना और अपनी आत्मा को संतुष्ट करना है।
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