पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुष जातक काफी भावुक होने के साथ-साथ रोमांटिक पार्टनर होते हैं। प्रेम संबंध के मामले में ये लोग बहुत ईमानदार होते हैं और आसानी से अपने साथी के साथ अलगाव का निर्णय नहीं लेते हैं। कुछ मामलों में ये लोग पुराने ख्यालात वाले नजर आते हैं, इस वजह से जिंदगी में आए बदलाव से इन्हें काफी डर लगता है। ये लोग आसानी से जिंदगी में हो रहे परिवर्तन को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। हलांकि स्वभाव से ये बहुत दायलु होते हैं। लेकिन इनके लिए खुद को खुश रखना सबसे महत्वपूर्ण होता है। ये लोग कई बार अपनी खुशी के लिए स्वार्थी तक बन जाते हैं। पुष्य नक्षत्र के पुरुष दोस्तों के मामले में काफी रिजर्व्ड रहते हैं। इनके ज्यादा दोस्त नहीं होते। लेकिन जो दोस्त हैं, उन्हीं के साथ ये खुशी महसूस करते हैं। जो इनके दोस्त हैं, उन्हीं के साथ रहना इन्हें पसंद है। इन लोगों के एक खराब आदत यह है कि अगर इनकी प्रशंसा की जाए, तो इससे इनका अहंकार बढ़ जाता है। जबकि आलेचना से इनके अहंकार में ठेस पहुंचती है। इस सबके बावजूद कहा जा सकता है इनका स्वभाव काफी नर्म होता है, जिस वजह से ये लोग आसानी से गलत संगत में पड़ जाते हैं। इसलिए, पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुषों को किसी के साथ दोस्ती करने या संबंध बनाने से पहले सावधान रहना चाहिए, फिर चाहे बात प्राेफेशनल लाइफ की हो या निजी जिंदगी की।
पुष्य नक्षत्र में जन्मे पुरुष में हर प्रकार की नौकरी करने की इच्छा होती है। ये लोग दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि ये कुछ भी कर सकते हैं। फिर चाहे उस कार्य को करने में ये लोग सक्षम हों या न हों। फिर भी, अपने आप में बहुत अधिक काम करने से ये लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं और जीवन में अन्य प्रतिबद्धताओं के प्रति उदासीन हो जाते हैं। साथ ही, चूंकि ये पुरुष भावुक स्वभाव के होते हैं, इसलिए उनके काम की थोड़ी सी भी आलोचना उन्हें दुखी कर देती है। हालांकि, किसी काम के प्रति कमिटमेंट करने के बाद ये जातक उस कार्य को बीच में छोड़ना पसंद नहीं करते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे पुरुष एक मजबूत इच्छाशक्ति के साथ पैदा होते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कठिन बाधाओं को पार कर जाते हैं।
पुष्य नक्षत्र में जन्मे पुरुष का झुकाव अपने परिवार के प्रति काफी अधिक होता है। आप ऐसा भी कह सकते हैं कि ये अपने जीवन के एक बड़े हिस्से के लिए उन पर निर्भर रहते हैं। भले ही इस नक्षत्र के पुरुषों की कमाई बहुत अच्छी हो, फिर भी जरूरत पड़ने पर इन्हें अपने परिवार से पूरा सहयोग मिलेगा। इन लोगों के साथ एक समस्या यह है कि ये लोग बहुत जल्दी अपना धैर्य खो देते हैं। नतीजतन छोटी से छोटी समस्या भी इन्हें बहुत ज्यादा परेशान कर देती है। अगर साथी के साथ इनके संबंध में समस्या हों, तो जब तक इनकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता, ये अपने साथी पर नजर रखते हैं और ऐसा करते हुए इन्हें जरा भी संकोच नहीं होता है।
पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुष को अपने जन्म से लेकर 15 वर्ष की आयु तक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप सफलतापूर्वक इस आयु को पार कर लेते हैं, तो आप अपेक्षाकृत आगे की जिंदगी रोग मुक्त जिएंगे। हालांकि, कोशिश करें कि जीवन में अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न बरतें।
पुष्य नक्षत्र में जन्मी महिलाओं का जीवन बहुत व्यस्त होता है। इस वजह से इन्हें अपने जीवन में शांति नहीं मिलती। ये स्वभाव से बहुत कोमल होती हैं। यह इनका बहुत बड़ा गुण है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि लोग अक्सर इनके इस गुण का इन्हीं के खिलाफ नाजायज फायदा उठाते हैं। पुष्य नक्षत्र के रूप में जन्मी महिलाओं ने अक्सर यह अनुभव किया हेागा कि उन्होंने अपना सर्वस्व किसी को दे दिया, लेकिन बदले में उन्हें कुछ नहीं मिला। इस सबके बावजूद पुष्य नक्षत्र में जन्मी महिलाएं भगवान पर खूब भरोसा करती हैं। उन्हें विश्वास है कि ईश्वर ने उनके लिए जो भी योजना बनाई होगी, वह सही होगी। असल में ये महिलाएं धार्मिक किस्म की होती हैं। ये पारिवारिक रीति-रिवाजों का पालन करने के लिए लालायित रहती हैं। ये महिलाएं सब कुछ पूरे दिल से करती हैं। ये महिलाएं सेक्सुअल रिलेशनशिप का भरपूर लुत्फ उठाती हैं।
पुष्य नक्षत्र में जन्मी महिलाएं चतुर होती हैं। ये महिलाएं अपने पैसों को अच्छे से संभालने की क्षमता रखती हैं। जमीन, भवन और संपत्ति में निवेश करके आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है। पेशेवर दुनिया में भी पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिला किसी और की तुलना में तेजी से प्रसिद्धि और महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचती है। कई लोग आपके लुक्स को आपके प्रमोशन का कारण मान सकते हैं, लेकिन आप इसका श्रेय उस तेज दिमाग और बुद्धि को दे सकती हैं जो आपको पुष्य नक्षत्र में पैदा होने से मिला है।
पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिला के पास पारिवारिक मामलों के लिए कम समय होता है। इस वजह से जीवनसाथी के साथ अच्छे संबंध बनाने में इन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो आपका जीवनसाथी आप पर धोखा देने का भी संदेह कर सकता है। इस तरह की स्थिति से बचना है तो जरूरी है कि आप कार्य और अपने निजी जीवन को अच्छी तरह संतुलित करना सीखें। इस नक्षत्र में जन्मी महिला खुद को अभिव्यक्त करने में असमर्थ महसूस करती हैं। आपको अपनी इस कमजोरी पर काम करना चाहिए ताकि आप ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिल सकें और उनके साथ दोस्ती कर सकें।
पुरुष जातक की तरह पुष्य नक्षत्र में जन्मी महिला को भी 20 वर्ष की आयु तक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे मुंहासे और फुंसियां उनको परेशान कर सकती हैं। हालाकि, दवा इन समस्याओं का इलाज नहीं है, लेकिन समय के साथ यह अपने आप ठीक हो जाएंगे।
पुष्य नक्षत्र का पहला चरण सिंह नवांश में पड़ता है और सूर्य द्वारा शासित होता है। इसमें जन्म लेने वाले जातक को किसी भी अन्य की तुलना में शीघ्र उपलब्धि, धन और पैतृक गौरव प्राप्त होता है।
पुष्य नक्षत्र का दूसरा चरण कन्या नवांश में पड़ता है और बुध का स्वामी होता है। इसमें जन्म लेने वाले जातक को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन जातकों का रंग गोरा और शरीर पतला होता है।
पुष्य नक्षत्र का तीसरा चरण तुला नवांश में पड़ता है और शुक्र द्वारा शासित होता है। इसमें जन्म लेने वाले जातक का झुकाव घर, आराम, विलासिता और रोमांस की ओर अधिक होता है। यह जातक एक महान जीवन साथी बनने की प्रवृत्ति रखता है।
पुष्य नक्षत्र का चौथा चरण वृश्चिक नवांश में पड़ता है और इस पर मंगल का शासन होता है। इस चरण में जन्म लेने वाले जातकों को स्वास्थ्य समस्याओं के कारण प्रारंभिक शिक्षा में रुकावट आ सकती है। साथ ही, अगर इनका गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार नहीं बदला गया, तो यह आपके भविष्य के लिए सही नहीं होगा।
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